Munawwar Rana Shayari Maa -2: Poetry On Mother

Munawwar Rana Shayari Maa : दोस्तों, माँ इस शब्द की महिमा ही कुछ ऐसी है, जिसे किसी भी भाषा में नहीं लिखा जा सकता है. इसे बस हम अपनी मां के प्यार में अनुभव कर सकते हैं. लेकिन Munawwar Rana Shayari On Maa, Munawwar Rana Shayari On Mother, Munawwar Rana Maa Shayari In Hindi Lyrics को हम जब भी पढ़ते हैं. तो हमारी आँखें जरूर नम हो जाती है. क्योंकि मुनव्वर राना साब ने collection of Munawwar Rana Shayari On Mother, Munawwar Rana Maa Shayari In English में माँ के प्यार को ही बयां किया है. और उनके विचारों की मदद से हमें अपने माँ के प्यार की फिर से पहचान हो जाती है.

Friends, we must have to remember our mother’s love and her support in our whole life. For that Munawwar Rana Shayari On Maa In Urdu, Munawwar Rana Shayari On Mother will be very helpful. And with these Emotional Munawwar Rana Shayari On Maa Lyrics, Maa Par Sher we can say thanks for everything in our life to our sweet mother. We hope, by listening these Munawwar Rana Shayari Maa, Munawwar Rana Shayari On Maa In Hindi Lyrics you can also feel proud and grateful for your mother.

अगर आप भी इन मुनव्वर राना माँ शायरी को सुनकर अपनी मां के प्यार को याद कर पाओ. तो इन्हें अपने सारे दोस्तों के साथ साझा करना बिल्कुल ना भूलियेगा. और साथ ही मुनव्वर राना माँ के लिए शायरी की इमेजेस को भी आप अपनी माँ के जन्मदिन पर व्हाट्सएप या फेसबुक पर शेयर कर सकते हैं.

Table of Content

  1. Munawwar Rana Shayari On Mother – मुनव्वर राना शायरी ऑन मदर
  2. Munawwar Rana Maa Shayari In Hindi Lyrics – मुनव्वर राना मां शायरी इन हिंदी लिरिक्स
  3. Munawwar Rana Shayari On Maa In English – मुनव्वर राना शायरी ऑन मां इन इंग्लिश
  4. Munawwar Rana Shayari Maa – मुनव्वर राना शायरी मां
  5. Munawwar Rana Shayari On Maa – मुनव्वर राना शायरी ऑन मां
  6. Conclusion

Munawwar Rana Shayari On Mother – मुनव्वर राना शायरी ऑन मदर

Munawwar Rana Shayari On Mother
Munawwar Rana Shayari On Mother
1)

अभी ज़िन्दा है माँ मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा..

मैं जब घर से निकलता हूँ, दुआ भी साथ चलती है..

abhi jinda hai maa meri, mujhe kuch bhi nahi hoga..

mai jab ghar se niklata hun, dua bhi sath chalti hai..

2)

दुआएं मां की पहुंचाने को मिलो मिल जाती है

कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है..

duaayen maa ki pahunchane ko milo mil jaati hai..

ki jab pardes jaane ke liye beta nikalta hai..

Munawwar Rana Shayari On Mother की मदद से अपनी मां की दुआओं का साथ पाना चाहोगे. ताकि जिंदगी में आपको कभी भी किसी बात की कमी महसूस ना हो.

Munawwar Rana Maa Shayari In Hindi Lyrics – मुनव्वर राना मां शायरी इन हिंदी लिरिक्स

3)

बर्बाद कर दिया हमें परदेस ने मगर

मां सबसे कह रही है कि बेटा मजे में है..

barbad kar diya hamen pardes ne magar

maa sabse kah rahi hai ki beta maje mein hai..

4)

हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए

माँ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे..

haadson ki gard se khud ko bachane ke liye

maa! ham apne sath bus teri dua le jaenge..

Munawwar Rana Maa Shayari In Hindi Lyrics को सुनकर परदेस जाने वाला बेटा भी अपनी मां से दुआए मांगना चाहेगा. ताकि किसी भी हादसे से बचने के लिए अपने मां की दुआ उसके काम आ सके.

Munawwar Rana Shayari On Maa In English – मुनव्वर राना शायरी ऑन मां इन इंग्लिश

5)

जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा

मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा..

jab tak raha hoon dhup mein chaadar banaa raha

main apni maa ka aakhiri jevar banaa raha..

6)

अब भी चलती है जब आँधी कभी गम की 'राना'

माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है..

ab abhi chalti hai jab aandhi kabhi gam ki ‘rana’

maa ki mamta mujhe bahon mein chhupa leti hai..

Munawwar Rana Shayari On Maa In English को सुनकर मां की ममता को ही हमेशा याद करना चाहोगे. ताकि उसकी गम की धूप में वह अपने मां की चादर बन सके.

Munawwar Rana Shayari Maa – मुनव्वर राना शायरी मां

7)

दिन भर की मशक्क़त से बदन चूर है लेकिन

माँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है..

din bhar ki mashakkat se badan choor hai lekin

maa ne mujhe dekha to thakan bhul gai hai..

8)

माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना

जहां बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती..

maa ke aage yu kabhi khulkar nahin rona

jahan buniyad ho, itni nami acchi nahin hoti..

Munawwar Rana Shayari Maa की मदद से अपनी मां के मकान को दूर करना चाहोगे. लेकिन साथ ही अपनी मां के सामने कभी आंखों से पानी ना निकलने की हिदायत भी राणा साहब हमें देना चाहते हैं.

Munawwar Rana Shayari On Maa – मुनव्वर राना शायरी ऑन मां

Munawwar Rana Shayari On Maa
Munawwar Rana Shayari On Maa
9)

बुजुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता

कि जब तक जागती रहती है माँ, मैं घर नहीं जाता..

bujurgon ka mere dil se abhi tak dar nahin jata

ki jab tak jaagti rahti hai maa, main ghar nahin jata..

10)

ये ऐसा कर्ज़ है, जो मैं अदा कर ही नहीं सकता

मैं जब तक घर ना लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है..

yah aisa karz hai, jo main ada kar hi nahin sakta

main jab tak ghar na luatu, meri maa sajde mein hi rahti hai..

Munawwar Rana Shayari On Maa को सुनकर हमें अपने मन में घर के बुजुर्गों के प्रति हमेशा आदर भाव रखना चाहिए. ताकि हम कभी भी अपनी जिंदगी में कोई गलत बात ना कर सके.

Conclusion

दोस्तों मुनव्वर राणा साहब के मां के प्रति खयाल सुनकर सचमुच आपका भी दिल भर आया होगा. Poetry On Mother की मदद से आप भी अपनी मां के साथ बिताएं पल जरूर याद कर पाएंगे. क्या आपको भी ऐसा ही लगता है दोस्तों?

हमारी इन Munawwar Rana Shayari Maa -2 को सुनकर अगर आप भी अपने मां के ख्यालों में खो चुके हो. तो हमें comment area में comments कर जरूर बताएं.

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