Khamoshi Shayari: दोस्तों, कई बार हम अपने दिल की बातें किसी भी इंसान से कह नहीं पाते. और तब हमारी चुप्पी यानी कि खामोशी ही हमारे दिल के जज्बात बयां कर देती है. आज इन्हीं जज्बातों पर आधारित खामोशी पर शायरी की पेशकश हम आपके लिए लेकर आए हैं. हमें यकीन है.
दोस्तों अगर हमारी आज की Khamoshi Shayari की पेशकश अगर आपको पसंद आए. तो इसे अपने दोस्तों और चहेते इंसानों के साथ भी साझा करना बिल्कुल ना करें.
Table of Content
- Shayari For Khamoshi – शायरी फॉर खामोशी
- Shayari On Khamoshi – शायरी ऑन खामोशी
- Khamoshi Par Shayari – खामोशी पर शायरी
- Khamoshi Shayari – खामोशी शायरी
- Khamoshi Shayari In Hindi – खामोशी शायरी इन हिंदी
- Conclusion
Shayari For Khamoshi – शायरी फॉर खामोशी
1) बेसबब तुम्हारी ये ख़ामोशी मुझे जीते जी मार डालेगी.. तुम यूं ही नाराज रहे मुझसे तो मेरी जिंदगी थम जायेगी.. -Vrushali
besabab tumhari ye khamoshi
mujhe jeete ji maar dalegi..
tum yun hi naraz rahe mujhse
to meri jindagi tham jayegi..
2) दर्द को किसी से भी कह ना सके.. खामोशी को तेरी, हम सह ना सके..! -Anamika
dard ko kisi se bhi keh na sake..
khamoshi ko teri, hum sah na sake..!
3) ज़िंदा हो तुम ये तुम्हारे दिल की धड़कनें कहती हैं.. मगर मु र्दा हो तुम, ये तुम्हारी बेखौफ़ खामोशी कहती हैं.. -Vrushali
jinda ho tum ye tumhare
dil ki dhadkane kehati hai..
magar mu rda ho tum, ye tumhari
bekhuaff khamoshi kehati hai..
4) दिल पर तो छाई है अजब सी मदहोशी.. मगर चुभती है मेरे दिल में तेरी खामोशी.. -Santosh
dil par to chhayi hai
ajab si madhoshi..
magar chubhati hai mere
dil mein teri khamoshi..
5) आसान नहीं होता यूं ख़ामोश हो जाना.. अपने बेइंतहा दर्द को दुनिया से छुपा लेना.. -Vrushali
aasan nahin hota
yun khamosh ho jana..
apne beinteha dard ko
duniya se chhupa lena..
6) चाहे मिले दुनिया के सितम की सौगात हमें.. मगर तेरी जरा भी खामोशी नहीं बर्दाश्त हमें.. -Sapna
chahe mile duniya ke
sitam ki saugat hamen..
magar teri jara bhi
khamoshi nahin bardasht hamen..
7) ख़ामोशी तब बोलने लगती हैं जब लफ्ज़ बेअसर हो जाते हैं.. कुछ ही शख्स होते हैं ऐसे जो इसे आजमाना जानते हैं.. -Vrushali
khamoshi tab bolne lagti hai
jab lafz beasar ho jaate hain..
kuch hi shakhs hote hai aise
jo ise aazmana jaante hai..
8) जब से तुम हो गई हो खामोश.. मेरे दिल ने खो दिया है होश.. -Anamika
jab se tum ho gai ho khamosh..
mere dil ne kho diya hai hosh..
9) हमारी तारीफ में आप खामोश रहते तो शायद हम भी आप के कायल होते.. पर आपकी ज़हर उगलने वाली जबान हमें आपकी बदनसीब मेहबूबा बना गई.. -Vrushali
hamari tarif mein aap khamosh rahte
to shayad ham bhi aapke kayal hote..
per aapki jahar ugalne wali jaban
hamen aapki badnaseeb mehbooba banaa gai..
ख़ामोशी पर शायरी
1)
अल्फ़ाज़ कुछ थम से गये हैं,
कलम बेज़ार-सी हो गयी है।
तुम्हारी इस ख़ामोशी ने जैसे,
दर्द की इम्तेहां-सी कर दी है।
2)
जब भी तुम हमें याद आते हो,
गुमनाम सी इक धड़कन धड़कती है।
ख़ामोशी इन दोनों निगाहों में,
तुम्हारी कशिश को अक्सर जगाती है।
3)
खामोशियों को खामोशियों से,
हज़ारों बातें यूँ ही करनी थी।
इस इश्क़ को मानो जैसे,
चाहतें मुक्कमल करनी थी।
4)
गुज़र जाएँगे हर लम्हें,
तुम्हारी यादों के साथ।
इज़हार नहीं करेंगे कभी,
ख़ामोशी का देंगे साथ।
5)
कभी-कभी ख़ामोशी भी,
दिल का हाल बताती है।
जिक्र न भी करों शब्दों में,
राज़ वो खोल ही देती है।
6)
जुबां पर जब भी नाम तुम्हारा आया,
लगा जैसे हर एक फूल मुस्कुराया।
खिल गयी गुलशन की हर कली,
ख़ामोशी से हवा ने भी साथ निभाया।
7)
मलंग होकर तेरे इश्क़ में,
शायर कुछ ऐसे हम बन गए।
बिना अल्फ़ाज़ों के ही अक़्सर,
ख़ामोशी पर नज़्म लिखने लगे।
8)
तुम्हारी ये ख़ामोशी अक्सर,
हमसे बातें करती रहती है।
तू नहीं तेरी यादें सही,
दिल को बहलाती रहती है।
9)
गहराईयों के इस समंदर में,
शोर बहुत है तन्हाइयों का।
ख़ामोशी से वो मौजें भी,
दर्द बाँटती है उस साहिल का।
10)
कैसी ख़ामोशी है हर तरफ़,
क्यूँ ये मायूसी छाई है।
तुम्हारी वफ़ा का एतबार,
क्यूँ ये नहीं दिलाती है।
10) परवाने भी जला करते हैं खामोशियों में लफ्जों में अक्सर एहसास दब जाते हैं.. जो बयां करती है किसी की नम आंखें वो खुदा के फैसले से मजबूर होते हैं.. -Vrushali
parwane bhi jala karte hain khamoshiyon mein
lafzon mein aksar ehsas dab jaate hain..
jo bayan karti hai kisi ki nam aankhe
vah khuda ke faisle se majbur hote hain..
Shayari For Khamoshi की मदद से अपने दिल में दबे जज्बात ही आशिक जाहिर करना चाहता है. और अपनी बेवफा दिलबर के फैसले से मजबूर होकर उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. वह उसके किसी भी फैसले को आज तक भुला नहीं पाया है.
Shayari On Khamoshi – शायरी ऑन खामोशी
11) ख़ामोश रहने का मतलब किसी की कमजोरी नहीं होता.. ये वो ताकत हैं जिसका जवाब हर किसी के पास नहीं होता.. -Vrushali
khamosh rahane ka matlab
kisi ki kamjori nahin hota..
ye wo takat hai jiska jawab
har kisi ke paas nahin hota..
12) दूर होकर भी तू हमेशा मेरे दिल के पास होती.. चुप्पी है तुमसे मगर मिलने की आस होती.. -Santosh
dur hokar bhi tu hamesha
mere dil ke paas hoti..
chuppi hai tumse magar
milne ki aas hoti..
13) ख़ामोश रहने से जज़्बात असर दिखाना नहीं छोड़ते.. लाख कोशिश करो छिपाने की अपने इसे पढ़ना नहीं भूलते.. -Vrushali
khamosh rahne se jajbat
asar dikhana nahin chhodte..
lakh koshish karo chhipane ki
apne ise padhna nahin bhulte..
14) प्यार को पाना कहां आसान होता है.. खामोशी का जहां निशान होता है.. -Sapna
pyar ko pana kahan aasan hota hai..
khamoshi ka jahan nishan hota hai..
15) जिसके अंदर ढेर सारा शोर मचा हो.. भला वह खामोश कैसे हो जाए.. -Vrushali
jiske andar dher sara shor macha ho..
bhala vah khamosh kaise ho jaaye..
16) जाने क्यों मुझसे तू नाराज है.. क्या खामोशी का ये आगाज है..? -Anamika
jaane kyon mujhse tu naraz hai..
kya khamoshi ka ye aagaz hai..?
17) तेरी खामोशी की अदा जब बिखरने लगती है.. तो मेरी यह तन्हाई भी शोर मचाने लगती है.. -Vrushali
teri khamoshi ki ada
jab bikharne lagti hai..
to meri yah tanhai bhi
shor machane lagti hai..
18) प्यार में बेवफाई की मैंने सजा है पा ली.. तुमने फिर भी मुझसे चुप्पी है साध ली.. -Santosh
pyar mein bewafai ki
maine saja hai pa li..
tumne fir bhi mujhse
chuppi hai sadh li..
19) किस्मत ही नहीं थी के तेरी मोहब्बत पा लूं तुझे रुकसत होता अपने आंखों से देख लूं.. ख़ामोश हुई जुबां तुझे जाता हुआ देख कर चाह नहीं थी के तुझे अपने पास रोक लूं.. -Vrushali
kismat hi nahin thi ki teri mohabbat pa lu
tujhe rukhsat hota apne aankhon se dekh lun..
khamosh hui zubaan tujhe jata hua dekhkar
chahat nahin thee ke tujhe apne pass rok lun..
20) मज़ार पर खैरात बांटने वाला आज वहीं फकीर हुआ बैठा हैं.. तेरी ख़ामोश मोहब्बत में ये आशिक जिदंगी दे बैठा हैं.. -Vrushali
mazar per khairat batane wala
aaj vahi fakir hua baitha hai..
teri khamosh mohabbat mein
yah aashiq jindagi de baitha hai..
Shayari On Khamoshi को सुनकर आशिक आपने यार के खामोशी से भरे जज्बात समझ नहीं पा रहा है. क्योंकि उसकी मोहब्बत में ही वह अब अपना सब कुछ लुटा चुका है. और उसका यार अब उसकी कोई भी बात नहीं सुन रहा है.
Khamoshi Par Shayari – खामोशी पर शायरी
21) घर में हमारे खामोशी बिखरी पड़ी है.. मगर दिल टूटने की आवाज हर घड़ी है.. -Vrushali
ghar me hamare khamoshi bikhri padi hai..
magar dil tutane ki awaaz har ghadi hai..
22) खामोशी का रंग भी अब धूल गया है.. जरूर वो अभी मुझे भूल ही गया है.. -Sapna
khamoshi ka rang bhi ab dhul gaya hai..
jarur vo abhi mujhe bhul hi gaya hai..
23) तुम्हारी खामोशी भी हमारा ही गीत गाएगी.. हमारी मोहब्बत कुछ ऐसा असर दिखाएगी.. -Vrushali
tumhari khamoshi bhi
hamara hi geet gayegi..
hamari mohabbat kuchh
aisa asar dikhayegi..
24) कहीं खो ना दे तुझे खुद ही डरने लगे हैं.. तेरी खामोशी से भी हम प्यार करने लगे हैं.. -Anamika
kahin kho na de tujhe
khud hi darne lage hain..
teri khamoshi se bhi
ham pyar karne lage hain..
25) खामोशी हमारी अदा हुई थी किसी से दिल्लगी बेहद हुई थी.. फिर भी वह दूर हो गए हमसे जिनसे मोहब्बत हमें बेपनाह हुई थी.. -Vrushali
khamoshi hamari ada hui thi
kisi se dillagi behad hui thi..
fir bhi vah dur ho gaye humse
jinse mohabbat hamen bepanah hui thi..
26) प्यार की सज़ा मैंने तन्हाई में पाई है.. मन में मेरे अज़ीब सी ख़ामोशी छाई है.. -Santosh
pyar ki saja maine
tanhai mein payi hai..
man mein mere ajeeb si
khamoshi chhai hai..
27) हाल-ए-दिल हमारा लफ्ज़ों में बयां हो जाए.. इन जज़्बातों की ख़ामोशी काश वो समझ जाए.. -Vrushali
hal-a-dil hamara
lafzon me bayan ho jaaye..
in jazbaaton ki khamoshi
kash wo samajh jaaye..
28) मैंने चाहा था, तुमसे मिलेगी इश्क में शाबाशी.. मगर क्या पता था मुझे जो मुकद्दर में होगी, तेरी खामोशी.. -Sapna
maine chaha tha, tumse
milegi ishq mein shabashi..
magar kya pata tha mujhe jo
mukaddar mein hogi, teri khamoshi..
29) बरकरार रखने तेरी शान ओ शौकत अपनी मोहब्बत को ख़ामोश रक्खा हूं.. एक दफा ऐलान कर तू अहद-ए-वफ़ा का जमाने से जंग करने मैं तैयार खड़ा हूं.. -Vrushali
barkarar rakhne teri shan o shokat
apni mohabbat ko khamosh rakha hun..
ek dafa elaan kar to ahde wafa ka
zamane se jung karne mein taiyar khada hun..
30) बात ये कोई फ़साना नहीं, एक हकीकत थी वो लड़की नहीं मेरी ज़िंदगी की ज़रूरत थी.. हूरें निहारती थी उसे पहरों तक ख़ामोशी से कायनात में वो सब से ज़्यादा खूबसूरत थी.. -Moeen
baat ye koi fasana nahin, ek hakikat thi
vo ladki nahin meri jindagi ki jarurat thi..
huren niharti thi use pahro tak khamoshi se
kaynat mein vah sabse jyada khubsurat thi..
Khamoshi Par Shayari की मदद से प्रेमी अपने दिल की दास्तान को दुनिया को बताना चाहता है. लेकिन उसकी खामोश भरी निगाहें उसे इस बात की इजाजत भी नहीं दे रही है. इसी वजह से अब वह तन्हाइयों में ही अपने यार को याद कर रहा है.
Khamoshi Shayari – खामोशी शायरी
31) शोर मचा कर गहरी ख़ामोशी दूर नहीं होती.. दर्द की नुमाइश करके मोहब्बत हासिल नहीं होती.. -Vrushali
shor macha kar gehri
khamoshi dur nahin hoti..
dard ki numaish karke
mohabbat hasil nahin hoti..
32) न जाने मदहोशी को तेरी कब महसूस करूंगा.. न जाने खामोशी का ये आलम कब खत्म होगा.. -Anamika
na jaane madhoshi ko
teri kab mehsus karunga..
na jane khamoshi ka ye
aalam kab khatm hoga..
33) ख़ामोश मैंने उसे कुछ इस तरह किया.. के उसके लबों पर अपना अक्स छोड़ दिया.. -Vrushali
khamosh maine use
kuchh is tarah kiya..
ke uske labon per
apna aks chhod diya..
34) देखी होगी कईयों ने मोहब्बत में बेहोशी.. मगर मेरे नसीब है आयी, यार की खामोशी.. -Santosh
dekhi hogi kaiyon ne
mohabbat mein behoshi..
magar mere naseeb hai
aayi, yaar ki khamoshi..
35) शोर मचा कर बे-आबरू हो जाए.. उससे बेहतर ख़ामोशी से बेदखल हो जाए.. -Vrushali
shor macha kar be-aabroo ho jaaye..
usse behtar khamoshi se bedakhal ho jaaye..
36) गुनाह जो ना किया, उसकी सजा भुगतनी है.. अब तो खामोशी ही इस जिंदगी में आनी है.. -Sapna
gunah jo na kiya, uski saja bhugtani hai..
ab to khamoshi hi is jindagi mein aani hai..
37) मोहब्बत में ख़ामोशी की भी एक मशहूर रिवायत है.. तकरार हो जाए दो दिलों में तो मिलती यहीं नसीहत है.. -Vrushali
mohabbat me khamoshi ki bhi
ek mashahur riwayat hai..
taqrar ho jaaye do dilon mein
to milti yahi nasihat hai..
38) शिकवे बहुत सारे करने हैं हमें उससे.. मगर खामोश है वो, अब भी दिल से.. -Anamika
shikve bahut sare karne hain hamen usse..
magar khamosh hai vo, ab bhi dil se..
39) साँज ढले सदा बिछड़ने वाला याद आए बहोत चाहत का बीता ज़माना तन्हाई में रुलाए बहोत.. अजीब लोग हैं खामोश गुज़रते हैं बाज़ारों से बाज़ारे इश्क़ से हम हैं गम खरीद लाए बहोत.. -Moeen
sanj dhale sada bichane wala yad aaye bahut
chahat ka bita jamana tanhai mein rulaye bahut..
ajeeb log hai khamosh gujarte hain banjaron se
bajar e ishq se ham hain gam khareed laye bahut..
40) देखा ना फिर किसी को नज़र उठा कर गुज़र जाता हुँ महफ़िल से निगाहें चुरा कर.. खामोश फ़िज़ाएं छेड़ती हैं अकसर मुझे कहाँ चला गया हरजाई मेरी प्यास बढ़ा कर.. -Moeen
dekha na fir kisi ko najar uthakar
gujar jata hoon mehfil se nigahen chura kar..
khamosh fizaye chhedti hai aksar mujhe
kahan chala gaya harjaee meri pyaas badha kar..
Khamoshi Shayari की मदद से अपने खामोश इश्क की प्यास बुझाने वाला दिलबर आशिक को याद आ रहा है. अपनी तन्हाई से भरी महफिल में अब वह अश्कों में भीगते हुए ही अपनी रात काट रहा है.
Khamoshi Shayari In Hindi – खामोशी शायरी इन हिंदी
41) ख़ामोशी से मिले तानों में मुझे मिलता बड़ा सुकून है.. हर लम्हा तेरी मोहब्बत का यह दिलाता मुझे यकीन है.. -Vrushali
khamoshi se mile taanon mein
mujhe milta bada sukun hai..
har lamha teri mohabbat ka
yeh dilata mujhe yakin hai..
42) वो मुझसे खामोश रहती है.. फिर भी सब कुछ कहती है..! -Santosh
vo mujhse khamosh rahti hai..
fir bhi sab kuchh kehati hai..!
43) दिल में थोड़ी ख़ामोशी जगा लूँ अपने.. अब आंखों में आते नहीं नए सपने.. -Sapna
dil me thodi khamoshi jaga lun apne..
ab aankhon mein aate nahin naye sapne..
44) दिल कपकपाता है मेरा, मौसम कोई सर्द नहीं होता.. जो खामोशी ना जगा दे, वो तो दर्द ही नहीं होता.. -Anamika
dil kapkapata hai mera,
mausam koi sard nahin hota..
jo khamoshi na jaga de,
vo to dard hi nahin hota..
45) उन्हें उदासी हमारी अच्छी लगती है.. बस खामोशी हमारी अच्छी लगती है.. -Santosh
unhen udasi hamari acchi lagti hai..
bus khamoshi hamari acchi lagti hai..
46) अब हो गया है म रना मेरा, जीने से भी ज्यादा जरूरी.. समझ लिया है तुमने जो, मेरी खामोशी को मजबूरी.. -Sapna
ab ho gaya hai ma rna mera,
jeene se bhi jyada jaruri..
samajh liya hai tumne jo,
meri khamoshi ko majburi..
47) चुन लिया है अब खामोशी को तुमने.. तो क्यों करते हो अल्फाज जाया अपने.. -Anamika
chun liya hai ab khamoshi ko tumne..
to kyon karte ho alfaaz jaya apne..
48) खामोशी में जीना भी मेरा हराम हो गया.. तेरे इश्क में दिल जो मेरा नीलाम हो गया.. -Santosh
khamoshi mein jina bhi
mera haram ho gaya..
tere ishq mein dil jo
mera nilaam ho gaya..
49) खामोशी में अब मेरा जो रूठता है दिल.. बात जो करूं किसी से तो टूटता है दिल.. -Sapna
khamoshi mein ab mera jo roothta hai dil..
baat jo karun kisi se to tootta hai dil..
50) दिल में तेरे प्यार की तस्वीर समाई है.. फिर भी क्यों ये खामोशी मेरे नसीब आई है.. -Anamika
dil mein tere pyaar ki
tasvir samayi hai..
fir bhi kyon ye khamoshi
mere naseeb aayi hai..
51) दिल के जज्बात, दिल में ही रखते हैं हम.. महफिल में भी अक्सर चुप ही रहते हैं हम.. -Santosh
dil ke jazbaat, dil mein hi rakhte hain ham..
mehfil mein bhi aksar chup hi rahte hain ham..
52) किस से होती होगी अब वो खफा मेरे बाद कौन सुनाता होगा उसे नज़मे वफ़ा मेरे बाद.. ख़ामोशी से भरना रंग अपनी बेरंग हथेली में मेरी याद दिलाएगा तुझे रंगे हिना मेरे बाद.. -रंगे हिना : मेहंदी का रंग -Moeen
kis se hoti hogi ab vah khafa mere bad
kaun sunata hoga use najme wafa mere bad..
khamoshi se bharna rang apni berang hatheli mein
meri yad dilayega tujhe rang e heena mere bad..
53) अब इन अँधेरे कमरों में रौशनी नहीं होती जीत तो जाता हुँ मगर अब ख़ुशी नहीं होती.. देख कर आशिकों को हँसता हुँ ख़ामोशी से इन्हें इश्क़ तो होता हैं मगर बंदगी नहीं होती.. -Moeen
ab in andhere kamron mein roshani nahin hoti
jeet to jata hun magar ab khushi nahin hoti..
dekhkar aashiqon ko hansta hun khamoshi se
inhen ishq to hota hai magar bandagi nahin hoti..
Khamoshi Shayari In Hindi की मदद से प्रेमी को अपनी बेवफा और बेजुबान दिलबर की याद सता रही है. और वह उसी के हाथों में लगी मेहंदी को याद करते हुए अपनी खामोशी में ही डूबा हुआ है.
54) मेरी खामोशी की वजह बस आपकी बेइंतहा फिक्र है.. इसे आप हमारी पसंद समझकर किसी और के साथ खुश हैं.. -Vrushali
meri khamoshi ki vajah
bus aapki be inteha fikra hai..
ise aap hamari pasand samajh kar
kisi aur ke sath khush hai..
55) मेरी यह खामोश जुबान अब आपके जवाब में खुलेगी नहीं.. और आपकी ये झूठी मोहब्बत हमें रुलाए बगैर छोड़ेगी नहीं.. -Vrushali
meri ye khamosh zubaan ab
aapke jawab mein khulegi nahin..
aur aapki ye jhuthi mohabbat
hamen rulaye bagair chodegi nahin..
56) हमारी खामोशी आप से कुछ तो कहानी कहती होगी.. हमारी यह बेरुखी आपके दिल में कहीं तो चुभती होगी.. -Vrushali
hamari khamoshi aapse
kuchh to kahani kahati hogi..
hamari yah berukhi aapke
dil mein kahin to chubhti hogi..
57) मेरे खामोश होने के बावजूद आपका समा खुशमिजाज हैं.. वरना मेहबूब की खामोशी से तो हर आशिक सुकून खो देता हैंं.. -Vrushali
mere khamosh hone ke bavjud
aapka sama khushmijaj hai..
varna mahbub ki khamoshi se to
har aashiq sukun kho deta hai..
58) हर दफा हम महसूस करते रहे हैं हमारी खामोशी से आपकी खुशी को.. इतनी ही चाह थी खामोशी की आपको तो दिल दे देते अपना किसी बेजुबान को.. -Vrushali
har dafa ham mahsus karte rahe hain
hamari khamoshi se aapki khushi ko..
itni hi chah thi khamoshi ki aapko
to dil de dete apna kisi bezubaan ko..
59) रुख अपना वो कदम कदम पर बदलता रहा मगर मैं खामोश साथ उस के चलता रहा.. इश्क़ की पुरखार राहों से गुज़रता चला गया ठोकरें खाता रहा फिर खुद ही संभलता रहा.. -पुरखार : काँटों भरी -Moeen
rukh apna vo kadam kadam per badalta raha
magar main khamosh sath uske chalta raha..
ishq ki purkhar rahon se gujarta chala gaya
thokre khata raha fir khud hi sambhalta raha..
60) फिर तेरी यादों में जलने के ज़माने आए मेरी कब्र पर वो मेरी ख़ाक उड़ाने आए.. खामोश रहा मैं पहरों तेरे जाने के बाद शरारत चाहत नहीं होती जब वो बताने आए.. -Moeen
fir teri yadon mein jalne ke jamane aaye
meri kabra per vah meri khak udane aaye..
khamosh raha mein pahron tere jaane ke bad
shararat chahat nahin hoti jab vah batane aaye..
61) चाँद रहता हैं तन्हा अकसर चाँदनी के साथ चलता रहा मैं अंजान राहों पर अजनबी के साथ.. तेरी बेवफाई से मिली हैं सौगातें ख़ामोशी की कोई ना खेले ऐसे किसी की ज़िन्दगी के साथ.. -Moeen
chand rehta hai tanha aksar chandni ke sath
chalta raha mai anjan raho per ajnabi ke sath..
teri bewafai se mili hai saugaten khamoshi ki
koi na khele aise kisi ki jindagi ke sath..
62) मुद्दतों भटकाती रही मुझे दर बदर हसरत तेरी तन्हाईयों में रुलाती हैं अकसर मुझे फुरकत तेरी.. ख़ामोशी ने मोहब्बत का भरम रखा वरना दिल से खेलना फिर तोड़ देना हैं फितरत तेरी.. -फुरकत : जुदाई -Moeen
muddaton bhatkati rahi mujhe dar badar hasrat teri
tanhaiyon mein rulati hai aksar mujhe furqat teri..
khamoshi ne mohabbat ka bharam rakha varna
dil se khelna fir tod dena hai fitrat teri..
Khamoshi Shayari In Hindi की मदद से प्रेमी अपने प्यार के बेजुबान जज्बात बताना चाहता है. और किस तरह से वह अपने खामोश और तन्हा रातों को अकेला ही काट रहा है. इस बात से वह दुनिया को वाकिफ कराना चाहता है.
63) तेरे बाद हमें मुस्कुराने की आदत ना रही ज़िंदा हैं मगर अब ज़िंदगी की चाहत ना रही.. तकता हुँ रातों को खामोश ज़माने को मोहब्बतों में अब पहली सी नज़ाकत ना रही.. -Moeen
tere bad hamen muskurane ki aadat na rahi
jinda hai magar ab jindagi ki chahat na rahi..
takta hun raaton ko khamosh zamane ko
mohabbaton me ab pahli si nazakat na rahi..
इन दर्द भरी Khamoshi Shayari को Shraddha Jain इनकी आवाज़ में सुनकर उनकी खामोशी भरी नजरों को याद करोगे!
64) आजकल ख़ामोशी तेरी हकीक़त बयां कर रही है.. तु मुझसे बिछड़ जाने की, ये मुझे दस्तक दे रही है..
aajkal khamoshi teri
hakikat bayan kar rahi hai..
tu mujhse bichhad jaane ki,
yeh mujhe dastak de rahi hai…
65) महसूस करता हूं तेरे जज़्बात को, समझता हूं तेरी अनकही बातों को.. लेकिन तेरी ये बेबस ख़ामोशी, चकनाचुर कर रही है दिल को..
mahsus karta hun tere jazbaat ko,
samajhta hoon teri ankahi baton ko..
lekin teri ye bebas khaamoshi,
chaknachoor kar rahi hai dil ko…
66) ख़ामोशी का आलम कुछ ऐसी कयामत कर रहा है.. धडकनों का दर्द मत पूछ, हर ज़र्रे में बेबस हो रहा है..
khamoshi ka alam kuchh
aisi qayamat kar raha hai..
dhadkan ka dard mat poochh
har jarre mein bebas ho raha hai…
67) भीड़ के शोर में एक किस्म की खामोशी है, तन्हा एक नहीं, हर कोई है.. अब मुस्कान तो हर किसी के चेहरे पर है, हर किसी की अलग कहानी है, अलग तन्हाई है..
bheed ke shor mein ek kism ki khamoshi hai,
tanha ek nahin har koi hai..
ab muskan to har kisi ke chehre per hai,
har kisi ki alag kahani hai,
alag tanhai hai..
68) तेरी ख़ामोशी बयां कर रही गुस्ताखियां मेरे दिल की.. अब मान जाओ ना कहीं बेबसी ना बढ़ाओ, मेरे जान की..
teri khaamoshi baya kar rahi,
gustakhiyan mere dil ki..
ab maan jao na kahin,
bebasi na badhao, mere jaan ki..
69) कह देती हर बात खा़मोशी तेरी... तू शब्द नहीं आवाज है मेरी...
keh deti har baat khamoshi teri..
tu shabd nahin awaaz hai meri..
इन Khamoshi Shayari को Miss Shraddha Jain की प्यारी आवाज़ में सुनकर आप अपने दिलबर की खामोशी में डूब जायेंगे!
70) मोहब्बत जुर्म हैं तो… सज़ा दो मुझे समझ कर एक सपना… भुला दो मुझे खामोशीयों की मौत गवारा नहीं मुझे समझ कर हरफ़े गलत… मिटा दो मुझे -Moeen
mohabbat jurm hai to.. saja do mujhe
samjh kar ek sapna..bhula do mujhe
khamoshiyo ki maut gawara nhi mujhe
samjh kar harfe galt.. mita do mujhe
71) तन्हा तन्हा ज़िंदगी का सफर लगता हैं घर मेरा खामोशी का मंज़र लगता हैं वक्त ने मुझे खामोश कर दिया ऐसे अब महफीलों से मुझे डर लगता हैं -Moeen
tanha tanha jindgi ka safar lagta hai
ghar mera khamoshi ka manjar lagta hai
waqt ne mujhe khamosh kar diya aise
ab mahfilo se mujhe dar lagta hai
72) तेरी महफील से निकाले जाएँगे हम बरसों तुझे बहोत याद आएँगे हम तेरी खामोशी रातों को जगाती हैं उदास होगा मौसम जब चले जाएँगे हम
teri mahfil se nikale jayenge hum
barso tujhe bahot yaad aayenge hum
teri khamoshi raato ko jagati hai
udaas hoga mausam jab chale jayenge hum
73) रातों को तेरी याद ऐसे तड़पाती हैं जैसे बहार खिज़ा* के गीत गाती हैं मौसम की खामोशी देखी नहीं जाती अब अब बहारों में तेरी कमी सताती हैं *खिज़ा : पतझड़ -Moeen
raato ko teri yaad aise tadpati hai
jaise bahar khija ke geet gaati hai
mausam ki khamoshi dekhi nhi jaati ab
ab baharo me teri kami satati hai
74) ज़माने वालों अब मेरा ज़वाल* देखो वक्त चल गया कैसी ये चाल देखो चले आओ कभी खामोश रातों में तड़पते अपने दिवाने का हाल देखो *ज़वाल : पतन -Moeen
jamane walo ab mera jawal dekho
waqt chal gya kaisi ye chal dekho
chale aao kabhi khamoshi raato me
tadpate apne diwane ka haal dekho
75) रोते हैं शब भर…रोने वाले चैन से सोते हैं…सोने वाले ज़माने से नहीं करते कोई शिकवा खामोश रहते हैं अब तुझे खोने वाले -Moeen
rote hai shab bhar..rone wale
chain se sote hai..sone wale
jamane se nhi karte koi shikva
khamosh rahte hai ab tujhe khone wale
76) तेरी महफील में खामोश खड़े हैं जिन्होंने ज़िंदगी में दुःख उठाए बड़े हैं जो फिरता हैं गलीयों में फकीरों सा खज़ाने उस के कदमों में पड़े हैं
teri mahfil me khamosh khade hai
jinhone jindgi me dukh uthaye bade hai
jo firta hai galiyon me fakiro saa
khajane us ke kadmo me pade hai
77) कैसे सो पाते है वो दुनिया की चहल पहल में.. हमे तो नींद नहीं आती आपके ख़ामोशी में…
kaise so paate hain vo
duniya ki chahal pahal me
hamen to nind nahin aati
aapke khamoshi mein…
78) नींद उड़ाते होंगे अल्फ़ाज़ हमारे लेकिन ख़ामोशी हमारी सोने नहीं देती होगी..
nind udate honge
alfaaz hamare..
lekin khamoshi hamari
sone nahin deti hogi…
79) ख़ामोशी से जज़्बात बयां नहीं कर पाते.. दर्द की जिद है कि बेखबर को..खबर कर दे..!
khamoshi se jazbaat
baya nahin kar paate..
dard ki jid hai ki
bekhabar ko..
khabar kar de..!
80) लबों से न समझ पाए वो मेरे जज़्बात कभी लगता है अब असर कर जाए ख़ामोशी मेरी
labo se n samjh paaye
wo mere jazbat kabhi
lagta hai ab asar
kar jaye khamoshi meri
आपके दिल में समाई हुई खामोशी को Dr Rupeshkumar Chandore इनकी आवाज़ में सुनकर आपका दिल भर आएगा!
81) कर देती है तबाह आपको ये ख़ामोशी.. लफ्जो को बयां करना पड़ता है जीने के लिए…
kar deti hai tabah
aapko yeh khamoshi..
lafzon ko bayan karna
padta hai jeene ke liye…
82) बेचैन है तेरा एक लफ्ज़ सुनने के लिए, छोड़ दो ख़ामोशी हमें जिंदा रखने के लिए…
bechain hai tera ek lafz
sunne ke liye,
chhod do khamoshi
hame zinda rakhne ke liye…
83) भले शिकवे क्यों ना बयां करो, लेकिन ख़ामोशी से रहा ना करो…!
bhale shikwe kyon na bayan karo,
lekin khamoshi se raha na karo…!
YOU MAY LIKE THESE POSTS:
- The Best 35+ Sorrowful Tadap Shayari For Yearning Situation
- Explore Best 45+ Dur Jane ki Shayari Image To Express Sorrow
- Shayari On Waqt | The Best 95+ वक़्त शायरी Hindi Urdu
Conclusion
Khamoshi Shayari को सुनकर आप अपने खामोश जज्बातों को अपने चहेते इंसान जरूर साझा कर पाओगे. क्योंकि हर बात को अपने दिल में ही छुपा कर रखना अच्छा नहीं होता है. शायद आप भी इस बात से जरूर सहमत होंगे! हमारी इन Shayari on Khamoshi की मदद से अपने खामोश दिल को बहला सको. तो हमें comments कर जरूर बताएं.
शायरी सुकून की बेहतरीन शायरियों को अपने Twitter handle पर प्राप्त करने के लिए शायरी सुकून अकाउन्ट को Follow जरूर करें.
बेसबब तुम्हारी ये ख़ामोशी
मुझे जीते जी मार डालेगी..
तुम यूं ही नाराज रहे मुझसे
तो मेरी जिंदगी थम जायेगी..
वाह! बेहतरीन शायरियां .. लाजवाब पेशकश रविंद्र सर!!
शुभेच्छा
कल्याणी
This is a really beautiful shayari. I really enjoyed reading it.