Katra Shayari ek aisa hindi poetry ka swarup hota hai jisme aap apne sathi ke aansu ka katra (tear drop) ke baare me kuch express karna chahte hai. Aur shayari isliye aapke liye yeh website post behad hi faydemand sabit hogi. Agar shayariya acchi lage to social media par share kijiyega.
क़तरा मतलब किसी भी तरल अर्थात द्रव पदार्थ की बूँद. और ऐसे ही क़तरा शब्द को प्यार से जोड़कर हम आपके लिए क़तरा शायरी लेकर आये है, जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
Voice Over & Script: Sagar
Katra Shayari Collection
आज तक आपके प्यार में आपने अपने दिलबर के अश्क का एक क़तरा भी नीचे गिरने नहीं दिया है. यही बात बताती है कि आपके दिलबर पर आपकी चाहत कितनी है. आपने तो उनसे वादा किया है की खुद के लहू का क़तरा जिंदा रहने तक आप बस उन्हीं से ही सच्ची मोहब्बत करते रहोगे.
बूँद बन कर बरसूं, कुछ इस तरह तेरे इश्क़ में, कतरा-कतरा मिल रहा हो, जैसे सागर के रक़्स में, ये दिल फ़िर भी उदास है, मिलने की आस में, जैसे साहिल बेताब रहता है, लहरों की प्यास में रक़्स: डांस, नृत्य -Neha
bund ban kar barsu, kuch iss tarah tere ishq me
katra katra mil rha ho, jaise sagar ke raks me
ye dil fir bhi udas hai, milne ki aas me
jaise sahil betab rahta hai, lehro ki pyas me
एक एक कतरा तेरे अश्क का,
लहरों की बेचैनी बढ़ाता है..
जरा सोच, तू रातभर अश्क बहाए
और इधर सागर ख़ाली हो जाए..
ek ek katra tere ashq ka
laharon ki bechaini badhata hai..
jara soch, tu raat bhar ashq bahaye,
aur idhar sagar khali ho jaaye..
तभी आपको और आपके दिल को सुकून मिल पाएगा.दोस्तों, आप तो कतरा इसका मतलब जानते ही होंगे. कतरा अर्थात किसी भी चीज का कट या टूटकर निकला हुआ अथवा कतर यानी की काटकर निकाला हुआ छोटा टुकड़ा होता है. हम भी आपके दिल के जज्बात समझते हुए आपके लिए शायरियों की कुछ नगमे लेकर आए हैं. तो आइए दोस्तों, आपके दिलबर के अश्क का एक-एक कतरा संभालने के लिए, आपकी दुआओं में शरीक होते हुए, कुछ शायरियां सुनें.
दिल की महफ़िल में, जब भी तुम्हारा ज़िक्र होता है, कतरा-कतरा बस तू ही, मुझे महसूस होता है मेरी नज़्म और एहसास में, तुम्हारा ही अक्स होता है, कहने को वहाँ तू हमारी, हर शायरी में मौजूद होता है अक्स: प्रतिबिंब, छाया, परछाई -Neha
Dil ki mehfil me, jab bhi tumhara jikra hota hai
katra katra bas tu hi, mujhe mahsus hota hai
meri najm aur ahesas me, tumhara hi aks hota hai
kahne ko waha tu humari, har shayari me moujud hota hai
सागर की लहरों में आपको
कुछ इस तरह बहां न ले जाऊ..
की तेरे इश्क़ का कतरा
कभी तुझे दिखा ही ना पाउ..
sagar ki laharon mein aapko
kuch is tarah bahaa na le jaau..
ki tere ishq ka katra
kabhi tujhe dikha hi na paaun..
Shayari on Qatra / Katra
जब भी आपको अपना महबूब याद आया है, तो उनकी याद में न जाने आपकी अश्क के कितने कतरे गिरे. उनकी प्यार की तन्हाई में आपके आंखों के कितने आंसुओं को जाया करना पड़ा इस बात की तो आपको भी खबर नहीं है. और इसी वजह से आप उनसे अपने दिल के हालातों को जताना चाहते हो की उनकी याद में चाहे खून के कतरे हो या फिर अश्कों के, उन दोनों को बहने से आप रोक ना सके.
लम्हा चाहे खुशी का हो या गम का,
अश्कों का कतरा जमीन से ना लगने दूँ …
तुझे सीने से लगाकर, कन्धा मेरा
हल्केसे तकिया बना दूँ..
lamha chahe khushi
ka ho ya gam ka,
ashqo ka katra zameen
se na lagne du..
tujhe seene se laga kar,
kandha mera
halke se takiya banaa dun..
Katra Shayari: अब तो बारिश के हर एक कतरे में भी हमें बस आप ही नजर आते हो..
आपके प्यार का एक-एक क़तरा आप बस अपने दिलबर पर ही तो लुटाना चाहते हो. उनकी याद में आप के जितने भी आंसू गिरे हैं, उन सभी को आप अपने दिलबर को बताना चाहते हो. आपके दिलबर की यादों में, उनसे किए हुए हर एक वादे में आपको बस एक उनका ही चेहरा नजर आता है.
अब तो हम आपके हर एक कतरे से वाकिफ हो चुके हैं..
आपके दिलबर से आप कितना प्यार करती हो, यह तो बस आपका ही दिल जानता है. अगर उदाहरण के तौर पर ही बताना है तो आप उन्हें एक बात बता सकते हो कि दिन भर में जितनी बार भी आपकी सांसे अंदर और बाहर आती है, उतनी बार आपका दिलबर आपको याद आता है.
खून का कतरा हो,
या मेरे आंखों के आसू का,
तेरे जाने के बाद,
दोनो भी बह गये..
khoon ka katra ho
ya mere aankhon ke aansu ka..
tere jaane ke bad,
donon bhi beh gaye..
क़तरा शायरी | Katra Shayari | Qatra Shayari
तुझे याद करता हूं उन सारी यादों में,
तेरे रूह की ख़ुशबू बसी हुई है..
अब तो इन बारिशों की कहानी में भी,
हमारे अश्क़ का एक एक क़तरा समाया है..
tujhe yad karta hun
un sari yaadon mein
tere ruh ki khushbu
basi hui hai..
ab to in barishon ki kahani
mein bhi hamare ashq ka
ek ek katra samaya hai..
बसर हो रही है, ज़िंदगी कतरों में कुछ इसकदर, भटक रहे हैं अकेले, तन्हां ही बेख़बर मंज़िल अनजान है, राहें चल रही है बेफिकर, तुम्हारी यादों के सहारे, कितना मुश्किल है ये सफ़र -Neha
basar ho rhi hai, zindagi katro me kuch iss kadar
bhatak rhe hai akele, tanha hi bekhabar
manzil anjan hai, rahe chal rhi hai befikar
tumhari yaado ke sahare kitna mushkil hai ye safar
क्या बताऊं, किस कदर
समाया है तू मुझमें,
अश्क़ के कतरे कतरे
से भी वाकिफ़ हूं तेरे..
kya bataun kis kadar
samaya hai tu mujhme..
ashq ke katre katre
se bhi waqif hoon tere..
Final Words on Katra Shayari
दोस्तो, हमारी ये Katra Shayari सुनकर अगर आप अपने साथी का हर एक क़तरा पहचान गए हो, तो निचे दिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करते हुए हमें जरूर बताये.
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वाह संकेत,
आपने तो हमें शायरियों के कतरे कतरे से वाकिफ़ कर दिया
सरलता एवं सहजता का सुंदर संयोजन…बहुत खूब सागर सर👌👌