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Shabnam Shayari (शबनम पर हिंदी शायरियां)

Shabnam ko hum jab apne premika ki tareef karne ke liye istemaal karte hai tab hume Shabnam Shayari ki help hoti hai. Agar aap bhi apni mashuka ke liye romantic kuch share karna chahte hai to aapko yin Shayari on Shabnam ko unke sath jarur share karna chahiye.

आपने अनुभव किया होगा जब भी शबनम की बूंदे किसी पौधे के पत्तों पर जम जाती है, तो वो बड़ी ही खूबसूरत दिखाई देती है. शबनम की बूंदों को एक चमक प्राप्त होती है. और वह चमक उन्हें सूरज की किरणें प्रदान करती है. शबनम के हिंदी अर्थ · ओस, रात के समय फूल पौधों पर जमने वाली नमी.


शबनम की बूंदो को अपने प्रेमिका की तारीफ के लिए इस्तेमाल करने के लिए लिखी गयी, इन शबनम शायरी को मधुकर जी इनकी आवाज़ में सुनकर, आपको अपने कोमल दिलरुबा का चेहरा अपनी आँखों के सामने नज़र आएगा!
Voice-Over: Madhukar Magar

Shabnam Shayari

शबनम की बूंद जैसी है,
कोमलता आपकी मुस्कुराहट में..

हलचल सी मचा देती है,
इस गहरे इश्क़-ए-सागर में..

shabnam ki boond jaisi hai 
komalta aapki muskurahat mein..
hulchul si macha deti hai 
is gahare ishq e sagar mein…

जब प्रेमी अपनी प्रेमिका के बारे में सोच विचार करता है, तो वो उसकी किसी ने किसी से तुलना करने की कोशिश करता है. और इसमें वह उसकी तुलना शबनम की बूंदों से भी पाता है. वह जब भी अपने दिलबर की मुस्कान को देखता है. या फिर महसूस करता है, तो शबनम के बूंदों की याद ही आती है.

Shabnam Shayari in Hindi

Shabnam Shayari
Shabnam Shayari

अब तो उनके प्यार में डूबा हुआ यह आशिक बस उन्हीं की याद में खोया रहता है. जैसे उसके इश्क के समंदर में उसके दिल की कश्ती जैसे इधर उधर डोल रही हो. वह अपने महबूब की बाहों में जाने के लिए जैसे मचल रही हो. उसे तो अब हर जगह अपने महबूब की आंखें ही नजर आती है.

नज़र आए आपका ही चेहरा,
इन शबनम की बूंदों में..

फिजाएं गूंज उठी है,
आपकी ही महक में..

nazar aaye aapka hi chehrain 
shabnam ki boondon mein..
fizaye goonj uthi hai 
aapki hi mahak mein…

शबनम शायरी

आपके महबूब के आने से आपकी जिंदगी में बहुत से नए बदलाव आए हैं. जैसे की आपको लग रहा है कि फिजाएं बदल गई है. फूलों में एक नई महक आ गई है. पंछियों की चहचहाहट आपको प्यारी सी लगने लगी है. पूरी प्रकृति, पूरी धरती जैसे फिर से एक बार सजती है.

जिस तरह संभालकर रखते है
पत्ते शबनम की बूंद को..

उससे ज्यादा महफूज़ और खास 
रखना चाहते है हम आपको...

jis tarah sambhal kar 
rakhte hain patte 
shabnam ki boond ko..
usse jyada mahfuz aur 
khaas rakhna chahte 
hain ham aapko...
शबनम शायरी
शबनम शायरी

Final words on Shabnam Shayari

इन शबनम की बूंदों की तरह चमकती हुई, हमारी शबनम पर लिखी शायरियों को सुनकर, अगर आपको अपने महबूब की आंखों का ख्याल आया हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करते हुए हमें जरूर बताना फ्रेंड्स! अगर आप चाहते है की आपको फेसबुक पर शायरी सुकून अपडेट्स मिले, तो इस शायरी सुकून पेज को लाइक और शेयर जरूर करें.

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4 Comments

  1. वाह वा, क्या आवाज पायी है मिलिंद जी आपने.
    सचमुच बिता कल याद आ गया

  2. Wah..! Kya baat hai, Madhukar ji, aapki aawaz me ye Shabnam Shayari sunkar bahut accha laga. Aapki aawaz behad prabhavshaali hai. Shurkiya aapka!

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