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Best 10+ Naraz Shayari से आपके दिल की नाराजगी जरूर दूर होगी!

Naraz Shayari ko aap padhne ke liye agar aaye hai to aap bahut sahi jagah aaye hai. Yaha aapke narazgi ko Naaraz Shayari ke jariye baya kiya jayega. Yaha aapko नाराज़गी पर शायरियां padhne aur sunne ko milegi.

दोस्तों, अगर आपका चहेता आपसे मनमानी करें, तो आप उसपर नाराज़ हो सकते हैं. लेकिन अगर खुद आपका दिल ही आपसे नाराज़ हो जाये, तो आप किससे रुठोगे? क्योंकि वह दर्द आपका होता है और दर्द देने वाला भी आपका दिल ही होता है.



Listen to Naaraz Shayari by Madhukar Magar [shayarisukun.com]

नाराजगी ना रखना की आप
जैसी चाहत हम ना कर पाए

जितनी कर पाए उसमें
ख़ुद के लिए हसीं भी ना ले आएं

Vrushali

narazgi na rakhna ki aap
jaisi chaht hum na kar paye
jitni kar paaye usme
khud ke liye hasi bhi na le aaye

जब भी कोई अपना खास और अजीज़ अपने से नाराज़ हो जाता है या जाती है तो हमारा दिल कही और लगता नहीं. हमारा मन भी काफी उदास रहता है, तब बस मनमे एहि चल रहा होता है की कैसे अपने साथी की नाराज़गी को दूर करके उन्हें खुश कर सके. और जब हम उन्हें मनाने में सफल होते है तब जाकर हमारे दिल को सुकून और तसल्ली मिलती है.

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Narazgi par Shayari | Shayari on Narazi

Naraz Shayari: जब दर्द कोई अपना ही दे तो कैसे लगता है?

जब आप अपने दिलबर पर नाराज हो जाते है, तो आपके दिलबर ने की हुई मनमानी पर आपको जराभी परेशानी नहीं होती. आपको उसपर बड़ा ही प्यार आता है. लेकीन उस नाराजगी की वजह कोई और होनी चाहिए, ना कि आप खुद! क्योंकि अक्सर हमनें लोगोंको यह कहते देखा है कि उन्हें अपने साथी से कोई शिकवा तो नहीं होता.

करोड़ों की भीड़ में मुश्किल से वो मिला है
वही सनम मान है मेरा… वही मेरा हौसला है
वो हो अगर नाराज़ तो हो जाता हूँ उदास
मेरा सनम तन्हा ही मेरे लिए काफिला है

-Moeen

Karodo ki bheed me mushkil se wo mila hai
wahi sanam maan hai mera, wahi mera hausala hai
wo ho agar naraz to ho jaata hu udaas
mera sanam tanha hi mere liye kaafila hai

लेकिन जब उनकी खुद की नाराजगी की बात हो जाती है, तो वे अपने साथी की किसी भी मनमानी पर उसकी एक नहीं सुनते. उनके मन में अपने साथी के लिए थोडी भी कद्र नहीं आती. वे उसको हर तरह से दूर करने की कोशिश करते है.

Narazgi Shayari: आपकी नाराज़गी नजरअंदाज होने लगी है..

लेकिन ऐसा करने पर उन्हें इस किये की सजा भी मिल जाती है और बादमे उन्हें बहोत पछताना भी पड़ता है. कभी-कभी आपके नाराजगी से आपके साथी को कोई लेना देना नही होता. वह आपसे कोई राब्ता नहीं रखना चाहता. आप चाहे जितना नाराज हो जाये, इससे उसको कोई फरक नही पडता.

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Naraz Shayari | Shayari on Narazgi

वो बस अपना ही तेवर बताना चाहता है. तब आपके दिल को बहुत गहरी ठेस पहुंच सकती है और आप यह सोचते हैं कि इस नाराजगी का रिश्ता शायद आपके दिलबर से नहीं, बल्कि किसी दूसरे से है..

जब भी देखा है उस दिलरूबा को हिजाबों में
खो जाता हूँ अकसर मैं… ख्यालों के सराबों में
हो जाऊँ कभी मैं नाराज़ अपनी शहेज़ादी से
वो मनाने चली आती है फिर मुझे ख़्वाबों में

-Moeen

jab bhi dekha hai us dilruba ko hijabo me
kho jaata hu aksar mai..khayalo ke saraabo me
ho jau kabhi mai naraz apni shahejadi se
wo manane chali aati hai fir mujhe khwabo me

आपने अक्सर देखा होगा अगर आपका अपना आपसे नाराज हो जाए या रूठ जाए, तो उसे मनाना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है. आप चाहे जितना मनाने की कोशिश करो, वो बस अपनी ही जिद पर अड़ा रहता है. आपकी एक भी नहीं सुनता.

तेरी चूड़ीयों की आवाज़ कानों में रस घोलती है
शाम ढले फिज़ाए तेरी यादों के खत खोलती है
नाराज़गी में भी लबों पर आ जाती है मुस्कुराहट
कोई ज़बान जब मेरे महबूब का नाम बोलती है

-Moeen

teri chudiyo ki aawaz kano me ras gholti hai
shaam dhale fizaye teri yaado ke khat kholti hai
narazgi me bhi labo par aati hai muskurahat
koi jabaan jab mere mahbub kaa naam bolti hai

लेकिन वो आपसे नाराज है, इस बात से आपको कितना दर्द हो रहा है, ये बात उसे हमेशा पता हो, यह मुनासिब नहीं. और यह जरूरी भी नहीं कि हर वक्त उसे आप के दर्द की पहचान हो. क्योंकि दर्द समझने के लिए दर्द झेलने भी पड़ते हैं दोस्तों, सही कहा ना!

Narazgi Shayari | नाराज़गी शायरी

नाराज हो भी जाए तो किससे,
ये दर्द मेरा ही है,

और दर्द देनेवाला भी..!

naraz ho bhi
jaaye to kis se,
ye dard mera hi hai
aur dard dene wala bhi…!
ruthe dost ko
manane ki shayari

मेरे नाराज होने से,
नहीं है उसे कोई राब्ता,

जैसे कि, इस नाराजगी का..
किसी और से हो रिश्ता…

mere naraz hone se
nahi hai use koi Raabta,
jaise ki is narazgi ka
kisi aur se ho rishta…

प्यारी लगती तेरी मनमानी,

जब नाराज मै तुमसे हो जाऊ,
और वजह कोई और होती…!

pyari lagti teri
manmani,
jab naraz mai
tumse ho jaun
aur vajah koi aur hoti…!

naraz-1-emotional-sad-shayari-02
Narazgi Shayari

अगर इस नाराज शब्द पर शायरियां पढ़के आपको अपनी नाराजगी को बयां करने का मौका मिला हो, तो निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करना नहीं भूलियेगा दोस्तों.

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7 Comments

  1. Touch to Heart

    नाराज हो भी जाए तो किससे,
    ये दर्द मेरा ही है,

    और दर्द देनेवाला भी..

  2. बहोत,,,,खूब भाई इस नायाब शायरी को आज सच्चा जादुई आवाज मिला,,,,,,,
    वैसे,,,,आपकी आवाज की क्या मिसाल दे
    Rj ,,,,,जो ठहरे,,गजब
    दिल जित लिया

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