Malang Shayari: उनके प्यार में तो आपकी हालत जैसे किसी मलंग की तरह ही हो गई है. अब तो हर वक्त आप उनके बिना बस यहां वहां किसी फ़कीर या मलंग की तरह ही भटकते रहते हो. उन्होंने आपके प्यार का मलंग देख कर ही तो आप से दिल लगाया था. मलंग के हिंदी अर्थ: निश्चित तथा मस्त रहनेवाला व्यक्ति, मन-मौजी. ऐसे ही मस्त मौजी अगर आपका साथी हो तो उनको ये मलंग शायरी आप जरूर सुनाईयेगा.
फिरते हैं दर बदर अब हम तेरी गली में मलंग की तरह हम अपनी तसवीर से एक दिन उड़ जाएगे किसी रंग की तरह -Moeen
firte hai dar badar ab hum
teri gali me malang ki tarah
hum apni tasvir se ek din
ud jayenge kisi rang ki taraf
तेरे शहर की गलीयों में हम ठोकरे खाते हैं मलंगों की तरह ऊँचाई पर पहुँचते ही हम लोग काट दिए जाते हैं पतंगों की तरह -Moeen
tere shahar ki galiyo me hum
thokre khate hai malango ki tarah
unchai par pahuchte hi hum log
kaat diye jate hai patango ki tarah
Malang Shayari in Hindi
आप तो जैसे उनकी प्यार में खो कर दीवाने ही हो चुके थे. आप की अवस्था किसी पीर बाबा की दरगाह में घूमते किसी मलंग फकीर की तरह हो चुकी थी. और सारी दुनिया भी आपको एक तरह से मलंग या फकीर ही तो मानने लगी थी. लेकिन इस बात की आप को कोई चिंता नहीं थी.

Voice-Over: Madhukar Magar
आवारा फिरता रहा तुझे चाहने वाला तू हाथ थामता तो निखर जाता मलंग सा अब जो खाक उड़ाता हैं तू अपना लेता तो वो सँवर जाता -Moeen
aawara firta rha tujhe chahne wala
tu thaamta to nikhar jata
malang sa ab to khak udata hai
tu apna leta to wo sanvar jata
फितरत से मलंग हैं यारों हम
रिवाजों की बेड़िया तोडना जानते हैं..
औकात में बहा करें वरना हम
मुखालिफ हवाओं का रुख मोड़ना जानते हैं..
-Moeen
fitrat se malang hai yaaron ham
riwaazon ki bediyan todna jante hain..
aukat mein bahaa karen varna ham
mukhalif hawaon ka rukh modna jante hain
तू है साथ, तो तेरे संग हूं मैं..
तेरी गैरमौजूदगी में, मस्त मलंग हूं मैं..
-Rohan
tu hai sath to tere sang ho main..
teri gair maujoodgi mein
mast malang hun mein..
Malang Shayari Images
आपके साथी ने आपके साथ प्यार में बेवफाई करते हुए आपको जैसे सजा ही दी है. लेकिन फिर भी उन्होंने आपके प्यार में दी हुई यह सजा आपको जैसे कम लगने लगी है. और इसी वजह से अब आपने यह बात मान ली है कि चाहे जो कुछ हो जाए आप खुद को ही अब और सजा देना चाहते हो.

जो तेरी चाह में बिखर गया कभी तेरे खयाल से निखर गया मलंगों सा जो फिरता हैं आवारा तेरी एक आहट पाकर सँवर गया -Moeen
jo teri chah me bikhar gya
kabhi tere khayal se nikhar gya
malango sa jo firta hai aawara
teri ek aahat pakar sanvar gya
ढंग नहीं है दुनिया का,
फासलों से रिश्ता रखो..
हो मलंग फिर भी दोस्त,
रिश्तों से रिश्ता रखो..
-Rohan
dhang nahin hai duniya ka
faslon se rishta rakho..
ho malang fir bhi dost
rishto se rishta rakho..
Mast Malang Shayari | मलंग शायरी
आप अपने प्यार पर इतना भरोसा करते थे जितना आपको खुद पर भी यकीन नहीं था. शायद आपको यह कहावत पता नहीं थी कि किसी पर ज्यादा भरोसा करना भी कभी-कभी बेमतलब की निराशा कर देती है. और कुछ ऐसा ही आपके प्यार में आपके साथ हुआ है.
फितरत से मलंग हैं यारों हम रिवाजों की बेड़िया तोडना जानते हैं औकात में बहा करें वरना हम मुखालिफ हवाओं का रुख मोड़ना जानते हैं -Mooen
fitrat se malang hai yaro hum
riwajo ki bediya todna jante hai
aukat me baha kare warna hum
mukhalif hawao ka rukh
modna jante hai
जितना प्यार और जितना विश्वास आपने अपनी महबूबा पर दिखाया था, उससे भी दुगनी कीमत में जैसे आपके यार ने आपको धोखा दे दिया है. एक तरह से आपको अब पूरी दुनिया में जो भरोसा और जो प्यार पर विश्वास है वह भी अब कम होता नजर आ रहा है. और यही बात आप प्यार में पागल हुए आशिकों को भी बताना चाहते हो.

चाहे हो अमन, चाहे हो जंग.. दुनिया की फिक्र नहीं, मलंग है हम..! -Rohan
chahe ho aman
chahe ho jung..
duniya ki fikra nahin
malang hai ham..!
आपकी चाहत का पश्मीना ओढ़कर
मस्त मलंग हो गया था यह दिल..
तोड़ कर इसे बता दिया आपने कि
हम नहीं थे आपके काबिल...
aapki chahat ka pashmina odh kar
mast malang ho gaya tha yeh dil..
todkar ise bata diya aapne ki
hum nahin the aapke qaabil…

इस क़दर धोखा खाया है हमने दिल का
अब तो खुद को सजा ही देंगे हम..
लेकिन यूं ही मलंग बनते फिरे तो
आशिकों को दुआ ही देंगे हम...
iss qadar dhokha khaya hai humne dil ka,
ab to khud ko saja hi denge ham.
lekin yu hi malng bante phire to
aashiqon ko dua hi denge ham…
आदमी आदमी नहीं रहता, जब हो जाता है मलंग.. वाफ़ के जैसे हवा में उड़ता, नही रहता वो जलतरंग.. -Rohan
aadami aadami nahin rahata
jab ho jata hai malang..
waaf ke jaise hawa mein udta
nahin rahata vah jal tarang..

आपकी रहमत ने यूं हमें धोखा देकर
मलंग बना दिया..
जैसे हमारे मन में सजे हुए दरबार को
शमशान बना दिया..
aapki rehamat ne yu hamen dhokha dekar
malang banaa diya..
jaise hamare man me saje hue darbar ko,
shamshaan bana diya…
मलंग होने को, बेफिक्री का जरिया चाहिए.. नज़ारे बदलने हो, तो नज़रिया चहिए.. -Rohan
malang hone ko
befikri ka zariya chahie..
nazare badalne ho
to najriya chahiye..
फिरते हैं दर बदर अब हम तेरी गलियों में मलंग की तरह.. हम अपनी तस्वीर से एक दिन उड़ जाएंगे किसी रंग की तरह.. -Moeen
phirte hain darbadar ab ham
teri galiyon mein malang ki tarah..
ham apni tasvir se ek din
ud jayenge kisi rang ki tarah…

तेरे शहर की गलीयों में हम ठोकरे खाते हैं मलंगों की तरह.. ऊँचाई पर पहुँचते ही हम लोग काट दिए जाते हैं पतंगों की तरह.. -Moeen
tere shehar ki galiyon mein ham
thokre khate hain malangaon ki tarah..
unchai per pahunchte hi ham log
kaat diye jaate hain patangon ki tarah..
आवारा फिरता रहा तुझे चाहने वाला तू हाथ थामता तो निखर जाता.. मलंग सा अब जो खाक उड़ाता हैं तू अपना लेता तो वो सँवर जाता.. -Moeen
aawara phirta raha tujhe chahane wala
tu hath thamta to nikal jata..
malang sa ab jo khaak udata hai
tu apna leta to vah sanvar jaata..
जो तेरी चाह में बिखर गया कभी तेरे खयाल से निखर गया.. मलंगों सा जो फिरता हैं आवारा तेरी एक आहट पाकर सँवर गया.. -Moeen
jo teri chaah mein bikhar gaya
kabhi tere khayal se nikhar gaya..
malangaon jo phirta hai aawara
teri ek aahat pakar sanvar gaya..

Final words on Malang Shayari
दोस्तों, अगर हमारी Malang Shayari को सुनकर उनके प्यार में मलंग फिरते हुए आपके दिल को भी कुछ राहत मिली हो, तो नीचे comment section में comment करते हुए हमें बताना ना भूलें. अगर आपको चाहिये कि अपने Twitter हैन्डल पर शायरी सुकून अपडेट्स मिले, तो हमें शायरी सुकून अकाउन्ट पर Follow जरूर करें.
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वाह रिषभ जी
आपकी शायरियों को सुनकर सचमें दिल शायरीसुकून का मलंग ही हो गया है
बहोत ख़ूब
व्वाह रिषभजी.. बढीया पेशकष
Thank you santosh jii❤
Thank you aniruddh jii❤
#सुकुन
#Awesome
Very nice
Wah Madhukar ji, kitna behteeen andaz se pesh kiya hai aapne yin Malang Shayari ko. Aala darje ki aawaz aur utna hi aala darje ka laheza.
Shukriya aapka!