Aitbaar means to trust in English. If you are in a love relationship then you must have trust in your partner. These Aitbaar Shayari will help you to express your trust towards your partner. Shayari on Aitbaar is the best way to increase your bonding in love.
जब कोई आशिक अपनी माशूका की याद में खोया रहता है, तो उसे उसकी हर एक बात जैसे उसकी आंखों के सामने से दोहराती हुई नजर आती है. वह तो अपनी जान से भी ज्यादा अपनी प्रेमिका से प्यार करता था. उसका ही एतबार करता था. ठीक ऐसे ही हालातों को हमने इस ऐतबार शायरी पोस्ट के जरिये प्रस्तुत किया है.
दिल तोड़ने वाले से प्यार करते हैं मुद्दतें हुई उसी का इंतज़ार करते हैं बेशुमार धोके खा कर भी इश्क़ में बेवफा फिर भी तेरा ऐतबार करते हैं -Moeen
Dil todne Wale se pyar karte Hain
Muddate Hui usi ka intezar karte Hain
Beshumar dhokhe khakar bhi Ishq mein
Bewafa fir bhi Tera Aitbaar karte Hain
प्यार ही एक ऐसी भावना है, जिसमें आप अपने दिल के अलावा या फिर दिल से ज्यादा किसी दूसरे पर ऐतबार कर सकते हो. उस पर विश्वास कर सकते हो. और उसकी सारी तमन्नाओं को, इच्छाओं को आप अपना मानते हो. यही बात प्रेमिका भी तो अपने प्रेमी से जताती है. वो उसे यही बताना चाहती है कि वो अगर किसी पर ऐतबार करती है तो, वो बस उसका चहेता प्रेमी ही तो होता है. उसका अपना यार ही होता है. इस भीड़ भरी दुनिया में अपने प्रेमी के अलावा उसका कोई भी तो नहीं है. जिसे वो पहचान सके या अपना मान सके.

Voice-Over: Madhukar Magar
के एतबार है मुझे मेरे शिद्दत ए इंतजार पर रुख हवाओं का बदलेगा जरूर तु बरसेगा मुझ पर फिजा बनकर -Vrushali
ke aitbaar hai mujhe mere
shiddat e intejaar par
rukh hawao ka badlega jarur
tu barsega mujhpar fiza bankar
Listen to Aitbaar Shayari in Hindi
खुद पर तो एतबार आज भी है, पर तुझपे खुद से ज्यादा था क्योकी तु पसंद था मेरी, और घमंड था मुझे मेरी पसंद पर, पर कुछ इस कदर तुने चुर किया मेरा घमंड कि अब मुझे नापसंद है मेरी हर पसंद --Soumya
khud par to aitbaar aaj bhi hai,
par tujhpe khud se jada tha
kyoki tu pasand tha meri
aur ghamand tha mujhe meri pasand par
par kuch iss kadar tune chur kiya mera ghamand
ki ab mujhe napasand hai meri har pasand

एक आशिक भी यही सोचता है कि वो जब किसी पर ऐतबार करता है, तो वो उस पर अपनी जान से ज्यादा भरोसा करता हैं. उस पर विश्वास करता हैं. लेकिन अगर उस ऐतबार को तोड़ते हुए उसका महबूब ही उसके विश्वास को ठोकर मारेगा, तो उसका दिल शीशे के जैसे टूट कर चूर-चूर हो जाता है. बस इसी तरह की कुछ परिस्थितियां उस प्रेमी के दिल पर आन पड़ी है. यह बात ना वो किसी को बता सकता है और ना ही किसी को सुना सकता हैं.
Aitbaar Shayari in Urdu
जब कोई प्रेमिका अपने प्रेमी से सच्चे प्यार का इकरार करती है, तो एक तरह से वो अपने यार पर पूरी तरह से ऐतबार कर चुकी होती है. क्योंकि तभी तो उसे उसके यार की आंखों में मोहब्बत की चमक, उसके चाहत की कशिश नजर आती है.
एतबार है मुझे इस पागल दिल पर जो बरसों से सिर्फ तेरा दीवाना है हार मानने की इजाजत नहीं है मुझे क्योंकि मैंने दिल तुझ से लगाया है -Vrushali
aitbaar hai mujhe iss pagal dil par
jo barso se sirf tera deewana hai
haar manne ki ijajat nhi hai mujhe
kyoki maine dil tujhse lagaya hai
वो अपने यार पर पूरी तरह से कायल हो चुकी होती है. लेकिन एक समय ऐसा आता है, जब उसका यार उसके ऐतबार को समझ नहीं सकता, उसके विश्वास को वह जैसे ठुकरा देता है. और तब उस प्रेमिका के हाथ में कुछ भी नहीं रहता, सिवाय अपने दिल को समझाने के! वो तो बस रोते हुए अपने दिल को किसी भी तरह से तसल्ली देना चाहती है की वो अब उसे भूल जाएं.
ऐतबार है मुझे तेरी उस अनसुनी आहट पर जो एक दिन ले आएगी तुझे मेरे हाथों की लकीरों पर -Vrushali
aitbaar hai mujhe teri uss
ansuni aahat par
jo ek din le aayegi tujhe
mere haaton ki lakiro par
अपने यार को वो याद भी ना करें. क्योंकि वह अपने दिल को यही बात समझाना चाहती है कि जिसका वह इंतजार कर रही है, अब वह लौट कर कभी आने वाला नहीं है. वो खामखां परेशान ना हो. क्योंकि उसके यार को तो अब उस पर जरा भी यकीन नहीं है. और इसलिए वह वापस लौट कर कभी आना ही नहीं चाहता.
ताउम्र मैंने तेरा ऐतबार किया बेवफाई का मुझे ये इनाम मिला चाहकर भी तुझसे दूर ना हो सका हमारे इश्क का चला ऐसा सिलसिला -Vrushali
Taumra maine Tera Aitbaar Kiya
Bewafai ka mujhe ye inam mila
Chahkar bhi tujhse dur Na Ho saka
Hamare Ishq ka chala Aisa Silsila
Aitbaar Shayari in Hindi

फितूर पर एतबार था तेरे पर कभी यह ना सोचा था एक दिन तुम्हारा यह फितूर मुझे यू तोड़कर बिखर देगा -Vrushali
fitur par aitbaar tha tere
par kabhi yah nhi socha tha
ek din tumhara yeh fitur
mujhe yu todkar bikhar dega
लेकिन आजकल उसकी माशूका ने उस पर aitbar करना छोड़ दिया है. उससे प्यार करना छोड़ दिया है. वह जब भी अपने दोस्तों और यारों से उसके बारे में बात करता था, तो वह उसकी तवज्जो करती थी. उसकी महफिल में शामिल होती थी. लेकिन आजकल तो यह किस्सा भी जैसे खत्म हो गया है.
ऐतबार किया था तुझ पर वरना धोखा खाते ही सवर जाते फिर एक बार यूं खुद को तेरे हवाले कभी ना करते -Vrushali
aitbaar kiya tha tujhpar
varna dhokha khate hi savar jaate
fir ek baar yun khud ko
tere hawale kabhi na karte
वो उसके किसी भी जज्बातों पर गौर नहीं करती. उसे तवज्जो नहीं देती. क्योंकि उसकी माशूका ने तो उसका दिल ही तोड़ दिया है. और अब बेचारा प्रेमी अपने आंसुओं की गिनती करते हुए अपने भूले बिसरे दिनों को याद कर रहा है. अपने यार की याद में तारों के साथ-साथ जैसे वो अपने अश्क भी गिन रहा है.
मोहब्बत का हम ने ये दस्तूर देखा वादों को टूट कर होते चूर देखा ऐतबार की लाश लिए फिरता हैं जो एक चाहने वाला ऐसा भी मजबूर देखा -Moeen
Mohabbat ka humne yeh dastoor dekha
Wadon ko Tut kar hote choor dekha
Aitbaar ki Lash liye phirta hai jo
Ek chahane wala Aisa bhi majbur dekha
प्रेमिका ने जब अपने प्रेमी का ऐतबार किया था. उसके प्यार का इजहार किया था, तो वो खुशी से मानो झूम रही थी. उसकी सारी तमन्नायेंं जैसे पूरी हो गई थी. उसने मांगी हुई अब तक की सारी दुआएं जैसे रंग लाई थी. वो अपने यार से बेइंतेहा इश्क करती थी. उस पर अपनी जान भी कुर्बान करती थी.
हर एक शख्स के चेहरे पर हैं नकाब हर नक़ाब के पीछे एक मुस्कान हर मुस्कान के पीछे एक राज ऐसे में क्यों ना हो प्यार पर ऐतबार -Vrushali
har ek shaksh ke chehre par hai nakab
har ek nakab ke piche ek muskan
har ek muskan ke piche ek raaj
aise me kyo n ho pyar par aitbaar
वो दिन भी कितने खुशनसीब थे. लेकिन अब जब उसके यार ने उसे ठुकरा दिया है, तो वह भी उससे नफरत करने लगी है. उसके दिल में अपने यार के लिए अब जरा भी मोहब्बत नहीं बची. अब तो वह अपने प्रेमी को चेतावनी दे चुकी है, कि जब वह उसे भुला ही चुका है, तो उसकी वापसी की कोई गुंजाइश ही नहीं है. वो अब उसे भूल जाए, तो ही बेहतर होगा.
तेरी चाहत हमें बरसों से थीं तुझसे कभी बेरुखी ना थीं ऐतबार था तेरे हर वादे पर तेरे वादों में सच्चाई ना थी -Vrushali
Teri Chahat hamen barson se thi
Tujhse kabhi berukhi Na thi
Aitbaar tha tere har vade per
Tere vadon mein sacchai Na thi
अब उसके दिलबर के दिल में उसकी वापसी होना बिल्कुल मुमकिन नहीं है. वो तो अब उसे एक ही बात बताना चाहती है, की अब उसका अपने यार से कोई वास्ता नहीं है. उससे उसका कोई लेना-देना नहीं होगा. चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन वो अब उससे मिलना भी नहीं चाहती.

ऐतबार शायरी
ऐ दिल अब और
इंतजार मत कर..
मेरा ऐतबार कर..अब..
उनकी वापसी नहीं होगी
ae dil ab aur
intezar mat kar..
mera aitbaar kar.. ab
unki wapsi nahin hogi…

ज़िन्दगी का वो दौर बड़ा सुनहरा था जब खयालों पर मेरे तेरा पहरा था बेपनाह ऐतबार किया था तुझ पर ज़माने में यही मेरा इलज़ाम ठहरा था -Moeen
Jindagi ka wo daur bada sunhra tha
Jab khayalon per mere Tera pehra tha
Bepanaha Aitbaar kiya tha tujh per
Jamane mein yahi Mera ilzaam thahara tha
तेरे इश्क का जुनून लेकर दरबदर तुझे ढूंढता फिर रहा तेरे मिलने पर ऐतबार है मुझे तेरी सूरत को हर जगह पा रहा -Vrushali
Tere Ishq ka junoon lekar
Dar Badar tujhe dhundhta fir Raha
Tere milane per etbar hai mujhe
Teri Surat ko har jagah pa Raha
ऐतबार का किस्सा तो तभी
ख़त्म सा हो गया था..
जब मेरी जज्बातों को सरेआम,
नजरअंदाज किया जा रहा था..
aitbaar ka kissa to
tabhi khatm sa
ho gaya tha..
jab meri jazbaaton ko
sar-e-aam najarandaaz
kiya ja raha tha…
प्यार जगा कर सीने में चल दिया मेरे जीने का हर अंदाज़ बदल दिया खुदा सलामत रखे उन लोगों को जिन्होंने गुलाबों की तरह ऐतबार मेरा मसल दिया -Moeen
Pyar jaga kar sine mein chal Diya
Mere jeene ka har andaj badal diya
Khuda salamat rakhe un logon Ko Jinhone
Gulabon ki tarah Aitbaar Mera masal Diya
जब ठुकराया था तूने
अब वापसी हरगिज़ नहीं..
तू पक्का एतबार कर मेरा,
अब तुझसे जराभी राब्ता नहीं..
jab thukraya tha tune
ab wapsi hargiz nahin..
tu pakka aitbaar kar mera
ab tujhse jara bhi raabta nahin..

यह दिल तेरे लिए बैचेन है आज भी इस में तेरा चेहरा है ऐतबार है तेरी वफा पर मुझे दिल तेरे इंतजार में पागल है -Vrushali
Yah dil tere liye baichen hain
Aaj bhi is main tera chehra hain
Aitbaar hain teri vafa par mujhe
Dil tere intezar mein pagal hai
तेरी तलाश में मुद्दत हुई चलते रहे राहों में ठोकरें खाते रहे संभलते रहे ऐतबार टूटने के बाद नींदें रूठ गई सुना हैं वो भी करवटे बदलते रहे -Moeen
Teri talash mein Muddat Hui chalte rahe
Rahon mein thokre khate rahe sambhalte rahe
Aitbaar tutane ke bad ninde Ruth gai
Suna hai vah bhi karvate badalte rahe
तेरी चाहत को रुसवा ना कर सके बेवफाई को कभी अपना ना सके तेरी बातों को भुला ना पाऊंगा तन्हा रातों में हम सो ना सके -Vrushali
Teri Chahat Ko ruswa Na kar sake
Bewafai Ko kabhi apna na sake
Teri baton Ko bhula Na paunga
Tanha raaton mein ham so Na sake
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Final words on Aitbaar Shayari
हमारी इन टूटे हुए दिल की Aitbaar Shayari सुनकर कहीं आप अपने महबूब से दोबारा ऐतबार ना कर बैठना. और अगर ऐसा है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करते हुए हमें जरूर बताना! अगर आप चाहते है की आपको फेसबुक पर शायरी सुकून अपडेट्स मिले, तो इस शायरी सुकून पेज को लाइक और शेयर जरूर करें.
5 Comments
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Well done and congrats
Awesome shayariya
So nice duo…keep it up… Congratulations
ओ हो, आपने तो दिल के तार ही छेड़ दिए हमारे
बहोत खूब
Aap har ek shayariyo ko itna behtreen tarike se pesh karte ho ke wo jahen me utar jaati hai. Aapka ek ek alfaz kafi prabhavshali hota hai. Yis Aitbaar Shayari jaise ek se badhkar ek peshkasho ko hume sunane ke liye Mudhukar ji aapka tahe dil se shukriya!