Shayari Sukun Presents
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सूरज के निकलने से है सारे जहां की सुबह होती है.. और तेरा दीदार होने से मेरी जिंदगी जाग जाती है.. -Vrushali
सुबह चमकती हैं, तेरी आँखों में जैसे शबनम गुलाबों पर चमकती हैं.. कलीयाँ खिलती हैं तेरी आँखों से हूरें भी सब तुझ से जलती हैं.. -Moeen
सवेरा होता हैं मेरा तेरी प्यारी मुस्कान के साथ.. दिन शुरु होता है मेरा तेरी मीठी आवाज के साथ.. -Vrushali
आंखें बंद करूं और हो जब भी सवेरा तो पाऊं तुझे.. जागा है अब जाकर नसीबा मेरा जब से मिली हो तुम मुझे.. Santosh
रात के दामन से सूरज निकलता हैं तेरी उदास आँखों में सवेरा मचलता हैं.. सुबह की बहारें तुझे करती हैं सलाम तेरी अँगड़ाई का जब ज़िक्र चलता हैं.. Moeen
शबनम आँखों से तेरे झाँकती हैं चुपके से जब तू मुझे ताकती हैं.. उभरता सुरज तुझ से शरमाता हैं सुबह काँधे से अपने कर्ज़ उतारती हैं.. Moeen
रोशनी आती है घर में जब तो समझ लेता हूं सुबह हो गई है.. तेरी पायल की छन छन सुनता हूं तो समझ लेता हूं चाय बन गई है.. Vrushali
अँधेरी शब खामोशी से ढलती है तेरी आँखों में सुबह मचलती हैं.. तेरी ज़ुल्फों को छेड़ने की खातीर सुबह की खुशगवार हवा चलती हैं.. Moeen
दुआ करता हूं मैं बना रहे हाथों में तुम्हारे हाथ.. जैसे होता है रिश्ता मीठी चाय का सुबह के साथ.. Santosh
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!