ज़हालत शायरी: दोस्तों आपने अपने आसपास शिक्षा हो या फिर किसी अन्य बात के लिए जहाल लोगों के बारे में भी पढ़ा या फिर देखा होगा. और ऐसे ही लोगों के लिए कुछ काम करने को प्रेरणा देने वाली jahalat shayari हम आज आपके लिए लेकर आए हैं.
हम यहां आपको जहालत का मतलब समझाना चाहते हैं. जहालत यानी कि किसी भी बात के लिए अज्ञान होना. अर्थात किसी चीज के बारे में कोई भी जानकारी ना हो तो उस इंसान के पास उस चीज के लिए जहालत होती है.
Listen to Jahalat Shayari in Hindi | Voice-Over: Aniruddh Narkhedkar
इन Motivational Shayari को Aniruddh Narkhedkar इनकी आवाज़ में सुनकर सभी लोगों को जहालत के खिलाफ खड़े होने का आवाहन करना चाहोगे!
और आज की यह ज़हालत शायरी आपको ऐसे ही बातों से रूबरू कराएगी. और आपको ऐसे लोगों के दिल के अज्ञान को दूर करने के लिए प्रेरणा देगी.
जहालत का डिजीटल रुप देखा हैं होते अमन का खून देखा हैं.. बदल दो तक़दीर वतन की वतन का सौदागर ग्रुप देखा हैं.. -Moeen
jahalat ka digital roop dekha hai
hote aman ka khoon dekha hai..
badal do taqdeer watan ki
watan ka saudagar group dekha hai..
वो सहर जल्द ही आनी हैं जहालत की ख़त्म होती कहानी हैं.. उठो, ज़ालिमों का ज़ुल्म तोड़ दो फ़िज़ा में अब यहीं रवानी हैं.. -Moeen
vo sehar jald hi aani hai
jahalat ki khatm hoti kahani hai..
utho zalimon ka zulm tod do
fiza mein ab yahi rawani hai..
ये जहालत नहीं अच्छी लगती नफ़रत की अदालत नहीं अच्छी लगती.. ज़िंदा रहना हैं तो चुप रहो बादशाह को मुखालिफत नहीं अच्छी लगती.. -Moeen
ye jahalat nahin acchi lagti
nafrat ki adalat nahin acchi lagti..
jinda rahana hai to chup raho
badshah ko mukhalifat nahin acchi lagti..
Jahalat Shayari से लोगों का हौसला बढ़ाना चाहोगे..
कैसे चेहरे उतरे हैं सब के उरूज पर हैं जहालत अब के.. दे रहा हैं पैगाम अमन का वो ज़ालिम कातिल हैं जब के.. -Moeen
kaise chehre uth rahe hain sab ke
urooj par hi jahalat ab ke..
de raha hai paigam aman ka
vah jalim katil hai jab ke..
ज़हालत शायरी की मदद से लोगों को हिदायत देना चाहोगे…
जहालत की कैसी घटा छाई हैं दुश्मन भाई का बना भाई हैं.. अफसोस मोहब्बत के ज़माने गुज़र गए नफरत की कैसी आंधी आई हैं.. -Moeen
jahalat ki kaisi ghata chhai hai
dushman bhai ka banaa bhai hai..
afsos mohabbat ke zamane guzar gaye
nafrat ki kaisi aandhi aayi hai..
बादशाह चाहता हैं सब तरफ़दार हों कहानी में उसी के किरदार हों.. हर दम सब हिमायत करें उसकी हर बाशिंदा जहालत का अलमबरदार हों.. -Moeen
badshah chahta hai sab tarafdar ho
kahani mein usi ke kirdar ho..
har dam sab himayat karen uski
har bashinda jahalat ka alam bardar ho..
तेरी जहालत पे हँसी आती हैं कहता हैं नई सदी आती हैं.. वो चाहते हैं सदा वर्चस्व अपना अब आँखों मे नमी आती हैं.. -Moeen
teri jahalat pe hansi aati hai
kehta hai nayi sadi aati hai..
vah chahte hain sada varchasva apna
ab aankhon mein nami aati hai..
संभलों बडी मुश्किल डगर आती हैं ठहरो इंकिलाब की ख़बर आती हैं.. इस जहालत को दफ़न कर दो वतन की फ़िज़ा मुस्कुराना चाहती हैं.. -Moeen
sambhalo badi mushkil dagar aati hai
theharo inquilab ki khabar aati hai..
is jahalat ko dafan kar do
watan ki fiza muskurana chahti hai…
बेखबर ना रहो साज़िशों से अब उठो,
जहालत की अब ज़ंजीर तोड़ो..
कब तक उठाओगे बोझ गुलामी का
होकर मुत्तहीद ज़ालिम की शमशीर तोड़ो..
bekhabar na raho sajishon se ab utho,
jahalat ki ab janjeer todo..
kab tak uthaoge bojh gulami ka
hokar muttahid jalim ki shamshir todo..
जहालत ने ये क्या दिन दिखाए बैठे हैं अपना पन भूलाए.. हिम्मत ना हारों यारों अभी मुमकिन हैं जल्द कोई इंकिलाब आए.. -Moeen
jahalat ne ye kya din dikhayen
baithe hain apna pan bhulaye..
himmat na haaro yaaron abhi
mumkin hai jald koi inquilab aaye..
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अनिरुध्द सर!
बहुत ही बेहतरीन पेशकश!
काफी गेहराई है इन शयारियों में और उन्हे पेश करने का अंदाज… क्या कहने!!
बहुत खूब!!
अनेक शुभकामनाएं!
– कल्याणी
Simply superb voice Aniruddh sir 👌👌👍motivated and deep thoughts👍👍
धन्यवाद कल्याणीजी
🙏😊🌼🌺💐
थँक यू विनिताजी
💐🌺😊🙏
बहुत खूब sir bahut acha lagta hein apko sunkar ….👏👏