Shayari Sukun Presents
by shayarisukun.com
tap screen for next slide
अगले स्लाइड के लिए स्क्रीन टैप करें
जब कभी वो साड़ी में अपनी सजती थी आसमानों से ज़मीं पर उतरी हूर लगती थी.. हालात मांगते रहे माफ़ीया बरसों तलक मुद्दतों वो साँज सवेरे मेरी राह तकती थी.. -Moeen
खता हो गई है सुना दो कोई सजा क्यों है शिकवा दिल में वजह तो बता.. हर वक्त याद ना कर पाए मानते हैं आखिर क्यों दे गई तन्हाईयों का पता.. -Santosh
दिल ने ज़ख्म और नैनों ने आँसूं पाए हैं ज़माने ने चाहत पे मेरी सवाल उठाए हैं.. होते रहे रुसवा मांगते रहे माफ़ीया ख़ुद ही मोहब्बत में ऐसे भी हादसे पेश आए हैं.. -Moeen
मत हो उदास जानम, कब तक रहोगी यूं ही रुठे.. मांगते है माफी तुमसे मान लिया हम हैं झूठे.. So Sorry..! -Santosh
नाराज क्यों हो जान आखिर यू हम पर सितम तो ना करो.. मांगना चाहते हैं हम माफी दिल पर यू जुलम तो ना करो.. -Santosh
चाह कर भी उस की यादें मिटा ना सके वो भूल चूका मगर हम उसे भुला ना सके.. टूट कर चाहने की माँग ली माफ़ी उस से वक़्ते रुखसत दाग दिल के उन्हें दिखा ना सके.. -Moeen
Next web story
sorry card for gf
shayarisukun.com
swipe up for next story
शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!