Once spend a romantic evening with your girlfriend, then you can’t forget that loving moment. To express such special moments, we have written Shaam Shayari for you. Here in this blog post you can read and listen to शाम शायरी for your mood.
शाम का समय बहुत सुहावना होता है. इस समय हम सूर्यास्त को देखने का आनंद उठा रहे होते हैं. कुछ लोग शाम को आराम कर रहे होते हैं. ऐसे माहौल में आपको एक अच्छी शाम शायरी मिल जाये तो क्या बात होगी. शाम को पंछी घर लौट रहे होते हैं. सब लोग अपना काम समाप्त करके सुकून की सांस ले रहे होते हैं. कुछ लोग शाम के समय घूमना पसंद करते है. अगर पास में नदि या समंदर हो तो शाम और सुहावनी हो जाती है.
मेरा दिलबर मेरे लिए मेरी ज़िंदगी तमाम है खुदा की तरफ से आया ख़ुशी का पयाम है हसीन है वो... बनारस की सुबह से बढ़ कर बग़दाद की ढलती कोई सुहानी शाम है -Moeen
1) बड़े ही नजाकत से मिला हूँ तुम्हें, हर शाम सुहानी क्या बताऊँ तुम्हें, अपनी आशिकी पर बेजुबानी किस्से, जब हार कर भी हर बार जितना है तुम्हें -Yogesh
bade hi najaqat se mila hu tumhe
har sham suhani kya batau tumhe
apni aashiqui par bejuban kisse
jab haar kar bhi har baar jitna hai tumhe
शाम ढले चाहत की बज़्म सजाऊँ तेरे लिए चलने को दिल अपना राहों में बिछाऊँ तेरे लिए मेरे हर लफ्ज़ पर है खुमार तेरी मोहब्बत का महफ़िल महफ़िल गीत चाहत के सुनाऊँ तेरे लिए -Moeen
इन Shaam Shayari को Vrushali Suvarna Dnyandev जी की आवाज में सुनकर आपको कुछ ऐसी ही शाम अपने हमसफर के साथ का दिल करेगा!
तेरे नाम का सुरमा पहना है जब से तू ही आता है नज़र हर सू तब से सुहानी शाम हो और कोई ना हो बीच अपने तेरा हाथ थामे चलता रहू... यहीं माँगू रब से -Moeen
कभी तो शाम ढले तेरी निगाहों में सँवर जाऊँ शब के ढलते ही..... तेरी बाहों में बिखर जाऊँ जल्द आए वो दिन... तू बाहें फैलाए बुलाए और तुझ से लिपटू मैं और तेरी रूह में उतर जाऊँ -Moeen
समंदर किनारे की सुहानी शाम शायरी..
2) समंदर किनारे की यह शाम है सुहानी.. क्योंकि मुझे वह आपके साथ है बितानी...
samundar kinare ki
ye shaam hai suhani..
kyunki mujhe vo
aapke sath hai bitaani..
3) लगा था आँखों में मेला अश्कों का दिया था उसे वास्ता सब रिश्तों का.. शाम का वक्त अब किसी को नहीं देता तन्हाई में गुज़रता हैं वक्त तेरे हिस्सों का.. -Moeen
laga tha aankhon main mela ashkon ka
diya tha use vasta sab rishton ka
shaam ka vakt ab kisi ko nahi deta
tanhai main gujarta hai vakt tere hisson ka
किसी ढलती हसीन शाम का आईना हो तुम अँधेरी ज़ीस्त में... रौशनी बिखेरता दीया हो तुम तेरी मोहब्बत में बीत जाए ये उम्र खुदा करे दिलबर.... मेरी ज़िंदगी का नाम दूसरा हो तुम *ज़ीस्त : ज़िंदगी *दीया : चिराग -Moeen
4) जो मासूम सी लड़की मेरे करीब थी उस की जुदाई लिखी मेरे नसीब थी.. सँवरती थी शामों को मेरी खातीर मुझ से बिछड़ने वाली लड़की अजीब थी.. -Moeen
jo masoom si ladki mere karib thi
us ki judai likhi mere naseeb thi
sawarti thi shaamon ko meri khatir
mujh se bichdne wali ladki ajeeb thi
ढलते हुए सूरज का शाम के करीब आना..
ज़िंदगी के आखरी मोड़ तक साथ तेरे जाना है ग़मों के साये तले भी जानम हमें मुस्कुराना है ज़िंदगी की सहर से... उम्र की शाम होने तलक सनम हमें रिश्ता ये वफ़ा का सदा निभाना है *सहर : सुबह -Moeen
5) सुबह से इंतजार होता है सूरज के ढलने का.. मानो जैसे यह शाम आप को साथ लाने वाली हो...
subah se intezar hota hai
suraj ke dhalne ka..
mano jaise ye shaam
aapko sath laane wali hai..
2 Line Shayari on Shaam
6) आपका हमारे इस कदर करीब आना.. आज की शाम को हसीन कर गया...
aapka hamare is kadar kareeb aana..
aaj ki shaam ko hasin kar gaya…
7) वो थामती थी बिखरते हुए अनजानों को चाँदनी रातों में सताती थी दिवानों को.. ढलती शामों को अकसर यहीं सोचता हूँ उस की ज़रूरत हैं मेरे अफसानों को.. -Moeen
wo thamti thi bikhrte hue anjaanon ko
chandani raaton main satati thi diwanon ko
dhalti shaamon ko aksar yahi sochta hu
us ki jarurat hai mere afsanon ko
8) मेरी आँखों में अब भी ख्वाब वहीं हैं सवाल बदल गए मगर जवाब वहीं हैं.. तेरा पैगाम लाती हैं शाम की लाली मेरी दास्ताँ ख़त्म हुई… किताब वहीं हैं.. -Moeen
meri aankho main ab bhi khwab vahi hai
sawal badal gaye magar jawab vahi hai
tera paigam lati hai shaam ki lali
meri dastan katm hui… kitab vahi hai
सुहानी शाम शायरी के साथ आपके हमसफर का साथ..
9) शाम ढले तुझे याद करते रहे तेरे मिलन की फरियाद करते रहे.. ज़िन्दगी की दुआ दे गई वो लड़की हम थे इसे बरबाद करते रहे.. -Moeen
shaam dhale tujhe yaad karte rahe
tere milan ki fariyaad karte rahe
jindagi ki dua de gai wo ladki
hum the ise barbad karte rahe
इसी शाम के साथ कई यादें जुड़ी होती है, जिन्हें अक्सर हम याद करना चाहते है. उनका मजा लेना चाहते है. ऐसी यादें हम अपने हमसफर के साथ शेयर करते हैं. हंसी मजाक के साथ प्यार जताते हैं. प्रकृति के साथ हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है. यह वर्णन पढ़कर आपको भी अपने हमसफर के साथ ऐसे ही शाम बिताने का मन जरूर कर रहा होगा.
10) शाम की लाली फैले जब गगन तले जब सुहानी रुत में सर्द हवा चले.. काश इधर मेरी नब्ज़ थम रही हो उधर तेरी बगीया में कोई फुल खिले.. -Moeen
shaam ki lali faile jab gagan tale
jab suhani rut me sard hawa chale
kash idhar meri nabz tham rahi ho
udhar teri bagiya main koi phool khile
11) आज की शाम इतनी हसीन क्यों हैं...? कही आपकी मौजूदगी का असर तो नहीं..?
aaj ki shaam
itni hasin kyon hai..?
kahi aapki maujoodgi ka
aasar to nahin..?
12) ठोकरें खा कर सँभलते हैं चलने वाले रंग बदलते हैं अपना अकसर बदलने वाले.. तन्हाई जिन का मुकद्दर हो शामों को सागर उन की आँखों में होते हैं मचलने वाले.. -Moeen
thokre kha kar sambhalte hai chalne wale
rang badalte hai apna aksar badalne wale
tanhai jin ka mukaddar ho shaamon ko
sagar un ki aankho main hote hai machlane wale
shayari on khubsurat shaam | evening quotes
Listen to Shaam Shayari in Hindi
13) बुझा बुझा सा शाम का मंज़र लगता हैं थका थका सा ज़िंदगी का सफर लगता हैं.. अब अपनी खुशीयों पर मातम मनाता हूँ ये मेरी अधूरी मोहब्बत का असर लगता हैं.. -Moeen
bujha bujha sa shaam ka manjar lagta hai
thaka thaka sa jindagi ka safar lagta hai
ab apni khushiyon par matam manata hu
ye meri adhuri mohabbat ka asar lagta hai
14) तेरी हर मुस्कान की सादगी छाई है, आज की शाम आपके लिए सज धज के आई है..
teri har muskan ki
sadagi chhaie hai
aaj ki shaam aapke liye
saj dhaj ke aayi hain..
zindgi ki shaam shayari
15) तेरी यादों में दिन रात खोया रहता हूँ दिन भर के किस्से चाँद से कहता हूँ.. वो आखरी शाम भुलाई नहीं जाती ज़माने के सारे इलज़ाम चुपचाप सहता हूँ.. -Moeen
teri yaadon main din raat khoya rahta hu
din bhar ke kisse chnd se kahta hu
wo aakhri shaan bhulai nahi jaati
jamane ke sare ilajaam chupchap sahta hu
16) तेरे साथ हर शाम सुहानी हो गई, मेरी चाहत तेरे लिए रूहानी बन गई..
tere sath har shaam
suhani ho gayi,
meri chahat tere liye
ruhani ban gai..
17) जन्नत में भी मुझे तेरी आरज़ू हो जिधर भी देखू तू मेरे रूबरू हो.. किसी शाम मेरी नब्ज़ थमे इधर खुदा करें मेरे सामने उधर तू हो.. -Moeen
jannat main bhi mujhe teri aarzoo ho
jidhar bhi dekhu tu mere rubaroo ho
kisi shaam meri nabz thame idhar
khuda kare mere samne udhar tu ho
18) शाम के इस मंज़र में तेरा हसीन चेहरा मैं देखती हूं.. तनहाई में अपनी ज़िंदगी मैं फिर से निहारती हूं.. -Vrushali
shaam ke is manjar mein
tera haseen chehra main dekhti hoon..
tanhai mein apni jindagi
main fir se niharti hun..
19) जिंदगी में आजकल बस तेरी ही कमी सी है.. आज फिर शाम ढले मेरी आंखों में नमी सी है.. -Krutika
jindagi mein aajkal bus
teri hi kami si hai..
aaj fir shaam dhale meri
aankhon mein nami si hai..
20) छोड़कर मुझे तुम किसी शाम रोए ज़रूर होंगे.. इतनी भी ना थी बुरी मैं जो तुम मुझे भूल गए होंगे..! -Vrushali
chhodkar mujhe tum
kisi shaam roye jarur honge..
itni bhi na thi buri main
jo tum mujhe bhul gaye honge..!
21) बहुत हो चुकी दिल्लगी यारा, अब प्यार का अंजाम कर दे.. जानम, तेरे मोहब्बत की एक हसीन शाम मेरे नाम कर दे.. -Santosh
bahut ho chuki dillagi yaara,
ab pyar ka anjam kar de..
janam, tere mohabbat ki ek
haseen shaam mere naam kar de..
22) तेरे इंतज़ार में ये शाम गुजरती नहीं है.. लगता है ज़िंदगी तेरे बिना संवरती नहीं हैं.. -Vrushali
tere intezaar mein ye shaam
gujarti nahin hai..
lagta hai jindagi
tere bina sanvarti nahin hai..
23) जानेमन तुम्हारे मोहब्बत से भरे ख्वाबों की उम्मीदें उठानी है मुझे.. यारा प्यार भरी एक सुहानी शाम आज तुम्हारे साथ बितानी है मुझे.. -Rasika
janeman tumhare mohabbat se bhare
khwabon ki ummiden uthani hai mujhe..
yaara pyar bhari ek suhani shaam
aaj tumhare sath bitani hai mujhe..
24) इस सूनी शाम को तेरा साथ चाहिए.. जीने के लिए मुझे कोई बहाना चाहिए.. -Vrushali
is suni shaam ko
tera sath chahiye..
jeene ke liye mujhe
koi bahana chahiye..
25) महबूब की यादों का नशा मेरे दिल पर छा रहा है.. उसकी मोहब्बत का ज़िक्र मेरी हर शाम में हो रहा है.. -Santosh
mahbub ki yadon ka nasha
mere dil per chha raha hai..
uski mohabbat ka zikr
meri har shaam mein ho raha hai..
26) बिखरा रंग शाम का प्यार से भी गाढ़ा हो गया.. लगता है कहीं दूर मेरे प्यार का पैग़ाम पहुंच गया.. -Vrushali
bikhra rang shaam ka
pyar se bhi gadha ho gaya..
lagta hai kahin dur
mere pyar ka paigam pahunch gaya..
27) वक्त ये बेवफाई से भरा मंजर दिल को दिखा गया.. शाम जब ढले, तो आज मेरे दिल में भी सन्नाटा छा गया.. -Krutika
waqt ye bewafai se bhara
manzar dil ko dikha gaya..
shaam jab dhale, to aaj mere
dil mein bhi sannata chha gaya..
28) मेरे खून से रंगे है तेरे हाथ फिर भी इस शाम पर मांगती हूं मैं तेरा साथ.. मेरी रूह से कर लेना तुम बातें ये जिस्म नहीं चाहता तेरा साथ.. -Vrushali
mere khoon se range hai tere hath fir bhi
is shaam per mangti hun main tera sath..
meri ruh se kar lena tum baten
ye jism nahin chahta tera sath..
29) कुछ भी हो मगर तेरी एक नजर मेरे नाम हो जाए.. मुमकिन नहीं है अब मेरे मोहब्बत की शाम हो जाए.. -Rasika
kuchh bhi ho magar teri ek
najar mere naam ho jaaye..
mumkin nahin hai ab mere
mohabbat ki shaam ho jaaye..
30) दिल में मेरे अब मोहब्बत की नाज़ुक सी कलियां खिलती है.. उसके प्यार की यादों में ही अब मेरी हर शाम डूबती है.. -Santosh
dil mein mere ab mohabbat ki
nazuk si kaliyan khilti hai..
uske pyar ki yadon mein hi
ab meri har shaam dubti hai..
31) बात करता हूं तुमसे मोहब्बत की रूहानी.. तुम से ही अब मेरी हो हर शाम सुहानी.. -Rasika
baat karta hun tumse
mohabbat ki ruhani..
tum se hi ab meri
ho har shaam suhani..
32) दुआएं देता हूं खुदा को जो तू मेरा महबूब बन गया है.. तेरी हर शाम से, अब मेरी सच्ची मोहब्बत का रिश्ता बन गया है.. -Santosh
duaaen deta hun khuda ko jo
tu mera mahbub ban gaya hai..
teri har shaam se, ab meri sacchi
mohabbat ka rishta ban gaya hai..
33) दुनिया को भुला कर बस एक तुझे ही याद करता रहता है.. हर शाम ओ सहर तेरी याद में, मेरा दिल धड़कता रहता है.. -Krutika
duniya ko bhula kar bus ek
tujhe hi yad karta rahata hai..
har shaam o sahar teri yad mein
mera dil dhadakta rahata hai..
34) तेरे जिस्म की खुशबू मेरी यादों को महकाती है.. जब शाम आती है तो तेरी याद साथ लाती है.. -Rasika
tere jism ki khushboo
meri yadon ko mehkati hai..
jab shaam aati hai to
teri yad sath lati hai..
35) तेरे आंखों के काजल की रंगत इस जिस्म को आई हुई है.. फिजाओं में प्यार भरे शाम की खूबसूरत लाली छाई हुई है.. -Santosh
teri aankhon ke kajal ki rangat
is jism ko aayi hui hai..
fizaon mein pyar bhare shaam ki
khubsurat lali chhai hui hai..
36) अब तो उम्र भर यूं ही प्यार में गुजरे संग तुम्हारे मेरी हर शाम.. याद कर बस एक तुम्हें आजकल जानम लिखता हूं मैं ये पयाम.. -Krutika
ab to umra bhar yun hi pyar mein
gujre sang tumhare meri har shaam..
yad kar bus ek tumhen aajkal
janam likhta hun main ye payaam..
37) कर लो मुझसे चाहत जानम रहना है संग तुम्हारे हर शाम.. सच्ची मोहब्बत का भेजना चाहता हूं मैं तुम्हें ये पैगाम.. -Rasika
kar lo mujhse chahat janam
rahana hai sang tumhare har shaam..
sacchi mohabbat ka bhejna
chahta hun main tumhen ye paigam..
38) जानम तुम्हारे नाम के सिवा मेरे होठों पर दूसरा कोई नाम नहीं.. शाम ओ सहर अब तेरी तस्वीर देखने के सिवा मुझे कोई काम नहीं.. -Santosh
janam tumhare naam ke siva mere
hothon per dusra koi naam nahin..
shaam o sahar ab teri tasveer
dekhne ke siva mujhe koi kam nahin..
39) तेरी यादें हो तभी मुझे मेरी जिंदगी पूरी लगती है.. तेरे बिना अब मुझे हर शाम जैसे अधूरी लगती है.. -Krutika
teri yaden ho tabhi mujhe
meri jindagi puri lagti hai..
tere bina ab mujhe har
shaam jaise adhuri lagti hai..
40) मोहब्बत का ये सिला अधूरा सा लगता है.. हर शाम अब दिल में एक नया दर्द जगता है.. -Rasika
mohabbat ka ye sila
adhura sa lagta hai..
har shaam ab dil mein
ek naya dard jagta hai..
41) बेचैन होता हूं तन्हाइयों में, जरा भी खुशी नहीं मिलती.. आपको याद किए बिना मेरी कोई शाम नहीं ढलती.. -Santosh
bechain hota hun tanhaiyon mein,
jara bhi khushi nahin milati..
aapko yad kiye bina
meri koi shaam nahin dhalti..
42) मोहब्बत के बागों में खिलती हुई मासूम सी कली मुस्कुरा गई.. तुम्हारी कमसिन अदाएं देख जानम, ये शाम भी शरमा गई.. -Krutika
mohabbat ke baghon mein khilti hui
masoom si kali muskura gai..
tumhari kamsin adayen dekh
janam, ye shaam bhi sharma gai..
43) मोहब्बत की चमक लेकर जो तू मुस्कुराई है.. तेरी आंखों में शाम की मैंने चमक पाई है.. -Rasika
mohabbat ki chamak lekar
jo tu muskurai hai..
teri aankhon mein shaam ki
maine chamak paayi hai..
44) प्यार में पागल ये दिल आज होना चाहता है रूबरू बस तुम्हारे पैग़ाम से.. कैसे बताऊं जानेमन तुम्हें हर शाम धड़कता है दिल मेरा तुम्हारे नाम से.. -Santosh
pyar mein pagal ye dil aaj hona
chahta hai rubaru bus tumhare paigam se..
kaise bataun jaaneman tumhen har shaam
dhadakta hai dil mera tumhare naam se..
45) हर वक्त प्यार भरी तेरी यादें लेकर आती है.. ढलती हुई ये शाम तुम्हारा एहसास दिलाती है.. -Krutika
har waqt pyar bhari
teri yaden lekar aati hai..
dhalti hui ye shaam
tumhara ehsas dilati hai..
46) मोहब्बत में मुझे हर लम्हा तुम्हारी ही याद दिलाएं.. चाहता हूं मैं ऐसी शाम मेरी जिंदगी में हर रोज आए.. -Rasika
mohabbat mein mujhe har lamha
tumhari hi yad dilaye..
chahta hun main aisi shaam meri
jindagi mein har roj aaye..
47) तड़प कर दिल मेरा बार बार यही कहता है.. हर शाम मुझे बस तुम्हारा इंतज़ार रहता है.. -Krutika
tadap kar dil mera
bar bar yahi kahta hai..
har shaam mujhe bus
tumhara intezar rahata hai..
48) तिरछी निगाहों से देख कर, प्यार से मुझे बाहों में भरे.. शाम को जब भी घर लौटू, जानम तू मेरा इन्तजार करे.. -Rasika
tirchhi nigahon se dekh kar,
pyar se mujhe bahon mein bhare..
shaam ko jab bhi ghar lautun,
janam tu mera intezar karen..
49) मेरे दिल को तसल्ली आती बस एक तुम्हारे ही नाम में.. तुम्हारे साथ ही रहना चाहता हूं जानम सर्दियों भरी हर शाम में.. -Krutika
mere dil ko tasalli aati
bus ek tumhare hi naam mein..
tumhare sath hi rahana chahta hoon
janam sardiyon bhari har shaam mein..
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इन Shaam Shayari शायरीओं को सुनकर आपके नजरों के सामने भी अगर शाम का सुंदर नजारा आ गया हो, तो comment box में comment करके हमें जरूर बताइएगा! शाम के समय ऐसा महसूस होता है मानो सूरज बहुत जल्दी ढल रहा हो. उसे जैसे शाम से मिलने की जल्दी हो गई हो. शाम पूरे दिन का सुहावना पल होता है. जिसे हम सब अलग-अलग तरीके से जीते हैं. कुछ लोग समंदर किनारे सूर्यास्त देखते हुए, कुछ लोग छत पर चाय का मजा लेते हुए इस पल को बिताना चाहते हैं. इस समय सूर्यास्त का आनंद उठाना सब को बहुत पसंद आता है.
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Vrushali ji too good
Keep it up..
Wah aaj to bahot hi romantic shayariya thi.
Keep going on
Welldone
Thanks
Ssoft group india