Shayari For Muharram -1: Imam Hussain Ki Shahadat

Shayari For Muharram : दोस्तों, हिजरी सन् अर्थात इस्लामी नव वर्ष की शुरुआत मोहर्रम के पाक महीने से होती है. और यह महीना इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि मोहर्रम का यह महीना ‘अल्लाह का महीना’ होता है. और इसी वजह से रमजान के अलावा मोहर्रम के रोजे सबसे ज्यादा अहमियत रखते हैं. माना जाता है कि इस महीने में अगर रोजा रखो, तो मांगने वाले के दिल की हर मुराद अल्लाह पूरी कर देता है.

इसी बात को आज हम Islamic New Year Shayari की मदद से आपके सामने पेश करना चाहते हैं. क्योंकि इसी महीने के दसवें दिन हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. जिन्होंने अपने जीवन में सर्वोच्च संघर्ष एवं इंसानियत का उदाहरण पेश किया था.

We are going to tell you some important points about Shayari For Muharram, Muharram Shayari, Islamic New Year Shayari.

What is Muharram? Muharram is celebrated every year as the first month of Islamic calendar.

What happened in Muharram? Imam Hussain (a.s.), who was the grandson of Prophet Muhammad (s.a.w.a.), martyred with his family members after 3 days of no food and water in a desert.

तो आइए दोस्तों, संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने Imam Hussain Shayari को सुने. ताकि आप भी Imam Hussain Ki Shahadat को Muharram Ki Shayari की मदद से याद कर पाओ.

Table of Content

  1. Muharram Shayari – मोहर्रम शायरी
  2. Muharram Shayari In Hindi – मोहर्रम शायरी इन हिंदी
  3. Muharram Ki Shayari – मोहर्रम की शायरी
  4. Muharram Shayari Image – मोहर्रम शायरी इमेज
  5. Shayari For Muharram – शायरी फॉर मोहर्रम
  6. Conclusion

Muharram Shayari – मोहर्रम शायरी

Muharram Shayari
Muharram Shayari
1)

करबला में वादा अपना निभाने वाला हुसैन हैं
हक़ की खातीर सर कटाने वाला हुसैन हैं..

वो कैसे हो सकते हैं गुमराह ज़माने में
जिन्हें जहाँ में रास्ता बताने वाला हुसैन हैं..

-Moeen

karbala mein wada apna nibhaane wala hussain hai hug ki khatir sar katane wala hussain hai..

vah kaise ho sakte hain gumrah jamane mein
jinhen jahan mein rasta batane wala hussain hai..

2)

मुझे क्या फ़िक्र, हुसैन जन्नत का इमाम होगा
दम-ए-आखिर लबों पर हुसैन का नाम होगा..

थामे रहो तुम युँही दामन मेरे हुसैन का
देखना एक रोज़ वक्त भी तुम्हारा गुलाम होगा..

-Moeen

mujhe kya fikr hussain jannat ka imam hoga
dam aakhir labon per husain ka naam hoga..

thamen raho tum yun hi daman mere husain ka
dekh na ek roz waqt bhi tumhara gulam hoga..

Muharram Shayari मदद से हुसैन साहब की शहादत को याद कर पाओगे. क्योंकि हर किसी को सच्चाई का रास्ता दिखाने वाले हुसैन पर पूरा भरोसा होता है. और उन्होंने ही सभी को प्रेरणा देते हुए इंसानियत की राह दिखाई है.

Muharram Shayari In Hindi – मोहर्रम शायरी इन हिंदी

Muharram Shayari In Hindi
Muharram Shayari In Hindi
3)

वक्त के बादशाह को खातीर में लाते नहीं
हुसैन के गुलाम हालात से कभी घबराते नहीं..

यज़ीदीयों पर हैं तारी हैबत आज तलक हुसैन की
ज़ालीम बादशाह भी हुसैनीयों से टकराते नहीं..

-Moeen

waqt ke badshah ko khatir mein latei nahin
hussain ke gulam halat se kabhi ghabrate nahin..

yajidiyon per hai tari haibat aaj talak husain ki
jalim badshah bhi hussainiyo se takrate nahin..

4)

करबला में हक़ बंदगी का अदा कर दिया
सर कटा कर वादा अपना वफ़ा कर दिया..

गुमनामी के अंधेरों में गुम हैं यज़ीद आज
परचम हक़ का हुसैन ने ऊँचा कर दिया..

Muharram Mubarak!

-Moeen

karbala main haq bandagi ka ada kar diya
sar kata kar vada apna wafa kar diya..

gumnami ke andheron mein gum hai yajid aaj
parcham haq ka husain ne uncha kar diya..

Muharram Shayari In Hindi की मदद से इंसानियत का वादा निभाने वाले हुसैन को याद करोगे. क्योंकि उन्होंने यजीद के सामने अपने हौसले बिल्कुल भी कम नहीं होने दिए. और सच्चाई का परचम हमेशा उंचा ही रखा.

Muharram Ki Shayari – मोहर्रम की शायरी

5)

अली असगर का प्यास से तड़पना याद करो
वो मासूम सकीना का ज़रा सिसकना याद करो..

दिखाई हैं हुसैन ने, राह-ए-हक़ ज़माने को
नाम-ए-हुसैन से बादशाहत का लरज़ना याद करो..

-Moeen

ali asgar ka pyas se tadapna yad karo
vah masoom sakina ka zara sisakna yad karo..

dikhai hai hussain ne, rah a haq jamane ko
naam a hussain se badshahat ka larajna yad karo..

6)

शहादत से हुसैन की
ये दुनिया थी अनजानी..

देकर अपनी कुर्बानी,
सीखा गए वो जिंदगानी..

Happy Muharram..!

shahadat se husain ki
yah duniya thi anjani..

dekar apni kurbani,
sikha gaye vo zindagani..

Muharram Ki Shayari की मदद से आपको हुसैन साहब की शहादत की कहानी याद आयेगी. क्योंकि उन्होंने अपने जिंदगी की कुर्बानी देकर इंसानियत सिखाई थी. हमें भी उन्हीं की राह पर हमेशा चलना चाहिए.

Muharram Shayari Image – मोहर्रम शायरी इमेज

7)

मैदान-ए-कर्बला में कर दिया
यज़ीदियों हौसला कच्चा..

होकर शहीद हुसैन ने बताया
कुर्बानी का मतलब सच्चा..

मुहर्रम मुबारक़!

maidan a karbala me kar diya
yajidiyon ka hosla kachcha..

hokar shahid hussain ne bataya
qurbani ka matlab sachha..

8)

लड़ी जंग और बताई जमाने को
कुर्बानी की अहमियत..

शहादत थी हुसैन की जिसने
याद दिलाई इंसानियत..

ladi jung aur batai jamane ko qurbani ki ahmiyat..

shahadat thi hussain ki jisne
yad dilai insaniyat..

Muharram Shayari Image की मदद से मोहर्रम के पाक महीने की अहमियत समझोगे. जिस तरह से शहीद होकर हुसैन साहब ने इंसानियत की जंग जीत ली थी. उनकी शहादत को दुनिया हमेशा याद करती रहेगी.

Shayari For Muharram – शायरी फॉर मोहर्रम

9)

करें जो याद कुर्बानी को
चमके हाथों की तकदीर..

कर्बला में शहीद होने वाला
हुसैन ही था सच्चा वीर..

मोहर्रम मुबारक हो!!!

kare jo yaad kurbani ko
chamke hathon ki takdeer..

karbla mein shahid hone wala
hussain hi tha saccha veer..

10)

इंसानियत का वजूद और
हर दिल का वो चैन है..

याद करो कुर्बानी उनकी,
नाम जिनका हुसैन है..!

insaniyat ka vajud aur
har dil ka vo chain hai..

yaad karo kurbani unki
naam jinka hussain hai..!

Shayari For Muharram को सुनकर कर्बला के वीरों की गाथा सुनना पसंद करोगे. क्योंकि इमाम हुसैन जी भले ही शहीद हो गए हो. लेकिन उनकी शहादत के कारण ही इंसानियत का वजूद जिंदा रह पाया है. इसी वजह से हमें उनकी शहादत हमेशा याद करनी चाहिए.

Conclusion

दोस्तों हजरत Imam Hussain Ki Shahadat को हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए. क्योंकि उनकी कुर्बानी ने सारी दुनिया को ही इंसानियत का अच्छा पाठ दिया है. इसी वजह से पूरी दुनिया उन्हें मोहर्रम के पाक मौके पर याद करती है.

हमारी इन Shayari For Muharram -1 को सुनकर अगर आप भी इमाम हुसैन साहब की शहादत को याद कर सको. तो हमें comment section में comment करते हुए जरूर बताये.

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  1. Muharram Shayari -2: Islamic New Year Status

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