Nazar Shayari: आपके महबूब की नजर के तीर जब आपके दिल के पार हो गए थे, तब से ही आपको अपने महबूब पर प्यार आया है. जब से आपकी नजर अपने महबूब से मिली है, तब से ये आंख मिचौली का खेल यूं ही शुरू है.
उनकी नजर ने आपके दिल में उतर कर, आप में मोहब्बत का नशा भर दिया है. जब जब उनकी नजर आपकी नजर से मिलती है, तब तब ये नशा बढ़ता ही चला जाता है. आप जब भी उनकी गली से गुजरते हो, तो उनकी नजरें आप पर ही तो होती है. आप भी तो उनको देखे बिना उस गली से आगे जाते नहीं. ये नजर-ए-करम तो बस उनके आप में दिलचस्पी की ही निशानी है.
चाहे जी भरके खामियां निकालो सूरत को महस आखों से देखकर जनाब खूबसूरती सूरत की नहीं नजर की रीश्तेदार है
-Pooja
chahe ji bharke khamiya nikalo
surat ko mahas aankho se dekhkar
janab khubsurti surat
ki nhi nazar ki rishtedaar hai
ये मोहब्बत का ही तो नशा है, जो आपके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है. और उतरने के लिए तैयार ही नहीं है. ये आप दोनों का एक दूसरे पर बढ़ता हुआ विश्वास ही बताता है की आपकी और उनकी नजर में जो अपनापन आया है, वो हरदम यूं ही बरकरार रहेगा. आप जब भी उनसे अपनी नजरें मिलाएंगे, तो उनकी नजरें शर्म से ऐसे ही झुकती रहेगी.
तेरे एक लफ्ज़ के लिए तरसने लगते है जब नसीब में ना हो इश्क.. तो क्यों तेरी एक नजर के लिए तड़पते रहते हैं…
tere ek lafz ke liye tarasne lagte hain
jab naseeb mein na ho ishq..
to kyon teri ek nazar
ke liye tadapte rahte hain..
नज़रों का तकाज़ा था बदल गया वक्त ये कैसी चाल चल गया.. उरूज पर था कभी सुरज अपना गम की आंधीयों में ढल गया.. *उरूज - चरम -Moeen
nazron ka taqaza tha badal gaya
waqt yah kaisi chaal chal gaya..
urooj per tha kabhi suraj apna
gam ki aandhiyon mein dhal gaya..
जब भी वो आपसे कुछ कहना चाहेंगी, तो वो अपनी नजर के इशारों से कहने की कोशिश करेगी और चाहेगी कि आप उनकी नजर की भाषा को समझ ले. ताकि उन्हें वो बात अपने लफ्जों से बयां करने की जरूरत ना पड़े.आपने जब भी अपने महबूब से नजर मिलाते हैं तो आपको हर बार उनकी नजर का नशा महसूस होता है.
नज़र में शोले भी पाले हैं जिन के पैरों में छाले हैं.. टुटे हैं मगर आँख नम नही तेरे आशिक दुनिया से निराले हैं.. -Moeen
nazar mein sholay bhi paale hain
jinke Pairon mein chhale hain..
tute hain magar aankh nam nahin
tere aashiq duniya se nirale Hain..
तेरी नज़रों से दूर चला जाऊँगा तुझे ना करूँगा मजबूर, चला जाऊँगा.. दिल करें बगावत.. रोके हिजरत से हर दरिया कर अबूर चला जाऊँगा..
[*हिजरत – migration]
[*अबूर – पार करना]
-Moeen
teri nazron se dur chala jaunga
tujhe Na karunga majbur, chala jaunga..
dil kare bagavat roke hijrat se
har dariya kar aboor, chala jaunga..
अभी ना गिरा नज़रों से अपनी हम ज़रूरत हैं.. हर ज़माने की.. हमारी हसरतों का खून रंग लाएगा सुर्खी और बढ़ेगी तेरे फसाने की.. [*सुर्खी - लाली] -Moeen
abhi na gira nazron se apni
hum jarurat hai.. har jamane ki..
hamari hasraton ka khoon rang layega
surkhi aur badhegi tere fasane Ki..
तेरी नज़रों से दूर होकर तुझे आजाद कर देना चाहते है.. हमारी परछाई भी ना हो जहां वहा तुम्हें खुश देखना चाहते है.. Vrushali
teri nazron se dur hokar
tujhe azad kar dena chahte hain..
hamari parchhai bhi na ho jahan
vahan tumhen khush dekhna chahte hain..
उनकी नजर में वो प्यार, वो एहसास, वो कशिश हमेशा से ही रही है. बस उन्होंने आपसे यह बात कभी बताई नहीं. लेकिन सच्चा प्यार तो वही होता है, जो अपने यार के आंखों की बात को बिन बताए पढ़ ले और उसे अपने दिल की दास्तां बयां करने का एक मौका दे.
आपकी नजरों ने कुछ बढ़ाई हैं बेकरारी दिल की अब कटती है कई रातें हमारी बिना नींद की -Vrushali
aapki najro ne kuch
badhai hai bekarari dil ki
ab katati hai kai raate
humari bina nind ki
नज़रे आपकी दिखाती है कायनात के कई नज़ारे सागर भी समाता उसमें खिलती है उनमें सारी बहारे -Vrushali
najre aapki dikhati hai
kaaynat ke kai najare
sagar bhi samaata usme
khilti hai unme saari bahare
नज़रों में हैं सूरत यार की कासीद, सुना कोई खबर दिलदार की.. जिस का सुलूक था रकीबों सा उसे चाहना इंतिहा थी प्यार की..
[*सुलूक – behaviour]
[*रकीब – enemy]
[*कासीद – postman]
-Moeen
nazron mein hai surat yaar ki
kaasid, suna koi khabar dildar ki..
jiska suluk tha raqeebon Sa
use chahna inteha thi pyar ki..
लायक नहीं हम की तेरी नज़रे हम पर टिके.. तू सल्तनत का नवाब धूल से रिश्ता कैसे बने..
Vrushali
laayak nahin ham ki
teri nazare ham par tike..
tu sultan ka nawab
dhul se rishta kaise bane..
इतने टुकड़े किए फिर भी पुकारता है तुझे ही दिल मेरा.. आज भी इन तरसती नजरों को इंतजार है बस एक तेरा.. -Santosh
itne tukde kiye fir bhi
pukarta hai tujhe hi dil mera..
aaj bhi in tarasti nazron ko
intezar hai bus ek tera..
आपकी नज़रों ने जो किया इशारा भुला दिया हमने सारा जमाना अब से ये साथ रहेगा हमेशा ये आप से वादा रहा हमारा -Vrushali
aapki najron ne jo kiya ishara
bhula diya humne saara jamana
ab se ye sath rahega humesha
ye aap se waada rha humara
नज़र शायरी के जरिये आपका दिलबर दूर से ही आप पर नज़र रखता है..
आपके हुनर-ए-इश्क़ की क्या मिसाल दें हम.. जिस तरह से झुकाई आपने पलकें अपनी, माशाल्लाह, उसी क़ातिल नजर के शिकार हुए हम..
aapke hunar e ishq ki
kya misaal de ham..
jis tarah se jhukai
aapne palke apni..
mashallah usi katil
nazar ke shikar huye hum..
आप तो अपनी महबूबा के नजरों के कायल हो. उन्होंने उनकी आंखों के वार आप पर करते हुए आपको कब का घायल कर दिया है. तब से आप बस उनके ही नाम की माला जपते हो. दिन-रात बस उनके ही सपने देखते हो. उन्हें ही अपनी बाहों में पाते हो. जब भी कोई आपका नाम पूछे, आप बस उनका ही नाम बता देते हो.
हमारी खुशी की परछाई हैं ये हंसी आपकी.. और आपकी नजरे हमारे लिए आपका प्यार...
hamari khushi ki parchhai
hai ye hansi aapki..
aur aapki nazre
hamare liye aapka pyar..
एक जगह पर चुपचाप रहता था हमारा दिल-ए-नादां.. आपकी नजर में आते ही हंगामा हो गया..
ek jagah par chupchap
rahata tha
hamara dil e nadan..
aapki nazar me aate hi
hungama ho gaya..
खुद को तुम्हारे प्यार में
आजमाना चाहता था..
नजरों से मैं तुम्हारे दिल में
उतरना चाहता था..
Santosh
khud ko tumhare pyar mein
aajmana Chahta tha..
nazron se mai tumhare dil mein
इतने टुकड़े किए फिर भी पुकारता है तुझे ही दिल मेरा.. आज भी इन तरसती नजरों को इंतजार है बस एक तेरा.. -Santosh
itne tukde kiye fir bhi
pukarta hai tujhe hi dil mera..
aaj bhi in tarasti nazron ko
intezar hai bus ek tera..
बेवफाई का बदला लेंगे, इस बात पर गौर कर लो.. तुम चाहे जितना हमें अपनी नजरों से दूर कर लो..
Santosh
bewafai ka badla lenge, is
baat par gaur kar lo..
tum chahe jitna hamen apni
najron se dur kar lo..
यार ने ही धोखा कर दिल
तोड़ने की सजा दिला दी..
बेवफाई की दवा तुमने मुझे
नजरों से ही पिला दी..
Santosh
yaar ne hi dhokha kar dil
todne ki saja dila di..
bewafai ki dava tumne mujhe
nazron se hi pila di..
नजरों से तेरी बना था रिश्ता जुबां ने ठुकरा दिया.. उम्र भर के साथ का वादा था हाथों ने तोड़ दिया..
nazron se teri banaa tha rishta
zubaan thukra diya..
umra bhar ke sath ka vada tha
hathon ne tod diya..
इस कदर मेरी आंखों के सामने
आसमान के तारे टूट जाते..
अब तो रातों के ख्वाबों में भी
तुम नजर नहीं आते..
Santosh
iss kadar meri aankhon ke samne
aasman ke taare tut jaate..
ab to raaton ke khwabon mein bhi
tum nazar nahin aate..
कुछ इस कदर मिल गया मेरी मोहब्बत का सिला.. खुद की नजर से भी है अब मेरे दिल को गिला..
Santosh
kuchh is kadar mil gaya
meri mohabbat ka sila..
khud ki najar se bhi hai
ab mere dil ko gila..
यह तो प्यार की हद ही हुई ना! उनका भी लगभग हाल कुछ ऐसा ही है. जब भी आप उन्हें आपसे प्यार करने का मौका देते हो, वो हर बार इस मौके को अवसर समझते हुए हर बार आपको यह बात बताते है कि वो भी आपसे उतना ही प्यार करती है जितना कि आप उनसे करते हो.
डांट देता हूं खुद को मैं, क्यों तुमसे मैंने इजहार किया.. आखिर तुम्हारी नजरों से क्यों टूट कर मैंने प्यार किया…
Santosh
daant deta hun khud ko main, kyon
tumse maine izhaar Kiya..
aakhir tumhari nazron se kyon
toot kar maine pyar kiya…
वक्त कभी एक सा नहीं होता ऐसा कही सुना था हमने.. नज़रे जो हटा ली हम पर से तूने तो बदलना ही छोड़ दिया वक्त ने..
waqt kabhi ek sa nahin hota
aisa kahin suna tha humne..
najre jo hataa li ham par se tune
to badalna hi chhod diya waqt ne..
दिल तोड़कर किसी का कभी हुआ है भला… यूं दूर-दूर से नजर रखने पर तुम्हें क्या मिला..?
Santosh
dil tod kar kisi ka
kabhi hua hai bhala..
yu dur dur se nazar rakhne
par tumhen kya mila..?
ऐसा भी हो सकता है कि अगर आपने उन्हें कोई मौका ना दे, तो वो भी आपका हाल-चाल ना पूछे. लेकिन आप की खबर जरूर रखेंगे. क्योंकि एक तरह से वो आप पर नजर ही रखना चाहते. लेकिन उनके प्यार का तरीका आपसे जरा हटके है. वो अपनी दोस्त वगैरा से आपके बारे में बात करती हुई पूछती है. जानकारी लेती है. एक तरह से दूर-दूर रहते हुए भी आप पर नजर रखती हैं.
अधूरी उम्मीद की लौ बनाकर खुद अपना दिल हम जला बैठे.. इन बेवफा नजरों से इश्क लड़ा कर गुनाह, खुद हम कर बैठे..
adhuri ummid ki lau banaa kar
khud apna dil ham jala baithe..
in bewafa najron se ishq lada
kar gunah, khud ham kar baithe..
उनकी नजर का नशा आप पर ऐसे छाया है कि आपको मयखाने तक की जरूरत नहीं..
दिलो-दिमाग पर मेरे, बेवफा सिर्फ़ तेरे प्यार की धुन सवार थी.. गुनाह तो मेरा ही था शायद नजर हमारी ही कसूरवार थी..
dilon dimag par mere,
bewafa sirf tere pyar ki dhun sawar thi..
gunah to mera hi tha shayad
nazar hamari hi kasurwar thi..
आपको भी पता है कि आप पर उनका यह सारा असर बस उनके प्यार का ही है. उनके प्यार की ही निशानी है. कई बार आपने महसूस किया होगा कि उनकी नजर का नशा आपके दिल पर कुछ यूं हुआ है कि आपको कभी किसी मयखाने में जाने की भी जरूरत नहीं पड़ी.
बुझ चुकी है मोहब्बत की प्यास अब वह फिर से दिल में ना जगे.. छोड़ दिया है प्यार करना तुम्हें, कहीं हमारी ही नजर ना लगे..
bujh chuki hai mohabbat ki pyas
ab vah fir se dil mein ja na jage..
chhod diya hai pyar karna tumhen,
kahin hamari hi nazar na lage..
उनकी आंखों का नशा ही कुछ ऐसा है. आप पर उनकी नजरों का असर ही कुछ ऐसा हुआ है कि आपको दूसरे किसी नशे की भी जरूरत नहीं. आप बस उनके ही नशे में जैसे चूर चूर हो गए हो. और आपका दिल भी हमेशा यही नशा चाहता है.
मेरे दिल के अधूरे से अरमानों की शमा कब की जल गई.. तन्हा सोच रहे हैं अब, वह नजरें हमें कैसे भूल गई..
mere dil ke adhure se
armaanon ki shama kab ki jal gayi..
tanha soch rahe hain ab, woh
najrein hamen kaise bhul gai..
आपने पहली बार जब अपने दिलबर को देखा था, तो आप उनकी कातिलाना नजर के शिकार हो गए थे. आप अपनी सुध खो बैठे थे. आपको रात दिन बस उनके ही सपने आने लगे थे. और आपको उनकी पहली नजर में ही उनसे बेइंतेहा प्यार हो गया था.
चाहत की आरजू में, दिल में बनी तेरी तस्वीर मैंने जलाई.. कोसता हूं खुद को अब क्यों तुमसे मैंने नजरे मिलाई..
chahat ki aarzoo mein, dil mein bani
teri tasveer main jalayi..
kosataa hun khud ko ab kyon
tumse maine nazre milayi..
अगर उनकी पहली नजर का आप पर ये हाल है, तो सोचिए रास्ते से चले जा रहे किसी अजनबी इंसान की हालत क्या होती होगी. जब भी उनकी कातिल नजर रास्ते से चल रही किसी अजनबी पर पड़ती है, तो देखने वाला भी हैरान रह जाता है.
सच्चे प्यार को झूठा साबित कर चाहत तुम्हारी भूल कर गई.. नजरों से चुराकर नजरें तुम यह बात साबित कर गई..
sacche pyar ko jhutha sabit kar
chahat tumhari bhul kar gayi..
nazron se chura kar nazre tum
yah baat sabit kar gayi.
वह तो उनके आंखों के वार सह भी नहीं सकता. वो उनको देखकर ही घायल हो जाता है. वो उनकी अदाओं से कुछ इस तरह महसूस करता है, मानो उसका जिस्म जैसे एक ही जगह रह गया हो, और उनकी रूह कहीं दूसरी ओर चली गई हो. उसके दिमाग पर जैसे बेहोशी छाई हुई हो.
मोहब्बत में जो देखे थे, वो अधूरे ख्वाब पूरे हो जाते.. काश तुम मेरी नजरों में रोशनी की तरह समा जाते..
mohabbat mein jo dekhe the,
wo adhoore khwab pure ho jaate..
kash tum meri najron mein
roshani ki tarah samaa jaate..
आपको सिर्फ एहसास होगा इस मौसम के बदलने का.. जनाब, आप नहीं समझोगे, यह खेल होता है उन्हीं की कातिल नजरों का...
aapko sirf ehsaas hoga
is mausam ke badalne ka..
janaab, aap nahin samjhoge,
ye khel hota hai unhi ki katil nazron ka…
ऐसी हालत में वो तो शायद अपने घर तक भी नहीं पहुंच पाया होगा. यह हालत सबकी होती है जो उन्हें बस एक बार देख लेता है.हमें यकीन है कि उनकी मदहोश कर देने वाली nazar की ये खूबसूरत शायरियां सुनकर आप अपनी रूह की आंखों से उनको महसूस कर सकेंगे!
उनकी अदाओं के आगे फीके है मौसम सारे.. क्योंकि समझ लेना मुश्किल होता है उनकी नजरों के इशारे..!
unki adaon ke aage
feeke hai mausam sare..
kyunki samajh lena na mushkil hota hai
unki nazron ke ishaare..!
आता है गुस्सा दिल लगाने वाली हर झूठी खबर से.. अब तो नफरत सी है मुझे हर मोहब्बत भरी नजर से..
aata hai gussa dil lagane wali
har jhuthi khabar se..
ab to nafrat si hai mujhe har
mohabbat bhari nazar se..
जिंदगी में ना किया था कसूर कोई लेकिन हमसे एक खता हो गई.. हम पर मरने वाली नजरों की बेवफाई अब हमें पता हो गई..
zindagi mein na kiya tha kasoor koi
lekin humse ek khata ho gayi..
ham par marne wali nazron ki
bewafai ab hamen pata ho gayi..
तेरा जिक्र करते ही बादलों को लेकर, काली घटा छा गई.. बस एक नजर जिस पर डाली, समझो उस इंसान की शामत आ गई...
tera zikr karte hi badalon ko lekar,
kali ghata chha gayi..
bas ek nazar jis par dali,
samjho us insan ki shaamat aa gayi…
बेवफाई सीख लेने की बात जिंदगी हमें कभी ना कहती.. गर दरमियां हमारे कश्मकश ये नजरों की ना रहती..
bewafai seekh lene ki baat
zindagi hamen kabhi na kahati..
agar darmiyaan hamare kashmkash
yeh najron ki na rahti..
नज़र पर शायरी स्टेटस हिंदी उर्दू
हाल−चाल नहीं पूछते
लेकिन खबर रखते हो..
सुना है आप मुझपर
नज़र रखते हो..?
haal-chal nahi puchhte
lekin khabar rakhte ho..
suna hai aap mujhpar
nazar rakhte ho..?
Nazar par Shayari
आपके नज़र का नशा
बरक़रार रहता है,
ये मैखाना इसलिए
मुझसे दूर रहता है…!
aapke nazar ka nasha
barkarar rahta hai,
ye maikhana isiliye
mujhse dur rahta hai…!
नजर पर चुनिंदा शायरी स्टेटस
आपकी खूबसूरत नज़र को
जिसने देख लिया होगा..
हमे नहीं लगता वो अबतक
घर पहुंचा होगा…
aapki khubsurat nazar ko
jisne dekh liya hoga..
hame nahi lagta wo abtak
ghar pahuncha hoga…
पहली नज़र शायरी
आँखों में बसे पहली नज़र के मंज़र सुनहरें हो
मेरे खयालों पर सदा….. लगे तेरे ही पहरे हो
तेरे अश्कों को देख कर सोचता हुँ मैं अकसर
गुलाबों पर जैसे हसीन शबनम के कतरें ठहरे हो
ज़िक्र सदा तेरा ही… मेरी मिसालों में रहा
तेरी पहली नज़र का जादू खयालों में रहा
जब भी मांगी है कोई दुआ खुदा से हम ने
तेरा मासूम चेहरा शामील मेरे सवालों में रहा
सवाल का एक मतलब माँगना भी होता हैं… यही वही मतलब मुराद हैं…
गालीब की कोई भड़कती गज़ल हैं तू
गंगा किनारे खिलता हसीन कँवल हैं तू
जादू है छाया जिस की पहली नज़र का
मेरी चाहत का दिलकश ताजमहल हैं तू
ये Nazar Shayari पढ़कर अगर उनकी नज़र का नशा आप पर भी चढ़ गया हो, तो हमें comment box में comment करके जरूर बतायें! Agar aapko aur bhi Shayari on Eyes padhni hai to aapko humari ye post website kar sakte hai.
आपके Twitter पर हमारी हसीन शायरी अपडेट्स पाने के लिए हमारे शायरी सुकून केे अकाउन्ट को जरूर Follow करें.
Nice
Madhukar magar ki awaz mein sher aur bhi nikhar aate hai
Bahut badhiya andaz hai sher padhne ka madhukar magar ji ka
Behtreen aur Sukun bhari Shayari, Madhukar Ji ki aawaz aur andaaz mey… Wah kya baat!
ShayariSukun.Com ka Shukriya iss behad khubsurat peshkash ke liye.
Madhukarji ki awaaz aur khubsurat shayari, kya baat hai!
Madhukar Magar you have a love tone to your voice. Great feeling and expertise. You convey emotion well.
Thanks to shayarisukun.com for awesome voice.
Wah wah, no doubt it’s amazing shayari. But your volume, Mr Madhukar Magar, listening this in your voice, the dard in your voice starting creating magic right from the start. Carrying on the good work.
Wow, khoobsurat sher Moinji, you must have a beautiful mind… Madhukarji, aapse shikayat hai, aapne to hamari pyas badha di…liked the husk and bass in your voice, Well done both of you.
Ruhani awaaz!
Amazing! 🙂