befikar shayari: जब आप अपने दिलबर के प्यार में मशगूल हो गए थे, तो आप पूरी तरह से बेफिक्र थे. दुनिया की नजरों में भी तो आप जैसे भी बेफिक्र हो गए थे. आपको खुद की भी कोई परवाह नहीं थी. आप खुद में ही निश्चिंत होकर या फिर बेपरवाह होकर रहते थे.
पूरी कर दी तूने मेरी हर ख्वाहिश बेताब होकर अब चाहना है मुझे भी तुम्हे बेफिक्र होकर -Vrushali
puri kardi tune meri
har khwahish betab hokar
ab chahna hai mujhe bhi
tumhe befikra hokar
Listen to Befikr Shayari : Voice-Over: Vrushali Suvarna Dnyandev
जिस तरह से छोटा बालक अपने मां-बाप की उंगलियों को पकड़कर भीड़ भरे रास्ते पर भी befikar होकर चलता है. ठीक उसी तरह से आप उनके प्यार में उनके लफ्जों पर ही भरोसा रखते हुए बेफिक्र होकर जीते थे. लेकिन हर बार आपका इस तरह से बेफिक्र होकर जीना उन्हें रास नहीं आया.
बेवफाई की वजह प्यार में ईमान भुला देती है.. बेफिक्र यह आपकी नजर अब हमारी जान लेती है.. -Santosh
bewafai ki wajah pyar mein
imaan bhula deti hai..
befikar aapki nazar
ab hamari jaan leti hai..

बेफिक्र होकर मेरा दिल करता रहा तेरा ऐतबार तू तो कभी मेरी हो ना सकी पर मैं कर रहा हूं तेरा इंतजार -Vrushali
befikar hokar mera dil
karta raha tera yetbar
tu to kabhi meri ho na saki
par mai kar rha hu tera intejar
और इसी वजह से शायद वह आपसे अब हमेशा हमेशा के लिए खफा हो चुके हैं. और आपको भी अब आप के सच्चे प्यार की सजा ही मिल चुकी है. बेफिक्र मतलब जो इंसान निडर हो या फिर निश्चिंत, बेपरवाह रहता हो. befikar in english careless, worriless, unfazed.
बेफिक्र क्यों फिरे हम ज़माने में दुनिया हैं आबाद तेरे दिवाने में.. मेरी जिस तहरीर पर मुझे फख्र हैं तेरा ही ज़िक्र हैं उस फसाने में.. [*तहरीर - रचना] [*फख्र - गर्व] -Moeen
befikar kyon phire ham jamane mein
duniya hai aabad tere deewane mein..
meri jis tehrir par mujhe fakr hai
tera hi zikr hai us fasane mein..
तेरे धोखे से कभी शिकायत ना थीं मुझे दिल बेफिक्र था प्यार में चोट पहुंचा ना सका तुझे -Vrushali
tere dhokhe se kabhi
shikayat na thi mujhe
dil befikar tha pyar me
chot pahucha na saka tujhe
दिल के अरमानों का अफसाना ना बनाते तो अच्छा था.. बेफिक्र समझते थे जिंदगी में खुद को तो अच्छा था.. -Santosh
dil ke armaanon ka afsana
na banate to achcha tha..
befikar samajhte the jindagi mein
khud ko to achcha tha..

बेफिक्र होकर ही तो आप उनकी यादों में खोए रहते थे…
जब भी किसी कार्य के लिए आप किसी के भरोसे पर रहते हैं तो आप निश्चिंत तथा befikr होकर रहते हैं. आपको इस बात का पूरी तरह से यकीन हो जाता है की आपका कार्य वह इंसान पूरा कर ही देगा. और इसी वजह से आप अपने दूसरे कार्य में या फिर अपने दूसरे विचारों में जुट जाते हो.
दर्द जुदाई का हमने कुछ इस क़दर अपनाया है बेफिक्र हमारे इस दिल ने बस तुझे अपना मेहबूब माना है -Vrushali
dard judai ka humne kuch
iss kadar apnaya hai
befikar humare iss dil ne
bas tujhe apna mehbub mana hai
होकर बेफिक्र गुज़ारी ज़िंदगी अपनी मुज़ीर हुई साबित यहाँ सादगी अपनी.. रातों को जो सिसकता छोड़ गया निसार उस पर हर खुशी अपनी.. [*मुज़ीर - नुकसान पहुँचाने वाली] -Moeen
hokar befikar guzari zindagi apni
mujeer hui sabit yahan sadagi apni..
raaton ko jo sisakta chhod gaya
nisaar us par har khushi apni..
आप उस व्यक्ति के विचारों के साथ खुद को कुछ इस तरह से एकजुट कर लेते हैं कि वह व्यक्ति भी आपसे अलग नहीं होता. और कुछ इसी तरह से वह भी आपके साथ रहकर महसूस करता है. और इसी वजह से आप अपने दिल को एक तरह से सुकून और आराम महसूस कर पाते थे, befikr हो पाते थे.
यू तेरा मेरे संग हमेशा बेफिक्र होना समझती हो इस दिल का तेरे लिए फिक्र करना -Sagar
yun tera mere sang
humesha befikar hona
samjhti ho is dil ka
tere liye fikar karna

लेकिन कभी-कभी उनका यह बर्ताव बदल भी जाता था. जब वो आपकी फिक्र करते थे तो आप उनके इस फिक्र के कारण बेहद खुशी महसूस करते थे. लेकिन अब आपको उनकी बेखयाली का भी सामना करना पड़ रहा है. और इसी वजह से अब आपका दिल दुखी है.
सुकून के लम्हों को किसी के फ़िक्र में खो बैठे.. छोड़ गए तन्हा हमें तो फिर से बेफिक्र हो बैठे.. -Santosh
sukun ke lamho ko kisi
ke fikra mein kho baithe..
chhod gaye tanha hamen to
fir se befikar ho baithe..
अगर अपने ही बेफिक्र हो जाए, तो शिकायत किससे करें..
जब आपके दिल को कोई समझने वाला नहीं होता है, तो आप खुद को तन्हा और अकेला महसूस करते हैं. इस दुनिया में जब आपका कोई नहीं होता तो आप किसी पर भी यकीन नहीं कर सकते हैं. कोई आपका ख्याल रखने वाला या फिर फिक्र करने वाला नहीं होता है.
बेफिक्र होकर मेरी धड़कनों ने तेरे लिए धड़कना शुरू किया तूने पैगाम जो भेजा बेवफाई का उन्होंने तो धड़कना ही छोड़ दिया -Vrushali
befikar hokar meri dhadkano ne
tere liye dhadkna shuru kiya
tune paigam jo bheja bewafai ka
unhone to dhadkna hi cchor diya
और जब कोई भी आपकी फिक्र या फिर ख्याल रखने वाला नहीं होता है तब आपको अपने दिल को खुद ही समझाना पड़ता है और रिझाना पड़ता है. लेकिन उस वक्त आपको एक तरह से उस जीने की आदत से लग जाती है. किसी के भरोसे ना रहते हुए अपने कामों को खुद निपटाने की आदत सी पड़ जाती है.
बेफिक्र लोगों से आस नहीं रखते खुशीयाँ बाँटते हैं पास नहीं रखते.. धड़कनों ने जिसे खुदा बनाया था वो अब मुझे खास नहीं रखते.. -Moeen
befikar logon se aas nahin rakhte
khushiyan baatte hain pass nahin rakhte..
dhadkanon ne jise khuda banaya tha
woh ab mujhe khaas nahin rakhte..
यही वजह होती है कि आपको किसी की बातों पर विश्वास रखने की या फिर किसी की बातों में आने की जरूरत ही नहीं पड़ती है. लेकिन दुनिया जालिम होती है यह बात भी आप भली भांति जानते हो. इसी वजह से दुनिया अगर आपके लिए befikr भी हो जाए तो इस बात की आपको कोई भी परवाह नहीं होती है.

बेफिक्र हुआ था यह दिल आपके भरोसे पर, आपने तो भरोसा ही तोड़ दिया…
दुनिया ने तो आपको पहले ही ठुकरा कर अकेला कर दिया था. और इसी वजह से आप अपने दिलबर के भरोसे ही तो जीते थे. हमेशा बस उनकी यादों में खोए हुए रहते थे. उनकी हर एक बात को आप अपना मान कर अपने मन में बसा लेते थे.
मेरे बेफिक्र इस मन ने बेइंतेहा चाहा है बस तुझे कहा पता था छोड़ जाओगी तुम बीच सफर इस तरह मुझे -Vrushali
mere bifikar iss man me
beinteha chaha hai bas tujhe
kaha pata tha cchor jaogi
tum bich safar iss tarah mujhe
आपके मन का उन्होंने खयाल रखा आपके दिल की फिक्र की इस वजह से आप निश्चिंत हो जाते थे. आपके दिल के सारे दुख और दर्द समझकर वह आपको अपना लेते थे और इस वजह से ही वह आपके दिल के करीब हुए थे. जब भी आप अपने मन को थकान भरा सा और तन्हा महसूस करते थे तो आपके दिल को संभालने वाला एक आपका यार ही तो था.
जब से धोखा देकर दिल का रिश्ता तोड़ दिया है तुमने.. तो अब खुद ही बेफिक्र बनकर जीना सीख लिया है हमने.. -Santosh
jab se dhokha dekh kar dil ka
rishta tod diya hai tumne..
to ab khud hi befikar bankar
jina sikh liya hai humne..
सर्दी के साथ-साथ
खांसी से भी मिलें हम..
ठंड में उनसे बात करते-करते
सेहत के लिए बेफिक्र हुए हम..
sardi ke sath-sath
khasi se bhi mile ham..
thand mein unse baat karte-karte
sehat ke liye befikar huye ham..
हमेशा बस उनके ही भरोसे रहने की वजह से आपको तो उनकी एक तरह से आदत ही लग चुकी थी. और इसी वजह से जब वो आपसे रूठ कर चले गए थे, तो आप खुद को संभाल भी नहीं पाए थे. और बस किसी बात का आपको आवाज तक मलाल है.
बेपनाह फिक्र मेरी हमेशा
उनके खयालात में बहती रही..
शायद इसीलिए मोहब्बत मेरी
रूह तक ही सीमित रही..
bepanah fikr meri hamesha
unke khayalat mein behati rahi..
shayad isiliye mohabbat meri
rooh tak hi simit rahi…

बेफिक्र लोग भला क्या देते हैं ज़ख्म खा कर मुस्कुरा देते हैं.. रात के बोझील सन्नाटों में दिलबर तुझे ही सदा देते हैं… [*सदा - आवाज़] -Moeen
befikar log bhala kya dete hain
zakhm kha kar muskura dete hain..
raat ke bojhil sannato mein
dilbar tujhe hi sada dete hain..
befikar shayari in hindi urdu
हो जाते हैं बेफिक्र जब
खयाल हमारा वो रखते..
रूठते तो महसूस होता है,
वो बेखयाली भी जताते...
ho jaate hain befikr jab
khayal hamara wo rakhte..
ruthate to mahsus hota hai
vo bekheyali bhi jatate…
बेखयाली में किसी का
बेफिक्र होना तो लाजमी होगा..
पर शिकायत तो तब होती
जब खयाल रखनेवाला कोई होता...
bekhayali mein kisi ka
befikr hona to laazmi hoga..
par shikayat to tab hoti
jab khayal rakhne wala koi hota…
ना करना प्यार में कभी तुम किसी से मेरा जिक्र.. छोड़ चला हूं तुम्हे, अकेले ही रह लूंगा अब बेफिक्र.. -Santosh
na karna pyar mein
kabhi tum kisi se mera jikr..
chhod chala ho tumhe, akele
hi rah lunga ab befikar..
befikar sad shayari
बेफिक्र कर दिया था उन्होंने
जब फिक्रमंद हुआ करते थे हम..
साथ भी उस मोड़ पर छोड़ गए
जहां खुद को संभाल नहीं पाए हम..
befikr kar diya tha unhone
jab fikramand hua karte the ham..
sath bhi us mod per chhod gaye
jahan khud ko sambhal nahin paye ham…

कुछ ऐसे बेफिक्र होकर
उसके बाल मुझे सताते रहे..
हालात मेरे ऐसे हुए की हम,
बेइंतहा प्यार से बेकाबू होते गए...
kuch aise befikar hokar
uske baal mujhe satate rahe..
halat mere aise hue ki ham
inteha pyar se bekaabu hote gaye…
होकर बेफिक्र चलता हैं मुसाफिर उसे कोई मंज़िल की खबर करें.. पुराने ज़ख्म मेरे भर चुके सब उसे कहों नया कोई जबर करें.. [*जबर - ज़ुल्म] -Moeen
hokar befikr chalta hai musafir
use koi manzil ki khabar karen..
purane zakhm mere bhar chuke sab
use kaho naya koi jabar karen..

1) धोखा ही दिया है प्यार में, ना की मेरी जरा भी कदर.. जाने क्यों छोड़ गया है मुझे यारों वो बड़ा बेफिक्र होकर.. -Dipti
dhokha hi diya hai pyar mein,
na ki meri jara bhi kadar..
jaane kyon chhod gaya hai mujhe
yaaron vo bada befikar hokar..

2) प्यार में मिले दिल के दर्द किस किस को दिखाऊं मैं.. अपनी बेफिक्री का आलम अब किस किस को बताऊं मैं.. -Santosh
pyar mein mile dil ki dard
kis kis ko dikhaaun main..
apni befikri ka aalam
ab kis kis ko bataaun main..
3) मुझे छोड़कर किसी का होगा, कभी सोचा ना था मैंने.. वह इतना बेफिक्र हो जाएगा कभी सोचा ना था मैंने.. -Supriya
mujhe chhodkar kisi ka hoga,
kabhi socha na tha maine..
vah itna befikar ho jayega
kabhi socha na tha maine..

4) सच्चे आशिकों की प्यार में कभी भी जिद नहीं होती.. कोई बताए क्या बेफिक्री की कोई भी हद नहीं होती? -Dipti
sacche aashiqon ki pyar mein
kabhi bhi zidd nahin hoti..
koi bataye kya befikri ki
koi bhi had nahin hoti?
5) अब तो मेरा फूटा नसीब भी शक करता है मुझ पर.. इस कदर बेफिक्री का आलम छाया है अब मेरे दिल पर.. -Santosh
ab to mera foota naseeb bhi
shaq karta hai mujh per..
is kadar befikri ka aalam
chhaya hai ab mere dil per..
6) तन्हाई भरी उसकी यादों का नजराना मेरे दिल को छू जाता है.. न जाने उसके बेफिक्र होने पर आज भी मुझे गुस्सा क्यों आता है.. -Supriya
tanhai bhari uski yadon ka
najraana mere dil ko chhu jata hai..
na jaane uske befikar hone per
aaj bhi mujhe gussa kyon aata hai..
7) मेरी हर दुआ में आज भी क्यों बस उसी का जिक्र है.. वह तो बेफिक्र है यारों मगर मुझे आज भी उसकी फिक्र है! -Dipti
meri har dua mein aaj bhi
kyon bus usi ka jikra hai..
vah to befikar hai yaaron magar
mujhe aaj bhi uski fikra hai..
8) बताओ तो दिलबर आखिर क्यों मेरा दिल तुम तोड़ गई हो.. इस बेफिक्री के रिश्ते को न जाने क्यों मेरे साथ जोड़ गई हो.. -Santosh
bataao to dilbar aakhir kyon
mera dil tum tod gayi ho..
is befikri ke rishte ko na jaane
kyon mere sath jod gai ho..
9) सह नहीं पाता तन्हाइयों में वह ऐसा दर्द दे गया.. बेफिक्र वह मेरी नींद भी चुराकर साथ ले गया.. -Supriya
sah nahin pata tanhaiyon mein
vah aisa dard de gaya..
befikar vah meri neend bhi
churakar sath le gaya..
10) सच्ची मोहब्बत में भी न जाने क्यों यकीन तबाह करती गई.. इस कदर वह बेफिक्र होकर मुझे नजरअंदाज करती गई.. -Dipti
sacchi mohabbat mein bhi na jaane
kyon yakin tabah karti gai..
is kadar vah befikar hokar
mujhe najarandaaz karti gai..
11) उसकी कातिलाना नजरों से अब कैसे जुदा हो पाऊं मैं.. बेफिक्र होकर अब अपने बुराइयों को कहां ढूंढू मैं.. -Santosh
uski katilana najron se
ab kaise juda ho paun main..
befikar hokar ab apne
buraiyon ko kahan dhundhu main..
12) चाहत को ठुकरा कर मेरे दिल पर सितम करते गए.. जाने कैसे बेफिक्र होकर वो इतने लापरवाह बनते गए.. -Supriya
chahat ko thukra kar mere
dil per sitam karte gaye..
jaane kaise befikar hokar vo
itne laparwah bante gaye..
13) सच्चा इश्क करने वाला जाने कैसे अकेला छोड़ गया.. बेफिक्र होकर नजरअंदाज करना उसका दिल तोड़ गया.. -Dipti
saccha ishq karne wala
jaane kaise akela chhod gaya..
befikar hokar najarandaj
karna uska dil tod diya..
14) आजकल अपनी चाहत में कभी हम उसका जिक्र नहीं करते.. अब तो उसके बेफिक्र होने की हम भी कोई फिक्र नहीं करते! -Santosh
aajkal apni chahat mein kabhi
ham uska jikra nahin karte..
ab to uske befikar hone ki
ham bhi koi fikra nahin karte!
15) बेफिक्र होकर जाने क्यों हमें सजा दे दी उसने.. न जाने मोहब्बत में ऐसी क्या खता कर दी हमने.. -Supriya
befikar hokar jaane kyon
hamen saja de di usne..
na jaane mohabbat mein aisi
kya khata kar di humne..
16) इस कदर उसके बेवफाई का आलम अब हमें तड़पाता.. शायद बेफिक्र होकर मोहब्बत करना हमें आज भी नहीं आता.. -Dipti
is kadar uske bewafai ka
aalam ab hamen tadapata..
shayad befikar hokar mohabbat
karna hamen aaj bhi nahin aata..
17) क्यों बेफिक्री दिखा रही है तू मुझे अपने दिल से.. मोहब्बत में ऐसी क्या खता हो गई है मुझसे.. -Santosh
kyon befikri dikha rahi hai
tu mujhe apne dil se..
mohabbat mein aisi kya
khata ho gayi hai mujhse..
18) अपने महबूब को बस प्यार की नजर से देखो.. जो हमेशा आपकी परवाह करते हैं उन्हें बेफिक्र रखो.. -Supriya
apne mahbub ko bus
pyar ki najar se dekho..
jo hamesha aapki parvah
karte hain unhen befikar rakho..
19) मोहब्बत में किसी का दिल तोड़ना आदत नहीं है मेरी.. बेफिक्र होकर नजरअंदाज करना फितरत नहीं है मेरी.. -Dipti
mohabbat mein kisi ka dil
todna aadat nahin hai meri..
befikar hokar najarandaaz
karna fitrat nahin hai meri..
20) तुम्हारी आंखों में बेवफाई और झूठा प्यार दिखने लगा है.. बेफिक्र होने का आज मगर मुझे एहसास होने लगा है.. -Santosh
tumhari aankhon mein bewafai aur
jhutha pyar dikhne laga hai..
befikar hone ka aaj magar
mujhe ehsaas hone laga hai..
21) न जाने क्यों मोहब्बत में तू हमेशा ही मेरा दिल तोड़ देता.. तड़पती रहती तुम हमेशा जो मैं बेफिक्र होकर तुम्हें छोड़ देता.. -Supriya
na jaane kyon mohabbat mein tu
hamesha hi mera dil tod deta..
tadpati rahti tum hamesha jo main
befikar hokar tumhen chhod deta..
22) सच्ची मोहब्बत करता है उसे दुनिया की फिक्र नहीं होती.. जिसे बेफिक्र होने की कभी कोई जरूरत नहीं होती.. -Dipti
sacchi mohabbat karta hai use
duniya ki fikra nahin hoti..
jise befikar hone ki kabhi
koi jarurat nahin hoti..

23) चाहत में बेफिक्र होना हमेशा ही एक दूसरे से जुदा होता है.. कई बार नजरअंदाज करने का अंदाज भी बुरा होता है.. -Santosh
chahat mein befikar hona hamesha hi
ek dusre se juda hota hai..
kai bar najarandaaz karne ka
andaaz bhi bura hota hai..
24) बेवफाई का जहर अपने यार के मन में भर देता है.. बेफिक्र होने वाला अपने प्यार को उदास कर देता है.. -Supriya
bewafai ka zeher apne
yaar ke man mein bhar deta hai..
befikar hone wala apne
pyar ko udaas kar deta hai..
25) अपनी मोहब्बत का कैसे यकीन दिलाऊं मैं.. अब दिल की बेफिक्री को कहां छुपाऊं मैं..? -Dipti
apni mohabbat ka kaise yakin dilau mein..
ab dil ki befikri ko kahan chhupaun main..?
26) झूठी चाहत का असर अब मेरे दिल पर हो रहा है.. बेफिक्र होकर न जाने क्यों प्यार में वो दर्द दे रहा है.. -Santosh
jhuthi chahat ka asar ab
mere dil per ho raha hai..
befikar hokar na jaane kyon
pyar mein vo dard de raha hai..
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दोस्तों, हमारी इन दर्द से भरी Befikar Shayari को सुनकर अगर आपको भी अपने प्यार में बेफिक्र होकर जिये दिन याद आ गए हो, तो हमें comment box में comment करते हुए जरूर बताएं.
शायरी सुकून की बेहतरीन शायरियों को अपने फेसबुक पर प्राप्त करने के लिए इस शायरी सुकून पेज को Like और Share जरूर करें.
वाह अदिशा जी
बहोत ख़ूब आवाज़ में शायरियों को मुक़म्मल किया आपने..
Keep it up..
बहोत ही सादगी के साथ पेश किया अदिशा जी….सिर्फ आपको थोड़ा energetic होकर रिकॉर्ड करने पर जोर देना होगा
Thank you
व्वाह आदिशाजी, बढीया
Very nice adisha ji
Nice
Very nice adhisha ji
Nice
Bohot hi nayaab adisha ji
Very nice Adisha
Keep it up
Wow Amazing Voice Vrushali Ma’am 👌👍
वाह वृषाली मॅम
बहुत ही नायाब शयारियां !!
बेहद खूबसुरत तरीके से आपने इन दर्द भरी शयरियों को हमारे दिल तक पहुंचा दिया..
बहुत बढिया पेशकश!!
वो कहतें है बेफिक्रा भी होना जरुरी है,
लेकीन इश्क में मेरे यार..
बेफिक्रा दिल ही अक्सर चोंट खाता है!
अनेक शुभकामनाएं!!
– कल्याणी
Beautifully expressed heartfelt emotions ❤️❤️
Very amazing Ma’am and you expressed also very calmly and beautifully in your very sweet voice👌👌👌
Regards,
Sameera urf Manpreet
व्वाह… बढिया पेशकष वृषाली मॅम
👌👌👌💐💐💐
Simply superb Ma’am❣🤗