A beautiful collection of Bharosa Shayari to build trust with your loved ones. If you are seeking to increase the trust in relation which is the most important thing, then you need to scroll through this post. Bharosa Shayari builds trust. Most importantly, this change in mindset keeps trust in a relationship stable, healthy, and well.
दोस्तों, भरोसा एक ऐसी चीज होती है. जो एकबार अगर टूट जाये तो फिर फिरसे उसे पाना काफी मुश्किल होता है. कहते है प्यार में एकदू सरे के ऊपर भरोसा करना चाहिए. इस Bharosa Shayari के मदत से आज हम वही आपको बताने जा रहे है. दोस्तों अगर आपके प्यार में भरोसा ही न रहें तो फिर आपको आपके साथी को यकीन शायरी जरूर शेयर करना चाहिए, हो सकता है की आपका साथी आप पर भरोसा करने लग जाये.
Table of Content
- Bharosa Shayari: Very Painful Hindi Quotes
- Bharosa Shayari in Hindi
- Bharosa Shayari in Urdu
- Bharosa Shayari Images
- Sad, Love Bharosa Shayari
- Summary
इससे पहले भी आपने हमारी वेबसाइट पर Bharosa Shayari in Hindi को पढ़ा और सुना होगा, उम्मीद है की आपको वो सुनकर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा. तो चलिए पढ़ते कुछ चुनिंदा शायरिया भरोसा शायरी इन उर्दू की मदत से.
Bharosa Shayari: Very Painful Hindi Sher O Shayari
Some of the most popular Bharosa Shayari is here. If you are a man and your girlfriend is in love with you, Bharosa Shayari will build trust between you.
1) खुद से भी ज्यादा मैंने तुम पर भरोसा किया हैं.. हद से भी ज्यादा मैंने तुमसे प्यार किया हैं.. -Vrushali
khud se bhi jyada maine
tum per bharosa kiya hai..
had se bhi jyada maine
tumse pyar kiya hai..
2) कैसे हकीकत बतलाऊं मेरे दिल की, तुझसे है यही कहना.. अगर मुझसे मोहब्बत करती है, तो भरोसा भी तू जरूर रखना.. -Gauri
kaise hakikat batlaau mere
dil ki, tujhse hai yahi kahna..
agar mujhse mohabbat karti hai,
to bharosa bhi tu jarur rakhna..
3) भरोसा हैं मुझे, तू उम्र भर मेरे साथ चलेगा.. मुश्किल चाहे जो भी हो तू मेरे साथ हमेशा रहेगा.. -Vrushali
bharosa hai mujhe, tu umra
bhar mere sath chalega..
mushkil chahe jo bhi ho
tu mere saath hamesha rahega..
4) अपने यार पर अगर यकीन ना हो, तो तन्हाई मिलती है.. याद रखना दोस्तों, भरोसा ही मोहब्बत की नींव होती है.. -Santosh
apne yaar per agar yakin
na ho to tanhai milti hai..
yad rakhna doston, bharosa hi
mohabbat ki ninv hoti hai..
5) ज़माने को तेरे किस्से सुनाते रहे महफिलों में तेरे गीत गाते रहे तेरी चाहतों पर भरोसा कर के अपनी वफाओं का जनाज़ा उठाते रहे -Moeen
Jamane ko tere kisse sunate rahe
Mahfilon main tere geet gate rahe
Teri chahaton par bharosa kar ke
Apni vafaon ka janaja uthate rahe
गलत इंसान पर भरोसा करने से बड़ी और कोई गलती नहीं होती. एक बार गलत इंसान पर भरोसा कर लो तो फिर जिंदगी किसी और पर भरोसा नहीं करने देती. और इश्क में ऐसी बेवफाई मिले तो फिर क्या बताएं. जिंदगी पल पल रुला देती है.
Bharosa Shayari in Hindi को पढ़कर आपका दिल रोने को मजबूर होगा
Bharosa Shayari is one of the best Hindi Shayari that can be used by lovers. This is a very useful Shayari for building trust in couples. It is a very emotionally charged Shayari that creates a strong bond.
6) तेरी मासूमियत पर हम अपना दिल हार चुके है बस भरोसा तोड़ कर मेरा तुने इस दिल पर वार किए है -Vrushali
Teri masumiyat par ham
Apna dil har chuke hain
Bas bharosa tod kar mera
Tune is dil par var kiye hain
Bharosa Shayari Image
इस भरोसा शायरी को Vrushali Suvarna Dnyandev इनकी आवाज़ में सुनकर आपको भरोसा करने की सिख मिलेगी!
कभी-कभी हम इंसान की शक्ल पर जाते हैं.किसी की मासूम शक्ल देख कर उस पर भरोसा कर देते हैं. लेकिन फिर एहसास हो जाता है कि हमने धोखा खा लिया. दोस्तों कभी भी किसी की भी शक्ल पर मत जाना. अंदर की बात कुछ और हो सकती है.
7) भरोसा मेरा तू कभी नहीं तोड़ना.. ये हाथ मेरा कभी नहीं छोड़ना.. -Vrushali
bharosa mera tu kabhi nahin todna..
ye hath mera kabhi nahin chhodna..
8) जमाने में आजकल हर कोई यहां फरेबी होता है.. किसी पर यकीन करना आसान कहां होता है.. -Kavya
jamane mein aajkal har
koi yahan farebi hota hai..
kisi per yakin karna
aasan kahan hota hai..
9) मोहब्बत पे भरोसा ना हो दोस्त तो ज़िंदगी खौफ़ से भर जाती हैं.. और रिश्ते में समझदारी ना हो तो क़िस्मत हमसे रूठ जाती हैं.. -Vrushali
mohabbat pe bharosa na ho dost
to jindagi khauff se bhar jaati hai..
aur rishte mein samajhdari na ho
to kismat humse rooth jaati hai..
10) मेरी मोहब्बत को आसानी से ठुकरा कर चलने लगे.. अपनों को छोड़कर गैरों पर वह भरोसा करने लगे.. -Gauri
meri mohabbat ko aasani se
thukra kar chalne lage..
apnon ko chhodkar gairon per
vah bharosa karne lage..
Bharosa Shayari in Urdu की मदत से आप किसी को हिदायत देना चाहोगे
11) मुद्दतें हुई अब गुमसुम रहते हैं ताने सब ज़माने के सहते हैं मेरे हँसने पर भरोसा ना करना सुरज ढलते ही अश्क बहते हैं -Moeen
Muddate hui ab gumsum rahte hain
Taane sab jamane ke sahate hain
Mere hansane par bharosa na karna
Suraj dhalane hi ashk bahate hain
12) इस भीड़ में तुमने मुझे सही रास्ता दिखाया.. मेरे अकेले ना होने का तुने मुझे भरोसा दिलाया.. -Vrushali
is bheed mein tumne
mujhe sahi rasta dikhaya..
mere akele na hone ka
tune mujhe bharosa dilaya..
13) कौन समझेगा मुझे काबिल भरोसे के.. अब तो शायद मैं लायक नहीं धोखे के.. -Santosh
kaun samjhega mujhe kabil bharose ke..
ab to shayad main layak nahin dhokhe ke..
14) तुम्हारे भरोसे ही मैंने ये मुश्किल राह चुनी हैं.. अब हारना नहीं हैं क्योंकी मोहब्बत साथ खड़ी हैं.. -Vrushali
tumhare bharose hi maine
ye mushkil raah chuni hai..
ab harna nahin hai kyonki
mohabbat sath khadi hai..
15) बरसों पहले प्यारा था मुझे सिर्फ चेहरा तेरा.. अब तुझसे भी तो भरोसा उठ गया है मेरा.. -Gauri
barson pahle pyara tha
mujhe sirf chehra tera..
ab tujhse bhi to
bharosa uth gaya hai mera..
Bharosa Shayari Images
16) न जाने कब हम तेरे हो गए जिंदगी में कब खुशी के पल जी गए अकेले तय ना होता ये सफर हमें इसलिए दगाबाज पर भरोसा कर गए -Vrushali
N jane kab ham tere ho gaye
Jindagi main kab khushi ke pal ji gaye
Akele tay na hota ye safar hame
Isliye dagabaj par bharosa kar gaye
कभी-कभी हम अकेले नहीं रह पाते. ऐसे में कोई गलती कर जाते हैं. जब हमें जरूरत होती है तो हम किसी से भी मदद ले लेते हैं.यह नहीं देखते कि वह इंसान भरोसे के लायक है भी या नहीं.लेकिन जरूरत खत्म होने के बाद या फिर बीच में ही हमें पता चल जाता है कि हमने एक गलती कर ली. दोस्तों कई बार ऐसा होता है इसलिए सोच समझकर भरोसा करना चाहिए.
17) मेरी मोहब्बत पर तू कभी शक मत करना.. भरोसा करना हो तो तहे दिल से करना.. -Vrushali
meri mohabbat par tu
kabhi shaq mat karna..
bharosa karna ho to
tahe dil se karna..
18) जमाने में, सिर्फ तेरे इश्क से ही मोहब्बत करता हूं.. भरोसा तुझ पर मैं आज भी तहे दिल से करता हूं.. -Kavya
jamane mein, sirf tere ishq se
hi mohabbat karta hun..
bharosa tujh per main aaj bhi
tahe dil se karta hun..
19) ज़िंदगी अपनी, भरोसे के भरोसे चलती हैं.. मोहब्बत के साये में ये सुकून से बसती हैं.. -Vrushali
jindagi apni, bharose
ke bharose chalti hai..
mohabbat ke saye mein
ye sukun se basti hai..
20) मोहब्बत के बिना अब दिल मेरा तन्हा रह जाएगा.. भरोसे के बिना आखिर कोई जिंदा कैसे रह पाएगा.. -Santosh
mohabbat ke bina ab
dil mera tanha rah jaayega..
bharose ke bina aakhir
koi jinda kaise rah paayega..
Bharosa Shayari ko पढ़कर आपको दुःख महसूस होगा
21) भरोसे की लाश उठाए फिरता हुँ रोज़ सँभलता हुँ फिर गिरता हुँ भीड़ में खुद को सँवारे रखा तन्हाईयों में फिर मैं बिखरता हुँ -Moeen
Bharose ki lash uthaye firta hu
Roj sambhalta hu fir girta hu
Bhid main khud ko sanvare rakha
Tanhaiyon main fir main bikharta hu
जब कोई हमारा भरोसा तोड़ देता है ना तो बहुत दर्द होता है. हमें सब लोग अनजान लगने लगते हैं. जो गरीब इंसान होता है वह हमारे लिए सबसे भरोसेमंद होता है. लेकिन जब वही हमारा भरोसा तोड़ता है तो हम किसी पर भी भरोसा नहीं कर पाते.
22) भरोसा करोगे किसी पर तभी तो वो टूटेगा.. मगर भरोसा करोगे ही नहीं तो भला वो कैसे टूटेगा.. -Vrushali
bharosa karoge kisi par
tabhi to vo tutega..
magar bharosa karoge hi nahin
to bhala vo kaise tutega..
23) अपने दिल की बात सुनोगे, तो बड़े चक्कर में आ जाओगे.. अपने यार पर भरोसा करोगे, तो दुनिया को टक्कर दे पाओगे.. -Kavya
apne dil ki baat sunoge,
to bade chakkar mein aa jaaoge..
apne yaar per bharosa karoge,
to duniya ko takkar de paaoge..
24) ज़िंदगी मेरी अब मैंने तुम्हारे हवाले कर दी है.. भरोसा हैं तुम पर इसलिए हर खुशी तेरे नाम कर दी है.. -Vrushali
jindagi meri ab maine
tumhare hawale kar di hai..
bharosa hai tum per isliye
har khushi tere naam kar di hai..
25) मुझसे बेवफाई कर उसने प्यार का साथ छोड़ दिया.. जिस पर भरोसा किया, उसने ही दिल तोड़ दिया.. -Gauri
mujhse bewafai kar usne
pyar ka sath chhod diya..
jis par bharosa kiya,
usne hi dil tod diya..
भरोसा शायरी सुनकर आपको बेवफा सनम की याद आएगी
26) खुश नहीं थे जिंदगी से हम मगर कोई ग़म भी नहीं था भरोसा जब तोड़ा तूने मेरा तब मेरा कोई हमदम भी न था -Vrushali
Khush nhi the jindagi se ham
Magar koi gam bhi nhi tha
Bharosa jab toda tune mera
Tab mera koi hamdam bhi n tha
27) अपने दिलबर से प्यार का हर वास्ता आखिर टूट जाता है.. भरोसा उठ जाता है जब आदमी मतलबी हो जाता है.. -Kavya
apne dilbar se pyar ka
har wasta aakhir toot jata hai..
bharosa uth jata hai jab
aadami matlabi ho jata hai..
28) छोटी है जिंदगी, बार-बार क्यों दिल में अपने नफरत भरना.. एक बार जो भरोसा तोड़ जाए फिर उसे माफ ना करना.. -Santosh
chhoti hai jindagi, bar-bar kyon
dil mein apne nafrat bharna..
ek bar jo bharosa tod jaaye
fir use maaf na karna..
29) धोखा ही मिलेगा, करोगे अगर यकीन किसी की सादगी पर.. भरोसा एक बार जो टूटे तो नहीं भूलता आशिक जिंदगी भर.. -Kavya
dhokha hi milega, karoge agar
yakin kisi ki saadgi per..
bharosa ek baar jo tute to nahin
bhulta aashiq jindagi bhar..
30) एक बार जो किसी पर किया यकीन टूट जाता है.. प्रेमी को जिंदगी में प्यार करने का सबक मिल जाता है.. -Gauri
ek bar jo kisi per
kiya yakin tut jata hai..
premi ko jindagi mein pyar
karne ka sabak mil jata hai..
किसी पर यकीं करने से पहले इस भरोसा शायरी को जरूर पढ़े
31) भरोसे ने फिर मेरे दम तोड़ दिया मँझधार में ला कर मुझे छोड़ दिया ख़ुशी की तसवीर कहता था ज़माना मुझे ग़मों से रिश्ता मेरा उस ने जोड़ दिया -Moeen
Bharose ne fir mere dam tod diya
Manjhdhar main la ka mujhe chhod diya
Khushi ki tasvir kahta tha jamana mujhe
Gamon se rishta mera us ne jod liya
जब तक हमारा दुनिया के अच्छे बुरे बर्ताव से पाला नहीं पड़ता तब तक हम अपनी ही दुनिया में खुश होते हैं. लोग हमें वैसा ही समझते हैं. लेकिन जिस दिन हम दुनियादारी से वाकिफ हो जाते हैं हमारे जिंदगी में गम की शुरुआत हो जाती है. कोई हमारा दिल तोड़ जाता है तो कोई हमारा भरोसा तोड़ जाता है. और हम रह जाते हैं चोट खाए हुए इंसान बनकर.
32) बेवफाई का अंजाम, महबूब के हाथों से हाथ छूटना होता है.. मतलब-परस्ती का आखरी छोर भरोसा टूटना होता है.. -Santosh
bewafai ka anjaam, mehboob ke
hathon se hath chhutna hota hai..
matlab-parasti ka aakhri
chhor bharosa tutna hota hai..
33) तुझ पर भरोसा कर प्यार को जान लिया है.. तेरे झूठ को भी हमने अपना मान लिया है.. -Kavya
tujh per bharosa kar
pyar ko jaan liya hai..
tere jhoot ko bhi humne
apna man liya hai..
34) दुनिया की परवाह जरा भी हमें नहीं.. क्या मेरी चाहत पर भरोसा तुम्हें नहीं? -Gauri
duniya ki parwah jara bhi hamen nahin..
kya meri chahat per bharosa tumhen nahin?
35) ना जाने कितने ज़ख्म होंगे दिल पर हमारे.. शायद अब हम भरोसे के लायक ना रहे तुम्हारे.. -Santosh
na jaane kitne jakhm
honge dil per hamare..
shayad ab ham bharose ke
layak na rahe tumhare..
भरोसे की उम्मीद टूटने पर क्या होता है देखिये
36) प्यार के सागर में निकला था मैं अपनी नाजुक कश्ती को लेकर टूट गई कश्ती छूटा सहारा पर मैं अब भी खड़ा हूं उसपे भरोसा रखकर -Vrushali
Pyar ke sagar main nikala tha
Main apni najuk kashti ko lekar
Tut gai kashti chhuta sahara par main
Ab bhi khada hu usape bharosa rakhar
दोस्तों हम अपनी जिंदगी में कई तरह के सफर तय करते हैं. जिंदगी भी एक सफर की तरह ही है. इसमें कई पड़ाव है. कई परेशानियां है. दुख भी है खुशियां भी है. हम किसी पर भरोसा करते हैं कोई हम पर भरोसा करता है. कभी हमारा भरोसा टूट जाता है तो कभी हालात की वजह से हम किसी का भरोसा तोड़ देते हैं. जिंदगी की तो यही हकीकत है.
37) तुमसे प्यार करने वाला मैं आशिक वही हूं.. क्या तुम्हारे यकीन के अब काबिल नहीं हूं..? -Kavya
tumse pyar karne wala
main aashiq vahi hun..
kya tumhare yakin ke
ab kabil nahin hun..?
38) इस तरह बेवफाई ने अब वफा से मेरा भरोसा तोड़ा.. बेवफा ने मुझको सितम करने के लायक भी ना छोड़ा.. -Gauri
is tarah bewafai ne ab
wafa se mera bharosa toda..
bewafa ne mujhko sitam
karne ke layak bhi na chhoda..
39) सोचता हूं चाहत का सिला उस पर क्या कम किया.. मगर जिसपे किया भरोसा उसने ही मुझे गम दिया.. -Kavya
sochta hun chahat ka sila
use per kya kam kiya..
magar jispe kiya bharosa
usne hi mujhe gam diya..
40) दिल तोड़ कर मुझे तन्हा रहने पर मजबूर कर दिया.. मेरे यकीन को क्यों उसने धोखे में तब्दील कर दिया.. -Gauri
dil tod kar mujhe tanha
rahne per majbur kar diya..
mere yakin ko kyon usne
dhokhe mein tabdeel kar diya..
भरोसा करके शर्मिंदगी महसूस कर रहे हो.. तो ये शेर जरूर पढ़िए
41) दिल को तेरे बिछड़ने का गम हैं मुद्दतें हुई मेरी ये आँखें नम हैं किया था भरोसा कभी तुझ पर रहते अब खुद से शर्मसार हम हैं -Moeen
Dil ko tere bichdane ka gam hain
Muddate hui meri ye aankhe nam hain
Kiya tha bharosa kabhi tujh par
Rahte ab khud se sharmsar ham hain
किसी अपने से बिछड़ने का गम बहुत बड़ा होता है. जिन्होंने अपनों को खोया है वह यह बात बखूबी जानते हैं. अक्सर हम किसी ऐसे इंसान पर भरोसा करते हैं जो गलत होता है.जब वही भरोसा टूटता है तो हमें दुनिया के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है.
कि हमने एक ऐसे इंसान पर भरोसा किया जो हमारे भरोसे के लायक ही नहीं था. फिर तो हम बस एक मजाक बनकर रह जाते हैं. दोस्तों इसीलिए मैं कहूंगी कि आप सोच समझकर भरोसा कीजिए.
42) वही मेरा यार था, मैं उसीपे ही हमेशा मरता.. शायद वो मेरी वफाओं पर अगर थोड़ा भरोसा करता.. -Santosh
vahi mera yaar tha, main
usipe hi hamesha marta..
shayad vo meri wafaon per
agar thoda bharosa karta..
43) इस तरह नाजुक दिल का उसने भरोसा मेरे तोड़ा.. जैसे किसी बच्चे ने हो मिट्टी का खिलौना तोड़ा.. -Kavya
is tarah nazuk dil ka
usne bharosa mere toda..
jaise kisi bacche ne ho
mitti ka khilauna toda..
44) दिल हर किसी को नहीं दिया जाता है.. भरोसा हर किसी पर कहां किया जाता है.. -Gauri
dil har kisi ko nahin diya jata hai..
bharosa har kisi per kahan kiya jata hai..
45) जब से इस दिल को तन्हा छोड़ दिया तुमने.. तब से खुद पर भरोसा करना सीख लिया हमने.. -Kavya
jab se is dil ko
tanha chhod diya tumne..
tab se khud par bharosa
karna sikh liya humne..
Sad, Love Bharosa Shayari to share on social media
46) चाहत पे तेरी बड़ा नाज था हमें भरोसा था मुझे तेरी साफ नीयत पे टूटा था दिल मेरा पहली कोशिश में तेरी बेवफाई ने पहुंचा दिया शमशान में -Vrushali
Chahat pe teri bada naj tha hame
Bharosa tha mujhe teri saf niyat pe
Tuta tha dil mera pahli koshish main
Teri bewafai ne pahuncha diya shamshan main
हमें अपनी हर सही गलत बात पर नाज होता है.जब तक कि हमें एहसास ना हो कि कौन सी बात गलत है और कौन सी बात सही है. लेकीन जिस दिन हमें सही और गलत का फर्क नजर आ जाता है हम पछतावे से गिर जाते हैं. कभी किसी गलत इंसान पर भरोसा करने के लिए पछताते हैं. तो कभी किसी पर भरोसा ना करने के लिए भी पछताते हैं.
47) कभी किसी को, ना धोखा देना चाहता हूं.. अपने विश्वास पर मैं हमेशा अड़िग रहता हूँ.. -Santosh
kabhi kisi ko, na
dhokha dena chahta hoon..
apne vishwas per main
hamesha adeeg rahta hun..
48) जिंदगी के रास्ते हमेशा कहीं ना कहीं मुड़े होते है.. एक दूसरे के विश्वास पर ही तो रिश्ते जुड़े होते हैं.. -Gauri
zindagi ke raste hamesha
kahin na kahin mude hote hain..
ek dusre ke vishwas per
hi to rishte jude hote hain..
Bharosa Shayari Image
हमारी दर्दभरी Bharosa Shayari को सुनकर अगर आपके दिल के अरमान बेकाबू हुए हो, तो हमें comment section में इसे जरूर सूचित कीजिएगा.
49) गज़लों की तरह कभी गुनगुनाऊँ तुझे गीत सा अपने लबों पर…सजाऊँ तुझे तेरी चाहतों पर हैं बेपनाह भरोसा सदा अपने करीब दिलबर पाऊँ तुझे -Moeen
gazalon ki tarah kabhi gungunau tujhe
geet sa apne labon par..sajau tujhe
teri chahto par hai bepanah bharosa
sada apne karib dilbar pau tujhe
50) वो दुशमनों पर भरोसा कर के बदलता हैं अब वो रंग नज़र के रात के पिछले पहर तनहाई में सिता हुँ ज़ख्म अपने जिगर के -Moeen
wo dushmano par bharosa kar ke
badlta hai ab wo rang nazar ke
raat ke pichle pahar tanhai me
sitaa hu jakhm apne jigar ke
51) खुशबु सारी फिज़ाओं में बिखर जाएगी तेरी चाहत में… मेरी उम्र गुज़र जाएगी यकीन हैं तू …भरोसा हैं मेरा तू बने हमसफर…ज़िंदगी सँवर जाएगी -Moeen
khushbu saari fizao me bikhar jayegi
teri chahat me..meri umra guzar jayegi
yakin hai tu..bharosa hai mera
tu bane humsafar..jindgi sanvar jayegi
52) तुझे देख तेरा दिवाना मचल जाएगा भरोसा रखो … ये मौसम बदल जाएगा तेरी मुस्कुराहट देख ले अगर सनम चाँद शरमा जाए … दिन ढल जाएगा -Moeen
tujhe dekh tera deewana machal jayega
bharosa rakho ye mausam badal jayega
teri muskurahat dekh le agar sanam
chan sharma jaye..din dhal jayega
53) तू हकीकत हैं कोई ख्वाब नहीं परीयों में भी तुझ सी बात नहीं भरोसा हैं तेरी चाहतों पर हमें तू लुभावनी सुबह हैं ढलती रात नहीं -Moeen
tu hakiwat hai koi khwab nhi
pariyo me bhi tujh si baat nhi
bharosa hai teri chahto par hume
tu lubhavni subah hai dhalti raat nhi
54) कभी जो हुई अज़ान मस्जीद में मुझे नमाज़ को बुलाता वाईज़ हैं मुझे भरोसा हैं तेरे नैनों पर साकी इन से पीना जाईज़ हैं -Moeen
kabhi jo huyi ajaan masjid me
mujhe namaz ko bulataa vaaij hai
mujhe bharosa hai tere naino par
saaki inn se pinaa jayeg hai
55) तू मेरा नसीब हों खुदा करें हमें ना फिर कोई जुदा करें भरोसा हैं रब की ज़ात पर आओं हम मिलने की दुआ करें -Moeen
tu mera naseeb ho khuda kare
hume na fir koi juda kare
bharosa hai rab ki jaat par
aao hum milne ki dua kare
56) ख्वाबों में एक चाँद आता हैं खुद को मेरा हबीब बताता हैं क्या भरोसा मेरी ज़िंदगी का जानाँ खबर कोई लामकां की सुनाता हैं -Moeen
khwabo me ek chand aata hai
khud ko mera habib batata hai
kya bharosa meri jindgi ka jaana
khabar koi laamka ki sunata hai
57) तुझे अपना हमसफ़र बनाना चाहता हुँ साँस टुटने तक साथ निभाना चाहता हुँ भरोसा नहीं दिल की धड़कनों का खुद को तेरी खातीर मिटाना चाहता हुँ -Moeen
tujhe apna humsafar banana chahta hu
saans tutne tak sath nibhana chahta hu
bharosa nhi dil ki dhadkano ka
khud ko teri khatir mitana chahta hu
58) दिल मेरा जिद कर रहा है भरोसा चाहिए उसे इश्क़ में.. जीत तेरी होगी या दिल की इस मुकाबला-ए-नादानी में.. -Sagar
dil mera zid kar raha hai
bharosa chahiye use ishq mein..
jeet teri hogi ya dil ki,
is muqabla e nadani mein…
59) कहते हो आप के प्यार पर अब कोई भरोसा नहीं.. जब दिल करे आजमाना मेरा मिज़ाज मिलेगा वहीं.. -Sagar
kahate ho aap ke pyar per
ab koi bharosaa nahin..
jab dil kare aazmana,
mera mijaaz milega vahi..
60) मेरी ज़बान से मोहब्बत को तबीयत से सुना करो तो सही.. छोड़ो जाने दो मूझपर.. लेकिन खूद पर तो भरोसा करोगे की नहीं..? -Sagar
meri juban se mohabbat ko
tabiyat se suna karo to sahi..
chhodo jaane do mujh per.. lekin
khud par to bharosaa karoge ki nahin..?
61) ज़िंदगी बसर हो … दिलबर तेरे करीब ढलती उम्र का तू भरोसा मेरे हबीब ज़िंदगी मुस्कुराती हैं तेरी महफिल में ये महफिलें लिखी जाए मेरे नसीब -Moeen
jindgi basar ho dilbar tere kareeb
dhalti umra ka tu bharosa mere habib
jindgi muskurati hai teri mehfil me
ye mahfile likhi jaaye mere naseeb
62) किस पर करें भरोसा, अब कौन दर्द में शामिल है.. पीठ करूँ जिसकी तरफ, खड़ा वहां कातिल है..
kis par kare bharosa
ab kaun dard mein shamil hai..
peeth karun jiski taraf
khada vahan katil hai..
63) करता था मैं भरोसा जिन पर, अपनी बेकस जिंदगी से ज्यादा.. सीखा गए धोखा करना, जो करते थे मुझसे वफ़ा का वादा..
karta tha mai bharosa jin par
apni bekas jindagi se jyada
sikha gaye dhokha karna jo
karte the mujhse wafa ka vada..
64) उम्मीद थी जिंदगी की और तहे दिल से भरोसा था उन पर.. छोड़ा तन्हा उन्होंने ही, लुटाया था प्यार अपना जिन पर..
ummid thi jindagi ki aur
tahe dil se bharosa tha un per..
chhoda tanha unhone hi
lutaya tha pyar apna jin per..
65) दूसरों पर रखो भरोसा तो गम दे जाता है.. करो खुद पर यकीन तो ताकत दिलाता है..
dusron per rakho bharosa
to gam de jata hai
karo khud per yakin
to takat dilata hai..
66) बहकावे में आकर भुला देते हैं लोग छोड़ जाते हैं जिंदगी का सफर अधूरा.. दूसरों के भरोसे पर होता है शक उन्हें और खुद के शक पर करते भरोसा पूरा..
bahkave mein aakar bhula dete hain log
chhod jaate hain jindagi ka safar adhura..
dusron ke bharose per hota hai shak unhe
aur khud ke shak per karte bharosa pura..
67) साथ दिलबर के इश्क आपका भले ही ना हो गहरा.. जिंदगी भर ना टूटे रिश्ता अगर उसपर भरोसा हो पूरा..
sath dilbar ke ishq
aap ka bhale hi na ho gehra..
jindagi bhar na tute rishta
agar use per bharosa ho pura..
68) भरोसा उनकी आंखों की गहराई में होता है.. वादा ऐसा सिर्फ किताबों में ही होता है..
bharosa unki aankhon ki gehraai mein hota hai
vaada aisa sirf kitabon mein hi hota hai..
69) बताया था जब दूसरों को दर्द अब वह हरकत बन गया है.. खुद पर ही करते हैं अब भरोसा जो मेरी ताकत बन गया है..
bataya tha jab dusron ko dard
ab ho harkat ban gaya hai..
khud per hi karte hain ab bharosa
jo meri takat ban gaya hai..
70) भरोसा किया था समंदर पर ठुकरा दिया उसने हमें.. आसानी से तोड़ दिया दिल मेरा छोड़ दिया तन्हा हमें..
bharosa kiya tha samander per
thukra diya usne hamen..
aasani se tod diya dil mera
chhod diya tanha hamen..
71) वादा नहीं है मेरा लेकिन भरोसा है तुझ पर.. साथ दूंगा जिंदगी भर यकीन कर लो मुझ पर..
vada nahin hai mera lekin
bharosa hai tujh per
sath dunga jindagi bhar
yakin kar lo mujh per..
72) तन्हाई में बैठ कर तुम पहरों रोया करोगी आएगी जब याद मेरी दामन भिगोया करोगी.. तोड़ेगा जब कोई ज़माने में भरोसा तेरा याद कर मुझे अश्कों से चेहरा धोया करोगी.. -Moeen
tanhai mein baith kar tum pahro roya karogi
aaegi jab yad meri daaman bhigoya karogi..
todega jab koi zamane mein bharosa tera
yad kar mujhe ashqo se chehra dhoya karogi..
73) ज़िंदगी में उससे बिछड़ने का मलाल था मेरी याद में ज़ालीम का भी बुरा हाल था.. ज़माने के भरोसे पर अब हँसी आती हैं सिर्फ वहीं चाहिए बस मेरा इतना सवाल था.. -Moeen
jindagi me usse bichadne ka malal tha
meri yad mein jalim ka bhi bura hal tha..
jamane ke bharose par ab hasi aati hai
sirf vahi chahiye bus mera itna sawal tha..
74) जब किस्सों में नाम मेरा कहीं आता होगा खुद को बिखरने से कैसे वो बचाता होगा.. कर के ऐतबार तेरे वादे का पछताते हैं अब किससे वो अहदे वफ़ा निभाता होगा..! -Moeen
jab kisson me mera naam mera kahin aata hoga
khud ko bikharne se kaise vo bachata hoga..
karke aitbaar tere waade ka pachtate hain
ab kis se vo ahde wafa nibhata hoga..!
75) तुम्हारी राहों का खुशनुमा मंज़र ना बन सका रस्ता तो बन गया, हमसफ़र ना बन सका.. भरोसा कर के बताई मुझे दिल की हर बात हमराज़ तो था मैं उसका, दिलबर ना बन सका.. -Moeen
tumhari rahon ka khushnuma manzar na ban saka
rasta to ban gaya, humsafar na ban saka..
bharosa karke bataiye mujhe dil ki har baat
hamraaj tha main uska, dilbar na ban saka..
76) अब पहली सी कहाँ वो ताज़गी गुलों में अब तनहा होता हुँ अकसर महफिलों में.. मुझे ऐतबार था बहोत मेरी चाहत पर दफन हो चूका हुँ मैं, अब शायद दिलों में.. -Moeen
ab pahle si kahan vah tajgi gulon mein
ab tanha hota hun aksar mehfilon mein..
mujhe aitbaar tha bahut meri chahat per
dafan ho chuka hun main ab shayad dilon mein..
77) यादों की ये तहरीरें दिल से मिटाई ना गई लाख की कोशिशें मगर वो भुलाई ना गई.. मेरी चाहत पर भरोसा ना करने वाले सुन तेरे बाद दिल की दुनिया फिर बसाई ना गई.. -Moeen
yadon ki ye tahrire dil se mitai na gayi
lakh ki koshishe magar vah bhulai na gai..
meri chahat per bharosa na karne wale sun
tere baad dil ki duniya fir basai na gai..
78) वक़्त के बेरहम हाथों का लिखा मिटाया नहीं जाता दिल में बसने वालों को यूँ कभी भुलाया नहीं जाता.. भरोसा मेरा तोड़ कर मुझ को रुलाने वाले खुश रहे, हम से किसी को रुलाया नहीं जाता.. -Moeen
waqt ke beraham hathon ko likha mitaye nahin jata
dil mein basne walon ko yu kabhi bhulaya nahin jata..
bharosa mera tod kar mujhko rulane wale
khush rahe, ham se kisi ko rulaya nahin jata..
79) उसे जल्दी थी शायद मुझे तन्हा छोड़ जाने की ग़मों से रिश्ता मेरा उम्र भर जोड़ जाने की.. तेरी बेरुखी ही काफी थी मेरा कत ल करने को ज़रूरत क्या थी मेरा ऐतबार तोड़ जाने की.. -Moeen
use jaldi thi shayad mujhe tanha chhod jaane ki
gamon se rishta mera umra bhar jod jaane ki..
teri berukhi hi kafi thi mera kat la karne ko
jarurat kya thi mera aitbaar tod chhod jaane ki..
80) तेरी गलीयों में टुटा था ख़्वाब हमारा नहीं मिला वो बिछड़ा इस अदा से फिर दोबारा नहीं मिला.. छानते फिरते हैं हम ख़ाक अब इन गलीयों की भरोसा ऐसे टुटा फिर पता तुम्हारा नहीं मिला.. -Moeen
teri galiyon mein tuta tha khwab hamara nahin mila
vah bichhada is adaa se fir dobara nahin mila..
chhante firte hain ham khak ab ine galiyon ki
bharosa aise tuta fir pata tumhara nahin mila..
81) रात की तन्हाई में मुझे कभी सिसकते देखो तुम्हारी खातीर मुझे सजदों में तड़पते देखो.. मेरी तरह ना तोडना फिर यक़ीन किसी का खुदा करें तुम भी कभी अपनों को बदलते देखो.. -Moeen
raat ki tanhai mein mujhe kabhi sisakte dekho
tumhari khatir mujhe sajdon me tadapta dekho..
meri tarah na tod na fir yakin kisi ka
khuda kare tum bhi kabhi apno ko badalte dekho..
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व्वाह अवलोकिताजी !!!!! व्वाह 👌👌👌👌
बढीया पेशकष 👌👌👌👌👌💐💐
Best .. Best .. Best!!!
Pronunciation 👍
Emotions👍
A complete presentation👍
Keep it up Avalokitaji!!
Best wishes!!
– Kalyani
Sweet voice voice 💕
Suprbb Avalokita ji…you expressed very nicely👌👌👌
Regards,
Sameera urf Manpreet