Waqt humesha ek jaisa nahi hota, isiliye hum lekar aaye hai aapke liye Shayari on Waqt ki website post. Yaha aapko samay se judi har prakar ki shayariya padhne evam sunne ko milegi.
दोस्तों, आपने सुना ही होगा कि बुरे वक्त में जो खुद पर भरोसा करता है. उसी का कभी ना कभी वक्त अच्छा आता है. और यह अच्छा वक्त ही हमें अपनी जिंदगी जीने की प्रेरणा देता है. आज इसी प्रेरणादाई वक्त को लेकर हम वक्त पर मोटिवेशनल शायरी लेकर आए हैं. हमें यकीन है कि आपको हमारे यह Waqt Par Shayari जरूर पसंद आएगी.
Voice-Over: Madhukar Magar
Table of Content
- Waqt Par Shayari – वक्त पर शायरी
- Waqt Shayari – वक्त शायरी
- Shayari On Waqt – शायरी ऑन वक्त
- Waqt Shayari Hindi – वक्त शायरी हिंदी
- Waqt Shayari In Hindi – वक्त शायरी इन हिंदी
- Conclusion
Friends, we know everyone needs inspiration in his life for success. And these motivational thoughts can inspire you and keep you with the time. So that you can follow your dreams. You can read in this Motivational Shayari article Shayari On Waqt,
Bure waqt me koi sath nhi de to kya kare?
Aapko ye apne man me pakka kar lena hoga ki aajkal koi kisi ka nhi hota. aisa agar aap man me than le to aap khudke karm par jyada vishwash rakhte huye aage badhenge. Bura waqt aaye bhi to aap use apne balbute var dur karne ki kshamta rakhenge.
Waqt Par Shayari – वक्त पर शायरी
तो चलिए दोस्तों अब बिना देर किए हमारे होनहार शायर की लिखी हुई प्रेरणादाई वक्त शायरी को पढ़ें और साथ ही साथ सुने. आप इन सभी वक्त पर लिखी शायरी इमेजेस को भी जरूर डाउनलोड करें. और अपने चहेते दोस्तों के साथ Mushkil Samay Badlega Quotes को जरूर साझा करें.
1) तेरे इंतजार का यह वक्त मुझे सुकूँ से महरूम रखता है.. तेरे दीदार का वो हसीन लम्हा न जाने कब तलक आता हैं.. महरूम : अभागा, बदनसीब -Vrushali
tere intezar ka yah waqt
mujhe sukun se mehroom rakhta hai..
tere didar ka vo haseen lamha
na jane kab talak aata hai..
2) कौन कितनी दूरी तय कर पाएगा.. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.. -Anamika
kaun kitni duri tay kar payega..
ye to aane wala waqt hi batayega..
अगर आपने वक्त की कद्र नहीं कि तो ना वक्त आपकी कद्र करेगा और ना ही कोई इंसान. इसीलिए कोई भी काम हमेशा वक़्त पर निर्भर रहते हुए ही करें. ताकि आपके काम की सराहना भी हो और आपको उसका उचित मूल्य भी मिले. लेकिन दोस्तों, कभी कभी हमें ऐसा लगता है कि हमारा वक्त बहोत बुरा चल रहा है. कोई हमें ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा.
3) ए वक्त, थोड़ा सा ठहर तो जाओ महबूब को मेरे तुम देखते तो जाओ.. खो जाओगे तुम उसकी अदाओं में इस हसीं लम्हे को तुम छूते तो जाओ.. -Vrushali
ae waqt, thoda sa thehar to jao
mehboob ko mere tum dekhte to jao..
kho jaaoge tum uski adaao me
is haseen lamhe ko tum chhute to jao..
4) औरों की मर्जी से कभी जिया नहीं करते.. हम वक्त पर अफसोस किया नहीं करते..! -Santosh
auron ki marzi se kabhi jiya nahin karte..
ham waqt per afsos kiya nahin karte..!
5) आपकी बातों के साथ यह वक्त बड़ा ही जल्दी बीत जाता है.. मैं देखता रहता हूं यह घड़ी और मिलने का वक्त बीत जाता है.. -Vrushali
aapki baaton ke sath yah waqt
bada hi jaldi beet jata hai..
main dekhta rahata hun yah ghadi
aur milne ka vaqt beet jata hai..
आपने यह कहावत तो जरूर सुनी होगी कि वक्त सब्र का इम्तिहान लेता है. बस इसी तरह से आपको भी अपने जीवन में सब्र रखना जरूरी है. आज जो भी आपको झुकता हुआ देखकर हंस रहे है, आपका मजाक उड़ा रहे है, वे एक दिन खुद ब खुद आपके सामने सिर झुका कर आपसे अदब से बात करेंगे.
6) यहीं पर खोया और यहीं पर पाया है.. वक्त आज तक किसके समझ आया है..! -Sapna
yahi par khoya aur yahi par paya hai..
waqt aaj tak kiske samajh aaya hai..!
7) मेरे महबूब की प्यारी बातें मेरे हर पल को हसीन बनाती है.. इंतजार भी करता हूं उसका उस वक्त को भी सुंदर बनाती हैं.. -Vrushali
mere mahbub ki pyari baaten
mere har pal ko hasin banati hai..
intezar bhi karta hun uska
us waqt ko bhi sundar banati hai..
8) किसी पर नर्म, किसी पर होता है सख्त.. कल और था, आज दूसरे का है ये वक्त.. -Anamika
kisi per narm, kisi par hota hai sakht..
kal aur tha, aaj dusre ka hai ye vakt..
हमें हमेशा खुद के साथ और वक्त के साथ ही लड़ना होता है और यही सीखना होता है कि किस तरह हम वक्त पर हावी हो जाएं. कोई भी काम किस तरह वक्त पर ही निपटाया जाएं, जो भी ये बात सीख गया, सफलता उसके कदम जरूर चूमती है. वही आदमी वक्त के इस खेल में टीका रह सकता है और वक्त से आगे निकल सकता है.
9) हर वक्त खोया रहता हूं मैं बस उसी के ही खयाल में.. याद नहीं रहता कोई काम बस उलझा रहता हूं उसके सवाल में.. -Vrushali
har waqt khoya rahata hun mai
bas usi ke hi khayal mein..
yaad nahin rahta koi kaam bus
uljha rahata hun uske sawal mein..
10) कैसा रहेगा आने वाला पल.. वक्त ही जानता है हमारा कल.. -Santosh
kaisa rahega aane wala pal..
waqt hi jaanta hai hamara kal..
11) तुम ना वक्त के बदलने का इंतज़ार करो उठो और तब्दीली का रास्ता इख्तियार करो.. लिपट जाएगी कदमों से मंज़िले चूमेगी कदम हाथों की लकीरें झूठी, मेहनत पर ऐतबार करो.. -Moeen
tum na waqt ke badalne ka intezar karo
utho aur tabdeeli ka rasta ekhtiyar karo..
lipat jayegi kadmon se manjilen, chumegi kadam
hathon ki lakeeren jhuthi, mehnat per etbar karo..
12) ज़माना खामोश हैं, हैं हर राहबर खामोश क्या खबर क्यों हैं, हर राहगुज़र खामोश.. वक्त का तकाज़ा हैं बदल दो हालात ना रहे कोई घर, डगर, नगर खामोश.. -Moeen
jamana khamosh hai, hai har rahbar khamosh
kya khabar kyon hai, har rahgujar khamosh..
waqt ka taqaza hai badal do halat
na rahe koi ghar, dagar, nagar khamosh..
Waqt Shayari – वक्त शायरी
Waqt Par Shayari की मदद से आशिक खामोश वक्त का बदलता रूप देखता रहता है. लेकिन उसके मन में अब भी अपने अच्छे वक्त को लेकर एक उम्मीद होती है. और इसी उम्मीद के सहारे अब वह जी रहा है.
13) वक्त की हमें अब कहा कोई खबर रहती है.. किसी की अदाओं पर हमारी नज़र जो रहती है.. -Vrushali
waqt ki hamen ab
kahan koi khabar rahti hai..
kisi ki adaon per
hamari najar jo rahti hai..
14) हमेशा सही रास्ता तुम चुनो.. वक्त की मांग जरूर सुनो..! -Sapna
hamesha sahi rasta tum chuno..
waqt ki maang jarur suno..!
15) वक्त के साथ वह भी आगे बढ़ गए.. बस हमें भूल कर किसी और के हो गए.. -Vrushali
waqt ke sath vah bhi aage badh gaye..
bus hamen bhul kar kisi aur ke ho gaye..
दोस्तों, ऐसा अक्सर होता है की हमे वक्त की कीमत उसे खो देने के बाद समझ में आती है, लेकिन अगर जिंदगी का बहोत बड़ा मसला अगर समझा जाये तो वो यही है की सही समय पर उसकी पचनं करना कदर करना, अगर आपने उस समय को उस पल को या उस वक्त को खो दिया तो समझ लो की आपको पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला.
16) जीतता वही है, समय पर जो भागा.. वक्त का नहीं होता है कोई भी सगा.. -Anamika
jitataa vahi hai, samay per jo bhaaga..
waqt ka nahin hota hai koi bhi sagaa..
17) कहां आती है अब उन्हें याद हमारी.. ख त्म जो हो गई ये प्यार की कहानी.. -Vrushali
kahan aati hai ab unhen yaad hamari..
kha tm jo ho gai ye pyar ki kahani..
18) रुतबा मेरा सब को समझाएगा.. वक्त मेरा भी कल जरूर आएगा.. -Santosh
rutba mera sabko samjhayega..
vakt mera bhi kal jarur aayega..
19) हमारे हर वक्त पर लिखा है बस एक उनका ही नाम.. मगर क्या करें उनके दिल में बस गया है कोई अंजान.. -Vrushali
hamare har waqt per likha hai
bus ek unka hi naam..
magar kya karen ke dil me
bas gaya hai koi anjaan..
20) हर किसी को अपना महत्व बताता.. गुजरा हुआ वक्त फिर कहां है लौटता.. -Sapna
har kisi ko apna mahatva batata..
gujra hua waqt fir kaha hai lautataa..
21) हर रिश्ते के लिए जरूरी है थोड़ा सा वक्त.. थोड़ा सा प्यार और थोड़ा सा ही ऐतबार.. -Vrushali
har rishte ke liye jaruri hai thoda sa vakt..
thoda sa pyar aur thoda sa hi aitbaar..
22) ना किसी को चाहता, ना किसी को ठुकराता.. अपने समय पर वक्त खुद जरुर है बदलता.. -Anamika
na kisi ko chahta,
na kisi ko thukrata..
apne samay per waqt
khud jarur hai badalta..
23) कायल तेरा एक दिन ये सारा जहाँ होगा तू मंज़िल का मकीं, कामियाबी तेरा मकाँ होगा.. वक्त को हैं इंतज़ार तेरे अटल फैसलों का घर से बाहर निकल तेरे पीछे काफिला होगा.. -Moeen
kayal tera ek din ye sara jahan hoga
tu manzil ka makin, kamyabi tera makam hoga..
waqt ko hai intezaar tere atal faisla par
ghar se bahar nikal tere piche kafila hoga..
24) मंज़िल के दरवाज़ों पर मेहनत से सदा दो पैगाम ज़माने को तुम क्रांती का सुना दो.. वक्त पर छोड़ दो तुम कुछ फैसले अपने आगे बढ़ो पत्थर उछालने वालों को दुआ दो.. -Moeen
manzil ke darvajon per mehnat se sada do
paigam jamane ko tum kranti ka suna do..
waqt per chhod do tum kuchh faisla apne
aage badho pathar uchalne walon ko dua do..
Shayari On Waqt – शायरी ऑन वक्त
Waqt Shayari को सुनकर हर किसी के मन में अपने अच्छे वक्त को लेकर प्रेरणा जाग जाएगी. क्योंकि हमें पता होता है कि एक अच्छा वक्त छोड़कर हमारा और कुछ भी नहीं होता है. इसी वजह से हमें मन में आशा की किरण हमेशा जगाए रखनी चाहिए.
25) कुछ भी हो मगर यकीन खुद पर रखना.. वक्त का एहसास ज़हन में जरूर रखना.. -Santosh
kuchh bhi ho magar
yakin khud per rakhna..
vaqt ka ehsaas
jahan me jarur rakhna..
26) पूछना सवालात खुद से.. हारना नहीं कभी वक्त से.. -Sapna
puchhna sawalat khud se..
haarna nahin kabhi waqt se..
27) कभी किसी पर ना सख्त होना.. अपने रिश्ते को जरूर वक्त देना.. -Anamika
kabhi kisi par na sakht hona..
apne rishte ko jarur waqt dena..
28) जब कोई अपना पास होता है.. तभी वक्त उसका खास होता है.. -Santosh
jab koi apna pass hota hai..
tabhi waqt uska khaas hota hai..
29) दिल की बात ये मगर कभी होती बेवक्त नहीं.. लेकिन उनके पास अब मेरे लिए वक्त नहीं.. -Sapna
dil ki baat ye magar
kabhi hoti bewaqt nahin..
lekin unke pass ab
mere liye waqt nahin..
30) हमसे कोई रिश्ता कभी टूट ना जाए.. ध्यान रखना कहीं वक्त रूठ ना जाए.. -Anamika
humse koi rishta kabhi tut na jaaye..
dhyan rakhna kahin waqt ruth na jaaye..
31) एक दिन हमें खुद से मिलाता ही है.. वक्त तो करवट जरूर बदलता ही है.. -Santosh
ek din hamen khud se milata hi hai..
waqt to karvat jarur badalta hi hai..
32) कभी ना रोना तुम, अपने बुरे हालातों पर.. असर वैसा ही पड़ेगा, वक्त का जिंदगी पर.. -Sapna
kabhi na rona tum,
apne bure halaaton per..
asar vaisa hi padega,
wakt ka jindagi per..
33) हर किसी का दिल तुम जीतो.. वक्त की कदर करना तुम सीखो.. -Anamika
har kisi ka dil tum jito..
waqt ki kadar karna tum sikho..
34) दिल में महबूब गम भर देता है.. वक्त मगर दर्द कम कर देता है.. -Santosh
dil me mehboob gam bhar deta hai..
waqt magar dard kam kar deta hai..
35) किसे यहाँ ज़माने में सब कुछ मिला हैं देखने में सागर हैं, मगर बेहद प्यासा हैं.. वक्त तय करता हैं कीमत चीज़ों की हीरा भी कंकर हैं, मिट्टी भी सोना हैं.. -Moeen
kis yahan jamane mein sab kuchh mila hai
dekhne mein sagar hai magar behad pyasa hai..
waqt tay karta hai keemat chijon ki
hira bhi kankar hai, mitti bhi sona hai…
36) करे जो मेहनत, चाल वही नई चल जाता है.. रखो भरोसा खुद पर, वक्त हर एक का आता है..
kare jo mehnat,
chaal vahi nai chal jata hai..
rakho bharosa khud per,
waqt har ek ka aata hai..
Waqt Shayari Hindi – वक्त शायरी हिंदी
Shayari On Waqt को सुनकर आपको भी वक्त के बदलते रहने का एहसास जरूर होगा. क्योंकि जब किसी चीज का अच्छा वक्त आता है. तो भी उस चीज का महत्व सभी को पता चल जाता है.
37) वक्त से तुम हमेशा ही बंधे रहना.. दुनिया से पीछे रह जाओगे वरना.. -Sapna
waqt se tum hamesha hi bandhe rahna..
duniya se pichhe rah jaaoge varna..
38) रास्ता भूल जाए कोई, खुदाई संभालती है.. वक्त पर हर किसी की जिंदगी बदलती है.. -Anamika
rasta bhul jaaye koi,
khudai sambhalti hai..
waqt per har kisi ki
jindagi badalti hai..
39) सच्चाई के सभी राज है खोलता.. वक्त कभी भी झूठ नहीं बोलता.. -Santosh
sacchai ke sabhi raaz hai kholta..
waqt kabhi bhi jhooth nahin bolta..
40) अकेला किसी को नहीं छोड़ना चाहिए.. वक्त पर हर किसी के काम आना चाहिए.. -Sapna
akela kisi ko nahin chhodna chahiye..
waqt per har kisi ke kaam aana chahiye..
41) कीमत अपनी ले जाता है.. वक्त सभी तजुर्बे दे जाता है..! -Anamika
kimat apni le jata hai..
waqt sabhi tajurbe de jata hai..!
42) हमें खुद को जरूर बदलना होगा.. वक्त के साथ-साथ ही चलना होगा.. -Santosh
hamen khud ko jarur badalna hoga..
waqt ke sath-sath hi chalna hoga..
43) मनमानी करने वाले अक्सर एहसान फरामोश होते हैं.. वक्त बीतने पर हुआ जो इल्म, तो अफसोस कहते हैं..
manmani karne wale aksar
ehsan faramosh hote hain..
waqt bitne per hua jo ilm,
to afsos kahate hain..
44) बीते पल को खरीद ले, ऐसा अमीर कहां होता है.. वक्त भी तो होता है उसी का जमीर जहां होता है..
beete hue pal ko khareed le, aisa
amir kahan hota hai..
waqt bhi to hota hai usi ka
zameer jahan hota hai..
Waqt Shayari In Hindi – वक्त शायरी इन हिंदी
Waqt Shayari Hindi को सुनकर हर किसी को वक्त के अनमोल होने का एहसास जरूर होगा. क्योंकि अगर कोई अपनी जिंदगी का वक्त जाया करता है. तो उसे देर सवेर ही सही लेकिन इस बात का पछतावा जरूर होता है.
45) मुस्कुराते हैं जो हमेशा, पांव में उनके छाले होते हैं.. परिश्रम पर रखो निष्ठा, यूं ही नहीं उजाले होते हैं..
muskurate hain jo hamesha,
paav mein unke chhale hote hain..
parishram per rakho nishtha,
yun hi nahin ujale hote hain..
46) भरोसा है हमें खुद पर, देर सवेर ख़ैरियत पूछेंगे.. पता है हमें वक़्त के साथ लोग हैसियत पूछेंगे..
bharosa hai hamen khud per,
der severe khairiyat puchhenge..
pata hai hamen waqt ke sath
log haisiyat puchhenge..
Waqt Shayari In Hindi की मदद से अपने आने वाले वक्त पर भरोसा रखना चाहोगे. क्योंकि लोग हमेशा अच्छे वक्त में ही हमारा साथ देते हैं. इसी वजह से हमें खुद की मेहनत पर ही हमेशा भरोसा रखना चाहिए.
47) चाहों कितना भी किसीको जिंदगी ख़ाली नहीं होती और सही इन्सान के लिए हमे वक्त की कमी नहीं होती
chaho kitna bhi kisiko
jindgi khali nhi hoti
aur sahi insan ke liye
hume waqt ki kami nhi hoti
48) वक्त वक्त की बात है साहब, आज आपका है, कल हमारा होगा.. आज चमकी है आपकी तकदीर, तो कल बुलंद अपना भी सितारा होगा..
waqt waqt ki baat hai saahab
aaj aapka hai, kal humara hoga
aaj chamki hai aapki taqdeer
to kal buland apna bhi sitara hoga
49) वक्त के सितम देखे भाले हैं जिन के पैरों में छाले हैं ज़ख्म खाते हैं उफ्फ नहीं करते ये किस बस्ती के रहने वाले हैं -Moeen
waqt ke sitam dekhe bhaale hai
jin ke pairo me cchale hai
jakhm khate hai uff nhi karte
ye kis basti ke rahne wale hai
50) हमें वक़्त के साथ वक्त से ही लड़ना सीखना है.. और वक़्त के ही खेल में वक़्त से आगे निकलना है..
hamen waqt ke sath
waqt se hi ladna sikhana hai..
aur waqt ke hi khel mein
waqt se aage nikalna hai…
51) मत हो मायूस तू सब्र कर वक्त तुझे भी तेरा तख्त दिलाएगा… और आज जो हस रहा है तुझे झुकते देख.. कल पेट के लिए वो भी सर झुकाएगा…
mat ho mayus tu sabra kar
waqt tujhe bhi tera takht dilayega..
aur aaj jo hans raha hai tujhe jhukte dekh
kal pet ke liye vo bhi sir jhukayega…
52) यह वक्त मुनासिब नहीं, इसलिए चुप हूं मैं.. जल्द ही बताऊंगी सबको क्या हूं और कौन हूं मैं..
yah waqt munasib nahin
isliye chup hun main..
jald hi bataungi sabko
kya hu ho aur kaun hoon main…
53) यह जालिम वक्त भी हमारा दुश्मन हुआ बैठा है जब उनसे बात नहीं होती तो बड़ा देरी से कटता है
yeh jalim waqt bhi humara
dushman hua baitha hai
jab unse baat nhi hoti
to bada deri se katata hai
54) ज़माना कहता हैं वक्त मरहम तुझे बता मेरे ज़ख्मों का मुदावा* मुझे बरबादी का मेरी नहीं तू ज़िम्मेदार पता था ज़ालीम तेरा इरादा मुझे [मुदावा = घाव भरना] -Moeen
jamana kahta hai waqt marham tujhe
bata mere jakhmo ka mudaava mujhe
barbadi ka meri nhi tu jimmedar
pata tha jalim tera iraada mujhe
55) वक्त बेवक़्त जो सताता था मुझे यार अपना अब वो पराया हुआ उस का मुझे वो आदाब करना किस्सा अब ये बड़ा पुराना हुआ -Moeen
waqt bewaqt jo satata tha mujhe
yaar apna ab to paraya hua
uska mujhe wo aadab karna
kissa ab ye to bada purana hua
56) वक्त ने मोहलत ना दी वर्ना वो मेरे साथ चल भी सकता था हाथ छुड़ाने की जल्दी थी उसे उदासीयों का मौसम बदल भी सकता था -Moeen
waqt ne mohalat na di warna
wo mere sath chal bhi sakta tha
haat cchuraane ki jaldi thi use
udasiyon ka mousam bada bhi sakta tha
57) जालिम वक्त ने, न जाने कितने जुल्म किए हम पर.. आप भी तो चले गए सागर में कश्ती अकेली छोड़कर…
jalim waqt nena jane
kitne julm kiye ham par..
aap bhi to chale gaye
sagar me kashti akeli chodkar…
58) अब तो हमारी कश्ती डूबती नजर आने लगी है.. एक वक्त के लम्हों का सहारा है बस वहीं साथ दे रहा है..
ab to hamari kashti
dubati najar aane lagi hain..
ek waqt ke lamho ka sahara
hainbas wahi satha de raha hai..
59) वक्त का तो रिवाज़ है बदल जाना.. लेकिन दिल को तो आदत है, आपके लिए जैसे थे, वैसे ही रहना…
waqt ka to riwaz
hai badal jaana..
lekin dil ko to aadat hai,
aapke liye jaise the,
waise hi rehna..
60) उन्हें वक्त नहीं मिलता हमारे लिए, जो कहते थे ताउम्र साथ निभाएंगे.. दीदार ही नहीं होता है अब तो उनका, जो कहते थे रोज़ मिलने आयेंगे..
unhe waqt nhi milta humare liye
jo kahte the taaumra sath nibhayenge
didar hi nhi hota hai ab to unka
jo kahte the roj milne aayenge
61) खुदा से ये हिमाकत की थी दिल ने तेरी इबादत की थी वक्त मिला कभी तो फिर सोचेंगे क्यों दिल ने बगावत की थी -Moeen
khuda se ye himakat ki thi
dil ne teri ibadat ki thi
waqt mila kabhi to fir sochenge
kyo dil ne bagawat ki thi
62) सुना है अब वो आखें किसी और को देखती है.. गुजरे वक्त के साथ उनमें मेरे लिए जगह कुछ कम बची है..
suna hai ab wo aankhen
kisi aur ko dekhti hai
gujre waqt ke sath unme
mere liye jagah kuch kam bachi hai
63) मौत से नहीं, ज़िन्दगी से लड़ाई थी मेरी.. कमबख्त वक्त कम पड़ गया, वर्ना अभी कहाँ रिहाई थी मेरी.. -Sneha
mout se nhi,
jindgi se ladai thi meri
kambkhat waqt kam pad gya
warna abhi kahan rihayi thi meri
64) जिस ने बनाया मुझे अपना दिवाना उसे लगी रहती हैं फिक्र-ए-ज़माना डुबते वक्त इतना देखा हम ने साहील से देख रहे थे वो तमाशा -Moeen
jis ne banaya mujhe apna deewana
use lagi rahti hai fikra-e-jamana
dubte waqt itna itna dekha humne
sahil se dekh rhe the wo tamasha
65) बहुत मजबूर हो कर मैं तेरी आंखोंसे निकला था एक वक्त था जब उनको देखे बिना मेरा लम्हा फ़िज़ूल था
bahut majbur ho kar mai
teri aakhon se nikla tha
ek wakt tha jab unko
dekhe bina mera lamha fizul tha
66) जब वो था ज़िन्दगी में, तो उसके लिए वक्त नहीं था मेरे पास, आज खाली है ज़िन्दगी, तो उसे याद करके लम्हे बीतते है.. -Sneha
jab wo tha jindgi me
to uske liye waqt nhi tha mere paas
aaj khali hai jindgi
to use yaad karke lamhe bitate hai
67) ठुकराया गया हुँ सारे ज़माने में ज़िक्र तेरा हैं सब फसाने में वक्त बदला… बदला रंग रिश्तों ने ज़िंदगी की बरबाद… रिश्ते निभाने में -Moeen
thukraya gya hun saare jamane me
jikra tera hai sab fasane me
waqt badla..badla rang risto ne
jindgi ki barbad..riste nibhane me
68) शब भर तेरे दर्द ने रुलाया हैं रूठी नींदों को मुश्किल से मनाया हैं वक्त जब बिगड़ा… अपने हुए पराए बारहा ये दिन ज़िंदगी ने दिखाया हैं -Moeen
shab bhar tere dard ne rulaya hai
ruthi nindo ko mushkil se manaya hai
waqt jab bigda..apne huye paraye
baarah ye din jindgi ne dikhaya hai
69) एक अरसा सा हो गया जैसे मुस्कुराए हुए.. वक्त के साथ अब मुस्कुराते कैसे है, यही भूल गए..
ek arsa sa ho gaya
jaise muskurae huye..
waqt ke sath ab muskurate
kaise hai, yahi bhul gaye…
70) उम्र के फासले फ़िर भी वक्त के साथ मिट जाते.. पर जो घाव दिल पे दिए हो वो अक्स पीछे छोड़ ही देते..
umra ke faasle fir bhi
waqt ke sath mit jaate..
per jo ghav dil per diye ho
vah aks piche chhod hi dete..
71) झूठें कसमों और वादों से कुछ लोग जो चाहे वो पाते है फिर वक्त के साथ उनको उनकी ही बातें कहा याद आते है -Sagar
jhute kasmo aur wado se
kuch log jo chahe wo paate hai
fir waqt ke sath unko
unki hi baate kaha yaad aate hai
72) जिसकी खुशबु से महक उठा था शहर आज उसे मेरे लिए वक्त नहीं जिसे खुदसे भी बढ़कर समझा आज मेरे हालात समझते नहीं -Pradnya
jiski khushbu se mahak utha tha shahar
aaj use mere liye waqt nhi
jise khudse bhi badhkar samjha
aaj mere haalat samjhte nhi
73) सच्चा था प्यार हमारा या फिर कोई साजिश थी आज बड़े दिनों बाद फ़ोन किया उसे और उसने बोला मेरे पास वक्त नहीं -Pradnya
saccha tha pyar humara
ya fir koi sajish thi
aaj bade dino baad phone kiya use
aur usne bola mere paas waqt nhi
74) रिहाई की गुंजाइश फिर कभी ना करना ये वक्त जालिम है इस लम्हे को संभालना -Sagar
rihayi ki gunjaish
fir kabhi na karna
ye waqt jalim hai
is lamhe ho sambhalna
75) मुझे पूरा करती थी वो, जाने क्यूँ बेवक्त खामोश हो गई.. उसकी मौजूदगी से खिलती थी रूह, उसके जाने से खानाबदोश हो गई.. -Sneha
mujhe pura karti thi wo
jaane kyu bewaqt khamosh ho gyi
uski moujudgi se khilti thi ruh
uske jaane se khanabadosh ho gyi
76) बेशक वो तुम्हारा था अपनी जान से प्यारा था आखिरकार वक्त की नजाकत ने वो कौन है तुझे दिखलाया था -Sagar
beshak wo tumhara apna tha
apni jaan se pyara tha
aakhirkar waqt ki najaqat ne
wo kaun hai tujhe dikhlaya tha
77) मौजूदगी वो नहीं जो तेरे संग हमेशा रह सकूं मै वक्त के साथ ओझल हो भी जाऊ तेरे रूह को हमेशा सुकुं हूं मैं -Sagar
moujudgi wo nhi jo
tere sang humesha reh saku mai
waqt ke sath ojhal ho bhi jau
tere ruh ko humesha sukun hu mai
78) वक्त वक्त की बात है जब आप हमारे साथ खड़े होते थे.. और एक आज की बात है साथ होकर भी ख़िलाफ़ खड़े होते हैं…
waqt wakt ki baat hai
jab aap hamare sath khade hote the..
aur ek aaj ki baat hai
saath hokar bhi khilaaf khade hote hain…
79) वक्त ने किए कुछ इस कदर जालिम सितम.. हो गए उनसे जुदा खुद को कर लिए बेरहम…
wakt ne kiya kuch
is qadar zalim sitam..
ho gaye unse juda
khud ko kar liye beraham…
80) वक्त के तकाजे को समझो, तो आबादी ना समझी दिखाओ, तो दूर नहीं बर्बादी..
wakt ki taqaaze ko
samjho, to abadi..
na samjhi dikhao, to
dur nahin barbadi…
81) वक्त बीत गया.. मैंने बिताना कभी चाहा नहीं जो बिताना चाहा तेरे संग वो वक्त कभी मेरा हुआ नहीं -Vrushali
waqt bit gya..
maine bitana kabhi chaha nhi
jo bitana chaha tere sang
wo waqt kabhi mera hua nhi
82) उस शब् दिल संभल गया होता गमों का सूरज ढल गया होता वक्त ने की बेवफाई हम से ज़माने में हमारा सिक्का चल गया होता -Moeen
us shab dil sambhal gya hota
gamo ka suraj dhal gya hota
waqt ne ki bewafai humse
jamane me humara sikka chal gya hota
83) मनसूबे बनाते हैं मुझे मिटाने वाले खुदा रखे सलामत तुझे सताने वाले वक्त-ए-रुखसत हैं सलाम ले लो फिर ना लौटेंगे तुझे मनाने वाले -Moeen
mansube banate hai mujhe mitane wale
khuda rakhe salamat tujhe satane wale
waqt-e-rukhsat hai salam lelo
fir na lautenge tujhe manane wale
84) अपना वक्त जाया कर सकते है, मेहनत भी जाया कर सकते हैं.. तुम ना समझो खुदगर्जी हमारी तो ये जान मुफ्त में लूटा भी सकते हैं…
apna waqt zaya kar sakte hain,
mehnat bhi jaya kar sakte hain..
tum na samjho khudgarji hamari
to yah jaan muft mein luta bhi sakte hain…
85) वक्त किसिका सगा तो नहीं होता.. जिसका साथ देता है, वो तो बस उसिका होता है..
wakt kisi ka saga
to nahin hota..
jiska sath deta hai
vo to bus usi ka hota hai…
86) बड़ा ही जल्दी बीत जाता है ये वक्त.. बस छूटे निशानों को और बना देता है सख्त..
bada hi jaldi
beet jata hai ye wakt..
bas chhute nishanon ko
aur banaa deta hai sakht..
87) मुस्कुराते हैं अकसर दिल में दर्द छुपाने वाले लौट कर नहीं आते फिर, बिछड़ जाने वाले.. वक्त के बेरहम हाथों से लूट जाते हैं चाहत में महबूब को अपना खुदा बनाने वाले.. -Moeen
muskurate hain aksar dil mein dard chupane wale
laut kar nahin aate hain fir, bichad jane wale..
waqt ke beraham hathon se lut jaate hain
chahat mein mehboob ko apna khuda banane wale..
88) कहा था उस ने हम रोज़ मिला करेंगे गीत बन कर तेरे लबों पर रहा करेंगे.. जब देगा वक्त तुझे कोई ज़ख्म गहरा हम तेरे दर्द-ए-दिल की दवा करेंगे.. -Moeen
kaha tha usne ham roj mila karenge
geeta bankar tere labon per raha karenge..
jab dega waqt tujhe koi zakhm gehra
ham tere dard e dil ki dawa karenge..
89) तेरे खयालों में रातें मेरी अकसर ढलती रही मुद्दतों तेरी यादों की सर्द हवा चलती रही.. बुरे वक्त ने सोने ना दिया मुझे शब भर सुना हैं वो भी उधर करवटें बदलती रही.. -Moeen
tere khayalon mein raaten meri aksar dhalti rahi
muddaton teri yaadon ki sard hawa chalti rahi..
bure waqt ne sone na diya mujhe shab bhar
suna hai vah bhi udhar karvate badalti rahi..
90) इन रस्तों पर फिरते थे आवारा रात भर मैं उदास हुँ मुझे आवाज़ दे मेरे हमसफ़र.. वक्त ने दी हैं हमें सौगातें ख़ामोशी की दम लबों पर हैं, दिलबर कोई बात कर.. -Moeen
in raston per firte the aawara raat bhar
main udaas hun mujhe awaaz de mere humsafar..
waqt ne di hai hamen saugaten khamoshi ki
dam labon per hai, dilbar koi baat kar..
91) गाता रहा कोई गीत गलीयों में रात भर सुलगती रही आग कलीयों में रात भर.. बीते वक्त की यादें शब भर रुलाती रही चाँद मुँह छुपाता रहा बदलीयों में रात भर.. -Moeen
gaata raha koi geet galiyon mein raat bhar
sulagti rahi aag kaliyon mein raat bhar..
beeten waqt ki yaden shab bhar rulati rahi
chand munh chhupata raha badliyo mein raat bhar..
92) ठुकरा ही दिया नाजुक दिल को जो तुम्हारे जैसा सख्त नहीं.. कहते हैं अब वह पास उनके चाहत के लिए वक्त नहीं..
thukra hi diya nazuk dil ko
jo tumhare jaisa sakht nahin..
kahate hain ab vo pass unke
chahat ke liye waqt nahin..
93) वक्त की करो कद्र, जो गवाया इसे व्यर्थ.. ना चाहते हुए भी होगा, फिर तुम्हारा अनर्थ..
waqt ki karo kadr, jo gawaya ise vyarth..
na chahte hue bhi hoga fir tumhara anartha..
94) सुन ना पाई वो दिल की मेरे आहट भी.. वक्त से छीन गई मेरी मुस्कुराहट भी..
sun na paai vah dil ki mere aahat bhi..
waqt se chhin gai meri muskurahat bhi..
95) पूछते नहीं अब अपने भी मेरा हाल कोई.. वक्त ही चल गया है शायद बुरी चाल कोई..
puchte nahin ab
apne bhi mera haal koi..
waqt hi chal gaya hai
shayad buri chaal koi..
96) हर वक़्त अब रहती आंखों में मिरे नमी है.. काम है बहुत, मगर रहती वक्त की कमी है..
har waqt ab rahti
aankhon me mire nami hai..
kam hai bahut, magar
rahti waqt ki kami hai..
Conclusion
आप अपने बुरे वक्त पर अगर काबू पा लो, तो ही आपके जिंदगी में नया सवेरा आ सकता है दोस्तों. क्योंकि हर किसी को अपने बुरे वक्त से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए. और यही बात आज हम Waqt Shayari की मदद से बताना चाहते हैं. हमारी इन Shayari On Waqt को सुनकर अगर आप में भी बुरा वक्त बदलने का जज्बा आए. तो हमें comments करते हुए जरूर बताये. Agar waqt ke sath aapka sath badal gya hai to aap humari baat nahi karne ki shayari post ko visit kar sakte hai.
शायरी सुकून की बेहतरीन शायरियों को अपने फेसबुक पर प्राप्त करने के लिए इस शायरी सुकून पेज को Like और Share जरूर करें.
Hello Avalokita,
Congrats for the nice script you have written. You mentioned good points about bad time.
Your voice is beautifully powerful. You did well,
Thank you for this quality work!
Avalokita ji
Aapne bohot hi khoobsurati se feel ko banaye rakhte huye shayriyan boli…….. Aur apki script bhi bohot hi acchi hai …… Happy for you dear , keep growing
वाह वा अवलोकिता मॅम
सच कहा आपने हमें बुरे वक्त में अपने मन पर संयम रखना चाहिए और अपने काम पर पूरा विश्वास रखना चाहिए👌👌
Hamesha ki tarah mind blowing Avalokita ji 👌👌😇shayariyon ko aapne behad khoobsorati se kaha aur scrip ne toh char chaand laga diye 😍😍👌👌😇
Superb script avalokita ji… So nicely said . Lovely
Very beautiful Avalokita ji and you recorded also very beautifully in your beautiful voice👌👌👌
Regards,
Sameera urf Manpreet
Avalokitaji ,
Sahi kaha aapne andhera chahe kitna bhi gehra ho dusre din subeh hota hi hai😊
Sach kaha Mehnat kabhi bhi zaya nahi jaati. Mehnat walon ki kabhi haar nahi hoti.
मनमानी करने वाले अक्सर
एहसान फरामोश होते हैं..
वक्त बीतने पर हुआ जो इल्म,
तो अफसोस कहते हैं..
Sundar shayari.😊
Badhiya peshkash Avalokitaji .☺️👏👏👏👏👏
Mrudula😊😊
Bohot khub Avalokita ji you have recorded it so beautifully with emotions 👌🏻👌🏻 and so rightly said andhera chahe kitna bhi kyu nA Ho dusre din subah hoti hi hai 😊
मंज़िल के दरवाज़ों पर मेहनत से सदा दो
पैगाम ज़माने को तुम क्रांती का सुना दो..
वक्त पर छोड़ दो तुम कुछ फैसले अपने
आगे बढ़ो पत्थर उछालने वालों को दुआ दो..
कमाल की शायरी यां..
अवलोकिताजी बेहद खूबसुरत अंदाज में बयां किया आपने इन शायरीयों को… बेहतरीन script..
शुभेच्छा!!
– कल्याणी
Thank you so much everyone 😍🙏🙂
Behad hi hasin shayariya hai
Nice post 👌
Madhukar ji, kitna bakhubi se aap har ek shayari ko prastut karte hai…bahut hi shaandaar aawaz aur sath hi me use pesh karne ka laheja…aapka shukriya hume ye motivation Waqt Shayari sunane ke liye!
आपकी की आवाज शुरु से अंत तक श्रोताओं को बांधकर रखती है, always look forward for your recordings madhukar sir
आपका तहे दिल से शुक्रिया सागर जी 🙏🙏
मधुकर जी, बहोत बढ़िया…आपकी दमदार आवाज़.. घायल कर दें…. पेश करने का अंदाज़….आपकी तारीफ करने में लफ्ज़ कम पड रहे हैं। बहोत बहोत शुक्रिया मोईन सर और अपने शायरों को जिन्होंने बखुबी से इतनी सुंदर शायरियां लिखी।
दिप्ती जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,आपको शायरी अच्छी लगी मेरी। मेरे लिए आपके ये शब्द बहुत मायने रखते हैं।🙏🙏
Dr Rupesh ji aapka bahut bahut shukriya inn tareef se bharpur shabdo ke liye. Aapke tareef karne ke shabd aur andaaz ka bhi jawab nahi. Bahut bahut dhanyavad aapka ek baar fir se. 🙏🙏🙏