मोईन जी आज के इस वेबसाइट पोस्ट के माध्यम से अपनी खूबसूरत मेहबुबा के लिए खास शायरी (Khas Shayari) का नजराना पेश करना चाहते है. अगर आपके जीवन में भी कोई व्यक्ति अपनी खास अहमियत रखता है या रखती है तो आप इस पोस्ट को उनके साथ शेयर करके अपना हाल ए दिल बयां कर सकते हो.
“उस दिलबर के नाम जिस के क़दमों की धुल से मेरी क़िसमत का खम निकल गया… जिस के ज़िंदगी में आने के बाद मेरा दामन ख़ुशीयों से भर गया और मेरी तक़दीर का सितारा चमका… जिस के इलावा कोई और मुझे देखे तो जलन होती है… जिस के इलावा कोई और मेरा नाम ले तो बुरा लगता है… जिस के ख़यालों में खोए रहना मेरी ज़िंदगी के सब से हसीन लम्हे होते है… जिस के मिलने के बाद अब कोई और दुआ माँगना मुझे जुर्म सा लगता है… जिस के परेशान होने पर मेरा दिल उदास हो जाता है… उम्मीद है मेरी जान को ये शेर ज़रूर पसंद आएगे…” –Moeen [1 June 2022]
01:
ज़माना ढूँढता फिरता हैं तुझे मेरी मुसकानों में
तेरा हुस्न हैं बेनक़ाब….. मेरे इन अफसानों में
तेरी आँखों से पीने वाले बहकते नहीं राहों से
लोग ढूँढेगे मेरी चाहत के निशाँ रेगीस्तानों में
मोईन साहब की यह खास शायरियों को दीपक जी की आवाज़ में सुनिए!
[Please wait until player loads]
02:
कितने हसीन तुझ से चाहत के सिलसिले हैं
ज़िंदगी ख़्वाब बन गई… जब से हम मिले हैं
तेरी झील जैसी आँखों में फ़ना हो जाऊँ मैं
जीवन की बगीया में चाहत के फूल खिले हैं

03:
हुस्न तेरा गुलशन में खिलते हसीं गुलाब जैसा
चेहरा तेरा किसी मुक़द्दस* खुली किताब जैसा
तेरी आँखों में हैं पोशीदा राज़ कायनात के
मैं हुँ अधूरा सवाल तू हैं मुकम्मल जवाब जैसा
-मुक़द्दस: पवित्र, holy
-पोशीदा : छुपा हुआ
04:
तेरे साथ गुज़री सदीयों को दो पल कहेंगे
चेहरे को जमना किनारे खिलता कँवल कहेंगे
तेरी झील सी आँखों में डूब कर शैदाई
मीर का कलाम पढ़ेंगे गालीब की ग़ज़ल कहेंगे

05:
तुझ से गुलशने ज़िंदगी में मौसमे बहार आया
तुझ से ख़ुशीयों के चेहरे पर निखार आया
इन झुकी निगाहों पर कुरबान सब कुछ
जाने ग़ज़ल तेरी हर हर अदा पर प्यार आया
06:
तुम्हारे आने से ज़िंदगी का फ़साना बदल जाएगा
तेरे वजूद से मेरी तक़दीर का ख़म निकल जाएगा
खुदा जाने क्या कशिश हैं उन निगाहों में
उठ गई तो सूरज वक़्त से पहले ढल जाएगा
07:
उन आँखों में मेरी चाहत का दीप जलता हैं
तेरे दीदार से मेरी ज़िंदगी का निज़ाम चलता हैं
बड़े अजीब होते हैं ये मोहब्बतों के दिन भी
इधर मैं जागता हुँ उधर वो करवटें बदलता हैं

08:
तेरी आँखों में चाहत का उमड़ता समंदर देखा
हया और सादगी का एक सरापा पैकर देखा
मेरे इंतज़ार में देखना राह चलते हर अजनबी को
हम ने हैं छुप कर बेचैनी का बारहा ये मंज़र देखा
09:
मैं हुँ बिखरता वजूद तू हैं संभालने वाला
आँखों के इशारों से हैरत में डालने वाला
तेरी ख़ुशी से हैं वाबस्ता मेरी ये साँसें
बड़ा मासूम हैं मेरा ये फन उजालने वाला
10:
बात ये लबों से आज मुझे अपने कहने दो
नाम अपना तुम मेरे साथ जुड़ा रहने दो
ना रोको इन्हें तुम अपनी हसीं आँखों में
पाक हो जाएगा इश्क़ दो अश्क बहने दो
28 May 2022 by Moeen

मोईन साहब की यह खास शायरियों को अलीमा जी की आवाज़ में सुनिए!
[Please wait until player loads]
Khas Shayari in Urdu
01:
मेरी सुबह की पहली दुआ हो तुम
जाने ग़ज़ल हो जाने वफ़ा हो तुम
जो जगाती हैं मुझे चाँदनी रातों में
वो हसीन ख़याल वो दिलरुबा हो तुम

02:
अपनी शोख अदाओं से होश मेरे उड़ाने वाली
लड़की हैं या जादू……. नींदें मेरी चुराने वाली
कदम उठते चले जाते हैं बेसाख्ता उस तरफ
जन्नत का निशाँ हैं सड़क तेरी ओर जाने वाली
03:
तुझे देख कर अब किसे देखू क्या देखू
कुफ्र हैं जो किसी और का चेहरा देखू
दुआ करता हुँ खुदा दिखाए वो दिन भी
मुझे सिर्फ तेरा और तुझे सिर्फ मेरा देखू
04:
खुदा करें इश्क़ का दरख़्त सदा हरा रहे
वो मासूम सा चेहरा हमेशा ही खिला रहे
तुझे पा कर पा ली हैं मैं ने सारी कायनात
तेरे बाद ना लबों पर और कोई दुआ रहे

05:
अहसास बन कर वो फ़िज़ाओं में शामील हैं
इल्तिजा बन कर मेरी दुआओं में शामील हैं
तुझे भूल कर ना रहूँ मैं ज़िंदा खुदा करें
तू मेरे दिल की धड़कनों में शामील हैं
खास शायरी
06:
लगता हैं तुझ से मेरा सदीयों पुराना रिश्ता हैं
तुझ से शुरू….तुझ पर ख़तम मेरी दुनिया हैं
तेरी सोहबत में गुज़रता हैं…. मेरा जो वक्त
मेरी ज़िन्दगी का वो सब से कीमती लम्हा हैं
-सोहबत : company
07:
रहती हैं मेरे लबों पर… हमेशा सदा एक
तू मिल जाए… बस हैं मेरी यहीं दुआ एक
तन्हाई, दर्द, ग़म… हैं बेशुमार बीमारीया
उस मासूम का दिन ढले दीदार हैं दवा एक
08:
फिर उस ने मुझे पैगाम एक सरे शाम लिखा
ज़माने से छुप कर हथेली पर मेरा नाम लिखा
पहुँचूँ कभी जो मैं देर से उस से मिलने को
अश्कों से अपने रुखसार पर मेरा इलज़ाम लिखा
09:
चलता हैं ख़याल तेरा साथ मेरे साया बन कर
वो बंधा हैं साथ मेरे खुशनुमा रिश्ता बन कर
हो जाऊँ कभी जो उदास ज़िंदगी की राहों में
आता हैं पास मेरे ख़ुशीयों का लम्हा बन कर
10:
मेरी हर धड़कती ग़ज़ल का उनवान हो तुम
तुम से चलती हैं साँसें…. मेरी जान हो तुम
मुझे फना हो जाने दे… अपनी मोहब्बत में
ज़माने में मेरी चाहत की पहचान हो तुम
You may like this: Special Shayari for Love
Follow us on Facebook: Shayari Sukun
One Comment
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.
Kyaa baat hai, Moeen ji ki yeh likhavat kisi ko bhi deewana kar degi.