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Best of 15+ Ahmad Faraz Shayari Collection in Hindi Urdu

दोस्तों, Ahmad Faraz Shayari Collection के लिखावट की हम क्या तारीफ करें! वह जब भी किसी शेर को अर्ज करते हैं. तो उसमें टूटे हुए दिल की दास्तां ही लिख देते हैं. और जब भी कोई प्रेमी उनके शेर को पढ़ता है. तो उसे मानो जैसे खुद अपनी ही कहानी लगती हो.

इसी वजह से हम आज उनकी शायरियां लेकर आए हैं. हमें यकीन है कि उनके विचारों को पढ़कर और सुनकर आप जरूर उनके लिखावट के कायल हो जाएंगे. और आप हमेशा अपने चहेते इंसान को यह अहमद फ़राज़ शायरी संग्रह जरूर साझा करोगे.

क्योंकि उनके हर एक शेर दिल में पूरी तरह से उतर जाते हैं. और शायरियों के दीवाने को इससे ज्यादा अच्छी दावत और क्या चाहिए होगी! हमें यकीन है कि आपको हमारी यह आज की अहमद फ़राज़ जी इनकी कुछ चुनिंदा शायरियां बहुत पसंद आएगी. और आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करते हुए उन्हें इन शायरियों का लुफ्त उठाने के लिए जरूर कहियेगा.

Ahmad Faraz Shayari In Urdu

हुई है शाम तो आँखों में बस गया फिर तू
कहाँ गया है मेरे शहर के मुसाफ़िर तू..

बहुत उदास है इक शख़्स तेरे जाने से
जो हो सके तो चला आ उसी की ख़ातिर तू..

hui hai shaam to aankhon main bas gaya fir tu
kaha gaya hai mere shahar ke musafir tu
bahut udas hai ik shakhs tere jaane se
jo ho sake to chala aa usi ki khatir tu

आपकी आंखों में बसे हुए प्यार को आप हमेशा याद करते रहते हो. और तब आपको शहर का वह नजारा याद आता है. जब आप अपने महबूब को शहर की गलियों में आने के लिए कह रहे थे.

Ahmad Faraz Shayari in Hindi
Ahmad Faraz Shayari in Hindi


लेकिन वह तो आपके दिल का शहर ही छोड़ कर चला गया था. लेकिन आप उसे हो सके तो वापस आने के लिए कह रहे हो. क्योंकि उसके दिल तोड़ कर जाने के बाद आपका दिल और कहीं भी नहीं लग रहा है. आप जैसे अकेले पड़ गए हो.

साथ रोती थी मेरे साथ हंसा करती थी
वो लड़की जो मेरे दिल में बसा करती थी..

बात क़िस्मत की है जुदा हो गए हम
वरना वो तो मुझे तक़दीर कहा करती थी..

saath roti thi mere saath hasa karti thi
wo ladki jo mere dil main basa karti thi
baat kismat ki hai juda ho gaye hum
varna wo to mujhe takdir ka karti thi

Ahmad Faraz Shayari In Urdu की मदद से अपने महबूब को याद करना चाहते हो. जब प्रेमी अपने महबूब की पुरानी बातों को याद करता है. तब उसकी आंखों में जैसे पानी ही आ जाता है. उसे अपने दिलबर के साथ हंसते हुए और रोए हुए सभी दिन याद आते हैं.

वह अपने दिल में बसे हुए दिलबर को आवाज देकर बुलाना चाहता है. लेकिन उसे अब इस बात का अंदेशा हो चुका है कि अब वह कभी भी लौटकर नहीं आएगा. क्योंकि अब तो वह शायद उसकी नसीब में ही नहीं है.

Ahmad Faraz Shayari In Hindi

Ahmad Faraz Poetry In Hindi
Ahmad Faraz Shayari In Hindi
एक लम्हे का बिछड़ना भी गिरां था उस को
रोते हुए मुझ को ख़ुद से जुदा करती थी..

रोग दिल को लगा बैठी अंजाने में
मेरी आगोश में मरने की दुआ करती थी..

ek lamhe ka bichdna bhi gira tha us ko
rote hue mujh ko khud se juda karti thi
rog dil ko laga baithi anjaane main
meri aagosh main marne ki dua karti thi

कोई भी प्रेमी अपने दिल पर को एक पल भी अलग छोड़ने के लिए तैयार नहीं होता है. लेकिन प्यार में जब भी जुदाई आती है. तो वह उस प्यार की सारी बातों को एक ही पल में नेस्तनाबूद कर देती है.

Ahmad Faraz 2 Lines Shayari In Hindi

ahmad faraz shayari in hindi dard bhari poetry 2
अहमद फ़राज़ जी इनकी २ लाइन शायरी
ये वफा तो उन दिनों की बात है 'फराज'

जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे..

ye wafa to un dinon ki baat hai ‘faraz’
jab makan kacche aur log sacche hua karte the..

गुफ्तगू अच्छी लगी, जौक-ए-नज़र अच्छा लगा..

मुद्दतों के बाद कोई हमसफ़र अच्छा लगा..

guftagu achi lagi, jauk-a-najar achcha laga..
muddaton ke baad koi humsafar achcha laga..

तुम तकल्लुफ़ को भी इख्लास समझते हो 'फ़राज'

दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला..

tum takalluf ko bhi ikhlaas samajhte ho faraz
dost hota nahin har hath milane wala..

Ahmad Faraz Poetry In Hindi
Ahmad Faraz Poetry In Hindi
ऐसा डूबा हूं तेरी याद के समंदर में 'फराज'

दिल का धड़कना भी अब तेरे कदमों की सदा लगती है..

aisa duba hu teri yad ke samander mein faraz
dil ka dhadakna bhi ab tere kadmon ki sada lagti hai..

मेरे सब्र की इन्तेहाँ क्या पूछते हो 'फ़राज़'

वो मेरे सामने रो रहा है किसी और के लिए..

mere sabra ki intehaa kya puchte ho ‘faraz’
wo mere samne ro raha hai kisi aur ke liye..

एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब 'फराज'..

मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ देती है..

ek nafrat hi nahin duniya mein dard ka sabab faraz
mohabbat bhi sakun walon ko badi taqlif deti hai..

बिन मांगे ही मिल जाती है ताबीरें किसी को 'फराज'..

कोई खाली हाथ रह जाता है हजारों दुआओं के बाद..

bin maange hi mil jati hai taabiren kisi ko ‘faraz’..
koi khali hath rakha jata hai hajaron duaon ke bad..

ahmad faraz shayari 1 sad emotional poetry
अहमद फ़राज़ शायरी फोटो
रूठ जाने की अदा हम को भी आती है 'फराज'..

काश होता कोई हम को भी मनाने वाला..

ruth jane ki ada humko bhi aati hai faraz
kash hota koi humko bhi manane wala..

उम्मीद वो रखें न किसी और से 'फराज'

हर शख्स मोहब्बत नहीं करता उसे कहना..

ummid vo rakhe na kisi aur se faraz
har shaks mohabbat nahin karta use kahna..

आज दिल खोल के रोए हैं तो यूँ खुश है 'फ़राज़'

चंद लम्हों की ये राहत भी बड़ी हो जैसे..

aaj dil khol ke roye hain to yu khush hai faraz
chand lamhon ki ye rahat bhi badi ho jaise..

दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है

और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता..

dil ko tiri chahat pe bharosa bhi bahut hai
aur tujhse bichad jane ka dar bhi nahin jata..

कांच की तरह होते हैं गरीबों के दिल फराज

कभी टूट जाते हैं तो कभी तोड़ दिए जाते हैं..

kanch ki tarah hote hain garibon ke dil faraz
kabhi tut jaate hain to kabhi tod diye jaate hain..

अब मायूस क्यों हो उसकी बेवफाई पे फराज..

तुम खुद ही तो कहते थे कि वो सबसे जुदा है..

ab mayus kyon ho uski bewafai per faraz
tum khud hi to kahate the ki wo sabse juda hai..

Ahmad Faraz Shayari In Hindi
Ahmad Faraz Shayari In Hindi
इस तरह गौर से मत देख मेरा हाथ ऐ फराज..

इन लकीरों में हसरतों के सिवा कुछ भी नहीं..

is tarah gaur se mat dekh mera hath ae faraz..
in lakiron mein hasraton ke siwa kuchh bhi nahin..

जिक्र उसका ही सही बज़्म में बैठे हो 'फराज',

दर्द कैसा भी उठे..हाथ न दिल पर रखना...

zikr uska hi sahi bajm me baithe ho ‘faraz’,
dard kaisa bhi uthe.. hath na dil par rakhna…

अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो..

आंसू की जगह आंख से हसरत निकल आए..

ab dil ki tamanna hai to a kash yehi ho..
aansu ki jagah aankh se hasrat nikal aaye..

मोहब्बत के अंदाज़ जुदा होते हैं फराज..

किसी ने टूट के चाहा और कोई चाह के टूट गया..

mohabbat ke andaaz juda hote hain faraz
kisi ne tut ke chaha aur koi chah ke toot gaya..

एक पल जो तुझे भूलने का सोचता हूं फराज..

मेरी सांसे मेरी तकदीर से उलझ जाती है..

ek pal jo tujhe bhulne ka sochta hun faraz..
meri saanse meri takdeer se ulajh jaati hai..

उस शख्स से बस इतना सा ताल्लुक है 'फ़राज'

परेशाँ वो हो तो हमें नींद नहीं आती..

use shaks se bus itna sa taluq hai faraz
pareshan wo ho to hamen nind nahin aati..

जो कभी हर रोज मिला करते थे 'फराज'

वो चेहरे तो अब ख़ाब ओ खयाल हो गए..

jo kabhi har roj mila karte the faraz
vo chehre to ab khaab o khayal ho gaye..

ahmad faraz shayari 2 lines gam bhare sher 1
2 Lines Shayari of Ahmad Faraz Sir

कुछ इसी तरह से जब उस प्रेमी का महबूब उसे रोते हैं हुए याद करता था. तब वो अपने महबूब को एक लम्हे के लिए भी अलग नहीं होने देना चाहता था. लेकिन मोहब्बत में नसीब का खेल भी बहुत अजीब होता है. महबूब एक साथ जीने की और मरने की कसमें खाते हैं. लेकिन कब वो अलग हो जाए कोई कह नहीं सकता.

वो जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर
जाने किस देस गए ख़्वाब हमारे लेकर..

शहर वालों को कहाँ याद है वो ख़्वाब फ़रोश
फिरता रहता था जो गलियों में गुब्बारे लेकर..

wo jo aa jaate the aankhon main sitare lekar
jaane kis des gaye khwab hamare lekar
shahar walon ko kaha yaad hai wo khwab farosh
firta rahta tha jo galiyon main gubbare lekar

Ahmad Faraz Shayari In Hindi की मदद से महबूब अपने प्यार को याद करता है. लेकिन जब उसकी आंखों में प्यार के सपने समाए होते हैं. वह उन सपनों को साथ लेकर कहां चला गया है उसे कुछ भी पता नहीं है.

यह बात तो ऐसे होती है जैसे शहर में कोई गुब्बारेवाला घूमता रहता है. वह गुब्बारे तो बेचता है. लेकिन जिस शहर की गलियों में वह घूमता रहता है. उस गलियों के लोगों को उसके बारे में कुछ भी पता नहीं होता है.

Ahmad Faraz Shayari Collection

Ahmad Faraz Shayari In English
Ahmad Faraz Shayari In Urdu
रातें हैं उदास दिन कड़े हैं
ऐ दिल तेरे हौसले बड़े हैं..

अब जाने कहाँ नसीब ले जायें
घर से तो हम चल पड़े हैं..

raatein hai udas din kade hai
e dil tere hausale bade hai
ab jaane kaha naseeb le jaaye
ghar se to hum chal pade hai

प्यार करने वालों को ना कभी रातों से कोई लेना-देना होता है. और ना ही उनके लिए दिन का कोई महत्व होता है. जब उनका महबूब उनके साथ होता है. तो वह एक-एक पल को जैसे थाम कर रखने की कोशिश करते हैं.

और साथ ही उनके दिल में जीतने का जज्बा बड़ा होता है. इसीलिए वे दुनिया से भी लड़ने का हौसला रखते हैं. लेकिन उनका नसीब उन्हें कहां ले जाए इसका उन्हें कोई भी पता नहीं होता है.

रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ..

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है, तो ज़माने के लिए आ..

ranjish hi sahi dil hi dukhane ke liye aa
aa fir se mujhe chhod ke jaane ke liye aa
kis kis ko batayenge judai ka sabab hum
tu mujh se khafa hai to jamane ke liye aa

Ahmad Faraz Shayari को सुनकर अपने खफा महबूब को मनाना चाहोगे. अपने दिल की गमों की रंजिशों को भी आप याद करना चाहोगे. लेकिन जब कोई प्रेमी अपने यार को तहे दिल से आवाज लगाता है. तब उसमें जो दर्द झलकता है.

वह किसी और बात में कभी नहीं हो सकता है. वो अपने दिल के दर्द को हमेशा सभी को सुनाना नहीं चाहता है. इसी वजह से वह कह रहा है कि चाहे उसे अपने लिए ना आना हो. लेकिन वह कम से कम दुनिया की नजरों मे तो जरूर आये. तब वो यार उसे दिल भर कर देख लेगा.

Ahmad Faraz Shayari Images

तेरी बातें ही सुनाने आये
दोस्त भी दिल ही दुखाने आये..

फूल खिलते हैं तो हम सोचते हैं
तेरे आने के ज़माने आये..

teri baatein hi sunaye aaye
dost bhi dil hi dukhane aaye
phool khilte hai to hum sochte hai
tere aane ke jamane aaye

जब कोई प्रेमी अपनी तन्हाई का आलम सहते हुए बैठा होता है. तभी उसकी सारे दोस्त वहां पर आ जाते हैं. और उसे फिर से उसके धोखेबाज यार की कहानियां सुनाने लगते हैं.

उन कहानियों से उस प्रेमी का दिल और भी ज्यादा दुखने लगता है. लेकिन अब इन कहानियों से भी उस प्रेमी को कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि उसने अपने दिल को समझा रखा है. हम जब भी बहारों का मौसम आता है. तो उसे अपने महबूब की याद जरूर आती है.

तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ
मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ फिर भी तुझे दिखाई न दूँ..

तेरे बदन में धड़कने लगा हूँ दिल की तरह
ये और बात के अब भी तुझे सुनाई न दूँ..

tadap uthu bhi to jalim teri duhai n d
main jakhm jakhm hu fir bhi tujhe dikhai n du..
tere badan main dhadkane lagahu dil ki tarah
ye aur baat ke ab bhi tujhe sunaye n du..

Ahmad Faraz Shayari Images की मदद से अपने दिल के जख्मों को भुलाना चाहोगे. सच्चा प्यार करने वाला प्रेमी जब भी अपने दिल की आह सुनता है. फिर भी वो कभी भी अपने दिलबर को बद्दुआए नहीं देता है.

क्योंकि उसे पता है कि जब जब अपने यार को याद करेगा. तब तब उसके जख्म हरे होते रहेंगे. लेकिन वह हर वक्त अपने यार की धड़कनों को खुद के दिल में बसाये बैठा है. और इस बात की खबर तक उसके महबूब को नहीं है.

अहमद फ़राज़ जी इनकी कुछ चुनिंदा शायरियां

ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे..

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझे..

jindagi se yahi gila hai mujhe
tu bahut der se mila hai mujhe
tu mohabbat se koi chaal to chal
har jaane ka hausla hai mujhe

अपने प्यार में कोई भी प्रेमी हमेशा खो जाना चाहता है. लेकिन एक बार ही सही अपनी जिंदगी से उसे मिलना चाहता है. क्योंकि उसने जिस तरह से अपने दिलबर से प्यार किया होता है.

उसकी हर एक बात मानने के लिए तैयार होता है. उसे एक अरसे से नहीं मिला है. लेकिन इस बात को वह अपने महबूब को जब बताता है. तब वह उसकी हर एक चाल पर हारने के लिए भी तैयार होता है.

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें..

ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुम्किन है ख़राबों में मिलें..

ab ke hum bichde to shayad kabhi khwabon main mile
jis tarah sukhe hue phool kitabon main mile..
dhoondh ujade hue logon main vafa ke moti
ye khajane tujhe mumkin hai kharabon main mile..

कुछ उसी तरह का अनुभव भी उन दोनों को होता है. इस अनुभव को दुनिया के साथ जब आप जोड़ दोगे. तो दुनिया किसी अच्छे इंसान में भी उसकी बुराईयां ढूंढती हुई नजर आती है.

Ahmad Faraz Shayari in Images
Ahmad Faraz Shayari in Images

Last words on Ahmad Faraz Shayari

हमारी इन बेहतरीन Ahmad Faraz Shayari को सुनकर अगर आप भी अपने दिलबर से मिलने के लिए बेचैन हो चुके हो, तो हमें comment field में comments करते हुए जरूर बताईये! और अगर आपको John Elia Shayari कलेक्शन को सुनना है या फिर पढ़ना है तो आप हमारी ये पोस्ट भी विजिट कर सकते है.


Ahmad Faraz Shayari Voice-Over: Mannali Raheja

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