बशीर बद्र शायरी के जरिए हम आपके लिए ले आए हैं एक प्यारा नजराना. इन शायरियों को पढ़कर आपको एक शायर की ताकद का एहसास होगा. ऐसा कहते है कलम किसी तलवार की तरह काम करती है. वाकई सही कहते है.
आज की हिंदी भाषा में बशीर बद्र इनकी शायरियां आपको पढ़ने में और रुचि ले आएगी. इसे पढ़ते हुए आप इन में खो जायेंगे. उनका शायरी लिखने का एक अलग ढंग मन को भा जाता है. आप जरूर इन शायारियोंका लुफ्त उठाना चाहते होंगे.
जब कभी भी तुम्हारा ख़याल आ गया
फिर कई रोज़ तक बेख़याली रही
Jab kabhi bhi tumhara khyal a Gaya
Fir Kai roj Tak bekheyali Rahi
बशीर बद्र इनकी कुछ मशहूर शायरिओं को सुनिए
बशीर बद्र की मशहूर शायरी पढ़कर आपको और शायरियां पढ़ने का दिल करेगा. ऐसे कई शायर है जिन्होंने अपना एक अलग चाहने वाला वर्ग बनाया है. बशीर बद्र उन्हीं में से एक है. जिनकी शायरियां कई लोग पढ़ते हैं. और उनके चाहते भी है. यदि आप भी उन्हीं में से एक है तो आज की यह पेशकश आपके लिए तोहफा है.
हम भी दरिया हैं हमें
अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे
रास्ता हो जाएगा
Ham bhi dariya hai hamen
Apna hunar maloom hai
Jis taraf bhi chal padenge
Rasta ho jaega
बशीर बद्र की मशहूर शायरी

लहजा कि जैसे
सुबह की ख़ुशबू अज़ान दे
जी चाहता है मैं
तेरी आवाज़ चूम लूं
Lahaja ki jaise
Subah ki khushabu ajan de
Ji chahta hain main
Teri avaj chum lun
किसी की आवाज की तारीफ करना आसान तो नहीं होता. उसके लिए बेइंतेहा खूबसूरत लफ्ज़ ढूंढने पड़ते है. Bashir Badr shayari आपको वहीं लफ्ज़ देती है. जिसके जरिए आप अपनी महबूबा की मीठी आवाज की तारीफ कर सकते है. जिससे वह बहुत ज्यादा खुश होने वाली है.
जिस दिन से चला हूं
मेरी मंज़िल पे नज़र है
आंखों ने कभी मील का
पत्थर नहीं देखा
Jis din se chala Hu
Meri Manzil pe Nazar hai
Aankhon ne kabhi mil ka
Pathar nahin dekha
इतनी मिलती है
मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझको मेरा
महबूब समझते होंगे
Itani milati hain
Meri gazalon se surat Teri
Log tujhko mera
Mahbub samjhte honge
दोस्तों, जब शायर कोई शायरी लिखता है, या फिर गजलकार कोई ग़ज़ल लिखता है, तो जरूर ही किसी की कल्पना कर के लिखता होगा. जब हर शायरी किसी से मेल खाने लगे तो फिर उसे शायर का महबूब कहना तो लाजमी है. हम अपनी लिखावट में उसी का जिक्र करते हैं जिनसे हम प्यार करते है.
कभी यूं भी आ मेरी आंख में,
कि मेरी नजर को खबर ना हो
मुझे एक रात नवाज दे,
मगर उसके बाद सहर ना हो
Kabhi Yun bhi aa meri aankh mein
Ki meri Nazar Ko khabar Na Ho
Mujhe ek Raat Nawaz de
Magar uske bad Shahar Na Ho

शौहरत की बुलन्दी भी
पल भर का तमाशा है
जिस डाल पर बैठे हो,
वो टूट भी सकती है
Shohrat ki bulandi bhi
Pal bhar ka Tamasha hai
Jis dal per baithe ho
Vah Tut bhi sakti hai
Best Collection of Bashir Badr Shayari in Hindi
मिल भी जाते हैं तो
कतरा के निकल जाते हैं,
हाय मौसम की तरह
दोस्त बदल जाते हैं
Mil nhi jate hain to
Katara ke nikal jate hain
Hay mausam ki tarah
Dost badal jate hain
दोस्तों जब हैं अपने दोस्त की बुरी स्थिति में मदद नहीं करते है तो उसके सामने जाने से कतराते है. जब वर अपने बुरे हालातों से उभर कर बड़ा हो जाता है. तब हम उससे नजरे नहीं मिला पाते. कभी हम उसी दोस्त के साथ उठते बैठते थे. घूमते फिरते थे. लेकीन ऐसा होने के बाद हम जैसे बदल ही जाते है. उससे बात करने का हमारा मन नहीं होता.
उसे किसी की मुहब्बत का एतिबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है
Use kisi ki Mohabbat ka Aitbaar nahin
Use jamane ne Shayad bahut sataya hai

हम अभी तक हैं
गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि
सम्भल जाते हैं
Ham abhi tak hain
Giraftar-e-muhabbat yaaron,
Thokaren kha ke suna tha ki
Sambhal jate hain
Bashir Badr shayari की एक खास विशेषता है. बहुत कम शब्दों में गहरा अर्थ बया करने की यह शायरियां काबिलियत रखती है. दोस्तों मुहब्बत में हर कोई गिरफ्तार होना चाहता है. लेकीन ठोकर नहीं खाना चाहता. लेकीन कुछ लोग ठोकरें खाते है और संभलते भी है. लेकीन फिर मोहबब्त की गिरफ्त में ही रहते हैं.
गुलाबों की तरह शबनम में
अपना दिल भिगोते हैं
मुहब्बत करने वाले
ख़ूबसूरत लोग होते हैं
Gulabon ki tarah Shabnam mein
Apna Dil bhigote Hain
Mohabbat Karne Wale
Khubsurat log hote Hain
दुश्मनी जम कर करो
लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त
हो जाएं तो शर्मिन्दा न हों
Dushmani jamkar karo
Lekin yah gunjaish rahe
Jab kabhi ham dost
Ho jaaye to sharminda Na Ho
वो बड़ा रहीमो करीम है,
मुझे ये सिफ़त भी अता करे
तुझे भूलने की दुआ करूं
तो मेरी दुआ में असर ना हो
Vah bada Raheem o Kareem hai
Mujhe ye sifat bhi ata kare
Tujhe bhulne ki dua Karu
To meri dua mein asar Na Ho

Awesome Images of Bashir Badr Shayari
इक शाम के साए तले
बैठे रहे वो देर तक
आँखों से की बातें बहुत
मुँह से कहा कुछ भी नहीं
Ek sham ke saye tale
Baithe rahe vo der tak
Ankhon se ki baten bahut
Munh se kaha kuch bhi nahi
कभी हालात ऐसे हो जाते हैं जहा लफ्ज़ काम नहीं करते. लेकिन हमारी आंखे सब कुछ बया कर देती है. जब दो प्यार करने वाले आमने सामने होते हैं तो वो एक दूसरे की आंखों में ही सुख दुख पढ़ लेते है. उन्हें उस लफ्जों में बया करना ही नहीं पड़ता.
कोई काँटा चुभा नहीं होता
दिल अगर फूल सा नहीं होता
Koi kanta chubha nahi hota
Dil agar ful sa nahi hota
दोस्तों आप तो जानते हैं पत्थर पर वार करने से पत्थर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचता. लेकिन वही वार किसी फूल पर करें तो वो तहस नहस हो जाता है. अपनों का दिल भी कुछ ऐसा ही होता है. जिन पर हम अपने लफ्जों से वार कर सकते हैं. लेकिन हमें अपने कड़वे लफ्जों से उनके दिल पर वार नहीं करने चाहिए. बल्कि फूल की तरह उसका खयाल रखना चाहिए.
चमकती है कहीं सदियों में
आंसुओं से ज़मीं
ग़ज़ल के शेर कहां
रोज़-रोज़ होते हैं
Chamakti hai kahin sadiyan mein
aansuon se jameen
Ghazal ke Sher kaha
roj roj hote Hain
तेरे इख्तियार में क्या नहीं,
मुझे इस तरह से नवाज दे
यूं दुआयें मेरी कूबूल हों,
मेरे दिल में कोई दुआ ना हो
Tere ikhtiyar mein kya nahin
Mujhe is tarah se Nawaz de
Yu duaye meri qabool Ho
Mere Dil mein koi dua Na Ho
Bashir Badr Best Shayari to read

अबके आंसू आंखों से दिल में उतरे
रुख़ बदला दरिया ने कैसा बहने का
abke aansu aankhon se Dil mein utare
Rukh badla dariya ne kaisa bahane ka
कमरे वीराँ आँगन ख़ाली
फिर ये कैसी आवाज़ें
शायद मेरे दिल की धड़कन
चुनी है इन दीवारों ने
Kamre viran angan Khali
Fir yah kaisi awaazen
Shayad mere Dil ki Dhadkan
Chunni hai in deewaron ne
इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं
ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते
Is shahar ke badal tiri julfon ki tarah hain
Ye aag lagate hain bujhane nahi aate
वाह क्या बात है…! यह शायरी तो कमाल कर रही है. जुल्फों से भला कौन आग लगाता है..! लेकिन यहां तो शायर बेइंतेहा शराफत से अपनी मेहबूबा कि जुल्फों का वर्णन करते है.
ज़हीन सांप सदा
आस्तीन में रहते हैं
ज़बां से कहते हैं
दिल से मुआफ़ करते नहीं
Jahin sanp sada
Aasteen mein rahte hain
Jaba se kahate Hain
Dil se muaaf karte nhi
कभी दिन की धूप में झूम कर,
कभी शब के फ़ूल को चूम कर
यूं ही साथ साथ चले सदा,
कभी खत्म अपना सफ़र ना हो
Kabhi din ki Dhoop mein jhoom kar
Kabhi Shab ke phool Ko chum kar
Yuhi sath sath chale sada
Kabhi khatm apna Safar Na Ho
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें
उदास होने का कोई सबब नहीं होता
Kabhi kabhi to chhalak padati hain yunhi aankhe
Udas hone ka koi sabab nahi hota
दोस्तों हमारी आंखों से यूंही आसू नहीं निकलते. दिल में कहीं ना कहीं कोई चुभन तो होती है. जिस वजह से हमारी आंखों से आंसू आते हैं. लेकीन हमारे पास उदास होने की खास वजह ना हो फिर भी हम उदास हो जाए तो बात अलग है. हम अपनी दिल की चुभन पर गौर नहीं करना चाहते है. लेकिन हम उदास होते है तो हमे वजह मालूम होती है.
सात सन्दूकों में भर कर
दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इन्सां को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
Saat sanduko mein bhar kar
Dafan kar do nafrate
Aaj Insan ko Mohabbat ki
Zaroorat hai bahut
Dr Bashir Badr Popular Shayari Urdu

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
Ankhon main raha dil main utar kar nahi dekha
Kashti ke musafir ne samundar nahi dekha
जब हम किसी से प्यार करते हैं तो वह हमारे दिल में रहता है. और कोई हमसे प्यार करता है तो वह हमारे दिल में रहता है. लेकिन दिल में रहना काफी नहीं है. बल्कि उस इंसान के दिल में झांकना जरूरी है. कश्ती के मुसाफिर ने अगर समुंदर ही नहीं देखा तो उसके सफर का कोई अर्थ ही नहीं होता. बल्कि मैं तो कहूंगी कि बिना समंदर देखे उसका सफर ही तय नहीं होता. बिल्कुल इसी तरह दिल में रहकर दिल में बिना झांके रहना मुमकिन ही नहीं है.
मेरे पास मेरे हबीब आ,
जरा और दिल के करीब आ
तुझे धडकनों में बसा लूं मैं,
कि बिछडने का कभी डर ना हो
Mere pass mere Habib aa
Jara aur dil ke kareeb aa
Tujhe dhadkanon mein basa loon mein
Ki bichhadna ka kabhi Dar na ho
दुश्मनों की तरह उस से लड़ते रहे
अपनी चाहत भी कितनी निराली रही
Dushmanon ki tarah us se ladate rahe
Apni chahat bhi kitani nirali rahi

दोस्तों जब हम किसी से बहुत प्यार करते हैं तो उसी से बहुत ज्यादा झगड़ते भी है. क्योंकि हम शिकायत अपनों से करते हैं ना कि दूसरों से. झगड़ा करके भी एक दूसरे से प्यार करते रहना एक अलग तरह की मोहब्बत है. हर कोई ऐसी मोहब्बत नहीं करता.
अगर फ़ुर्सत मिले पानी की
तहरीरों को पढ़ लेना
हर इक दरिया हज़ारों साल का
अफ़्साना लिखता है
Agar fursat mile Pani ki
Tahriron ko padh lena
Har EK dariya hajaron sal ka
Afsana likhata hai
कभी तो आसमाँ से
चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक
ख़ूब-सूरत शाम हो जाए
Kabhi to Aasman se
Chand utare jaam ho jaaye
Tumhare Naam ki ek
Khubsurat Sham ho jaaye
अगर तलाश करूँ
कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह
कौन मुझ को चाहेगा
Agar talash karoon
Koi mil hi jayega
Magar tumhari tarah
Kaun mujhko chahega

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बशीर बद्र इनकी कुछ चुनिंदा शायरियों में यह बताया गया है की, दोस्तों हमें अपने महबूब के ख्यालों में खोया रहना बहुत अच्छा लगता है. जब उसका ख्याल हमारे दिल में आता है तो और कोई ख्याल आने के लिए हमारे दिल में जगह ही नहीं होती. जैसे फिर कई दिनों तक हम किसी और चीज का ख्याल ही नहीं करते. आपके साथ कभी ऐसा हुआ होगा. कि आपके हमसफर का ख्याल आपके दिल में आया होगा और आप बाकी सब कुछ भूल गए होंगे.
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Just loved it … Aapki hi awaz ki kya tarif kare ab … Itni soft voice aapki… Superb recording ma’am
वाह सौम्या मॅम
आपकी आवाज़ में बशीर बद्र साब की शायरियों का लहज़ा सचमुच बढ़िया लगा 😊👌👌
Keep it up..
Sahi kaha aapne kisiki aawaz ki tarifff me lafz dhundhna mushkil hai jaise aapki aawaz ke liye khubsurat lafz sochna padta hai off course ma’am beautiful and soft voice you have ma’am 👌👌👌👍😊
You’re having very sweet voice ma’am and you recorded also very beautifully and calmly👌👌👌
Regards,
Sameera urf Manpreet
Sabse acchi post hai ye, kyo ki Bashir Badr ji ki Shayariyon ko sunne ka mauka milta hai.