Nafrat Shayari is the best way to show hatred towards someone. If you don’t like someone’s attitude or nature, then you can express your emotions with those Shayari on Nafrat. Showing the dislike is not an easy task; you need to be very careful while doing so. Here in this blog post we have written best नफ़रत शायरी for your need.
जब किसी आशिक का यार उससे नफरत की बात छेड़ता है. तो उसके दिल को बहुत ज्यादा दुख होता है. क्योंकि वह आशिक आज तक अपने महबूब से तहे दिल से प्यार करता रहा है. लेकिन अब न जाने यह कैसा मंजर आ गया है.
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Table of Content
- Nafrat Shayari
- Nafrat Shayari In Hindi
- Nafrat Shayari In English
- Nafrat Shayari For Boyfriend
- Nafrat Shayari DP
- Conclusion
इन नफरत भरी शायरीओं को Vanshika Navlani इनकी आवाज में सुनकर अपने दिल की नफरत को बयां करना चाहोगे!
Jab dil me nafrat ho to kya karen
apne jazbato par vishesh dhyan de, unko nakaratmkta ki taraf jaane me dijiye. Nafrat ki jad dhundh nikale, agar kuch chije aapke bas ke bahar hai to relax ho jayiye. jo hona tha wo ho gya, jo hoga wo hokar hi rahega.
इन सभी बातों के लिए वह अपने महबूब को ही तहे दिल से शुक्रिया देता रहा है. लेकिन आज Nafrat Shayari In Hindi की मदद से उसने गहरा धोखा पाया है. और अपने दिलबर की आंखों में अब उसे प्यार बिल्कुल भी नजर नहीं आता है. कुछ यही बात Hate Love Status की मदद से वह कहना चाहता है.
Nafrat Shayari | नफरत शायरी
जब किसी के दिल में किसी के प्रति नफरत होती है. तो वह उस नफरत को हमेशा जताने की कोशिश करता है. लेकिन इस कोशिश में वह अपने ही दिल को बहुत ज्यादा तकलीफ देता रहता है.
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1) तुम्हारी नफ़रत से भी सनम हमें इश्क हो गया.. दिल था पागल हमारा जो तेरा दीवाना हो गया.. -Vrushali
tumhari nafrat se bhi
sanam hamen ishq ho gaya..
dil tha pagal hamara
jo tera deewana ho gaya..
2) तुम्हारी बेजान सी यादों में, मैं जलता रहा.. नफ़रतोँ के अंधेरों में अकेला चलता रहा.. -Anamika
tumhari bejaan si
yaadon me, main jalta raha..
nafraton ke andheron me
akela chalta raha..
Listen to Nafrat Shayari in Hindi | Voice-Over: Vrushali Suvarna Dnyandev
3) अब उसकी नफ़रत मुझे सताने लगी है.. हर पल आंखों में नमी छाने लगी है.. -Sagar
ab uski nafrat
mujhe satane lagi hai..
har pal aankhon mein
nami chhane lagi hai..
4) जो तुम्हें नहीं है मुझसे मोहब्बत.. अब क्या करूं मैं तुमसे नफरत.. -Santosh
jo tumhen nahin hai mujhse mohabbat..
ab kya karun main tumse nafrat..
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5) कहां से लाते हो अपने खून में इतनी नफ़रत.. मोहब्बत की हर बात क्यों समझते हो आफ़त.. -Vrushali
kahan se late ho apne
khoon me itni nafrat..
mohabbat ki har baat
kyon samajhte ho aafat..
6) दिल में तुम्हारी दी हुई तन्हाई जरूर है.. छाया हर तरफ ये नफ़रत का ही सुरूर है.. -Sapna
dil me tumhari
di hui tanhai jarur hai..
chhaya har taraf ye
nafrat ka hi suroor hai..
Listen to Shayari on Nafrat | Voice-Over: Avalokita Pandey
7) मैं आजकल खुश नहीं रहता उसकी नफ़रत ने मुझे घेरा है.. कभी रौशन करता था उसका दिल पर आज हर तरफ छाया अंधेरा है.. -Sagar
main aajkal khush nahin rahata
uski nafrat ne mujhe ghera hai..
kabhi roshan karta tha uska dil
per aaj har taraf chhaya andhera hai..
8) मोहब्बत से, टूट कर जिसे चाहा.. नफरत से, उसी ने मुझे ठुकराया.. -Anamika
mohabbat se, toot kar jise chaha..
nafrat se, usi ne mujhe thukraya..
9) यह नफ़रत तुम्हें जला देगी तेरे सुकून को मिटा देगी.. सीखो तुम मोहब्बत करना जिंदगी खुशियों से भरी रहेगी.. -Vrushali
ye nafrat tumhen jala degi
tere sukun ko mita degi..
sikho tum mohabbat karna
jindagi khushiyon se bhari rahegi..
10) बेवफ़ा, तुम क्या मिसाल दोगी तुम्हारे मोहब्बत की.. कमबख्त नफ़रत भी की हमने, तो लाजवाब की..! -Santosh
bewafa tum kya misal
dogi tumhare mohabbat ki..
kambakht nafrat bhi ki
humne, to lajawab ki..!
11) तुझ बिन बड़ा उदास ये खुशनुमा सवेरा हैं मेरी शामों पर अब तेरी यादों का बसेरा हैं.. जहाँ रौशन रहते थे मोहब्बतों के चिराग कभी उन पगडंडीयों पर अब नफरतों का डेरा हैं.. -Moeen
tujh bin bada udas ya khushnuma savera hai
meri shamon per ab teri yadon ka basera hai
jahan roshan rahte the mohabbatan ke chirag kabhi
un pagdandiyon par ab nafraton ka dera hai
आशिक अपनी जिंदगी में अब बहुत ज्यादा उदास रहने लगा है. क्योंकि उसका महबूब ही अब उसके साथ जिंदगी में रहना नहीं चाहता है. क्योंकि अब उसके महबूब की नजर में अब आशिक के लिए जरा भी प्यार नहीं बचा है. आप उसके दिल में बस नफरत ही नफरत पैदा हो रही है.
लेकिन वह इस बात को बिल्कुल भी बताने के लिए तैयार नहीं है. आखिर उसके दिल में अपने आशिक के लिए यह नफरत क्यों पैदा हो रही है. उसके आशिक के बिना अब उसकी शामे भी उदासी गुजर रही है. और वह अपनी जिंदगी कि दिनों को मुश्किल से काट रहा है.
12) चाहतों में उस मुकाम से गुज़र गए होते यादों का सहारा हैं वरना बिखर गए होते.. गमों ने संभाला, तन्हाई ने दी पनाह हमें वरना नफरतों के शहर में किधर गए होते.. -Moeen
chahaton mein use mukam se gujar gaye hote
yadon ka sahara hai varna bikhar gaye hote
gamon ne sambhala tanhai ne deepa na hamen
varna nafraton ke shahar mein kidhar gaye hote
Nafrat Shayari की मदद से अपने यार को यादों से निकालना चाहोगे. क्योंकि दिलबर का ख्याल आशिक के मन में होता तो है. लेकिन वह अब उसे भुलाने की कोशिश कर रहा है. क्योंकि जिस तरह से उसने अब प्यार का सिला दिया है. उस नफरत को भला आशिक कैसे भूल पाएगा?
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क्योंकि उसकी यादों का अब उसे सहारा है. और शायद इसी सहारे की मदद से वह अब अपने जिंदगी के आखिरी दिनों तक गुजारा कर लेगा. लेकिन वह जानता है कि किसी भी आशिक के लिए अकेले जिंदगी गुजारना बहुत ही मुश्किल होता है.
Nafrat Shayari In Hindi
13) दिल में उसने नफ़रत को दी पनाह.. तबसे रिश्ता हुआ हमारा तबाह.. -Sagar
dil me usne nafrat ko di panaah..
tab se rishta hua hamara tabaah..
14) अक़्सर नफरत ही होती है उससे.. कोई जब उतर जाता है दिल से.. -Sapna
aksar nafrat hi hoti hai usse..
koi jab utar jata hai dil se..
15) अपने हालातों से नफ़रत नहीं करते खुद को यूं बार-बार कोसा नहीं करते.. अभी दम है तेरी बाजुओं में मुसाफ़िर हिम्मतवाले यूं ही दम तोड़ा नहीं करते.. -Vrushali
apne halaton se nafrat nahin karte
khud ko yun bar-bar kosa nahin karte..
abhi dam hai teri baazuon mein musafir
himmatwale yun hi dam toda nahin karte..
16) कोई नहीं है इस दिल में तेरे बाद से.. मगर अब नफ़रत है तेरी हर बात से.. -Anamika
koi nahin hai is dil mein tere bad se..
magar ab nafrat hai teri har baat se..
17) जिंदगी प्यार से बनती है नफ़रत से वह बनाई नहीं जाती.. प्यार से अपना लो अपनों को नफ़रत से खुशियां हासिल नहीं होती.. -Vrushali
jindagi pyar se banti hai
nafrat se vah banaai nahin jaati..
pyar se apna lo apnon ko
nafrat se khushiyan hasil nahin hoti..
18) इश्क में तहे दिल से की थी जिनकी फिक्र.. उनकी नफरतों में भी नहीं है हमारा जिक्र..! -Santosh
ishq me tahe dil se
ki thi jinki fikr..
unki nafraton me bhi
nahin hai hamara jikr..!
19) सनम, तेरी ये नफ़रत मुझे बैचेन कर देती है.. तेरी हर रूखी सी बात मुझे घायल कर देती है.. -Vrushali
sanam, teri ye nafrat
mujhe bechain kar deti hai..
teri har rukhi si baat
mujhe ghayal kar deti hai..
20) रब से पहले हमने तुम्हारा नाम लिया.. तुमने मगर नफरतों का पैगाम दिया.. -Sapna
rab se pahle humne tumhara naam liya..
tumne magar nafraton ka paigam diya..
21) नफ़रत से शुरू हुई थी कहानी मोहब्बत से वो खत्म हो गई.. हार तो होनी ही थी नफ़रत की मोहब्बत की ऐसी शुरुवात हो गई.. -Vrushali
nafrat se shuru hui thi kahani
mohabbat se vo khatm ho gai..
haar to honi hi thi nafrat ki
mohabbat ki aisi shuruaat ho gai..
22) आशिकों को आता है मोहब्बत करना.. दुनिया का मगर काम है नफ़रत करना.. -Anamika
aashiqon ko aata hai mohabbat karna..
duniya ka magar kaam hai nafrat karna..
23) ज़िंदगी का ज़हर अब चुपचाप पी लेते हैं ज़ख्म मिले लाख मगर ख़ामोशी से सी लेते हैं.. उन्हें मोहब्बतों की बहारें भी रास ना आई हम नफरतों की आंधीयों में भी जी लेते हैं.. -Moeen
jindagi ka jahar ab chupchap pi lete hain
zakhm mile lakh magar khamoshi se si lete hain
unhe mohabbaton ki bahare bhi raas na aayi
ham nafraton ki aandhiyon mein bhi jee lete hain
आशिक अपने महबूब से प्यार कर बहुत ज्यादा पछता रहा है. क्योंकि जिस कदर उसकी अपने महबूब से प्यार में धोखा खाया है. उसने कभी भी अपने सपने में भी यह बात सोची नहीं थी. और जिस कदर उसका दिलबर अब उसे नजरअंदाज कर रहा है.
वह कभी भी दुनिया के किसी आशिक के साथ ऐसा हो, यह नहीं चाहेगा. और शायद इसी वजह से वह अब जिंदगी में इस तन्हाई के जहर को खुद ही पी रहा है. अपने महबूब के दिए हुए सभी जख्मों को अकेले ही सी रहा है.
24) तुझ बिन शहर की गलीयों में नूर नहीं बिन तेरे मेरी साँसें चले मुझे मंज़ूर नहीं.. चाहत की महफिलों में मिले जाम नफरतों के लबों पर लाऊँ शिकायत ये मेरा दस्तूर नहीं.. -Moeen
tujh bin shahar ki galiyon mein nur nahin
bin tere meri sanse chale mujhe manjur nahin
chahat ki mehfil mein mile jaam nafraton ke
labon per lau shikayat yah mera dastur nahin
Nafrat Shayari In Hindi की मदद से प्यार की नफरत से शिकायत करोगे. क्योंकि यह बात उस आशिक तक ही सीमित नहीं रहती है. जब भी वह अपने महबूब से प्यार की बात करता था. तो उसके लिए जैसे पूरी कायनात ही अपना रूप बदल लेती थी.
जब भी उसका दिल पर उसे मिलने के लिए आता था. तो वह इस मौसम को भी साथ लेकर आता था. और ऐसे महबूब के अब दूर हो जाने से उसकी सांसे भी अब उसे बोझ लगने लगी है. उसे अब किसी से भी कोई शिकायत नहीं रही है. क्योंकि उसका दिल अब सारी बातों से ऊब गया है.
Nafrat Shayari In English
25) हम जब मोहब्बत करते हैं तो दुनिया के बारे में सोचते नहीं है.. और जब नफ़रत करते हैं तो अपने बारे में सोचते नहीं है.. -Vrushali
ham jab mohabbat karte hain
to duniya ke bare mein sochte nahin hai..
aur jab nafrat karte hain
to apne bare mein sochte nahin hai..
26) मासूम दिल मेरा जहर लेने के लिए भी तरसा.. नफरत का कहर कुछ इस कदर हम पर बरसा.. -Santosh
masoom dil mera jahar
lene ke liye bhi tarsa..
nafrat ka kahar kuch
is kadar ham per barsa..
27) फूलों की सुगंध जैसी होती है मोहब्बत.. उसे बदबू में तब्दील कर देती है नफ़रत.. -Vrushali
phoolon ki sugandh jaisi
hoti hai mohabbat..
use badboo mein tabdeel
kar deti hai nafrat..
28) नहीं आया तुम्हें कभी मोहब्बत में चाहना.. दुआओं में मेरे लिए नफरत जरूर मांगना.. -Sapna
nahin aaya tumhen kabhi
mohabbat me chahana..
duaon mein mere liye
nafrat jarur mangna..
29) नफ़रत से सीखी मैंने कसमें मोहब्बत की.. दे जाए कोई दगा तो कसम दे आशिक की.. -Vrushali
nafrat se sikhi maine
kasamen mohabbat ki..
de jaaye koi daga to
kasam de aashiq ki..
30) ना मुकम्मल हो अगर चाहत.. दर्द ही देती है हमेशा नफ़रत.. -Anamika
na mukammal ho agar chahat..
dard hi deti hai hamesha nafrat..
31) मुजरिम मोहब्बत के सरेआम घूमते हैं.. नफ़रत के चेहरे नकाबों से छुपाते हैं... -Vrushali
mujrim mohabbat ke sareaam ghumte hain..
nafrat ke chehre naqabon se chhupate hain..
32) नफ़रत भूल ही जाती है किसी की तमीज.. चाहे कितना भी क्यों ना हो कोई अजीज.. -Santosh
nafrat bhul hi
jaati hai kisi ki tamiz..
chahe kitna bhi
kyon na ho koi aziz..
33) आशिकों से चाहत करना सीखा हमने.. जमाने से नफरत करना सीखा हमने.. -Sapna
aashiqon se chahat karna sikha humne..
zamane se nafrat karna sikha humne..
34) एक बार सोच कर तो देखा होता.. नफ़रत के लायक तो समझा होता.. -Anamika
ek bar soch kar to dekha hota..
nafrat ke layak to samjha hota..
35) तेरे बाद ज़िंदगी का बोझ उठा रहा हुँ मैं तेरी यादों के निशाँ अब मिटा रहा हुँ मैं.. मुझे हैं अंदाज़ा नफरतों के अंधेरों का फिर तेरे खयालों के दीप जला रहा हुँ मैं.. -Moeen
tere bad jindagi ka bojh utha raha hun main
teri yadon ke nishan ab mita raha hun main
mujhe hai andaaza nafraton ke andhero ka
fir tere khayalon ke dip jala raha hun main..
अपने महबूब के जाने के बाद आशिक अब सिर्फ उसी की यादों में जी रहा है. उसे तो यह भी पता नहीं है कि आखिर उसका यार कहां है. क्योंकि जब से उसका दिलबर उसे छोड़ चला गया है. ना ही उसका कोई संदेश आशिक को मिला है.
और ना ही कोई अता पता वह किसी के पास छोड़ गया है. इसी वजह से अब आशिक उसके जाने पर बिल्कुल भी शौक नहीं कर रहा है. वह अपनी जिंदगी को अब जैसे तैसे कट रहा है. ताकि उस के मोहब्बत के सभी यादों को वह अपनी जिंदगी से मिटा सके.
36) नफरत करने के लायक भी ना थे.. प्यार हम उनसे तहे दिल से कर बैठे..
nafrat karne ke layak bhi naa the
pyar ham unse tahe dil se kar baithe..!
Nafrat Shayari In English को सुनकर नफरत करने वाले महबूब को याद करोगे. यह बात आशिक के लिए बहुत ज्यादा दर्द देने वाली होती है. क्योंकि उसका सबसे चहेता यार उसे छोड़ चला गया है. और उसकी जिंदगी में अब फिर से एक बार अंधियारे का साथ आ चुका है.
जब उसकी सुनी सुनी महफिल में कोई नहीं आता था. तब उसकी महफिल को सजाने का सबसे बड़ा काम उसके यार ने किया था. और शायरी इसी वजह से यह बात आशिक के लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है. लेकिन आज वही प्यार करने वाला उसके नफरतों का हिस्सा बन चुका है.
Nafrat Shayari For Boyfriend
37) आशिक है हम, दिल की दुआएं लेना हमारी.. नफरत भी करोगे, तो सलामती चाहेंगे तुम्हारी.. -Santosh
aashiq hai ham, dil ki
duaayen lena hamari..
nafrat bhi karoge, to
salamati chahenge tumhari..
38) उसकी हर एक अदा से हम मोहब्बत करते थे.. मगर वो तो हमारी बातों से नफ़रत करते थे.. -Sapna
uski har ek ada se
ham mohabbat karte the..
magar vo to hamari
baaton se nafrat karte the..
39) मतलब के लिए अब हर कोई ये करामात करता है.. मोहब्बत करने वालों से ही जमाना नफ़रत करता है.. -Anamika
matlab ke liye ab har
koi ye karamat karta hai..
mohabbat karne walon se hi
jamana nafrat karta hai..
40) बिना सोचे समझे, ये गुनाह कर बैठे.. तेरी नफरत को ही चाहत समझ बैठे.. -Santosh
bina soche samjhe, ye gunah kar baithe..
teri nafrat ko hi chahat samajh baithe..
41) दिल से हमारे तुम्हें फिर यूं झूठी मोहब्बत ना होती.. ना मिलते हमसे कभी तो जिंदगी से नफ़रत ना होती.. -Sapna
dil se hamare tumhen fir
yun jhuthi mohabbat na hoti..
na milte hamse kabhi to
jindagi se nafrat na hoti..
42) ना किसी से अब दिल को मेरे कभी चाहत होगी.. ऐसा जख्म दिया है कि नफ़रत भी नहीं होगी.. -Anamika
na kisi se ab dil ko
mere kabhi chahat hogi..
aisa jakhm diya hai ki
nafrat bhi nahin hogi..
43) सादगी ने हमें मोहब्बत करना सिखा दिया.. बेवफाई ने मगर नफ़रत करना सिखा दिया.. -Santosh
saadgi ne hamen mohabbat
karna sikha diya..
bewafai ne magar nafrat
karna sikha diya..
44) ना आया किसी पर दिल तो गम ना करना.. नफ़रत भी किसी से मगर कम ना करना.. -Sapna
na aaya kisi per
dil to gam na karna..
nafrat bhi kisi se
magar kam na karna..
45) झूठा बनाव होता जब मोहब्बत का.. तभी इंसाफ होता है नफरत का.. -Anamika
jhutha banaav hota jab mohabbat ka..
tabhi insaaf hota hai nafrat ka..
46) अपने दिल की बात खुलेआम करना.. नफ़रत भी करना तो सरेआम करना.. -Santosh
apne dil ki baat khuleaam karna..
nafrat bhi karna to sare aam karna..
47) बैठे रहो तुम कयामत तक नफरत के अनशन पर.. इस्तीफा चाहत का हम भी आखरी सांस तक ना देंगे..
baithe raho tum kayamat tak
nafrat ke anshan per
istifa chahat ka hum
aakhri saans tak na denge..
आशिक अपने यार को नफरत के काबिल भी नहीं समझता है. क्योंकि जिस तरह का दर्द उसने आशिक को प्यार में दिया है. शायद ही उस तरह की बात को कोई यार कर सकता है. और अपनी जिंदगी मैं मिला हुआ सच्चा प्यार छोड़कर शायद ही कोई जा सकता है.
लेकिन इस तरह का बचपना सा व्यवहार ही आशिक के साथ हुआ है. इसी वजह से वह आशिक अपने दिलदार को कभी बुलाना नहीं चाहता है. और वह अपने यार की नादानी को अनशन का नाम देता है. और खुद कभी प्यार का इस्तीफा ना देने के बारे में सोचता है.
48) नहीं मानता हिस्सा अब तुम्हें किसी भी हसरत का.. क्योंकि नफरत से किया तुमने खून मेरी चाहत का..
nahin manta hissa ab tumhen
kisi bhi hasrat ka
kyunki nafrat se kiya tumne
khoon meri chahat ka..
Nafrat Shayari For Boyfriend की मदद से अपने झूठे यार को छोड़ना चाहोगे. क्योंकि आशिक का महबूब अब उसे धोखा दे चुका है. और उससे प्यार का नाटक जिस तरह से उसने रचाया था. उसका खुद ही उसने अब पर्दाफाश कर लिया है. इसी वजह से अब आशिक अपनी दुआओं में किसी भी तरह से यार का नाम नहीं शामिल करता है.
और वह से अपनी जिंदगी का किसी भी तरह से कोई हिस्सा नहीं मानता है. जिस तरह की धोखेबाजी को उसने आज तक कभी सुना भी नहीं था. उस तरह कि नफरत का हो आज खुद सामना कर रहा है.
Nafrat Shayari DP
49) चाहत ना सही बस नफरत ही करते रहो मुझसे तुम.. याद तो रहेंगे कम से कम जिंदगी भर तुम्हें हम..
chahat na sahi bus nafrat hi
karte raho mujhse tum
yad to rahenge kam se kam
jindagi bhar tumhen ham..
अपने रूठे यार को जब आशिक चाहत का शीला पूछता है. तब वह अपने सूरत की आंधियों में ही उसे हमेशा जलाता रहता है. लेकिन वह इस बात को जरूर कुछ देर के लिए भूल जाता है. की उससे चाहत करने पर भी वह उसके जिंदगी का हिस्सा था.
लेकिन आज जब वह खुद ही उसकी जिंदगी छोड़ जा रहा है. तो कम से कम वह अपने साथी अपनी मोहब्बत को याद तो रखेगा. लेकिन यह बात तब ही सच हो सकती है. जब कोई इस तरह से अपने आशिक का नाम लेता रहे.
50) हर किसी से नफरत कर खुद को जला लेते हो.. दिखावे की हंसी आखिर चेहरे पर क्यों दिखाते हो..?
har kisi se nafrat kar
khud ko jala lete ho
dikhave ki hansi aakhir
chehre per kyon dikhate ho..?
Nafrat Shayari DP की मदद से अपनी मोहब्बत का जिक्र यार को करना चाहोगे. आजकल किसी भी आशिक को अपने दिलबर की खुशी तो पसंद होती है. इन लेकिन वह उसे इस बात के बारे में बताना नहीं चाहता है. वह उसे सरप्राइस देने की बात सोचता है.
लेकिन जब भी कोई उसे अपने बारे में या फिर दूसरों के बारे में पूछता है. तब उसके चेहरे पर जैसे हवाइयां उड़ती है. और वह अपने चेहरे पर एक दिखावे की हंसी लाता है. जो इस आशिक को बिल्कुल भी पसंद नहीं होती है.
नींद मेरी चौखट पर सर पटख कर रोई होगी बेवफा आशीयाने में अपने चैन से सोई होगी.. मेरी मैय्यत पर रो पड़े नफरत करने वाले भी शायद कोई कीमती शय उन से खोई होगी.. -Moeen
nind meri chokhat per sar pathak kar royi hogi
bewafa aashiyane mein apne chain se soi hogi..
meri maiyat per ro pade nafrat karne wale bhi
shayad koi kimati shay unse khoi hogi..
तेरी यादें पौ फटे तक हमें जगाती रही उस हरजाई की बेरुखी हमें तड़पाती रही.. पिये हैं जाम नफरतों के तेरी निगाह से किसी और से करीबी तेरी उम्र भर जलाती रही.. -Moeen
teri yaden paon phate tak hamen jagati rahi
use harjayee ki berukhi hamen tadpati rahi
piye hain jaam nafrato ke teri nigahon se
kisi aur se karibi teri umra bhar jalati rahi..
किसी से नफरत तो बेवफाई कहीं और है.. जैसे यह कलयुग नहीं मतलबी युग का दौर है..
kisi se nafrat to
bewafai kahin aur hai..
jaise yah kalyug nahin
matlabi yug ka do rahe daur hai..
मन में वो शायद नफरत की कोई एक चाल सोच रहे हैं.. जख्मों पर रखकर हाथ वो मुझसे हाल पूछ रहे हैं..
man mein vah shayad nafrat ki
koi chaal soch rahe hain
zakhmo par rakh kar hath vo
mujhse hal poochh rahe hain..
भरोसा चाहत का दिलाने में शायद जिंदगी बीत जाती है.. लेकिन प्यार में नफरत तो चंद पलों में नजर आती है..
bharosa chahat ka dilane mein
shayad jindagi beet jaati hai..
lekin pyar mein nafrat to
chand palon mein najar aati hai..
सवाल ना किसी नफरत का है और ना ही मोहब्बत का है.. जी ना सके जिंदगी तहे दिल से अफसोस बस इसी बात का है..
sawal na kisi nafrat ka hai
aur na hi mohabbat ka hai
ji na sake jindagi tahe dil se
afsos bus isi baat ka hai…
आसमानों में गुम हो जाऊंगा बादल जैसे याद करोगे मेरे बाद मुझे पागल जैसे.. अगर करते हो नफरत तहे दिल से तो क्यों सजाते हो नैनों में मुझे काजल जैसे..?
aasmanon mein gum ho jaunga badal jaise
yad karoge mere bad mujhe pagal jaise..
agar karte ho nafrat tahe dil se to
kyon sajate ho naino mein mujhe kajal jaise..?
पहचान करानी है अकड़ भरे किरदार की तुझसे.. मोहब्बत ना हो तो नफरत भी ना कर सके कोई मुझसे..
pehchan karaani hai akad bhare
kirdar ki tujhse
mohabbat na ho to nafrat bhi na
kar sake koi mujhse..
दिल में किसी के नफरत ना पैदा करना.. या खुदा, मोहब्बत में किसी को ना जुदा करना..
dil mein kisi ke
nafrat na paida karna
yaa khuda, mohabbat mein
kisi ko na juda karna..
मुझे देख पलट जाना यूं तेरा, नजर आ रहा है.. नफरत भरा बर्ताव दिल पर कहर ढा रहा है..
mujhe dekh palat jana you
tera, najar aa raha hai
nafrat bhara bartav dil
per kahar dha raha hai..
जब नफरत की आँधीयाँ चल पड़े तन्हाई में तेरी यादों के दीप जल पड़े गमों से जब आँखें मेरी नम हो गई खामोश सड़कों पर फिर तन्हा निकल पड़े -Moeen
Jab nafrat ki andhiya chal pade
Tanhai main teri yadon ke dip jal pade
Gamon se jab ankhen meri nam ho gai
Khamosh sadkon pr fir tanha nikal pade
तेरी नफ़रत से भी हमने बेइंतेहा चाहत ही की है मोहब्बत ना तो ना सही मगर हमने तो वफ़ा की है -Vrushali
TerI nafrat se bhi hamne
Beintehaa chahat hi ki hai
Mohabbat Na to na sahi
Magar hamane to vafa ki hain
बूंद बूंद चाहतों का दरिया ख़त्म हुआ तुझ से भी अब रिश्ता ख़त्म हुआ अब दिलों में नफ़रतें पालती हैं वो जब से मोहब्बत का किस्सा ख़त्म हुआ -Moeen
Bund bund chahaton ka dariya khatm hua
Tujhse bhi ab rishta khatm hua
Ab dilon main nafrate palati hain wo
Jab se mohabbat ka kissa khatm hua
आपकी नफ़रत के हम अकेले ही है हकदार जिंदगी की इस जंग में हम होंगे जीत के दावेदार -Vrushali
Aapki nafrat ke ham
Akele hi hain hakdar
Jindagi ki is jang main
Ham honge jeet ke davedar
खामोश आँखों में सैलाब रखते थे मोहब्बत भरा दिल नायाब रखते थे जो नफरत से फेर लेती हैं निगाहें उसे अपना बनाने का ख्वाब रखते थे -Moeen
Khamosh ankhon main sailab rakhte the
Mohabbat bhara dil nayab rakhate the
Jo nafrat se fer leti hain nigahein
Use apna banane ka khwab rakhte hain
प्यार में हमें मिली बेवफाई नफ़रत में आपको मिली जुदाई ख़ुदा से मांगते है अब मौत की दुआ क्यूंकि सह नहीं पाते हम ये तनहाई -Vrushali
Pyar main hame mili bewafai
Nafrat main apko mili judai
Khuda se mangte hain ab maut ki dua
Kyunki sah nhi pate ham ye tanhai
मोहब्बत में जीती बाज़ी भी हारी हैं किनारे पर डूबी कश्ती हमारी हैं मोहब्बत के बदले नफरत मिली हमें रातों को सिसकना अब किस्मत हमारी हैं -Moeen
Mohabbat main jiti baji bhi hari hain
Kinare par dubi kashti hamari hain
Mohabbat ke badale nafrat mili hame
Raton ko sisakna ab kismat hamari hain
प्यार के इस मंदिर में आपने नफ़रत का दिया क्यों जलाया सुंदर से इस गुलशन मै आपने जहरीला एक फूल क्यों उगाया -Vrushali
Pyar ke is mandir main aapne
Nafrat ka diya kyon jalaya
Sundar se is gulshan main apne
Jahrila ek ful kyon ugaya
गवारा कब थी तुम से दुरी हमें किस मोड़ पर ले आई मजबूरी हमें वफाओं के सिले में नफ़रतें पाई भटकाती रही चाहत की कस्तूरी हमें -Moeen
Gavara kab thi tum se duri hame
Kis mod par le aai majburi hame
Vafaon ke sile main nafrate pai
Bhatkati rahi chahat ki kasturi hame
आपकी नफरत में झलकता प्यार हमें जीने की उम्मीद देता रहा पर आपकी जुदाई ना सह सके दिल हमारा जार जार होता रहा -Vrushali
Aapki nafrat main jhalkta pyar
Hame jine ki ummid deta raha
Par aapki judai na sah sake
Dil hamara jar jar hota raha
ना आएगी अब याद तुम्हारी.. क्योंकि दिल में अब मोहब्बत नहीं बस नफरत है!
na aaegi
ab yaad tumhari..
kyunki dil mein ab
mohabbat nahin bas nafrat hai!
ना मिलेंगे तुमसे जिंदगी में कभी.. क्योंकी अब उन राहों से भी हमें नफरत है..!
na milenge tumse
jindagi mein kabhi..
kyunki ab un rahon se bhi
hamen nafarat hai..!
मर जायेंगे पर जिक्र ना होगा आपका.. आपके लिए की हुई हमारी गलतीयो से नफरत है हमें...
mar jaenge
per zikr na hoga aapka…
aapke liye hui
hamari galtiyo se nafrat hai hamen…
Conclusion
दोस्तों हमें कभी भी किसी से नफरत तो नहीं करनी चाहिए. लेकिन अगर कभी कोई हमारे दिल को बहुत ज्यादा धोखा देता है. तो हमारे मन में उसके लिए नफरत आना लाजमी होता है. क्योंकि नफ़रत शायरी आपके दिल में उस इंसान के लिए नफरत पैदा करती है. और यह बात आगे चलकर और ज्यादा बड़ी हो सकती है.
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वाह वा वंशिका मॅम
सच कहा आपने अगर हमारा चहेता इंसान हमारे साथ ना हो, तो हमें जिंदगी से भी नफ़रत होती है..
बहोत ख़ूब👌👌
चाहतों में उस मुकाम से गुज़र गए होते
यादों का सहारा हैं वरना बिखर गए होते..
गमों ने संभाला, तन्हाई ने दी पनाह हमें
वरना नफरतों के शहर में किधर गए होते.
वाह वाह!! बहुत उमदा!!
वंशिका मॅम , इन नफरत से जुडी बेहतरीन शायरीयोंको आप के अंदाज में सून कर बहुत अच्छा लगा!!
शुभेच्छा!
– कल्याणी
Presented Beautifully Vanshika ma’am ☺️☺️💕Script is amazingly written 👍