हम कोई भी काम करते हैं तो वो मंज़िल अथवा सफलता पाने के लिए ही करते हैं. हमें ये बात हमेशा याद रखना चाहिए की किसी भी काम में बिना परिश्रम या मेहनत के कोई भी सफलता अथवा मंज़िल नहीं मिल सकती. अगर आप इन मंज़िल शायरी को पढ़ते हो या फिर सुनते हो तो आपको ज़िन्दगी में जो भी मंज़िल पानी है, उसको पाने के लिए प्रेरणा मिलेगी.
Table of Content
- Manzil Shayari
- Manzil Shayari in Hindi
- Manzil Shayari Collection
- Motivational Manzil Shayari
- Manzil Shayari in Urdu
- Summary
Apni manzil ko kaise paye?
Agar aapko koi bhi manzil ko pana hai to aapko sabse pahle aapke laksh par concentrate karna hoga. aapko aapki pragati par vishesh dhyan dena hoga. aapko apne ko vichalit hone se bachana hoga. aisa karne se aap apne aap ko laksh ko hasil karne ke liye prerit kar loge.
नए ख्वाब नई आशाएं
रोज उमंगे और मंजिल नई
उड़ान भरने के लिए
मिली आपसे उम्मीदें कई
naye khwab nayi aashaye
roj umange aur manjil nayi
udan bharne ke liye
mili aapse ummid kai
Manzil Shayari | मंज़िल पर शायरी

तो कभी रास्ते इतने खूबसूरत लगने लगते हैं, कि उस रास्ते पर चलने वाले मुसाफिर को उसके मंजिल की परवाह नहीं होती. आपने भी अक्सर इस बात पर गौर किया होगा, तो आप जानते हैं कि कई बार कड़ी मेहनत करने पर भी हमें अपनी मंजिल प्राप्त होती नहीं दिखाई देती. सफलता जैसे दूर भागती है.
1) होंगे अगर हौसले बुलंद तो तकदीर साथ देती है.. कड़ी मेहनत से मंजिले आसान होने लगती है.. -Sagar
honge agar hausle buland
to takdeer sath deti hai..
kadi mehnat se manzile
aasan hone lagti hai..
मंज़िल कहती है के ना दूर मुझसे है तू ना पास खुद के है तू छोटी सी है ज़िन्दगी क्यों नाराज़ खुद से है तू -Arzoo Bishnoi
Manzil khti hai..
Manzil khti hai..
Na dur mujh se hai tu..
Na pass khud k hai tu..
Choti c hai zindgi
kyu naraz khud se hai tu..
2) तू चलता रह रास्तों पर कभी भी थकना नहीं.. मंजिल मिले ना मिले, मुसाफिर रुकना नहीं.. -Anamika
tu chalta rah raston par,
kabhi bhi thakna nahin..
manzil mile na mile,
musafir rukna nahin..
3) लक्ष्य के प्रति निष्ठा रखना आलस को हमेशा दूर करना.. इतना आसान होता है अपने मंजिल को पाना.. -Sagar
lakshya ke prati nishtha rakhna
aalas ko hamesha dur karna..
itna aasan hota hai
apne manjil ko pana..
कुछ मंजिले है जो दिखती ही नहीं..
मगर ये ना समझों की वो मिलती ही नहीं..
kuchh manjile hain jo dikhti hi nahin..
magar ye na samjho ki vah milati hi nahin…

तुम रहमत सी कली और मै दर्द से पका हुआ तुम मंज़िल हो मेरी और मै रही थका हुआ -Arzoo Bishnoi
Tum rahmat c kli..
Or m drd se pkka hua…
Tum manzil ho meri…
Or m rahi thka hua…
4) कुछ भी हो अंजाम, फिक्र नहीं किसी हासिल की.. निकल पड़े हैं हम घर से तलाश में मंजिल की.. -Santosh
kuchh bhi ho anjam, fikra
nahin kisi hasil ki..
nikal pade hain ham ghar se
talash mein manjil ki..
5) देखकर मंज़िल की ओर मुसाफ़िर तू रास्ता तय कर.. कभी रुकने का मन करें तो चलते रहने की ज़िद कर.. -Vrushali
dekh kar manjil ki or
musafir tu rasta tay kar..
kabhi rukne ka man kare
to chalte rahane ki jid kar..

तुम चाहते हो जो, वो चाह हु मै तुम मंज़िल हो तो, उसकी राह हु मै -Arzoo bishnoi
Tum chachte ho jo..Vo chah hu m…
Tum manzil ho to ..Uski rah hu m…
6) भटकते हुए मुसाफिर को हमेशा चलना होता.. मंजिल हो मुकद्दर में ये तय नहीं होता.. -Sapna
bhatakte huye musafir ko
hamesha chalna hota..
manzil ho mukaddar mein
ye tay nahin hota..
7) तुझमें है असीम हिम्मत पहचान ले उसकी ताक़त.. कोई दुआ काम ना आयेगी मंजिल पाने कर तू मेहनत.. -Sagar
tujh mein hai asim himmat
pahchan le uski takat..
koi dua kam na aayegi
manzil pane kar tu mehnat..
8) मंजिल मिले ना सही हौसला रखना चाहिए.. आरजू का दिया मन में जलाए रखना चाहिए.. -Anamika
manzil mile na sahi
hosla rakhna chahiye..
aarzoo ka diya man mein
jalaye rakhna chahiye..
Manzil Shayari in Hindi: जरूरतों को पूरा करने के लिए मंजिल तक बढ़ना ही होगा..
हम अक्सर अपनी जिंदगी में अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई काम करते हैं. मेहनत करते हैं. लेकिन हमारी जरूरतें है कि दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा सकती है. हमारी जरूरतें कभी बदलती है. तो कभी कम ज्यादा हो सकती है. लेकिन वो कभी खत्म नहीं हो सकती. आदमी का स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है जिस वजह से उसके मन से लोभ कभी खत्म नहीं हो सकता. फिर चाहे वो किसी वस्तु का लोभ हो या फिर किसी व्यक्ति का लोभ हो.

चलो दोस्तों चलकर मंजिले ढूँढ लाए,
कुछ सपनें तो अक्सर पुरे नहीं होते..!
chalo doston chal kar manzilen dhund laye..
kuchh sapne to aksar pure nahin hote…
9) मंजिल तक पहुंचने के लिए हर बार रास्ता नहीं होता है.. कुछ मंजिलें पाने के लिए खुद रास्ता बनाना पड़ता है.. -Vrushali
manzil tak pahunch ne ke liye
har bar rasta nahin hota hai..
kuchh manjilen pane ke liye
khud rasta banana padta hai..
मंज़िल इतनी आसान न थी पर क्या करें कोई पहचान न थी हर कोई ताने देता था और मै भी इस बात से अनजान न थी -Arzoo Bishnoi
Manzil itni aasan n thi..
Pr kya kre koi phchan n thi..
Har koi tane deta tha..
Or m bhi iss baat se anjan n thi..
10) मन में हो दृढ़ विश्वास तो मुकाम होता है हासिल.. हौसला हो बुलंद तो मंजिल मिलना नहीं है मुश्किल.. -Santosh
man mein ho drudh vishwas to
mukam hota hai haasil..
hausla ho buland to manjil
milana nahin hai mushkil..

11) ना दौलत काम आयेगी ना ताकत काम आयेगी.. मंजिल पाने की ख़ुशी तुझे मेहनत करके आयेगी.. -Sagar
na daulat kaam aaegi
na takat kaam aaegi..
manzil pane ki khushi
tujhe mehnat karke aaegi..
12) मंजिल की ओर बढ़ना कभी छोड़ना नहीं.. सपनों की उड़ान भरना कभी छोड़ना नहीं.. -Sapna
manjil ki or badhana
kabhi chhodana nahin..
sapnon ki udan bharna
kabhi chhodana nahin..
13) कामयाबी की मंजिल पाने के लिए जिंदगी भर कोशिश करते रहते हैं.. होते हैं वह नायाब मुसाफिर जो लक्ष्य को पाने के लिए जीते रहते हैं.. -Vrushali
kamyabi ki manjil pane ke liye
jindagi bhar koshish karte rahte hain..
hote hain vah nayab musafir jo
lakshya ko pane ke liye jite rahte hain..
थका हु फिर भी बढ़ रहा हूँ मंजिल की और.. यही सोचकर.. के जित गया तो हंगामा बहुत बड़ा होगा..!
thaka hun fir bhi badh raha hun manjil ki or..
yahi soch kar.. ke jeet gaya to
hungama bahut bada hoga..!

14) मन में हौसले की लौ बुलंद जलती है.. तो मंजिल भी उनको उत्तुंग मिलती है.. -Anamika
man mein hosle ki
lau buland jalti hai..
to manzil bhi unko
uttung milti hai..
15) मंजिल की राह में कई मुश्किलें आयेगी.. ऐसे समय में हिम्मत ही मुश्किलों को पार लगाएगी.. -Sagar
manzil ki raah mein
kai mushkilen aayegi..
aise samay mein himmat hi
mushkilon ko paar lagayegi..

16) मन में दृढ़ निश्चय कर लिया है.. मंजिल को निगाहों में भर लिया है.. -Santosh
man mein drudh nischay kar liya hai..
manzil ko nigahon mein bhar liya hai..
Manzil Shayari Collection: सिर्फ सपनों से नहीं बल्कि मेहनत से मिलती है मंजिल..
जब भी आप नींद में होते हो, तो आपको अच्छे या बुरे ख्वाब गिरना स्वाभाविक होता है. लेकिन जब आप अपने ख्वाबों में किसी काम को लेकर खुद की सफलता देखते हो, तो आपको लगता है जैसे वह सपना यूं ही पूरा हो जाएगा. लेकिन दोस्तों एक बात जरूर याद रखिए, आज तक बिना परिश्रम किए किसी को कोई भी मंजिल नहीं मिली है. कोई सफलता नहीं हासिल हुई है. और अगर वह हुई भी होगी, तो वो चंद पलों की सफलता ही रही थी. वो ज्यादा देर तक नहीं टिक सकती.
17) हर मुसाफिर सफल नहीं होता जिंदगी के कठीन इम्तिहान में.. कुछ बदनसीब हार जाते हैं मंजिल के अधूरे सफर में.. -Vrushali
har musafir safal nahin hota
jindagi ke kathin imtihan mein..
kuchh badnaseeb har jaate hain
manzil ke adhure safar mein..
18) बीच में सफर नहीं छोडूंगा अधूरा.. अब मंजिल पाना ही लक्ष्य है मेरा.. -Sapna
bich mein safar nahin chhodunga adhura..
ab manzil pana hi lakshya hai mera..
19) मैं तेरी मोहब्बत हूं या फिर एक मंजिल.. i love u कहने से क्यों डरता है तेरा दिल.. -Sagar
main teri mohabbat hun
ya fir ek manzil..
i love you kehne se
kyon darta hai tera dil..
20) दिल में अपने मेहनत की लौ जला कर ही रहूंगा.. चाहे कुछ भी हो जाए अब मंजिल पाकर ही रहूंगा.. -Anamika
dil mein apne mehnat ki
lau jala kar hi rahunga..
chahe kuchh bhi ho jaaye ab
manjil paakar hi rahunga..

21) अगर मंजिल पानी है तो जल्दी करो.. सूरज उगने से पहले खुद को जगाया करो.. -Vrushali
agar manzil pani hai to jaldi karo..
suraj ugne se pahle khud ko jagaya karo..
22) बहुत दूर नहीं है सफर, पता है मुझे.. मंजिल आ गई है नजर, पता है मुझे.. -Santosh
bahut dur nahin hai safar, pata hai mujhe..
manjil aa gai hai najar, pata hai mujhe..
23) तेरी मोहब्बत ने मुझे एक सबक सिखाया है.. तेरे साथ साथ मुझे अब हर मंजिल को पाना है.. -Sagar
teri mohabbat ne mujhe
ek sabak sikhaya hai..
tere sath sath mujhe ab
har manjil ko pana hai..
24) इतनी दूर तय करता है सफर, कुछ तो हो हासिल.. आशा होती है मुसाफिर के मन को उसे मिले मंजिल.. -Sapna
itni dur tay kiya hai
safar, kuchh to ho hasil..
asha hoti hai musafir ke
man ko use mile manjil..
कोशिश नाकाम हुईं तो क्या जीद तो मंजिल पाने की है मूसीबते राहों में बिखरी तो क्या बात शिद्दत से मुकाम चाहने की है -Pooja
koshish nakam huyi to kya
jid to manzil pane ki hai
musibate raho me bikhri to kya
baat shiddat se mukam chahne ki hai
लेकिन अगर आपको वही मंजिल आप की निरंतर प्रयासों से मिली हो, तो वो निरंतर टिके रहने की आशंकाएं बहुत ज्यादा होती है. क्योंकि आप ख़्वाब तो बिना मेहनत किए ही हर रात में देख सकते हो. लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए जो मेहनत लगती है. जो परिश्रम लगता है, उन्हें आप सपनों में कभी नहीं कर सकते. और किसी भी काम में मंजिल आपको मेहनत से ही मिलेगी. किसी ने सच कहा है कि जो सपने आपको रात में सोने ना दे, उन्हीं सपनों के पीछे उन्हें आप पूरा करने के लिए दौड़ो. वहीं आपको मंजिल तक पहुंचाएंगे.
Motivational Manzil Shayari किसी भी समस्या से ना डरते हुए शान से अपनी मंजिल जीत लीजिए..

जब हम किसी भी राह पर अपने दिलो-दिमाग और पूरी मेहनत के साथ चल पड़ते हैं, तो पक्का विश्वास रखिए आपको मंजिल जरूर मिलेगी. जिंदगी में आप जब भी किसी राह पर चल पड़ते हो, तो वो राह आपने खुद चुनी होती है. इसलिए उस राह में चाहे कितनी भी कठिनाइयां आए. आप उन्हें झेलने के लिए सक्षम होते हो. बल्कि आपने उन सारी कठिनाइयों का, उन सारी समस्याओं का पहले ही सोच विचार किया हुआ होता है.
25) कोई मंजिल नहीं होती मुश्किल.. परिश्रम से बनेगा तू उसके काबिल.. -Sagar
koi manzil nahin hoti mushkil..
parishram se banega tu uske kabil..
26) जिंदगी में चाहे कुछ भी हो जाए.. लक्ष्य मिलने से चूक ना पाए.. -Anamika
jindagi mein chahe kuchh bhi ho jaaye..
lakshya milane se chuk na paaye..
27) तेरे आलसीपन से दूर रहेगी हर मंजिल.. फिर दुनिया कहेगी खाली बैठा है बुजदिल.. -Sagar
tere aalsipan se
dur rahegi har manjil..
fir duniya kahegi
khali baitha hai bujdil..
28) बहकावे में आकर कभी ना बदलना तुम राह.. लक्ष्य को पाने की हमेशा मन में रखो चाह.. -Santosh
bahkave mein aakar kabhi
na badalna tum raah..
lakshya ko pane ki hamesha
man mein rakho chaah..
29) करो कोई भी काम लगाकर अपना पूरा दिल.. देखो कैसे हासिल होती तय की हुई हर मंजिल.. -Sagar
karo koi bhi kam
laga kar apna pura dil..
dekho kaise hasil hoti
tay ki hui har manzil..
30) बिना रुके, बिना थके तुम चलते रहो.. मन में जो लक्ष्य का ठिकाना निश्चित हो.. -Sapna
bina ruke, bina
thake tum chalte raho..
man mein jo lakshya ka
thikana nishchit ho..

31) अपने प्रतियोगियों की खबर रखो तुम.. मंजिल पर अपनी सदा नजर रखो तुम.. -Anamika
apne pratiyogiyon ki
khabar rakho tum..
manjil per apni sada
najar rakho tum..
32) अगर मन में आपके हो निश्चय पूरा.. मंजिल का रास्ता होता खुशियों से भरा.. -Santosh
agar man mein aapke ho nischay pura..
manzil ka rasta hota khushiyon se bhara..
लेकिन कभी कबार ऐसा भी होता है, कि जब आप कोई काम करते हुए उसके अनुरूप घटनाएं नहीं घटती. आपके मन के विपरीत ही परिस्थितियां निर्माण होती हैं. हालात आपके काबू में नहीं रहते हैं. लेकिन तब भी अगर आपका खुद पर विश्वास हो, तो आप उन सारी समस्याओं का समाधान निकाल पाते हो. इस वजह से हम यह बात तो जरूर कह सकते हैं कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति आ जाए.

चाहे कितनी भी बड़ी समस्या आ जाए. लेकिन आपकी जिंदगी उस विपरीत परिस्थिति की वजह से कभी ठहरती नहीं. आप उन मुश्किल हालातों में भी अपने मन पर काबू कर सकती हो. और इसीलिए आप ने यह महसूस किया होगा कि आखिरकार आपकी ही जीत होती है. हां आपको इसमें बस इतना याद रखना होता है कि आपको अपने सफर को कहीं बीच रास्ते में ही खत्म नहीं करना है.
Manzil Shayari in Urdu
33) इसी बात पर निर्भर होता मंजिल का मिलना.. रास्ते में आने वाली हर समस्या का हल निकालना.. -Sapna
isi baat per nirbhar
hota manjil ka milana..
raste mein aane wali har
samasya ka hal nikalna..
34) दिल में धैर्य को हमेशा बनाए रखिए.. मंजिल ना मिले, तब तक ना थकिए.. -Anamika
dil mein dhairya ko hamesha banaye rakhiye..
manzil na mile, tab tak na thakiye..
35) गुस्से को अपने काबू में रखो.. मंजिल को अपने दिल में रखो.. -Santosh
gusse ko apne kabu mein rakho..
manjil ko apne dil mein rakho..

36) अरमान लक्ष्य का, हमेशा बुलंद रखना.. वादों को दिल में, अपने कायम रखना.. -Sapna
armaan lakshya ka, hamesha buland rakhna..
wadon ko dil mein, apne kayam rakhna..
37) कांटा चुभ कर ही फूलों की राह खिलती.. यूं ही हर किसी को मंजिल नहीं मिलती.. -Anamika
kanta chubh kar hi phoolon ki raah khilti..
yun hi har kisi ko manjil nahin milati..
38) लक्ष्य की राह तुम कभी ना भूलो.. मंजिल की ओर कायम बढ़ते चलो.. -Santosh
lakshya ki rah tum kabhi na bhulo..
manjil ki or kayam badhate chalo..
39) खाली नहीं जाएगा वार, विश्वास है मेरा.. मंजिल जरूर मिलेगी मुझे है हौसला पूरा.. -Sapna
khali nahin jayega
war, vishwas hai mera…
manjil jarur milegi
mujhe hai hausla pura…
40) माना मंजिल का रास्ता कठिन जरूर होता है.. मगर चलने वाले के दिल पर सुरूर होता है.. -Anamika
mana manzil ka rasta
kathin jarur hota hai..
magar chalne wale ke
dil per surur hota hai..

41) मत होना अंधियारे रास्तों में कहीं गुम.. मंजिल पाने का निश्चय कर लेना तुम.. -Sapna
mat hona andhiyare
raston mein kahin gum..
manjil pane ka
nishchay kar lena tum..
आपको अपना आत्मविश्वास और अधिक ऊंचा करना पड़ता है. क्योंकि भले ही मंजिल काफी समय बाद मिल सकती है, वक्त लग सकता है, लेकिन मंजिल मिलेगी जरूर! इसलिए आप किसी भी परिस्थिति में ना डगमगाते हुए और अपने हौसले को बुलंद रखते हुए, उन समस्याओं को कह सकते हो कि आप उन समस्याओं से उभर कर जरूर आएंगे. और शान से अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे..

जरूरते कहा ख़त्म होती है
जिंदगी के सफर में..
चलते ही रहना पड़ेगा
मंजिल को पाने में..
jarurat kahan
khatm hoti hai,
jindagi ke safar mein,
chalte hi rahana padega
manzil ko pane mein..
सपने, बिना परिश्रम किये
नींद में मिलते है..
मंजिल, बिना नींद
की परिश्रम से मिलती है…
sapne, bina parishram kiye
nind mein milte hain,
manzil, bina nind
ki parishram se milati hai…

जिंदगी ठहरती नहीं
किसी मुश्किलात से..
जरा मंजिल को बताओ
आ रहा हु मैं शान से…
jindagi thaharati nahin
kisi mushkilat se,
zara manzil ko batao,
aa raha hoon
main shaan se…

Final words on Manzil Shayari
इन नायाब शायरियों की मदद से अगर आपको भी अपनी मंजिल नजर आ गई हो, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करें. इससे हमें और भी बेहतरीन मंज़िल शायरी जैसे शायरियां लिखने के लिए बढ़ावा मिलेगा. शायरी सुकून की बेहतरीन शायरियों को अपने फेसबुक पर प्राप्त करने के लिए इस शायरी सुकून पेज को Like और Share जरूर करें.
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One Comment
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Wow, so nice and flawless voice you have
Keep it up