Hello, I am Dr Rashi, in this blog post I’ll discuss writing about life, Life is an unpredictable journey filled with moments of joy, challenges, and endless opportunities for growth and discovery.
ज़िन्दगी के महत्व से बढकर कुछ भी नहीं, जान है तो जहान है। ज़िंदगी अत्यंत ही खूबसूरत है और यह ईश्वर का सबसे मूल्यवान वरदान भी है । इस खूबसूरत संसार में जन्म लेना और प्रकृति इसे अत्यंत ही मनोहर बनाती है। बस उसे अच्छे से निहारिये।
आज जो हम है उसका कारण अपने अभिभावक के द्वारा मार्गदर्शित करे हुए रास्ते, हमारे दादा दादी के सिखाये हुए आदर्श और संस्कार, और हमारे शिक्षक जिन्होंने हमे विद्या दी। जीवन के कई पहलू होते है और सभी से रूबरू होना चाहिए। यह जिंदगी है जनाब, कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है, कभी आप होते है खुश तो कभी उदास।
कभी आप उत्तेजित हो जाते है तो कभी रहते है शान्त । इस जीवन में सारे ही रंग देखने को मिलते है जो अलग अलग तरह के होते हे । जिन्दगी में हमेशा जिन्दादिल रहिये और इसे बेहतर बनाने की कोशिश करते रहिये। इसमें आते हे कई पड़ाव। हरेक का अपना एक अलग ही अहमियत हे।
Writing about life | 4 Stages of Life
ज़िन्दगी की चार प्रमुख अवस्थाये होती है जो है बचपन, तरुणावस्था, मध्यम आयु और बुढ़ापा
1) बचपन:
यह जिन्दगी की सबसे यादगार, शानदार और नायाब अवस्था होती हे। हर कोई इसे याद करके इसे फिर से जीना चाहता है। बेफिक्र होके जीते है और बने रह सकते है इसमें नवाब। इस उम्र में अभिभावक अपने बच्चो की हर छोटी से छोटी से चीज़ का ख्याल रखते है, और सारी सुविधाएं देने की कोशिश करते है। बचपन मासूमियत और विस्मयताओ से भरा हुआ होता है ।
बचपन में इस दुनिया से परे, इस गतिविधिओ में है खेलना, खोज करना और शरारतो में शामिल होना है। यह वो वक़्त होता हे जब बच्चे अपने व्यक्तित्व और रुचि को विकसित करते हैं। वे तरह तरह के अनुभवों की भी महसूस कर रहे होते है।
2) तरुणावस्था:
यह मनुष्य जीवन का वो वक़्त है जिसमें पूर्ण रूप से शारीरिक और बौद्धिक परिपक्वता बन चुकी होती है। जीवन में यह वह समय होता है जब हम अपने भविष्य के बारे में सोच रहे होते है।
कमाने के लिए कौनसा प्रोफेशन चुने या बिज़नेस करे यह तय करना होता है। हमारी आने वाली ज़िन्दगी कैसी होगी यह इस पर काफी कुछ निर्भर करता है।
इसमें समय को अच्छी तरह से प्रबन्धित करना सीख जाते है। अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाना हे, यह भी समझने लगते है। इसके अलावा अपना ख्याल रखना, रिश्तों की तरफ वचनबद्ध होना , शादी करना, और परिवारों का पालन–पोषण करना है।
3) मध्यम आयु:
मध्य आयु आपके जीवन का वह समय है जब पूरी तरह से जवान तो नहीं हैं लेकिन बूढ़े भी नहीं हुए हैं। हालाँकि यह व्यक्तिगत भी होता है। यह अवस्था आते आते ज़िम्मेदारी निभाते हुए काफी वक़्त गुजर चूका होता हे और उसका परिरूप भी बदल जाता है। अब उन्हें अपने बच्चो के बजाय अपने माँ बाप की देखभाल करनी होती है।
यह वह समय होता है जब लोग अपनी जिन्दगी कि उपलब्धियों को याद करते है ,अपनी कमियों को स्वीकारते है। कई लोग इस दौरान अपने क्षेत्र में नई सफलता भी हासिल कर सकते है क्यूँकि इस उम्र तक तजुर्बा काफी हो जाता है। इस वक़्त बीमारी या रिश्तो के मुद्दे के कारण अवसाद हो सकता है। पर आशावादी रहकर इसको कम कर सकते है।
4) बुढ़ापा:
इस अवस्था को जिन्दगी में सबसे मुश्किल मानते है। अगर आपके अपने साथ दे, तो यह भी आसानी से कट सकता है। यह एक इन्सान के लम्बे जीवन का सबसे अन्तिम पड़ाव है। ज्यादातर लोग इस समय उतने सक्रिय नहीं रह पाते।
बुजुर्ग लोग कहते है यह बाल धूप में सफ़ेद नहीं हुए, क्योंकि उनके पास ज़िंदगी का काफी अनुभव होता है और वह वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आ जाते है।
टिकट में भारी छूट मिलती है, बैंक की योजनाओं में लाभ भी प्राप्त होता है। उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते है। इस समय लोग रिटायर हो जाते हे और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा कर चुके होते है। इसलिए समय ही समय होता हे जीवन का आनन्द लेने के लिए। बस स्वास्थ अगर सही रहे योग के द्वारा फिर तो सोने पे सुहागा है।
चाहे कोई भी हो अवस्था जीवन में कुछ न कुछ चलता रहता है। यह जरुरी भी है ताकि आप व्यस्त रहे और आपका मन लगा रहे । जीवन में उतार–चढ़ाव, मुस्कुराहट, खिलखिलाना ,आँसू सफलता, विफलता इत्यादि लगा रहता है। ये सब तो हमारे जीवन का हिस्सा हैं और यही इसे वाकई में जीने लायक बनाते हैं। अगर दुख नहीं होगा, तो सुख का एहसास कैसे होगा।
बस आप अपने जीवन को श्रेष्ठ रूप में जीए जीतना संभव हो सके, ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा। अपनी जिन्दगी से शिकायत मत करिये, क्या पता आप जो जीवन जी रहे हो, वो किसी का सपना हो, हां कोशिश जरूर करिये उससे सँवारने की।
वैसे भी कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, किसी को जमीं नहीं मिलती तो किसी को आसमाँ । अंत में यही कहेंगे जियो एक एक पल जी भर, चाहे कितनी भी हो उम्र। चाहे जो भी हो इसको ऐसे ही काटो मत, अच्छे से जियो।
ज़िन्दगी पर शायरी | Shayari on Zindagi
ज़िन्दगी में गुलाब की तरह होते कई रंग, जी भर जीने के लिए इसमें रोज़ भरो नई उमंग ज़िन्दगी में अगर पुरे करने हे ख्वाब, उसके लिए बनो कामयाब इस जीवन में मत छोड़ो कोई कसर, जब आपको अपनी काबिलियत दिखाने का हो अवसर ज़िन्दगी वैसे तो है ही खूबसूरत और नायाब, कर्म ऐसे करो की जिंदगी हो जैसे नवाब इस जीवन में खिल जाता कमल, अगर आप इसमें हो जाते सफल, इसके लिए खुद को ही करनी होती पहल यह एक यात्रा है काफी लम्बी, अच्छा हे अगर बन जाओ स्वाबलम्बी अपने जीवन के कार्यकाल में कुछ ऐसे करो काम, कि हासिल कर लो एक मुकाम जिंदगी कदम कदम पर लेती इम्तिहान, उत्तीर्ण होने के लिए लगा दो जी जान इस जिन्दगी का यही गुरुमंत्र और फलसफा, कि आप कुछ नया करने और सीखने की कोशिश करे हर दफा इस जीवन में होते है अनगिनित पल, आज मेहनत कर लो ताकि सुनहारे हो आने वाला कल जिन्दगी के होते है अनेक अनेक पड़ाव, इस पर चलो मगर रखो थोड़ा ठहराव जिन्दगी से कुछ नहीं बढ़कर, इसे और बनाओ बेहतर जमकर इस जीवन में उम्मीद को न जाने दे हाथ, चाहे आशा और निराशा रहे साथ जिंदगी जीने अगर आपको आता है अन्दाज़, तो हमेशा आप रह सकते है खुशमिज़ाज़
Follow our Podcast: Shayari Sukun
You may like this: Shayari on Life