अगर आप किसी के दिल में जगह बना सको, तो वह इंसान आपको पसंद करने लगेगा और आपको Pasand Shayari जरूर सुनाना चाहेगा. और आप कैसे दिल के पास रहने वाले इंसान के लिए ही तो हमने आज यह पसंद शायरी की नुमाइश की है.
और हमें पूरा यकीन है कि आपको हमारा यह नजराना जरूर पसंद आएगा. क्योंकि हम हमेशा ही यही कोशिश करते हैं कि जिस तरह से हमारे shayari sukun के इस प्यार भरी शायरियों के कारवाँ को आपने पसंद किया है, उसी तरह से आगे भी आप इसे जरूर प्यार देंगे. इसी तरह से अगर आप किसी इंसान को अपनी पसंद या नापसंद को जाहिर करना चाहते हो तो आप को हमारी Shayari on Pasand जरूर मदद करेगी.
Listen to Pasand Shayari | Voice-Over: Vrushali Suvarna Dnyandev
आपके साथ प्यार करते करते आपके दिलबर को जैसे एक गुरुर सा आने लगा है. उसी आपके साथ बात करना तो पसंद है लेकिन आपको किसी दूसरे के साथ देखकर हंसना और बातें करना उसके दिल को कतई नहीं भाता है. और शायद यही वजह है कि वह हमेशा आपको छोटी-छोटी बातों पर टोंक के रहता है.
1) तुमने जिसे नकारा, मुझे भी अब बात वो नापसंद है.. दिलरुबा तू ही मेरी पहली और आखरी पसंद है.. -Dipti
tumne jise nakara, mujhe bhi
ab baat vo na pasand hai..
dilruba tu hi meri pahli
aur aakhri pasand hai..
2) मेरे दिल में तुम्हारे लिए यारा हमेशा चाहत का प्रबंध होगा.. आज लाऊंगा जानेमन वही तोहफा जो तुम्हें पसंद होगा.. -Santosh
mere dil mein tumhare liye yara
hamesha chahat ka prabandh hoga..
aaj launga jaaneman vahi
tohfa jo tumhen pasand hoga..
3) अपनी दिलरुबा के वक्त का यारों मैं बड़ा पाबंद होता.. महंगा कोई तोहफा तो हर किसी को पसंद होता.. -Supriya
apni dilruba ke waqt ka
yaaron main bada paband hota..
mahanga koi tohfa to har
kisi ko pasand hota..
4) देख कर मुझे दिल ना धड़के तो दिलरुबा मुझे बता देना.. पसंद ना आए मेरी चाहत तो महबूबा एक बार कह देना.. -Dipti
dekh kar mujhe dil na dhadke
to dilruba mujhe bata dena..
pasand na aaye meri chahat to
mehbooba ek bar kah dena..
5) दिल मेरा चाहत में हमेशा तस्वीर देखता है.. मुझे आजकल तुम्हारा चेहरा पसंद आता है.. -Santosh
dil mera chahat mein hamesha tasvir dekhta hai..
mujhe aaj kal tumhara chehra pasand aata hai..
6) दिल में कभी गम की लहर भी आ सकती है.. कई लोगों की पसंद एक जैसी हो सकती है.. -Supriya
dil mein kabhi gam ki
lehar bhi aa sakti hai..
kai logon ki pasand
ek jaisi ho sakti hai..
7) पहली ही नजर में मुझ पर मोहब्बत का नशा छा गया.. मेरे इस दिल ने जानम तुम्हें देखते ही पसंद कर लिया.. -Dipti
pehli hi nazar mein mujh per
mohabbat ka nasha chha gaya..
mere is dil ne janam tumhen
dekhte hi pasand kar liya..
8) उन्हें देखकर आंखों से मेरे अश्क बहने लगे.. मुझे जानने वाले जब हमें अपनी पसंद पूछने लगे.. -Santosh
unhe dekh kar aankhon se
mere ashq bahne lage..
mujhe jaane wale jab hamen
apni pasand poochhne lage..
9) मेरी फूटी किस्मत पर वो जाने क्यूं मुस्कुराने लगे.. खुद पसंद करने वाले ही अब मुझे ठुकराने लगे.. -Supriya
meri footi kismat per vo
jaane kyon muskurane lage..
khud pasand karne wale hi
ab mujhe thukrane lage..
Pasand Shayari की मदद से ही तो अपने दिल के अरमान जाहिर किए थे हमने…
और तब जाकर आप उसे pasand shayari की मदद से अपने दिल की पसंद और नापसंद के बारे में बताना चाहती हो. और उसे अपने दिल के हालातों से रूबरू करवाते हुए यही जाहिर करना चाहती हो कि आपका प्यार तो बस एक वो ही है.
10) जानेजां, एक तुझे छोड़कर हर किसी को पाबंद करेगा.. जब भी यह दिल प्यार करेगा एक तुझे ही पसंद करेगा.. -Dipti
jaaneja, ek tujhe chhodkar
har kisi ko paband karega..
jab bhi yah dil pyar karega
ek tujhe hi pasand karega..
11) प्यार में अपना बना कर दिल मेरा तुझे ही नजरबंद करता है.. जब भी तू रूठ जाती है मेरा मनाना तुझे बड़ा पसंद होता है.. -Santosh
pyar mein apna bana kar dil
mera tujhe hi najarband karta hai..
jab bhi tu rooth jaati hai mera
manana tujhe bada pasand hota hai..
12) यह दिल हमेशा एक तेरी ही फिक्र करता है.. मसला मेरे पसंद और तेरी चाहत का होता है.. -Supriya
yah dil hamesha ek
teri hi fikra karta hai..
masala mere pasand aur
teri chahat ka hota hai..
13) उसकी प्यार भरी नजर यारों मेरे दिल में उतर जाती है.. मेरे दिलरुबा की हर एक पसंद मुझे अपना बनाती है.. -Dipti
uski pyar bhari nazar yaaron
mere dil mein utar jati hai..
mere dilruba ki har ek
pasand mujhe apna banati hai..
14) दिलरुबा चाहत में मेरा चेहरा दिल में तुम छुपा कर रखना.. बड़ा ही पसंद है मुझे उसका यूं तिरछी नजरों से देखना..! -Santosh
dilruba chahat mein mera chehra
dil mein tum chhupa kar rakhna..
bada hi pasand hai mujhe uska
yun tirchhi nazron se dekhna..!
15) जिंदगी भर यूं ही मेरे दिल को एक उसका ही साथ चाहिए.. मेरी महबूबा ही पसंद है मुझे, उसके सिवा कोई ना चाहिए.. -Supriya
zindagi bhar yun hi mere dil ko
ek uska hi sath chahiye..
meri mehbooba hi pasand hai mujhe,
uske siva koi na chahiye..
16) उसके कानों में झुमके बड़े ही गजब ढाते हैं.. यारों उसके खुले बाल मुझे बड़ा पसंद आते हैं.. -Dipti
uske kanoon mein jhumke
bade hi gajab dhaate hain..
yaaron uske khule baal
mujhe bada pasand aate hain..
17) चाहता हूं महबूबा तू यूं ही हमेशा मेरे दिल में रहना.. पसंद है मुझे यारों उसका लड़खड़ा कर बातें करना..! -Santosh
chahta hun mehbooba tu yun hi
hamesha mere dil mein rahana..
pasand hai mujhe yaaron uska
ladkhada kar baatein karna..!
18) उससे प्यार करते हुए अब उसी का होना पसंद है मुझे.. उस दिलरुबा की यादों में ही पूरी तरह खोना पसंद है मुझे.. -Supriya
usse pyar karte huye ab
usi ka hona pasand hai mujhe..
us dilruba ki yadon mein hi
puri tarah khona pasand hai mujhe..
और साथ ही इस बात से आगाह कराना चाहती हो कि आपसे मिलने से पहले वह भी तो आपके लिए अजनबी के जैसा ही तो था. लेकिन आपके दिल को उनकी बातें अच्छी लगी इस वजह से आपने उन्हें अपना लिया है.
Pasand Shayari को सुनाकर आप अपने जीने के अंदाज को बयां करना चाहोगी..
बचपन से लेकर आज तक आपने किसी की बातों में आकर अपने निर्णय नहीं लिए थे. आप तो हमेशा अपने दिल की बात सुनते आई है. किसी और की बातों का के दिन पर जैसे कोई असर नहीं होता रहा है. आपके मन में यही बात हमेशा बाकी रही है कि हमेशा इसी तरह के हालात यूं ही बने रहे.
19) अपने दिल का हमसफर एक तुम्हें ही जान लिया है.. तुम्हारी पसंद को मैंने यारा अब अपना मान लिया है.. -Dipti
apne dil ka humsafar
ek tumhen hi jaan liya hai..
tumhari pasand ko maine yaara
ab apna man liya hai..
20) एक तुम्हारी यादों में मुझे खो जाना आता है.. मेरे दिल को हमेशा प्यार तुम्हारा पसंद होता है.. -Santosh
ek tumhari yadon mein
mujhe kho jana aata hai..
mere dil ko hamesha pyar
tumhara pasand hota hai..
21) चाहत में आजकल यारा बस तुम्हें याद करता हूं.. हमेशा तुम्हारी पसंद का जानू, मैं दीवाना होता हूं.. -Supriya
chahat mein aajkal yaara
bas tumhen yad karta hun..
hamesha tumhari pasand ka
jaanu, main deewana hota hun..
22) दिलबरा हर लम्हा चाहता हूं मैं, तस्वीर तुम्हारी नजर में रखना.. मुझे बड़ा पसंद आता है जानम, तुम्हारा यूं मुस्कुराकर देखना.. -Dipti
dilbara har lamha chahta hun main,
tasveer tumhari nazar mein rakhna..
mujhe bada pasand aata hai janam,
tumhara yun muskurakar dekhna..
23) तेरी चाहत में याद मैं करता रहता हूं रात दिन हमेशा तुझे.. खुशमिजाज तेरा अंदाज यारा पसंद आता है हमेशा मुझे.. -Santosh
teri chahat mein yad main karta
rahata hun raat din hamesha tujhe..
khushmizaj tera andaaz yara
pasand aata hai hamesha mujhe..
24) अपने दिल में हमेशा तू मुझे ही छुपा कर रखना.. पसंद है मुझे दिलरुबा, देखकर तेरा खुश होना.. -Supriya
apne dil mein hamesha tu
mujhe hi chhupa kar rakhna..
pasand hai mujhe dilruba,
dekhkar tera khush hona..
25) पता है महबूबा अब तू चाहत में मेरे साथ नहीं.. पसंद है जो प्यार, शायद वही मेरी किस्मत में नहीं.. -Dipti
pata hai mehbooba ab tu
chahat mein mere sath nahin..
pasand hai jo pyar, shayad
vahi meri kismat mein nahin..
26) इश्क में कभी कबार यार के दिल में फूल खिलते नहीं.. अक्सर जो पसंद आते हैं, वही जिंदगी में मिलते नहीं.. -Santosh
ishq mein kabhi kabar yaar ke
dil mein phool khilte nahin..
aksar jo pasand aate hain,
vahi jindagi mein milte nahin..!
लेकिन कभी-कभी यह मुमकिन नहीं होता है. और इसी वजह से आपको अपने चाहने वालों को भी pasand shayari की मदद से अपने दिल के सूरते हाल बताना ही जायज़ होता है. कभी-कभी हालात इतने बेकाबू हो जाते है कि आपके अस्तित्व को भी जैसे कोई महत्व नहीं देने लगता है.
अपने मन की बातों को बिना झिझकते हुए दुनिया के सामने बयां करना चाहोगी..
अपने यार से तहे दिल से प्यार करना यह तो आपके लिए जरूरी ही नहीं बल्कि आपकी मनचाही बात थी. अपने यार से आपने सोच कर प्यार नहीं किया था. बल्कि उससे आपको अपने आप प्यार हो गया था. उनकी बातों का अंदाज और उनकी चाहत की आरजू ही आपको उनसे प्यार करने पर मजबूर करने लगी थी.
लेकिन शायद ऐसी बात आपके आशिक ने नहीं समझी थी. और इसी वजह से आपकी मासूम दिल से तो प्यार करना चाहता था. लेकिन जिस तरह से कोई बहती हवा को बांध लेना चाहता है या फिर किसी उड़ती हुई तितली को अपनाना चाहता है. कुछ इसी तरह के विचार आपका महबूब आपके लिए कर रहा था.
लेकिन आप भी उसे pasand shayari की मदद से यही बात अच्छी तरह से समझाना चाहती हो. चाहे जो कुछ हो जाए आप किसी की बंधन में जकड़ कर रहना नहीं चाहती हो.
हमारा अजनबी लोगों से
बात करना उन्हे पसंद नहीं..
पर भूल जाते हैं कि कभी
वो भी हमारे लिए अजनबी थे..
hamara ajnabi logo se
baat karna unhen pasand nahin..
par bhul jaate hain ki kabhi
vah bhi hamare liye ajnabi the..
कोई हमारे पैरों मैं
जंजीर बांधे ये हमें पसंद नहीं..
हम आज़ाद हैं, आजाद रहेंगे और
आजाद ही रहना चाहेंगे..
koi hamare pairon mein
zanjeer bandhe ye hamen pasnd nahin..
ham azad hain, azad rahenge aur
azad hi rahana chahenge…
मासूमियत से हमारी, उनका
प्यार करना तो लाज़मी था..
तितली समझ कर उसका कैद करना,
हमें पसंद नहीं आया..
masumiyat se hamari, unka
pyar karna to lazmi tha..
titli samajhkar uska kaid karna,
hamen pasand nahin aaya…
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Wow Ma’am
Apkiii Shayari Andaaaz dil ko Bahatii hai Hamesha.
व्वाह वृषालीजी ???????? “वो भी कभी अजनबी थे” ये खयाल बहोत ही जबरदस्त था????