fikr shayari: जब आपको किसी की फिक्र होती है तो आप हमेशा उन्हीं की यादों में खोए रहते हो. और आपको फिक्र भी तो ऐसे इंसान की होती है जो आपके दिल के करीब होता है. और वक्त भी ऐसा अजीब आ चुका है कि आपके दिल के अरमान बस दिल में ही दब गए हैं.
शायद आजभी फिक्र है सितारों को
जाग रहे हैं वह भी साथ मेरे..
महफ़िल-ए-तन्हाई में अश्क़ जो
बहा रहा हूं, यादों में तेरे…
Shayad Aaj Bhi fikr Hai Sitaron ko
Jaag rahe hain vah bhi Sath Mere..
Mehfil e Tanhai Me ashq Jo
Baha raha hun, Yaadon Mein Tere..
इन Fikra Shayari को Dr Rupeshkumar Chandore इनकी आवाज़ में सुनकर उनकी यादों की गहराई में फिक्र नजर आएगी!
क्योंकि जिसकी आपको फिक्र थी और जो आपकी फिक्र करता था, वह आज आपको मुड़ कर भी नहीं देखता है. उनकी यादों में ही आप हमेशा खोए हुए रहते थे. आप उनके साथ होने भर से ही सुकून का अहसास करते थे. उनकी हर बात में आपको अपनापन महसूस होता था, फिक्र महसूस होती थी.
किसी की फिक्र होने लगे तो उसके पास रहा करो नफ़रत तो हो जाती है मगर मोहब्बत से रहा करो -Vrushali
लेकिन अब दौर बदल चुका है, हालात बदल चुके हैं. उनकी दिन में आपके लिए प्यार के बदले तकरार की भावना है. जिस दिल में आपके लिए बेपनाह मोहब्बत थी, आज उसकी जगह नफरत पैदा हो चुकी है. और अब आप बस इसी इंतजार में उनकी राह तक रहे हो कि शायद कभी वह नफरत फिर से फिक्र में बदल जाएगी.
तेरे चाहत की प्यास मेरे दिल को लगी रही.. न जाने क्यों जानम तुम्हारी आज मुझे फिक्र लगी रही.. -Santosh
tere chahat ki pyas
mere dil ko lagi rahi..
na jaane kyon janam tumhari
aaj mujhe fikra lagi rahi..

Fikr Shayari: उनकी हद से ज्यादा फिक्र करने की वजह से ही शायद आपके दिल को ठेस पहुंची है…
शायद उनकी प्यार करने का अंदाज आपको कुछ निराला लग रहा था. और इसी वजह से आप अब यह सोच रहे हो कि उन्होंने आपका दिल तोड़ कर कोई गुनाह नहीं किया है. उनका आपके दिल की खैरियत करना हो, हमेशा आपके लिए दुआएं करना हो या हमेशा आपके बारे में बस सोचते रहना हो.
फिक्र नहीं है तुम्हें मेरी कोई बात नहीं मगर आरजू नहीं है मेरी ये सही बात नहीं -Vrushali
इन सभी बातों से आपके महबूब के दिल का प्यार तो आपको दिखता है लेकिन उनकी यह फ़िक्र अब आपके लिए जानलेवा भी साबित हुई है. जब उनकी नादानी और उनके दिल की कोमलता ही आपके लिए कितनी मुश्किलें पैदा करती रही है तो आपके दिल को हानि पहुंचनी तो तय ही थी.
फिक्र होती तो समझ जाते की मोहब्बत है आपको हमसे मगर बेवजह की इस नाराज़गी से हम क्या उम्मीद रखेंगे आप से -Vrushali
उनके आपके लिए इतनी फिक्र करना और आपकी याद में ही डूबे रहना यह आपकी तकदीर के लिए भी काफी नुकसानदेह था. तो उनके इस दिल्लगी के कारण तो आपका दिल टूटना लाजमी था. बस इसी तरह के विचारों की वजह से अब आपका दिल भी अलग अलग तरीके की फिक्र में डूब चुका है.
न जाने क्यों वह दिलरुबा मेरी हमेशा फिक्र किया करती है.. कुछ इस तरह वो मेरी बातों का जिक्र हमेशा किया करती है.. -Darshan
na jaane kyon vah dilruba meri
hamesha fikra kiya karti hai..
kuch is tarah vo meri baton ka
jikr hamesha kiya karti hain..
किसी भी बात की हद से ज्यादा फिक्र करना कभी अच्छा नहीं होता…
आपको आप इस बात की भी पूरी तरह से तसल्ली हो गई है कि किसी भी इंसान को हद से ज्यादा ना प्यार करना चाहिए और ना ही अहमियत देनी चाहिए. क्योंकि अक्सर किसी को अहमियत देने की वजह से उस इंसान का आप पर भरोसा कम और झूठा आत्मविश्वास ज्यादा बढ़ जाता है.
आपकी फिक्र है इसलिए बेवक्त परेशान होते है दिन रात कॉल कर के हम आपको सताते रहते है -Vrushali
और यही बात अक्सर उस इंसान के साथ आपका रिश्ता खोखला करने के लिए काफी होती है. फिर चाहे वह इंसान आपके दिल में बसने वाला ही क्यों ना हो. और साथ ही अगर वह इंसान किसी तरह से भरोसा और यकीन के काबिल भी हो जाए तो भी आप उस इंसान पर इतना भरोसा नहीं कर पाते हो.
चाहत में आज वो महबूबा फिर मेरी किस्मत बन गई.. मेरी ही फिक्र करते करते वह मेरी मोहब्बत बन गई.. -Santosh
chahat mein aaj vo mehebooba
fir meri kismat ban gai..
meri hi fikra karte karte
vah meri mohabbat ban gai..
हर रिश्ते और हर इंसान के बीच एक दूरी बनाएं हमेशा ही रखना महत्वपूर्ण और लाभ नहीं होता है. और ऐसी बात का आपको तुरंत नहीं लेकिन परिणाम जरूर भुगतने पड़ सकते हैं. इन सभी बातों की सजा आपके दिल को ही हमेशा मिलती रहती है.
हर बार मेरी फिक्र गुस्से में बया होती है नादान है तू जो इसे मेरी नफ़रत समझती है -Vrushali
क्योंकि जब किसी बात की अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है तो उस बात की कीमत यानी की वैल्यू गिर जाती है. और जब अपनों की बात की आपको सजा मिलती है तो वो बात आप कभी नहीं भूल पाते हो.
महबूबा बस तुम्हारा ख्याल है तो दिल से कभी ना हटा हूं मैं.. मेरी फिक्र ना करना अब तो तुम्हारे प्यार में मर मिटा हूं मैं.. -Darshan
mahbooba bus tumhara khayal hai
to dil se kabhi na hata hun main..
meri fikra na karna ab To
tumhare pyar mein mar mita hun main..
गहराइयों से बात करने की फिक्र आजकल कहीं नहीं दिखती..
जिंदगी कभी आपको कोई बात आसानी से और सरलता से नहीं समझ आती है. जब भी कोई बात गहरी हो और सच्ची हो तो उस बात का तजुर्बा भी आपको उतना ही कठिनाइयों से भरा मिलता है. कुछ इसी तरह का अनुभव आपको अपने दिलबर से प्यार करने की वजह से मिला है.
ना कर तू मेरी फिक्र खुद का खयाल रखा कर तेरी सलामती है मेरी फिक्र खुद को महफूज़ रखा कर -Vrushali
आपने तो उनसे तहे दिल से मोहब्बत की थी लेकिन क्या उन्हें भी इस बात का एहसास हुआ था? क्योंकि आपको दुनिया का एक दस्तूर तो जरूर पता है. किसी भी अनजान और अच्छी बात का परिणाम आपको तुरंत नहीं मिलता. और वैसे भी दुनिया को हमेशा ही लुभावनी और दिल में गहराई से ना उतरने वाली बातें ही बहुत पसंद होती है.
दिलरुबा तुम्हारी बेवफाई तो बेफिक्र लगती है मुझे.. मेरी तन्हाई को भूलने की फिक्र लगी रहती है मुझे.. -Santosh
dilruba tumhari bewafai
to befikre lagti hai mujhe..
meri tanhai ko bhulane ki
fikra lagi rahti hai mujhe..
क्योंकि ऐसी लुभावनी चीजों से परे और किसी को अपना माननीय वाली बातों को बोलने और सुनने के लिए आजकल वक्त किसी के पास नहीं है. और इसी वजह से आपके दिल में इस बात की कशिश हरदम रहेगी.
फ़िक्र थी बेइंतेहा उन्हें
हमारे इस कमजोर दिल की..
पर टूट ही गया ये दिल, उसकी
कोमलता शायद हद से ज्यादा थी..
fikr thi beinteha unhen
hamare is kamjor dil ki..
per tut hi gaya yah dil, uski
komalta shayad had se jyada thi…
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अहमियत तो थी बड़ी
उनसे हमें, यू चाहत जो थी..
पर क्या करें, सजा भी मिली ऐसी
जहा फिक्र भी बेगुनाह बनी थी...
ahmiyat to thi badi
unse hamen, yu chahat jo thi..
per kya karen, saja bhi mili aisi
jahan fikr bhi begunah bani thi…
यह सितारों की महफिल भी रातों में मेरा जिक्र कर रही है.. अब रात भर तुम्हारे ख्यालों में जागते हुए फिक्र कर रही है.. -Darshan
yah sitaron ki mahfil bhi
raaton mein mera jikr kar rahi hai..
ab raat bhar tumhare khyalon mein
jagte hue fikra kar rahi hai..
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बेगानी ही ख्वाहिश होती है
सच्ची और बेइंतहा फ़िक्र की,
लुभावने चीजों से बढ़कर
फ़िक्र की कदर आज किसको है..?
begani hi khwahish hoti hai
sacchi aur beintehaa fikr ki..
lubhawane chijon se badhkar
fikr ki kadar aaj kisko hai…

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9 Comments
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Kya baat hai rupesh ji apki fikar hume acchi lagne laggi hain
Nicely Done Sir!!
Keep up the Good Work!
Rupesh ji once again nice shayari and nice voice
बहोत खुब Sir
वाह रुपेश जी
फ़िक्र का बहोत ख़ूब तरीक़े से ज़िक्र किया आपने इन शायरियों में..
Thank you Rishabh ji
Thanks Yogesh sir(Guruji)
Thanks Sanjay sir(Humdard)
Thank you Santosh sir(Kalam Mashrafi)