Bebasi Shayari -2: अपने दिल की बेबसी से वाकिफ कराना चाहोगे

bebasi shayari : जब आपके दिल को किसी बात की bebasi होती है, तो आप मन की उस अवस्था को ना किसी को बता सकते हो और ना ही किसी को दिखा सकते हो. क्योंकि आपके दिल की यह bebasi आपके दिलबर ने ही तो आपको दी है.

मेरी बेबसी है कि तुझ से
बात किए बिना चैन नहीं आता

और एक तू है जो काम के सिवा
मुझसे बात ही नहीं करता

– Vrushali

meri bebasi hai ki tujhse
baat kiye bina chain nhi aata
aur ek tu hai jo kaam ke siwa
mujhse baat hi nhi karta

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इन दर्द भरी शायरियों को Mr. Milind Khanderao इनकी आवाज़ में सुनकर आपके दिल पर बीती हुई बेबसी दूर होगी!

और आपके यह दिल का bebasi भरा आलम न जाने और कितने दिन रहेगा. क्योंकि आपके दिल को जो ठेस लगी है उसकी भरपाई या फिर उसकी कीमत तो अब शायद आप का दिल भर भी नहीं चुका पाएगा. और इसी वजह से अब कोई भी आपके दिल की bebasi को समझ नहीं पा रहा है. bebasi अर्थात किसी बात को कहने में आपको हो रही मजबूरी, बेकसी या फिर आपके दिल को आई हुई विवशता.

बेबसी का आलम हमें
इस क़दर तन्हा कर गया..

यादों में आपकी, हमारे
अश्कों का समंदर बह गया..

– Santosh

bebasi ka aalam hame,
is kadar tanha kar gaya..
yadon mein aapki, hamare
ashqon ka samandar beh gaya..

bebasi से भरा हुआ यह आलम आपके दिल को नया नहीं है. लेकिन इससे पहले आपके दिल में इतनी बेबसी भरी हुई परिस्थिति का शायद अनुभव ही नहीं किया है. क्योंकि अब तो आपको जैसे प्यार से ही नफरत होने लगी है. अब तो आपका दिल किसी से प्यार करने के लिए हो ही नहीं रहा है.

जब भी आप किसी की अच्छाइयों के बारे में या फिर किसी सच्चे दिल के प्यार के बारे में सोच रहे हो तो आपके दिल की बेबसी आपके मन पर हावी हो रही है. वह आपको कुछ अच्छा सुझाव देने से भी परास्त कर रही है.

आपके चेहरे की बेबसी हमें, और भी मायूस कर रही है…

जब से आप ने अपने दिलबर का नाराज सा चेहरा देखा है, तब से आपके दिल को भी एक बेचैनी सी महसूस हो रही है. आप उससे बस हरदम यही पूछा कर रहे हो कि उनके इस मजबूरी की वजह क्या है. उनके चेहरे की मुस्कान न जाने कहां खो गई है. आज तक आपने उन्हें इतना मायूस और बेकसी से भरा हुआ कभी नहीं देखा है.

ये कैसी बेबसी हैं अब के
तक़दीर ने कैसा नगमा गुनगुनाया हैं

मुझे भूले जिसे मुद्दतें गुज़री
हर पल मुझे वही याद आया हैं

– Moeen

ye kaisi bebasi hai ab ke
takdir ne kaisa nagma gungunaya hai
mujhe bhule jise muddate gujri
har pal mujhe wahi yaad aaya hai

और इसी वजह से आप उन्हें यही पूछना चाहते हो कि अगर आपके दिल पर यूं ही मायूसी भरा हुआ आलम छाया रहा तो इसका असर आपके प्यार पर भी हो सकता है. कहीं ऐसा ना हो कि प्यार में भी उनके दिल और दर्द को आप कुछ हद तक समझ नहीं पा रहे हो. और इसी वजह से आप उनके दिल में छुपी हुई सारी बातों को उजागर करते हुए उन्हें चेहरे पर फिर से एक बार हंसी लाने के लिए दरख्वास्त करना चाह रहे हो.

अपने दिल की बेबसी को हमें बयां कर दो, इस चेहरे की हसीन मुस्कान को कायम रखो…

जिस तरह से आपकी महबूबा आपसे खफा, नाराज हो रही है, उस तरह से तो आपका दिल अब और भी मायूसी का एहसास कर रहा है. और इसी वजह से आप उनसे हरदम खुश रहने के लिए ही कोशिश करते रहते हो. आप उनसे हरदम अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने की दुआ कर रहे हो. लेकिन उनके दिल में कुछ तो मायूसी जरूर छुपी हुई है. उनके दिल की जो भी मजबूरी है, वो आपसे उसे शायद बयां नहीं कर पा रही है.

तुझे हमनवां, मुझे बेबसी मुबारक,
अलविदा तेरे शहर में फिर ना आएँगे

मुझे दाग-ए-फुरकत* देने वाले
तुझे नगमों की तरह लबों पर सजाएंगे

[*दाग-ए-फुरकत – जुदाई का दर्द]

– Moeen

tujhe hamnava, mujhe bebasi mubaraq
alvida tere shahar me fir na aayenge
mujhe daag-e-furqat dene wale
tujhe nagmo ki tarah labop par sajayenge

और आप यही सोच रहे हो कि अगर वह अपने दिल की तकलीफें आपसे साझा ना कर पाई तो आप भी अपने दिल की बेबसी को उसे कैसे कह पाएंगे? क्योंकि आपको लगता है कि पूरी दुनिया में बस एक ही तो आपका प्यार है जो आपके दिल की हर बेबसी को समझता आया है. और इसी बात की आपको फिक्र हो रही है कि अगर बेबसी भरा माहौल अब यूं ही चलता रहा तो आप अपने माशूका की फूलों जैसी मुस्कान को शायद देख नहीं पाएंगे.

मेरे दिल की बेबसी से वाकिफ नहीं कराऊंगा, यूं ही तुम पर बस प्यार ही प्यार बसाऊंगा..

अब तो आपके दिल में बस एक ही बात ठान ली है कि चाहे कुछ भी हो जाए आप अपने दिलबर के नाजुक से मन को कभी कोई दर्द नहीं देना चाहोगे. चाहे आपके दिल को कितने भी दुख हो, आपके मन को कितना भी दर्द रहा हो लेकिन उसे आप कभी दिखाना नहीं चाहोगे. अपने दिलबर को आप हमेशा खुश देखना चाहते हो. और इस वजह से आप उन्हें अपने दिल की किसी भी तकलीफ से रूबरू नहीं कराना चाहते हो.

मेरी बेबसी थी तुझे ना पा सका
मुद्दतें गुज़री तुझे ना भुला सका

कब के अमीर हो जाते हम
मगर अपना सर ना झुका सका

– Moeen

meri bebasi thi tujhe na pa saka
muddate gujari tujhe na bhula saka
kab ke amir ho jate hum
magar apna sar na jhuka saka

यह बातें तो जैसे आपके दिलबर पर आपका प्यार ही दरशा रही है. क्योंकि अपने दिल और जान से भी ज्यादा आप अपने महबूब से प्यार करते हो. उसे अगर कोई दुख होता है तो वह आपको भी महसूस होता है. अगर उसके चेहरे पर खुशियां ही रही तो आपका भी दिल यूं ही खुशियों से ही भरा हुआ रहेगा. और इसी वजह से अब आप उन्हें किसी भी तरह की बेबसी से वाकिफ नहीं कराना चाहते हो. उनसे जिंदगी भर इसी तरह से बस प्यार ही करना चाहते हो.


bebasi par sad shayari hindi urdu


चेहरे पर तेरे मुस्कान
की कमी खल रही है..

यूं बेबसी अपने प्यार में,
क्यों दस्तक दे रही है..?

chehre per tere muskan 
ki kami khal rahi hai..
yu bebasi apne pyar mein 
kyon dastak de rahi hai..?


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हालात कुछ ऐसे है की
फूलों जैसी नाजुक है तू..

खफा रहेगी तू दिनभर तो,
मेरी बेबसी को समझ ले तू..

halat kuchh aise hain ki 
phoolon jaisi nazuk hai tu..
khafa rahegi tu din bhar to,
meri bebasi ko samajh le tu…


bebasi shayari whatsapp status poetry thoughts quotes

बेबसी के हालातों को,
बयां नहीं करना चाहूंगा..

मै तुझे उम्रभर बेइंतहा,
मोहब्बत करता रहूंगा..

bebasi ke halatonko 
bayan nahin karna chahunga..
main tujhe umra bhar be intehaan,
mohabbat karta rahunga…

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6 thoughts on “Bebasi Shayari -2: अपने दिल की बेबसी से वाकिफ कराना चाहोगे”

  1. वाह मिलिंद जी
    आपकी आवाज़ में बेबसी का दर्द साफ़ दिखाई दे रहा है..
    बहोत ख़ूब

  2. Bahot khub mailing Ji

    Bebasi ko aapki aawaj me
    Is kadar baya kiya aapne
    Dilaka chupa hua dard bhi
    Najane kaise pahchan liya aapne

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