mehfil shayari : जब भी आप अपनी mehfil सजाए बैठते हैं, तो आप अक्सर किसी अपने का इंतजार कर रहे होते हैं. फिर चाहे उस mehfil में आपके साथ बस आपकी तनहाई ही क्यों ना हो. लेकिन वह तन्हाई भी आप पर एक सजा बन कर टूट पड़ती है.
जब आपका साथी महफिल से रूठ कर आप से मुंह फेर लेता है. भरी हुई mehfil में आपको छोड़ कर चला जाता है. क्योंकि ये mehfil आपने उसके लिए ही तो सजाई थी. उसी का नाम लेकर आपने यह mehfil बनाई थी. और अपने दिलबर का एतबार करने के लिए, उसी के प्यार का इजहार करने के लिए ही तो आपने यह मेहफिल बुलाई थी.
बाते तो बहुत होती है यहां
पर हर बात खास नहीं होती
महफ़िल में शिरकत होती हैं आपकी
तब बात रूह से रूह तक हो जाती
baatein to bahut hoti hai yaha
par har baat khas nhi hoti
mehfil me shirkat hoti hai apki
tab baat ruh se ruh tak ho jati
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इन दर्द भरी शायरियों को Mr. Aniruddh Narkhedkar इनकी आवाज़ में सुनकर आप भी महफिल सजाना पसंद करेंगे!
और अब आप खुद भी सोच रहे हैं कि जिसके लिए महफिल सजाई थी. आज वो ही खुद उसमें शामिल नहीं है तो ये mahfil आपके किस काम की? आपका महबूब जहां ना हो, वहां आप भी एक पल रहना नहीं चाहते. उनके जाने से ऐसे कई सवाल आपको खाए जा रहे हैं. और इसीलिए आप भी उस भरी मेहफिल से अब रुखसत होना चाहते हो.
आप तो अपने महबूब के याद में बस खोए रहना चाहते हो. उन्हीं के नाम से अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहते हो. आप उन्हें अपनी आंखों के सामने बस यूं ही बिठा कर उनकी आंखों में अपनी दुनिया बसाना चाहते हो. उनके कांधे पर यूं ही सर रखकर सोना चाहते हो.
और इसके लिए आप दिल की mahfil सजा कर अपने महबूब का एक अरसे से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वह है कि आपकी इस महफिल में अभी शिरकत नहीं करना चाहता. शायद वह किसी दूसरे की mahfil का मेहमान बन चुका है. शायद वो आपकी महफिल में आना ही नहीं चाहता हो.
खोए हैं सब अपनी ही यादों में, आपको बस उनका इंतजार है..
अपने दिलबर की याद में आप न जाने कितने वर्षों से आंसू बहा रहे हो. चाहे महफिल में हो या चाहे तनहाई में हो. आप बस उन्हें ही याद करते रहते हो. आप उन्हीं को महसूस करना चाहते हो. क्योंकि उनकी यादें ही आपके उम्मीद की आखरी किरन है. फिलहाल तो वो आपसे रूठे हैं.
लेकिन उनकी यादें वो अपने पीछे छोड़ कर गए हैं. और उन यादों को ही आपने अब तक संभाले रखा है. लेकिन उनकी वो यादें भी, अगर आपसे, रूठ जाए तो क्या होगा? आप किसी के मेहफिल में जाने के लायक नहीं रहोगे. क्योंकि जब कोई आपको उनकी महफिल में बुलाता है, तो आप भी अपने दिलबर की यादें अपने साथ ले जाते हो. और सभी को उन यादों का मशवरा देते हो.
लेकिन कई बार आपने यह महसूस किया है कि जब भी आप किसी की महफिल में जाते हो, तो हर कोई बस अपनी ही यादों में, अपनी ही दुनिया में खोया हुआ रहता है, मशगूल रहता है. उसे बाकी दुनिया की कोई फिक्र नहीं होती. वह बस अपने ही तजुर्बे पर अपनी जिंदगी बिताना चाहता है.
और आपका तो अब ये हाल है कि आप भी बस उन्हीं के इंतजार में, उनकी राह तक रहे हो. आपको एक उनके सिवा और दूसरा कोई सहारा भी तो नहीं है.
भले ही महफिल रोज सजती है, लेकिन आपकी कमी हमेशा खलती है…
आप अपने महबूब की याद में हर रोज महफिल सजाए बैठे रहते हैं. आपकी बस एक ही तमन्ना है कि शायद वो कभी आपकी इस महफिल में शामिल हो जाए. और आपकी तन्हाई का उसे भी एहसास हो जाए. अगर ऐसा हुआ, तो ही शायद वो आपके दर्द-ए-दिल को समझ पाएगा.
लेकिन आज तक तो वो आपकी तन्हाई भरी महफिल में शामिल नहीं हुआ. इसीलिए आपकी रोज की महफिल के मेहमान बस आप और आपकी तन्हाई ही होती है. अब तो आपको अपनी तन्हाई ही पसंद आने लगी है. क्योंकि दुनिया की भरी महफिल में बस आपकी एक तन्हाई ही ऐसी है, जो आपकी सारी बातें सुनती है.
और आपको अच्छी तरह से समझती है. इस रोज की महफिल में अपने महबूब की यादों से आपकी हर रोज मुलाकातें होती रहती है. उनकी मुस्कान से आपकी हर रोज गुफ्तगू होती रहती है. लेकिन फिर भी एक बात तो तय है कि उनकी कमी आपके महफिल में यूं ही हमेशा खलती रहती है.
आप यह बात भली-भांति जानते हैं कि आपके महबूब की जगह और कोई नहीं ले सकता. भले ही वह आपसे दूर है, लेकिन आपके जिंदगी में उनके हिस्से का पल आज भी तन्हा ही गुजरता है.
जब भी उनकी याद आती है, आपकी आंखें अश्कों को रोक नहीं पाती है..
जब से आप का दिलबर आपको अकेले तन्हा छोड़ कर चला गया है, उसी वक्त से आपको तो अपनी जिंदगी भी दुश्वार हो गई है. आपको ना खाना प्यारा लगता है, ना सोना पसंद होता है. बस उन्हीं की याद में महफिल सजाए आप अकेले बैठे हो. लेकिन उन्हें तो जैसे आपकी कोई फिक्र ही नहीं हो रही है.
आप खुद की महफ़िल में ही हर रोज बस अपने आंखों से आंसू बहाते बैठे हो. आप की महफिल अगर सजी है तो बस आपके आंखों के अश्कों से ही सजी हुई है. अगर आपकी महफिल में कोई नशा है, तो वो बस आपके महबूब की यादों का ही तो नशा है. जब भी कभी उनके साथ बिताए हुए पलों की याद आपको सताती है, तो आपके आंखों से अश्कों की जैसे नदियां ही बहने लगती है.
आप अपने दिल को भी हर बार बस यही समझाते हो कि वह आपकी महफिल में नहीं आएगा. लेकिन आपका दिल है कि आपकी एक भी नहीं सुनता. वह आपकी कोई बात नहीं मानता. वह हर रोज बस आपके दिलबर की याद में महफिल सजाए, उनकी राह देखता है. ताकि वह कभी आए और आप की महफ़िल में चार चांद लगाए.
लेकिन आप की आंखों में उनकी यादों का बसेरा कुछ इस तरह है कि जब भी बिन बताए उनकी याद आ जाती है, तो आपकी आंखें उन अश्कों को रोक नहीं पाती.
mehfil shayari urdu | whatsapp shayari status on mehfil
मशगूल है हर कोई यहां
अपनी महफिल में..
और हम बैठे हैं गुमसुम
यहां किसी के इंतजार में..
mashgul hai har
koi yahan
apni mehfil mein..
aur ham baithe hain
gumsum yahan
kisi ke intezar mein..
mehfil shayari in english hindi
रोज़ महफ़िल सजती है,
रोज़ गुफ्तगू होती है..
लेकिन सच कहे तो,
आपकी कमी हमेशा होती है..
roj mehfil sajti hai
roj guftgu hoti hai..
lekin sach kahe to,
aap ki kami
hamesha hoti hai..
mehfil par shayari 2 line hindi urdu
अक्सर भर आती है
महफ़िल में मेरी आंखें,
जब बिना बताए,
चली आती है तेरी यादें..
aksar bhar aati hai
mehfil mein
meri aankhen..
jab bina batayen
chali aati hai
teri yaadein..
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Bahothi badhiya