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चाँद शायरी में आपको अपने यार को देख कर तो जैसे चांद की ही याद आ जाती है. आप चांद से भी अपने यार की तुलना करते हो. लेकिन फिर भी आपको Moon से ज्यादा प्यारा, अपना महबूब ही लगता है. क्योंकि आप जानते हो कि चांद भले कितना ही सुंदर हो, लेकिन उसमें भी दाग धब्बे है.
Voice-Over: Shilpa Ram
Chand ko urdu mein kya kahate hain?
चाँद को उर्दू में माहेताब (Mahtab ماہتاب.), कमर (Qamar قمر.) या फिर चाँद (Chand چاند) ही कहते है. हमने अक्सर देखा है की आशिक़ अपने माशूका की सुंदरता को बयां करने के लिए चाँद का जिक्र करते रहते है.
इन लव शायरियों को Vanshika Navlani इनकी आवाज़ में सुनकर चांद को ही आप अपना दिलबर बनाना चाहोगे!
Moon Shayari for Distance Relationship 🙂
1) चांद के जैसा सुंदर चेहरा तेरा देखकर तुझको मैं दिल हारा.. कैसे करूं अपने दिल का हाल बया सोचकर ही खो देता हूं होश मेरा.. -Vrushali
chand ke jaisa sundar chehra tera
dekh kar tujhko main dil hara..
kaise karun apne dil ka haal bayan
sochkar hi kho deta hun hosh mera..
उस दरख्त के पीछे जो चाँद छुपा है वो बेताब है तुम से गुफ्तगू करने के लिए लेकिन तुम अनजान हो उसकी मौजूदगी से और वो अलाहीदा होने से डरता है एक पल के लिए -Neha
uss darakht ke piche jo chand chupa hai
wo betaab hai tum se guftgu karne ke liye
lekin tum anjaan ho uski maujudgi se
aur wo alhida hone se darta hai ek pal ke liye
2) अकेलेपन से भला कैसी शिक़ायत मेरी जान.. वो चाँद भी तो सारे आसमां में अकेला ही है.. -Ehsaas by ketki
akelepan se bhala
kaisi shikayat meri jaan..
vo chand bhi to sare
aasman mein akela hi hai..
3) सीखों कुछ अपने चांद से कैसे वो रिश्तें निभाता है.. किसी का मामा बनता है तो किसी की करवा चौथ मनाता है.. -Sagar
sikho kuchh apne chand se
kaise vo rishte nibhata hai..
kisi ka mama banta hai to
kisi ki karva chauth manata hai..
चाँद के दाग को भी खुदा ने क्या खूब सँवारा है नाकाम आशिक़ को उस में मेहबूबा का अक्स दिखाया है -Neha
chand ke daag ko bhi khuda ne kya khub sanwara hai
naakam aashiq ko uss ne mehbuba ka aks dikhaya hai
Listen to चाँद पर लिखी शायरियां by Mrudula
4) ना चाहूं चांद तारे ना चाहूं कोई फलक.. दीवाना हूं मैं तेरा, चाहूं सिर्फ तेरी झलक.. -Santosh
na chahu chand tare
na chahun koi falak..
deewana hoon main tera,
chahoon sirf teri jhalak..
तन्हां रात में खामोश चाँद से हम ने एक रोज़ पूछा तुम तन्हाई में भी इतने खूबसूरत कैसे दिखाई देते हो? वो धीमे से मुस्कुराया और बोला.... अपने इश्क़ के इंतज़ार में तुम भी, एक रात मेरी तरह गुज़ार कर तो देखो, माजरा खुद-ब-खुद समझ में आ जायेगा *अलहदा- जुदा/अलग -Neha
tanha raat me khamosh chand se hum ne ek roj pucha
tum tanhai me bhi itne khubsurat kaise dikhayi dete ho?
wo dheeme se muskuraya aur bola..
apne ishq ke intezaar me tum bhi
ek raat meri tarah gujaar kar to dekho
maajra khud b khub samjh me aa jayega
5) चांद से गुज़ारिश हैं मेरी उसके जैसी तुझे कोई हंसी दिलरुबा मिल जाएं.. उसके आने से हसीं हो तेरी ज़िंदगी उसे देखकर तू हमेशा मुस्कुराएं.. -Vrushali
chand se gujarish hai meri uske jaisi
tujhe koi hasin dilruba mil jaaye..
uske aane se hasin ho teri jindagi
use dekhkar tu hamesha muskuraye..
This Chand Shayari is made for your love..❤️
6) फ़लक के सारे सितारों से गुज़ारिश है दीदार ए चाँद हो इतनी सी ख्वाहिश है.. उसकी मद्धम रोशनी में चिराग जल उठें ऐसी नायाब सुरों से सजी वो बंदिश है.. -Ehsaas by ketki
falak ke sare sitaron se gujarish hai
didar e chand ho itni si khwahish hai.
uski maddham roshni me chirag jal uthe
aisi nayab suron se saji vo bandish hai..
एक रोज चाँद से गुफ़्तगू करने बैठे थे, खूबसूरती पर उसके फ़क़त नग़मे लिखने बैठे थे सियाह-रात में भी एक सुकून से भरा जो अक्स नज़र आता है, उस सादगी पर अब हम पूरी किताब लिखने बैठे थे -Neha
ek roj chand se guftgu karne baithe the
khubsurati par uske fakat nagme likhne baithe the
syaah raat me bhi ek sukun se bhara jo aks najar aata hai
us saadgi par ab hum puri kitab likhne baithe the
7) चांद की वजह से पूनम की रात सागर की लहरों में भूचाल आता है.. ठीक वैसे ही अगर तू बात न करें तो इस धड़कन का हाल होता है.. -Sagar
chand ki vajah se poonam ki raat
sagar ki laharon me bhuchal aata hai..
theek vaise hi agar tu baat na kare
to is dhadkan ka haal hota hai..
8) काश एक ऐसा आशियाना हो.. जहां मैं सितारा, तुम चाँद हो..! -Vanshika
kash ek aisa aashiyana ho..
jahan main sitara, tum chand ho..!
9) तू जो शर्माएं तो देखकर वो चांद भी जलता होगा.. हुस्न का तेरे ऐसा कमाल देखके वो शर्माता भी होगा..! -Vrushali
tu jo sharmaye to dekh kar
vo chand bhi jalta hoga..
husn ka tere aisa kamal
dekhke vo sharmata bhi hoga..!
10) चाँद सी महबूबा का साथ नहीं चाहिए चंद लम्हे साथ गुजारे, कोई ऐसा चाहिए.. समझदार ना भी हो तो ग़म नही साहब मंझधार में जो तारे, कोई ऐसा चाहिए.. -Ehsaas by ketki
chand si mehbooba ka sath nahin chahiye
chand lamhe sath gujare, koi aisa chahiye..
samajhdar na bhi ho to gam nahin sahab
majhdhar mein jo tare, koi aisa chahiye..
और पूरी दुनिया में अपना प्रकाश फैलाता है. ताकि भटके हुए मुसाफिर को भी रात में अपना रास्ता दिखाई दे. लेकिन आपका महबूब फिलहाल आपके पास नहीं है. वह आपसे मिलने के लिए शायद किसी बहाने का इंतजार कर रहा है. लेकिन आपके दिल को अब पल भर की भी सब्र नहीं हो रही है. आप उसे जितना हो सके, जल्दी मिलना चाहते हो. ताकि आपके दिल का खोया हुआ सुकून आपको वापस मिल सके.
आपकी ही खिली हुई मुस्कान ने, जैसे चांद को रोशनी दी है..
आपको यह बात अच्छी तरह से पता है कि आपके दिलबर में जो खूबियां है, वह आपको और कहीं देखने के लिए नहीं मिलेगी. इसी वजह से आज अपने दिलबर के दिल में झांक कर उसके मन की बातें और अच्छी तरह से पढ़ने की कोशिश करते हो.
और अपने महबूब का दिल पढ़ने के लिए आपको उसे अपने पास बुलाना ही पड़ेगा. और तब आप उससे यही बिनती करते हो कि वह जहां भी हो, जैसा भी हो, तुरंत आपसे मिलने के लिए दौड़ा चला आए. क्यूंकि आपको तो अब Moon से रोशन हुए सितारे नजर आ रहे हैं.
11) तुम्हारी तारीफ करने के लिए मैं चांद का जिक्र नही करूंगा.. ब्लैक होल जैसे खींचती है तू एक दिन 0 ग्रैविटी हो जाऊंगा.. -Sagar
tumhari tarif karne ke liye
main chand ka jikr nahin karunga..
black hole jaise khinchati hai tu
ek din 0 gravity ho jaunga..
12) चांद सा मुखड़ा तेरा जानम, कहां छुपाऊं.. तुम्हारे दीदार से ही, कहीं मर ना जाऊं.. -Santosh
chand sa mukhda tera
jaanam, kahan chhupaun..
tumhare deedar se hi,
kahin mar na jaaun..
13) रात के काले बादलों पर निकलता हैं वो रौशन सा चांद.. जैसे हर अंधेरे को मिटाने का हो उसमें कोई ख़ास अंदाज़.. -Vrushali
raat ke kale badalon per
nikalta hai vo roshan sa chand..
jaise har andhere ko mitane ka
ho usmein koi khas andaaz..
14) ए चाँद, तू तो फ़लक की आग़ोश में है एक हम हैं जो शनि के प्रकोप में हैं.. राहु केतु आज सब हैं हम पर भारी आज मेरी वाली का बापू आक्रोश में है.. -Ehsaas by ketki
ae chand, tu to falak ki aagosh mein hai
ek ham hai jo shani ke prakop mein hai..
rahu ketu aaj sab hai ham per bhari
aaj meri wali ka bapu aakrosh mein hai..
15) तकरीबन 4 लाख किमी दूर है फिर भी चांद अपनी सूरत दिखाता है.. तू सिर्फ 400 किमी दूर होकर भी मुझसे मिलने क्यों नही आता है..? -Sagar
takriban 4 lakh km dur hai
fir bhi chand apni surat dikhata hai..
tu sirf 400 km dur hokar bhi
mujhse milne kyon nahin aata hai..?
16) तेरी बातों में हमेशा चाहत झलकती है सनम.. चांद ही नजर आए हरदम चेहरे में तुम्हारे जानम.. -Santosh
teri baaton me hamesha
chahat jhalakti hai sanam..
chand hi najar aaye hardam
chehre mein tumhare jaanam..
17) आसमां का हर सितारा गवाह होता गर चाँद का वो एक टुकड़ा हमारा होता.. ये दुनियाँ जिसे दूर से देख के खुश है उसे क़रीब से देखने का हक़ हमारा होता..! -Ehsaas by ketki
aasman ka har sitara gavah hota
gar chand ka vo ek tukda hamara hota..
ye duniya jise dur se dekh ke khush hai
use kareeb se dekhne ka haq hamara hota..!
18) रिश्तों में भरोसा न रहें तो वो हमसे लगभग दूर होते है.. शायद जैसे मेरे चंदा मामा भी अपने धरती से अलग हुए है.. -Sagar
rishto mein bharosa na rahe to
vo ham se lagbhag dur hote hain..
shayad jaise mere chanda mama bhi
apne dharti se alag huye hain..
19) आओ सुनाऊँ एक दास्तान सूरज की मोहब्बत के लिए.. रोज रात मरता रहा चांद की सांस के लिए.. -Vanshika
aao sunau ek daastan
suraj ki mohaabat ke liye..
roz raat marta raha
chand ki saans ke liye..
20) चांद जैसे मुखड़े को सजने की जरूरत नहीं.. जानम, आईना देखने की तुम्हें जरूरत नहीं.. -Santosh
chand jaise mukhde ko
sajne ki jarurat nahin..
jaanam, aaina dekhne ki
tumhen jarurat nahin..
लेकिन अपने महबूब की, अपने यार की एक मुस्कान से, चमकते हुए और खिल उठे नजारे कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. इसे पहले भी आपको जब अपना हमदर्द याद आता था, तो आपको उसकी हंसी से, उसकी मुस्कान से खिलें हुए कई गुल और नजारों का एहसास होता था.
आपसे मिलने की आस में, अब तो बस Moon को ही अपना मान लिया है हमने..
अपने चांद से भी प्यारे महबूब से मिलने के लिए आप न जाने कितने अरसों से तड़प रहे हो. उसे मिलने की ही आप हमेशा दुहाई करते रहते हो. लेकिन आपके महबूब को न जाने किस बात की फ़िक्र हो रही है. वह आपसे मिलने के लिए न जाने क्यों नहीं आ रहा है.
अब तो आपको ऐसा लग रहा है, जैसे शायद आपके जिस्म से आपकी जान हि ना चली जाए. इस वजह से अब आप अपने महबूब से बस यही तमन्ना कर रहे हो कि वह आपसे तुरंत मिलने के लिए चला आए. वह जैसा भी हो, जहां भी हो, जिस हालात में भी हो इस आपको कोई फर्क नहीं पड़ता.
21) बन जाना तुम चाँद, मैं चकोर सा तुम्हे तांकता रहूँ.. ज़िक्र भी गर हो जो आने का मैं इंतज़ार करता रहूँ.. -Ehsaas by ketki
ban jana tum chand, main
chakor sa tumhen takta rahun..
zikr bhi gar ho jo
aane ka main intezar karta rahun..
22) चांद को देखूं तो खुदको तेरे बेहद करीब पाता हूं.. तुम नज़रों के सामने नहीं हो मगर फिर भी तुझे ही देखता हूं.. -Vrushali
chand ko dekhu to khud ko
tere behad kareeb pata hun..
tum najron ke samne nahin ho
magar fir bhi tujhe hi dekhta hun..
23) चांद अपने दो चेहरे नहीं दिखाता जिस साइड को देख नहीं पाते है.. उस अंधकारमय साइड को हम इंसान far side of the moon कहते है.. -Sagar
chand apne do chehre nahin dikhata
jis side ko dekh nahin paate hain..
us andhakarmay side ko ham insan
far side of the moon kahate hain..
24) आसमां से ज़मी की दूरी तय कर गया मेरे चाँद का नूर मुझे मदहोश कर गया.. सरगोशी का आलम तुम्हे कैसे बतलाऊँ कुछ कहे बिना कई बातें नज़रों से कर गया.. -Ehsaas by ketki
aasman se zameen ki duri tay kar gaya
mere chand ka noor mujhe madhosh kar gaya..
sargoshi ka alam tumhen kaise batlaaun
kuchh kahe bina kai baaten najron se kar gaya..
25) तमन्ना यही है मेरी, चेहरा तेरा निगाहों में हो.. देखूं जब आसमान में चांद, तुम मेरी बाहों में हो..! -Anamika
tamanna yahi hai meri,
chehra tera nigahon mein ho..
dekhoon jab aasman mein chand,
tum meri bahon mein ho..!
Sach baat hai janab..🌕
26) चांद की रोशनी से चेहरा तेरा चमक उठा हैं.. जैसे बादलों के आने से छाई काली घटा है.. -Vrushali
chand ki roshni se chehra
tera chamak utha hai..
jaise badalon ke aane se
chhai kali ghata hai..
27) आंखों में जो है हमारी, रातों की नींद उतरे.. ख्वाहिश है हमारी कि जमीन पर चांद उतरे.. -Santosh
aankhon mein jo hai hamari,
raaton ki nind utre..
khwahish hai hamari ki
jameen per chand utre..
28) साथ मिले तेरा तो मेरी जिंदगी दमके.. चांद की तरह मेरी किस्मत भी चमके..! -Anamika
sath mile tera to meri jindagi damke..
chand ki tarah meri kismat bhi chamke..!
29) अब शहर में मेरे बाद जो चाँद निकलता होगा रात की तन्हाई में, किस से बातें करता होगा.. निकल आता होगा मेरे घर की खुली छत पर पहली किरन के साथ, उदास ढलता होगा.. -Moeen
ab shahar mein mere baad jo chand nikalta hoga
raat ki tanhai me, kis se baten karta hoga..
nikal aata hoga mere ghar ki khuli chhat per
pahli kiran ke sath, udaas dhalta hoga..
30) मिला हूं जब से तुम्हें नींद उड़ गई रात की.. तारीफ तुम्हारी करता हूं अब याद कहां चांद की.. -Santosh
mila hun jabse tumhe
neend ud gayi raat ki..
tarif tumhari karta hun
ab yaad kahan chand ki..
बस वो आपके दिल के सच्ची प्यार की आवाज को सुनकर तुरंत दौड़ा चला आए. क्योंकि आपको यह जरुर पता है कि आपके दिल में यह तन्हाई की धधकती हुई ज्वाला को बस आपका महबूब ही बुझा सकता है. वही आपके दिल को ठंडक पहुंचा सकता है. लेकिन जब तक वह आपसे मिलने के लिए नहीं आता, आप तो बस रात के चंद्रमा को ही देखे जा रहे हो. और उसेे देखकर ही बस अपना जी बहला रहे हो.
आपके आने तक तो, हमारी रातों का चांद ही हमारा साथी होगा..
आप न जाने कब से अपने दिलबर को ही याद करते जा रहे हो. हरदम उससे ही मिलने की तमन्ना दिल में जगाकर बस उसकी ही राह देखते जा रहे हो. लेकिन आपका यार है कि आपकी एक भी बात को अपने दिल पर नहीं ले रहा है. वह आपसे मिलने के लिए नहीं आ रहा है.
लेकिन आपका दिल तो यह बात मानने के लिए तैयार ही नहीं है. वह तो उनकी ही याद में बस रोए जा रहा है. जब तक आपका दिलबर आपके नजरों को नहीं दिखाई देता, तब तक तो आपकी आंखों ने बस रात के Moon को ही अपना मान लिया है. आपके दिल में जो एक अजब सी उलझन पैदा हुई है.
31) साथ रहते हमेशा जैसे चंदा तारा.. साथ पाना चाहूं हमेशा मैं तुम्हारा..! -Anamika
sath rahte hamesha jaise chanda tara..
sath pana chahun hamesha main tumhara..!
32) चांद की रात में मुझे तेरी याद आई.. तन्हाइयों से हुई हर बात याद आई..! -Sapna
chand ki raat me
mujhe teri yaad aayi..
tanhaiyon se hui
har baat yad aayi..!
33) आसमान की महफिल में टूटता है जब भी कोई तारा.. चांद भी सोचता होगा क्यों नहीं आया वह मिलने दोबारा.. -Santosh
aasman ki mahfil mein
tutata hai jab bhi koi tara..
chand bhi sochta hoga kyon
nahin aaya vah milane dobara..
34) तुम आई तो जिंदगी में मेरी महक छाई.. चांद तो लगे मुझे तेरे घुंघट की परछाई.. -Anamika
tum aayi to jindagi me
meri mehak chhai..
chand to lage mujhe tere
ghunghat ki parchhai..
35) फलक पर अब जो कभी उतरता होगा चाँद हम बिन छत पर कितना तनहा होगा चाँद.. होता था जिस का चेहरा आईना कमर का उसके बाद किसे देख कर सँवरता होगा चाँद.. -Moeen
falak per ab jo kabhi utarta hoga chand
ham bin chhat par kitna tanha hoga chand..
hota tha jis ka chehra aaina kamar ka
uske bad kise dekhkar sanwarta hoga chand..
36) रौनक देखकर चेहरे की चांद भी जल जाएगा.. ओ महबूबा, आईना भी तुम्हें देख शरमा जाएगा.. -Santosh
raunak dekh kar chehre ki
chand bhi jal jayega..
o mehbooba, aaina bhi
tumhen dekh sharma jayega…
37) ए चांद, आना ज़मीं पर तुझे मेरी दास्तान सुनाऊं.. खूबसूरती की मिसाल क्या होती, आ तुझे बताऊं..! -Sapna
a chand, aana zameen par
tujhe meri dastan sunaoon..
khubsurti ki misal
kya hoti, aa tujhe bataun..!
38) हो अगर रात बेवफा तो कुसूर चांद का नहीं.. असर यह प्यार का है तुम्हारी याद का नहीं.. -Anamika
ho agar raat bewafa to
kusur chand ka nahin..
asar yah pyar ka hai
tumhari yaad ka nahin..
39) चाहत भी तो पूनम के चांद जैसी होती है.. हो जाए पूरी तो जैसे कम होने लगती है.. -Santosh
chahat bhi to poonam ke
chand jaisi hoti hai..
ho jaaye puri to jaise
kam hone lagti hai..
40) भूल जाएगा ए चांद, अपने गुरूर को.. जब देखेगा तू मेरे प्यार के सुरूर को.. -Anamika
bhool jayega ae chand,
apne gurur ko..
jab dekhega tu mere
pyar ke suroor ko..
हमारी इन रोमांटिक शायरियां को सुनकर तो आपके दिल में न जाने कितने सारे गानों की बोछार लग गई होगी. उन्हीं में से एक बेहतरीन गाना khoya khoya chand भी आपको जरूर याद आ गया होगा.
41) चाँद की तन्हाई का चाँदनी ने भ्रम रखा ग़मों ने की बगावत, अदाकारी ने भ्रम रखा.. अश्कों ने महफ़िल में रुसवा कर दिया होता खुदा रखे सलामत झूठी हँसी ने भ्रम रखा.. -Moeen
chand ki tanhai ka chandni ne bhram rakha
gamon ne ki bagavat, adakari ne bhram rakha..
ashkon ne mehfil mein ruswa kar diya hota
khuda rakhe salamat jhuthi hansi ne bhram rakha..
42) याद करता हूं उस चांद को मुलाकातों में.. बस तुम्हें बुलाता रहता हूं अकेली रातों में.. -Sapna
yad karta hun us
chand ko mulakaton me..
bus tumhen bulata
rahta hun akeli raaton me..
43) चांद के जैसी सूरत हैं तेरी लगती हो मुझको बेहद प्यारी.. अब और तरसाओ नहीं मुझको आने में तुम और न करो देरी.. -Vrushali
chand ke jaisi surat hai teri
lagti ho mujhko behad pyari..
ab aur tarsaao nahin mujhko
aane me tum aur n karo deri..
44) चाँद रहा मुद्दतों खफा अरसे तक चाँदनी को तरसे ग़मों ने निभाई वफ़ा, उम्र भर ख़ुशी को तरसे.. वो दे गया सौगातें, अश्कों की उम्र भर के लिए बनते रहे मुस्कुराहटों का सबब मगर हँसी को तरसे.. -Moeen
chand raha muddaton khafa arse tak chandni ko tarse
gamone ne nibhayi wafa, umra bhar khushi ko tarse..
vo de gaya saugaaten, ashkon ki umra bhar ke liye
bante rahe muskurahaton ka sabab magar hasi ko tarse..
45) काली रातों में चांद है चमकता.. प्यार मेरे महबूब का हमेशा महकता.. -Sapna
kali raaton mein chand hai chamakta..
pyar mere mehboob ka hamesha mehkta..
46) चाहकर भी इस चांद को तेरे क़दमों में हम ला ना सकेंगे.. मगर तेरे नाज़ुक से दिल को हम कभी भी टूटने नहीं देंगे.. -Vrushali
chahkar bhi is chand ko
tere kadmon mein ham la na sakenge..
magar tere naajuk se dil ko
ham kabhi bhi tutne nahin denge..
47) चौदहवीं के चाँद में कोई चेहरा नज़र आता हैं जब आता हैं वो याद.. फिर शब भर आता हैं.. उजड़ कर फिर नहीं बसा करती दिल की बस्ती सदियों की मुसाफत के बाद हसीं मंज़र आता हैं.. -Moeen
chaudhahavi ke chand mein koi chehra najar aata hai
jab aata hai vo yad.. fir shab bhar aata hai..
ujadkar fir nahin basa karti dil ki basti
sadiyon ki musafat ke bad hasin manjar aata hai..
48) क्या कहूं मेरे महबूब की हर बात है निराली.. जिस तरह चमकता है चांद चाहे रात हो काली.. -Sapna
kya kahun mere mehboob ki
har baat hai nirali..
jis tarah chamakta hai chand
chahe raat ho kali..
49) चांद भी खफा हैं मुझसे मैंने तेरा दिल जो दुखाया हैं.. बादलों में छिप गया हैं वो कहीं और तुने भी मुंह फुलाया हैं.. -Vrushali
chand bhi khafa hai mujhse
maine tera dil jo dukhaya hai..
baadalon mein chhip gaya hai vo kahin
aur tune bhi munh fulaya hai..
50) दिल की हर ख्वाहिश हमेशा पूरी नहीं होती.. खूबसूरती चांद की भी तो अधूरी ही होती.. -Santosh
dil ki har khwahish
hamesha puri nahin hoti..
khubsurati chand ki bhi
to adhuri hi hoti..
51) तुम जब हंसती हो तो लगता हैं जैसे सारी कायनात मुस्कुरा रही हैं.. और जब चांद में देखता हूं तेरा चेहरा तो लगता हैं मेरी शहजादी आ रही हैं.. -Vrushali
tum jab hansti ho to lagta hai
jaise sari kaynat muskura rahi hai..
aur jab chand mein dekhta hoon tera chehra
to lagta hai meri shehzadi aa rahi hai..
52) जब आता आसमान में चांद, तो अंधेरा दूर हो जाए.. वो मगर आए हम से मिलने भी तो देर से आए.. -Sapna
jab aata aasman mein
chand, to andhera dur ho jaaye..
vo magar aaye humse
milane bhi to der se aaye.
Romantic love shayari collection | Moon shayari in hindi
चांद की रोशनी से
रोशन हो गए सितारे..
पर आपकी मुस्कान से
खिल उठे गुल और ये नजारे..
chand ki roshani se
roshan ho gaye sitare..
per aapki muskan se,
khil uthe gul aur ye nazaare..
तुझसे मिलने के लिए न जाने कबसे तरस रहा हूँ.. अब तो बस चांद में ही तेरा दीदार कर रहा हूं..
tujhse milne ke liye na jane
kab se taras raha hun..
ab to bas chand me hi
tera deedar kar raha hoon..
2 Line Love Shayari on Chand
एक बेचैनी की कसक जगी है मुझमें..
मेरे रातों का चांद ही तो नजर आ रहा है तुझमें..
ek bechaini ki kasak jagi hai mujh me..
mere raaton ka chand hi to najar aa raha hai tujh mein..
चौदहवीं का चाँद उसे सलाम करता हैं खिलता गुलाब उस से कलाम* करता हैं एक दिवाना खोया हैं तेरी यादों में अपनी ज़िंदगी जो तेरे नाम करता हैं *कलाम करना: बात करना -Moeen
Chaudahavin ka chand use salam karata hain
Khilta gulab us se kalam karta hain
Ek divana khoya hain teri yadon main
Apni jindagi jo tere nam karta hain
ज़माना मुझे एक मुकम्मल अफसाना कहता हैं सारा शहर मुझे तेरा दिवाना कहता हैं चाँद को मैं कुछ अपनी सुनाता हुँ कुछ वो अपना किस्सा पुराना कहता हैं -Moeen
Jamana mujhe ek mukammal afasana kahata hain
Sara shahar mujhe tera divana kahta hain
Chand Ko main kuch apani sunata hu
Kuch vo apna kissa purana kahata hain
और भला क्या चाहिए मुझे ज़िंदगी में तेरी खुशी हो शामील मेरी खुशी में चाँद में नज़र आती हैं सूरत तेरी तेरा खयाल मेरे सजदों में… बंदगी में -Moeen
Aur bhala kya chahiye jindagi main
Teri khushi ho Shamil meri khushi main
Chand main najar aati hain surat Teri
Tera khayal mere sajadon main bandagi main
हसीनों से दामन बचा कर चलते हैं तेरे खयालों में सूरज सा ढलते हैं चाँद के साथ फिरते हैं रात भर आवारा लोग हैं… आदतें कहाँ बदलते हैं -Moeen
Hasinon se daman bacha kar chalate hain
Tere khayalon main suraj sa dhalate hain
Chand ke sath firate hain rat bhar
Avara log hain aadaten kahan badalte hain
वो घर मिटटी के… किनारों पर बनाती थी नाम लिख कर मेरा हथेली पर… मिटाती थी अजीब लड़की थी… बतियाती थी चाँद से जुदाई के खयाल से ही… आँसू बहाती थी -Moeen
Vo ghar mitti ke kinaron par banati thi
Nam likh kar mera hatheli par mitati thi
Ajib ladaki thi ..batiyati thi chand se
Judai ke khayal se hi … aansu bahati thi
मासूमियत बसती थी उस की आँखों में खोई रहती थी वो अजनबी खयालों में चाँद के साथ खेलती थी आँख मिचौली रातें हमारी कभी गुज़रती थी बातों में -Moeen
Masumiyat basati thi us ki aankhon main
Khoi rahati thi vo ajanbi khayalon main
Chand ke sath khelati thi aankh michauli
Raton hamari kabhi gujarati thi baton main
बिन मेरे अब वो कैसे रहती होगी चुपके चुपके चाँद से सब कहती होगी ज़िक्र चलता होगा जब कहीं मोहब्बत का खुदाया कैसे वो ये ज़ुल्म सहती होगी -Moeen
Bin mere ab to kaise rahati hogi
Chupake chupake chand se sab kahati hogi
Jikr chalata hoga jab kahi mohabbat ka
Khudaya kaise vo ye julm sahati hogi
ज़माना देता हैं उसे ताने मेरे नाम से मोहब्बत थी हमारी बेखबर अपने अंजाम से सुनी जब से खबर… वो याद करती हैं उतरा हुआ हैं मुँह चाँद का… शाम से -Moeen
Jamana deta hain use tane mere nam se
Mohabbat thi hamari bekhbar apne anjam se
Suni jab se khabar … Vo yad karati hain
Utara hua hain munh chand ka sham se
अश्कों को आँखों में पनाह दी उस ने खयालों को दिल में जगह दी उस ने चाँद तकता हैं उसे बदलीयों की आड़ से भटके मुसाफिरों को नई राह दी उस ने -Moeen
Ashkon ko ankhon main panah du us ne
Khayalon ko dil main jagah di us ne
Chand takta hain use badliyon ki aad se
Bhatake musafiron ko nai rah di us ne
जो लड़की खयालों में मेरे खोई थी शादी में अपनी वो खूब रोई थी वो चाँद से पूछती हैं मेरा हाल हम ने रो रो कर आस्तीन भिगोई थी -Moeen
Jo ladaki khayalon main mere khoi thi
Shadi main apni vo khub roi thi
Vo chand se puchhati hain mera hal
Ham ne ro ro kar astin bhigoi thi
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Conclusion
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वाह वंशिका मॅम
आपने तो अपनी आवाज़ से इन शायरीयोंको पूर्णिमा के चांद जैसे निखार दिया है
बेहद खूबसूरत 😊👌👌💐
Wow!! what a wonderful presentation!!
You actually enjoy the Shayaries while reading them, which makes it more real..
I could feel the expressions.. Great!!
Beautiful Shayaries and script 👍👍
Very nice!! Keep it up!!
Best wishes!
-Kalyani
Wow vanshika ji, aapki itni pyari voice chand se baat jyada khubsoorat hai 🥰😘
ओहो…क्या बात है!!!!!!!
कडक पेशकष , जिंदा पेशकष👌👌👌👌👌
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
‘शू.. षटाक्….’❤️👌
Wonderful and romantic voice you have 👌👌👍👍😊
Really felt a lot..
Very sweet voice u have and u expressed also very nicely Vanshika ji👌👌👌
Regards,
Sameera
You have expressed so beautifully Vanshika Ji👌🤟 Subah sunti toh din ban jata 😅😅