Mirza Ghalib Shayari -1: Sad Thoughts In Hindi

Mirza Ghalib Shayari : दोस्तों इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जिसमें मिर्जा गालिब जी का नाम सुना नहीं होगा. और उनके शेर सुने नहीं होंगे. क्योंकि मिर्जा गालिब साहब उन गिने-चुने शायरों में आते हैं. जो अपनी कलम से शायरी नहीं लिखते बल्कि तहे दिल से लिखते हैं.

और मिर्जा गालिब सिर्फ उनके ही दौर के नहीं बल्कि आज तक के उन बेहद मशहूर शायरों में शुमार है. जिन्होंने ऐसी Sad Thoughts In Hindi को एक अलग ही ऊंचाई पर ले जाकर रखा है. क्योंकि ऐसे महान शायरों की शायरियां सिर्फ हमारे कानों में नहीं बल्कि दिलों दिमाग में उतर जाती है.

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मिर्ज़ा गालिब जी की इन दर्द देने वाली शायरीओं को Soumya Navghare इनकी आवाज़ में सुनकर आपके भी दिल का जख्म जरूर हरा होगा!

और हमारे मन को एक अलग ही अनुभव देती है. इसी वजह से हम आज Shayari Sukun के इस नायाब मंच पर आपके लिए बिल्कुल नई पेशकश लाए है. हमें यकीन है कि आपको हमारी यह Mirza Ghalib Shayari बहुत पसंद आएगी. अगर आपको हमारा यह प्रयास पसंद आए तो हमें फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर भी जरूर सपोर्ट करें.

Mirza Ghalib Shayari

कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश को
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता

koi mere dil se pucche tire teer-e-neem-kash ko
ye khalish kaha se hoti jo jigar ke paar hota

दोस्तों किसी आशिक के प्यार को जब बहुत गहरी ठेस पहुंचती है. तो उसके दिल का दर्द उससे सहा नहीं जाता है. वह पहले ही अपने मोहब्बत में दिलबर से मिल नहीं पा रहा था. लेकिन अब तो उसके मेहबूब के रूठ जाने से उसका दिल जैसे बैठ गया है. उसे अब कुछ भी सूझ नहीं रहा है.

वह अपने दिल को लिए अकेले ही मोहब्बत के मारों सा भटक रहा है. लेकिन उसे आप भी छोटी सी आशा है कि आप शायद उसका दिलबर उसके दिल की हालत पूछने के लिए चला आएगा. और उसे दिल में किस तरह से मोहब्बत में धोखे से तीर घुसे हैं. वह से शायद दिखा पाएगा.

नज़र लगे न कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को.
ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मे जिगर को देखते हैं

nazar lage n kahi uske dast-o-baju ko
ye log kyu mere jakhme jigar ko dekhte hai

Mirza Ghalib Shayari की मदद से जब भी आशिक अपने दिलबर को याद करता है. उसे उसकी वह खामोश और बिछड़ते नजर ही याद आती है. और आंख बंद करते ही बस वो दूर जाता हुआ महबूब दिखाई देता है. उसे इस बात का पता नहीं चल रहा है. की आखिर उसका यार उसे इस तरह अधूरे रास्ते में छोड़ कर क्यों चला गया है?

Mirza Ghalib Shayari Image -2

Mirza Ghalib Shayari in Hindi
Mirza Ghalib Shayari in Hindi

लेकिन फिर भी वह उस मोहब्बत को और उसके दिलबर को किसी भी तरह से नजर ना लगे. इसीलिए अपने अल्लाह से दुआएं करता रहता है. और अपने ही दिल से यह सवाल करता रहता है. आखिर यह दुनिया उसके लिए हुए जख्मों को ही क्यों बार-बार हरा कर देती है.

Mirza Ghalib Shayari In Hindi

है एक तीर जिस में दोनों छिदे पड़े हैं
वो दिन गए कि अपना दिल से जिगर जुदा था

hai ek teer jis main dono chide pade hai
wo din gaye ki apna dil se jigar juda tha

जब किसी आशिक के दिल में अपने महबूब के प्यार का तीर गढ़ जाता है. तब वह दिल में छेद ही नहीं करता है. बल्कि उस दिल को पूरी तरह से चीर कर रख देता है. और यह कमाल वह दिलबर सिर्फ अपनी पलकों को झुका कर ही कर देता है.

लेकिन जब वही महबूब उस आशिक के प्यार को तोड़कर चला जाता है. और उसे जिंदगी के अधूरे रास्ते में ही छोड़ कर चला जाता है. तब उसके दिल पर क्या बीती है इस बात का उस दिलबर को अंदाजा भी नहीं होता है.

तेरे ज़वाहिरे तर्फ़े कुल को क्या देखें.
हम औजे तअले लाल-ओ-गुहर को देखते हैं

tere javahire tarfe kul ko kya dekhe
hum auje tale lal-o-guhar ko dekhte hai

Mirza Ghalib Shayari In Hindi को सुनकर हर कोई अपने यार को याद करना चाहेगा. क्योंकि कई बार कोई आशिक अपने यार को समझ नहीं पाता है. लेकिन अगर वह मिर्जा गालिब जी की Sad Thoughts In Hindi को एक बार सुन ले. तो उसके दिल में अपने बिछड़े यार के लिए भी दुआएं ही आएगी.

मिर्जा गालिब जी की शायरियों में कुछ जादू ही ऐसा होता है. जब भी कोई अपने दिल की बात महबूब से बताना चाहेगा. वह हर वक्त अपने दिल को समझाना चाहेगा. क्योंकि तब तक उसे पता चल चुका होता है कि प्यार कोई मामूली बात नहीं होती है. और उसे तहे दिल से निभाने वाला ही पूरी तरह से समझ पाता है.

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines

फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ़्शानी-ए-गुफ़्तार,
रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा मिरे आगे!!

fir dekhiye andaaz-e-gul-afshani-e-guftar
rakh de koi paimana-e-sahba mire aage

जब भी कभी कोई आशिक अपने यार की मासूमियत को याद करता है. तो उसके दिल में न जाने कितने सारे फूल खिलते हैं. और वह यार की यादों में जैसे रात दिन खो जाता है. लेकिन वही यार जब उसका दिल तोड़ कर उसे धोखा देता है. तो उसके दिल में अपने प्यार के लिए कोई जगह नहीं होती है.

क्योंकि उसका यार अपने दिलबर के लिए अब पराया हो चुका होता है. यही बात वो अपने मेहबूब से जब करना चाहता है. तो उसका दिलबर इस बात को अपने दिल पर भी नहीं लेता है. और उस आशिक को अपने दिल से अलग कर देता है.

मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं,
हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं!!

muhabbat main unki ana ka paas rakhte hai
hum jaankar apsar unhe naraz rakhte hai

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines को सुनकर अपने यार की नाराजगी दूर करना चाहते हो. लेकिन वह आशिक अपने महबूब की बाहों का इंतजार कर रहा होता है. और वह यार है कि उसकी किसी भी बात को मानने से साफ साफ इंकार कर देता है.

कभी-कभी तो वह उसे इतना नजरअंदाज कर देता है. जब भी वो उससे बात करने या फिर उसकी तरफ देखने की कोशिश करता है. तो वह झट से उससे मुंह फेर लेता है. और तब उसका आशिक का दिल जैसे धोखे की वजह से चूर चूर हो जाता है.

Mirza Ghalib Shayari In Urdu

ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं.
कभी सबा को, कभी नामाबर को देखते हैं

ye hum ho hijr main deewar-o-dar ko dekhte hai
kabhi saba ko kabhi namabar ko dekhte hai

किसी भी आशिक के दिल में लगी हुई अपने महबूब की तस्वीर वह निकालना नहीं चाहता है. लेकिन अगर उसका दिलबर ही उसके दर्द को कभी समझ ना पाए. तो वह अपनी दिल की बात को आखिर किसी समझाएगा!

और इसी वजह से अब वह दिलबर के जाने के बाद यह फैसला ले ही लेता है. उसे अपने टूटे हुए दिल को संभालते हुए जिंदगी जीनी है. या फिर अपनी ही महबूब की यादों में दिल और जान दोनों खो देने है. अगर वह इस बात का पूरी तरह से फैसला कर सका. तभी वह अपने प्यार को अलग कर पाएगा.

इन आबलों से पाँव के घबरा गया था मैं,
जी ख़ुश हुआ है राह को पुर-ख़ार देख कर!!

in aabalon se paav ke ghabra gaya tha main
ji khush hua hai rah ko pur-khar dekh kar

Mirza Ghalib Shayari In Urdu अपने मकान तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी. क्योंकि आशिक को अपने प्यार की बात सिर्फ बतानी ही नहीं होती है. बल्कि उसे अपने प्यार को साबित भी करना होता है. और यह काम उसे बार-बार करना होता है.

तभी वह अपने महबूब के दिल को जीत पाता है. वरना उसके दिल को कुछ इस तरह से ठेस पहुंचती है. जिसे वह ना किसी को बता पता है. और ना ही किसी को दिखा पाता है. इस तरह की बात को उसे अपने यार के लिए करना होता है. ताकि वह किसी और के बहकावे में ना आ सके.

Mirza Ghalib Shayari Urdu

वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं.
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं

wo aaye ghar main humare khuda ki kudrat hai
kabhi hum unko kabhi apne ghar ko dekhte hai

कोई आशिक अपने महबूब से कितना प्यार करता है. इस बात से दुनिया भी बेखबर होती है जब तक वह खुद उसे कभी बताता नहीं है. लेकिन कभी-कभी बाजी पलट भी जाती है. क्योंकि सारी दुनिया को इस बात का पता चल चुका होता है.

किसी आशिक के दिल में अपने यार के लिए जो मोहब्बत होती है. वह शायद उसकी आंखों से छुप नहीं पाती है. सारी दुनिया उसके स्वभाव में कुछ बदलाव जरूर अनुभव करती है. लेकिन उसके दिलबर को ही इस बात का कोई पता नहीं होता है. या उसे इस बारे में कोई भी खबर नहीं लगती है.

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल,
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है!

rangon main daudate firne ke hum nahi qaail
jab aankh hi se n tapka to fir lahu kya hai

Mirza Ghalib Shayari Image -3

Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 lines
Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 lines

Mirza Ghalib Shayari Urdu को सुनकर हर कोई अपने दिल का दर्द बयां करना चाहेगा. उसके दिल की सच्ची बात को ही मिर्जा गालिब अपनी Sad Thoughts In Hindi की मदद से लिखते हैं. ताकि हर कोई अपने यार की यादों को अपने दिल में ही दबा सके.

जो उसे आज तक कभी सच्चा प्यार ही ना कर सका. उसे किसी आशिक को भला क्यों याद करना चाहिए? इसी वजह से उसे जितना जल्दी हो सके भुला देना ही अच्छा होगा. इसी बात का अंदाजा आपके दिल को भी मिर्जा गालिब की शायरी पढ़कर शायद आ जाएगा.

हमारी इन Mirza Ghalib Shayari को सुनकर अगर आपको भी अपने पुराने जख्मों की याद आई, तो हमें comment field में comments करते हुए जरूर बताईये!


2 Line Shayari -2: Cute Love Status In Hindi
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