क्या हुआ दोस्त? आज सीधा माफी शायरी पोस्ट पढ़ने के लिए आ गए हो..! अगर आपका कोई खास व्यक्ति आपसे रूठा है, तो फिक्र की कोई बात नहीं, क्योंकि अपना शायरी सुकून है ना..😀, आपको अपने साथी को मनाने के लिए यह Maafi Shayari in Hindi पोस्ट लिखी गई है.
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Listen to Maafi Shayari | Voice-Over: Aditi Kshirsagar
Maafi Mangne Wali – माफी शायरी
प्रेम संबंध में अपने साथी का दिल दुखाने के बाद उसको मनाना आसान नहीं होता, हमारा खुद का अनुभव है इसमें. लेकिन माफी शायरी एक ऐसा कारगर तरीका है जिससे आप अपने साथी को जल्दी मना सकते है.
1) हर नक्श उस की याद का मिटा दिया होता उस हरजाई को काश पहले ही भुला दिया होता.. शर्मिंदा हुँ तुझ से, माफ कर ऐ ज़िंदगानी काश साँज ढले तुझे तेरा हक लौटा दिया होता.. -Moeen
her naksha uski yad ka mita diya hota
use harjai ko kash pahle hi bhula diya hota..
sharminda hu tujhse, maaf kar ae zindagani
kaash sanjh dhale tujhe tera hak lauta diya hota..
अपने यार कि किसी भी आपको आशिक अब तहे दिल से यह बिल्कुल भी बुलाना नहीं चाहता है. वह उसे अपने दिलो दिमाग से निकाल देना चाहता है. फिर चाहे इसके लिए उसे उसके यादों के किसी भी नक्शे को भी क्यों ना भुलाना पड़े.
क्योंकि वह अपने बेवफा यार को हद से ज्यादा प्यार कर बैठा है. और शायद इसी वजह से उस बेवफा नहीं आशिक के साथ धोखा किया है. इसी वजह से उसे अपनी ही जिंदगी पर अब शर्मिंदगी महसूस हो रही है. और इसके लिए वह अपने यार से माफी भी मांग चुका है.
2) वफाओं के नाम पर तुम ने मुझे भीक दी टूट कर चाहने की सज़ा मुझे बिलकुल ठीक दी.. कैसे शिकवे, कैसी माफी अब हम अजनबी हैं तुम ने जो दी चोटे मुझे बेहद अमीक दी.. *अमीक : गहरी -Moeen
wafaon ke naam per tumne mujhe bheek di
tut kar chahane ki saja mujhe bilkul theek di..
kaise shikwe, kaise mafi ab ham ajnabi hai
tumne jo de chote mujhe behad ameek di..
Maafi Shayari in Hindi Image – माफी शायरी इमेज
अगर आपने गलती की है तो, आपको जरूर माफी मांगना चाहिए, अगर माफी शायरी के ज़रिए आपका माफी मांगना सफल होता है तो इससे बढ़िया क्या बात होगी?
3) चाहत के माथे पर ये बेबसी अच्छी नहीं लगती तुझ से बिछड़ कर ये ज़िंदगी अच्छी नहीं लगती.. माफ करना यारों उदासी हिस्सा हैं ज़िंदगी का उस के बाद कोई खुशी अच्छी नहीं लगती.. -Moeen
chahat ke mathe per yah bebasi acchi nahin lagti
tujhse bichhad kar yah jindagi acchi nahin lagti..
maaf karna yaro udaasi hissa hai
jindagi ka uske bad koi khushi acchi nahin lagti..
आशिक अपने बेवफाई में डूबे हुए भी यार के बारे में ही सोचता रहता है. उसे अपने दिलबर की यादें तो तड़प आती रहती है. लेकिन वह फिर भी उसकी मोहब्बत में खुद को भुलाना नहीं चाहता है.
क्योंकि जिस तरह से वह अपने प्यार में ठोकर खा चुका है. उसे तो अपने दिलबर पर भी अब भरोसा नहीं रहा है. वह उससे कई बार माफ़ी तो मांग चुका है. लेकिन उसे इस बात का भी अब भरोसा नहीं रहा है. शायद उसे लगता है कि उसका महबूब अब उसे कभी भी माफ ना कर पाएगा.
4) अब शाम ढले आँखों में रवानी होती हैं मेरे बिस्तर पर बाल खोले तन्हाई सोती हैं.. चाहत माँगती हैं माफी, नज़रें चुराती हैं मेरे हालात पर आशिकी सर पटख कर रोती हैं.. -Moeen
ab shaam dhale aankhon mein rawani hoti hai
mere bistar par baal kholen tanhai soti hai..
chahat mangti hai mafi, najre churati hai
mere halat per aashiqui sar pathak kar roti hai..
5) तुझ से बिछड़ कर आँखों में रवानी रहती हैं तेरे बाद हम से खफा ये ज़िंदगानी रहती हैं.. माफी का तलबगार हुँ तुझ से ऐ दिल अब मेरी खातीर तुझ पर गमों की हुकमरानी रहती हैं.. -Moeen
tujhse bichhad kar aankhon mein rawani rahti hai
tere baad humse khafa ye jindgani rahti hai..
mafi ka talabgar hun tujhse aye dil ab
meri khatir tujh per gamon ki hukumrani rahti hai..
अपनी यार की यादों में जब तलक आशिक खोया रहता है. उसे आपने प्यार के हर एक रवानी का एहसास होता है. और वह अपने दिलबर से बिछड़ कर उन सभी बातों को अच्छी तरह से समझ रहा है.
और साथ ही वह अपने महबूब से बिछड़ कर वो सभी पुरानी यादों को भी ताजा कर लेता है. जिन यादों की वजह से वह अपने दिलबर से ही आज माफी मांग रहा है. एक तरह से यह बात उसके लिए बहुत ज्यादा शर्मिंदगी लायक होती है. लेकिन वह अपने दिल का आलम हमेशा इसी तरह से पा रहा है.
6) प्यार ही किया कभी तुझसे बेवफाई ना की.. हमने तुझे भुलाने की खता तो कभी ना की..
pyar hi kiya kabhi
tujh se bewafai na ki..
humne tujhe bhulane ki
khata to kabhi na ki..
Maafi Mangkar Apne Special One ko Manao
7) दिल धड़कता है सिर्फ तुम्हारे खातिर प्यार के लिए इतना काफी है ना.. नाराज हो बहुत, पता है हमें लेकिन एक बार गलती को माफी देना..
dil dhadakta hai sirf tumhare khatir
pyar ke liye itna kafi hai na..
naraj ho bahut pata hai hamen lekin
ek bar galti ko mafi dena..
आशिक का दिल हमेशा अपने महबूब की यादों में ही धड़कता रहता है. लेकिन फिर भी वह उसके दिलबर के लिए कुछ अलग बात कहना चाहता है. और जिस बात से उसे अपने यार को अपने प्यार का भरोसा देना आसान हो जाएगा. और साथ ही उसका वह महबूब भी अपनी नाराजगी छोड़ कर फिर उस पर अपना दिल वार देगा.
क्योंकि आशिक के साथ माफी को लेकर जो भी वाकिया हुआ होगा. उसे उसका महबूब तहे दिल से झुक कर माफी भी मांगना चाहता है. लेकिन उसके दिलबर से वह मशवरा भी बहुत ज्यादा लगता है. और उसका यार भी उसे इस बात की इजाजत बिल्कुल नहीं देता है.
8) एलान करते हैं अपनी चाहत का मरते है सिर्फ तुम पर.. मांगते हैं माफी तहे दिल से जो हो तुम रुसवा हम पर..
elaan karte hain apni chahat ka
marte hain sirf tum per..
mangte hain mafi tahe dil se jo
ho tum ruswa ham per..
9) गम को अपने बयां करने वाला कोई बाखुदा होगा.. मालूम ना था दिल हमारा हमी से जुदा होगा..
gum ko apne bayaa karne
wala koi bakhuda hoga..
maloom na tha dil hamara
hami se juda hoga..
अपने दिल के गम हर कोई एक दूसरे से इतनी आसानी से कह नहीं पाता है. और इसी वजह से तो हर किसी के दिल की मुराद है शायद पूरी ना हो पाती है. क्योंकि हमें इस बात का पता जरूर है. जो भी आदमी अपने दिलबर से तहे दिल से अगर प्यार करेगा.
तो उसके हाथों से कोई ना कोई गलती जरूर होगी. लेकिन यह बात आशिका महबूब बिल्कुल भी नहीं मानता है. इसी वजह से आशिक खुद की लिखी हुई किस्मत पर बहुत ज्यादा तरस खा रहा है. और अपने महबूब को अब और ज्यादा गम में डूबा हुआ बिल्कुल देखना नहीं चाहता है.
10) छोटी सी गलती की सजा देकर मुझसे रिश्ता तोड़ गया.. हैरान हूं मैं यार मेरा बीच सफ़र ही साथ क्यों छोड़ गया..
chhoti si galti ki saja dekar
mujhse rishta tod gaya..
hairan hun main yaar mera bich safar
hi sath kyon chhod gaya..
Maafi Shayari In Urdu की मदद से दिलबर अपने आशिक की गलती भूलाना नहीं चाहता है. क्योंकि उसके चाहत का गम उसका दिलबर ही तो याद दिला रहा है. लेकिन जिस गलती को अक्सर हर कोई भुला देता है.
उसी गलती को आशिक का महबूब जैसे गुनाह समझ रहा है. और इसी वजह से अब आशिक को आपने महबूब पर तरस भी आ रहा है. और उसे इस बात से हैरानी भी हो रही है. क्योंकि उसने आज तक अपने यार के लिए ऐसी बातें कभी नहीं की थी.
11) मेरे हिस्से मैं गर कुछ हैं तो वो है तेरी माफी.. हैं कबूल मेरी दुआ तो मेरे लिए यही है काफ़ी...
mere hisse mein gar kuchh hai
to vah hai teri mafi..
hai qubool meri dua
to mere liye yahi hai kafi…
12) वफ़ा को निभाकर मैंने दिए कई जख्म तुझे.. पर बेवफाई नहीं कि तो बस मिल जाए तेरी माफी मुझे...
wafa ko nibha kar maine
diye kai zakhm tujhe..
per bewafai nahin ki to bas
mil jaaye teri maafi mujhe..
13) पता नहीं मेरा मांगना जायज है या नहीं.. माफी कबूल करो मेरी ये खता हमसे है हुईं...
pata nahin mera mangna
jaayaj hai ya nahin..
mafi qubool karo meri yeh
khata humse hai hui..
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Conclusion
दोस्तों, तो फिर कैसी लगी आपको ये माफी शायरी पर लिखी गई ब्लॉग पोस्ट? अगर माफ करदो शायरी से आपका लाभ हुआ है, तो हम समझेंगे की इस पोस्ट को लिखना सफल हुआ है! अगर ये पोस्ट लिखने में हमसे कोई भूल हुई हो तो हमे भी माफ करना ना भूलिएगा 😀.. अगर आपको चाहिये कि अपने Twitter हैन्डल पर शायरी सुकून अपडेट्स मिले, तो हमें शायरी सुकून अकाउन्ट पर Follow जरूर करें.