Allama Iqbal Shayari Islamic -4: Poetry In Hindi

Allama Iqbal Shayari Islamic : दोस्तों, आपको पता है की अल्लामा इकबाल साहब जैसे बड़े शायर की शायरी में कितनी गहराई होती है. वे जब भी अपनी कलम से कोई ग़ज़ल या शायरी लिखते हैं. तो उसमें बहुत गहरी बात कह देते हैं.

जिन्हें पढ़कर और सुन कर हम भी अपने जिंदगी में कुछ नई बात सीख सकते हैं. और ऐसे ही बड़े-बड़े शायर का Shayari Sukun मंच बहुत ही कदरदान है. और इसी वजह से आज हम आपके लिए Allama Iqbal Shayari Islamic के रूप में पेशकश लाए हैं.

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अल्लामा इकबाल साहब की इन एक से बढ़कर एक शायरियों को Ashok Prajapati इनकी आवाज़ में सुनकर जिंदगी का सच्चा मतलब समझोगे!

हमें यकीन है कि आपको हमारी यह Poetry In Hindi की पेशकश बहुत ज्यादा पसंद आएगी. और साथ ही अल्लामा इकबाल साहब के खयालात भी आपके दिल तक जरूर पहुंच जाएंगे. अगर आपको उनके यह कलाम पसंद आए. तो इन्हें अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें. और साथ ही आप हमारे शायरी सुकून के ऑफिशियल यूट्यूब और व्हाट्सएप चैनल से भी जरूर जुड़े.

Allama Iqbal Shayari Hindi

जमीर जाग ही जाता है
अगर दिल जिंदा हो तो..

कभी गुनाह से पहले
कभी गुनाह के बाद..

jameer jaag hi jata hai
agar dil jinda ho to..
kabhi gunah se pahle
kabhi gunah ke bad..

दोस्तो आप अल्लामा इकबाल साहब की शायरी को सुनकर अपने दिल को समझाना चाहते हो. और आपको तभी इस बात का यकीन हो जाता है कि आपके दिल में भी जमीर जरूर जाग जाएगा. क्योंकि जिस इंसान के पास सच्चा दिल होता है उसका जमीर जरूर जिंदा होता है.

चाहे वह जमीर को अपने हाथों से कोई गुनाह करने के पहले जगाए. या फिर जब भी वह कोई गुनाह कर ले. तो वह मन ही मन अपने उस गुनाह को याद करते हुए उस पर पछतावा करता है. तभी उसके मन में उस गलती या उस बुरे काम के प्रति जमीर जाग जाता है.

हम जब निभाते है तो इस तरह निभाते है
सांस लेना तो छोड़ सकते है पर दमन यार नहीं

ham jab nibhate hain to kis tarah nibhate hain
sans lena to chhod sakte hain per daman yaar nahin

Allama Iqbal Shayari Hindi की मदद से अपने यार के साथ किए वादे निभाना चाहोगे. क्योंकि आपको किसी को जवाब देना और उससे मुकरना कभी आया ही नहीं है. जब भी किसी से कोई बात करते हो तो वह पूरे दिल से और सच्ची बात करते हो.

और इसी बात का आपको यकीन और अभिमान होता है. क्योंकि आपने आज तक किसी का दिल कभी दुखाना नहीं है. मजबूरन ही आपने किसी से कोई वादा नहीं किया है. या फिर किसी से किया हुआ वादा कभी तोड़ा भी नहीं है.

Allama Iqbal Shayari In Urdu

ढूंढता रहता हूं ऐ इकबाल अपने आप को
आप ही गोया मुसाफिर आप ही मंजिल हूं मैं

dhoondta rehta hoon iqbal apne aap ko
aap hi goyaa musafir aap hi manjil hu mai

कोई प्रेमी अपने महबूब पर तहे दिल से भरोसा करता है. तब उससे वह उसी बात की उम्मीद रखता है. ताकि उसे अपने यार से कोई धोखा ना मिले. और साथ ही वह खुद में अपने आप ढूंढता रहता है. साथ ही अगर उसे खुद के मन का पता ना चला.

तो उसे बहुत ज्यादा परेशानी होगी. और तब वह अपने आप से भी कभी झूठ नहीं बोल पाएगा. इसी वजह से वह खुद से ही इस बात से नाराज रहता है. और हमेशा यही सवाल करता रहता है. लेकिन उसके सवाल का जवाब भी उसके पास ही होता है. क्योंकि उसके जिंदगी की मंजिल भी वह खुद ही होता है.

खुदा के बन्दे तो हैं हजारों बनो में फिरते हैं मारे-मारे
मैं उसका बन्दा बनूंगा जिसको खुदा के बन्दों से प्यार होगा

khuda ke bande to hai hajaron bano mein phirte hain mare mare
main uska banda banunga jisko khuda ke bando se pyar hoga

Allama Iqbal Shayari In Urdu की मदद से कोई प्रेमी महबूब से प्यार की उम्मीद करता है. लेकिन उसे खुद पर पूरा यकीन भी है कि उसका यार उससे ही प्यार करेगा. क्योंकि इस जहां में सभी अल्लाह के ही बंदे हैं.

Allama Iqbal Shayari Image -2

Allama Iqbal Shayari Hindi
Allama Iqbal Shayari Hindi

सभी हजारों की तादाद में यहां वहां मंजिल की तलाश में घूमते रहते हैं. लेकिन आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आपके दिल पर आपको पूरा यकीन है. और आपका यार भी बस आपसे ही मोहब्बत करेगा. इसी बात पर आप सारे जिंदगी अड़े रहते हो.

Allama Iqbal Shayari In English

जानते हो तुम भी फिर भी अजनान बनते हो
इस तरह हमें परेशान करते हो..

पूछते हो तुम्हे किया पसंद है
जवाब खुद हो फिर भी सवाल करते हो..

jante ho tum fir bhi anjaan bante ho
is tarah hamen pareshan karte ho..
puchte ho tumhen kiya pasand hai
jawab khud ho fir bhi sawal karte ho..

अपनी महबूबा को अपने दिल से जानते हो. लेकिन आपका यार आपसे हर बार कोई ना कोई बात छुपा ही लेता है. और यही बात आप उससे पूछना चाहते हो. और साथ ही आप उससे जान कर भी अंजान बने का सवाल करना चाहते हो.

क्योंकि यह सवाल आपके यार से जब भी आप करते हो. तो आप पूरे दिल से परेशान हो जाते हो. साथ ही आप को इस बात से भी बहुत ज्यादा हैरानी है कि वह आखिर यह सब क्यों कर रहा है. क्योंकि जबकि उसे पता है कि अपने प्रेमी के प्यार की मंजिल भी वही है और जिंदगी का रास्ता भी वही है.

पानी पानी कर गयी मुझको कलंदर की वो बात
तू झुका जो ग़ैर के आगे न तन तेरा न मन तेरा

pani pani kar gai mujhko qalandar ki vah baat
tu zuka jo gair ke aage na tan tera na mann mera

Allama Iqbal Shayari In English की मदद से अपने यार के साथ साझा करना चाहोगे. जब जब कोई प्रेमी कलंदर की शायरी में कही हुई बात पूरे दिल से सुनता है. तब उसका मन बहुत हैरान हो जाता है.

क्योंकि कलंदर कुछ बात ही ऐसी करते हैं. जिसे सुनकर और पढ़कर हर कोई सोच में पड़ जाता है. वह अपनी शायरी में किसी के सामने ना झुकने की बात करते हैं. उनका मानना है कि जब अगर कोई किसी के सामने बिना वजह से झुक गया. तो उसके तन और मन की कोई भी कीमत नहीं रहेगी.

Allama Iqbal Shayari Islamic

दिल की बस्ती अजीब बस्ती है, लूटने वाले को तरसती है.

मुमकिन है कि तू जिसको समझता है बहारां
औरों की निगाहों में वो मौसम हो खिजां का

dil ki basti ajeeb basti hai lootnewale ko tarasti hai
mumkin hai ki tu jisko samajhta hai bahara
auron ki nigahon mein vo mausam ho khijaa ka

हर किसी को जिंदगी में एक बार प्यार जरूर होता ही है. और इस प्यार की बस्ती का ताल्लुक दिल से ही होता है. लेकिन हर एक दिल की बस्ती अलग अलग तरह की होती है. और हर कोई आशिक अपने प्रेमी से दिल की चोरी करने के लिए तरसता रहता है.

क्योंकि प्यार ही एक ऐसी चोरी है जिससे दिल चुराया जाता है. जब दिल चुराया जाता है तो ही उससे एक प्यारा सा बंधन जुड़ जाता है. और जब दो दिलों के बंधन अपने आप जुड़ जाते हैं. तब उनके जिंदगी भर साथ रहने की बात हो सकती है.

तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती मगर है,
इस से यह मुमकिन की तू बदल जाये तेरी दुआ है,

की हो तेरी आरज़ू पूरी मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये

teri dua se qaza to badal nahin sakti magar hai
isase yah mumkin ki tu badal jaaye teri dua hai
ki ho teri arzoo puri meri dua hai teri arzoo badal jaaye

Allama Iqbal Shayari Islamic की मदद से अपने यार के लिए दुआ मांगना चाहोगे. और कोई भी प्रेमी जब जब अपने यार के लिए अल्लाह से दुआ मांगता है. तो उस दुआ को तहे दिल से इबारत करने की दुआ मांगता है. लेकिन उसे अब एक बात तो पक्की पता चल चुकी है.

उसकी दुआ से अब उसकी कजा कम नहीं होने वाली. है. लेकिन इसमें एक बात हो सकती है. अगर वह प्रेमी अपने यार के लिए मांगी जाने वाली दुआ को बदल दे. तो शायद उसकी बदली हुई दुआ पूरी हो सकती है. लेकिन इस बात से उस प्रेमी की आरजू में बिल्कुल भी कमी नहीं आ सकती है.

Allama Iqbal Shayari

भरी बज़्म में अपने आशिक़ को ताड़ा
तेरी आँख मस्ती में होश्यार क्या थी

bhari bazm mein apne aashiq ko tadaa
teri aankh mein masti mein hoshiyar kya thi

आपको जब भी अपने यार का रिश्ता याद आता है. तब आप उससे अपने आशिकी की बात पूछना चाहते हो. और भरी महफिल में जब भी किसी आशिक के बातों का ताड़ा जाता है. जबकि उसकी आंखों में खुशी की मस्ती होती है.

तब वह जैसे होशियार हो जाता है. और इसी बात को आपका दिल अब मानने के लिए तैयार नहीं है. इसी वजह से आपके यार के साथ जो भी सवाल जवाब होते हैं. उन्हें आप अपनी महफिल में बताना नहीं चाहते हो.

जफा जो इश्क़ में होती है वह जफा ही नहीं,
सितम न हो तो मोहब्बत में कुछ मजा ही नहीं..

jafaa jo ishq me hoti hai vo jafaa hi nahi,
seetam naa ho to mohabbat me kuch majaa hi nhi..

Allama Iqbal Shayari Image -3

Allama Iqbal Shayari in Urdu
Allama Iqbal Shayari in Urdu

Allama Iqbal Shayari की मदद से आप अपने यार को वफा की बात कहना चाहते हो. ताकि आपको पता चल सके कि आपका यार भी आपके दिल से कितना प्यार करता है. और उसकी वफ़ा में आपको अपनी ही छवि नजर आती है या नहीं.

और साथ ही जो जफ़ा अपने महबूब से करते हो. यही उम्मीद आप अपने दिलबर से भी रखते हो. लेकिन आपको इस बात का भी यकीन है. अगर प्यार में कोई परेशानी या फिर कोई समस्या ना हो. तो वह प्यार पूरा नहीं हो पाता है.

हमारी इन Allama Iqbal Shayari Islamic -4 को सुनकर अगर आपको भी ये शायरियां पसंद आ जाए, तो हमें comment field में comment करते हुए जरूर बताईये.

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7 thoughts on “Allama Iqbal Shayari Islamic -4: Poetry In Hindi”

  1. बेहद खूबसुरत अंदाज-ए-बयां..
    दिल को छू गया हर एक लब्ज़..
    – कल्याणी

  2. Very nice Ashok ji and you expressed also very beautifully👌👌👌

    Regards,
    Sameera urf Manpreet

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