Mirza Ghalib Shayari On Love -5: Hindi Shayari

Mirza Ghalib Shayari On Love : दोस्तों अगर आप दिल को छू लेने वाली सैड शायरियां पढ़ना और सुनना चाहते हो. तो आप इस वक्त Shayari Sukun के जिस मंच पर आए हैं. वह आपके लिए बहुत ही बेहतरीन शायरी मंच है. और कुछ इसी तरह की मिर्जा गालिब साहब की पेशकश हम आपके लिए लेकर आए हैं.

Mirza Ghalib Shayari On Love की मदद से आपको अपने बीते हुए कल की याद जरूर आएगी. और अपने बेवफा प्यार की याद में आप इन Hindi Shayari को बार-बार सुनना चाहोगे. क्योंकि मिर्जा गालिब साहब की लिखावट का अंदाज ही कुछ अलग है. वे खुद ही अपनी शायरी में इस बात को बयां करते हैं.

उनका कहना है कि यूं तो दुनिया में लाखों शायर होंगे. लेकिन मिर्जा गालिब का जो शायरी बयां करने का अंदाज़ है. वह सबसे हटके और सबसे निराला जरूर है. इसी वजह से मिर्जा गालिब साहब की शायरियां हमें तुरंत पसंद आ जाती है. और हमारे दिल में झट से उतर जाती है.

यही सच्चे और अनुभवी लेखक और शायर की पहचान होती है. हमें यकीन है कि इन सभी Hindi Shayari का आप भी लुत्फ जरूर उठाएंगे. और अपने चहेते इंसानों के साथ भी इसे साझा जरूर करेंगे. साथ ही आप इन सभी शायरियों के फोटोज जरूर डाउनलोड कीजिएगा.

Mirza Ghalib Shayari in Urdu
Mirza Ghalib Shayari in Urdu

Mirza Ghalib Shayari In Urdu

कितना खौफ होता है शाम के अंधेरों में
पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते..

kitna khauf hota hai sham ke andheron mein,
puch un parindon se jinke ghar nahin hote..

जब भी कोई मिर्जा गालिब साहब की शायरियों को तहे दिल से पड़ता है. उसके दिल में जैसे ग़ालिब साहब की यह शायरियां गूंजने लगती है. और इन शायरियों के दर्द के आगे कोई भी इंसान अपना दर्द भी भूल सकता है. क्योंकि मिर्जा गालिब साहब की लिखावट में जादू ही कुछ ऐसा होता है.

कुछ ऐसी ही Hindi Shayari में मिर्जा गालिब साहब बताना चाहते हैं. जब शाम होती है और उसका अंधेरा होता है. तो उस अंधेरों में अंधेरे में वह अंधेरा एक खौफनाक डर लेकर आता है.

क्योंकि इस शाम के अंधेरे में जो पक्षी पंछी अपना घोंसला नहीं बना पाते. सबसे ज्यादा इस अंधेरे से उन्हें ही डर होता है. कुछ इसी तरह से जिस इंसान के पास उसका कोई अपना नहीं होता है. यह दुनिया उसके लिए बहुत ही महंगी और जुल्मी होती है.

फकत बाल रंगने से कुछ नहीं होता गालिब
कुछ नादानियां भी किया करो, जवान रहने के लिए..

fakat bal rangne se kuchh nahin hota ghalib
kuch nadaniyan bhi kiya karo, jawan rahane ke liye..

Mirza Ghalib Shayari In Urdu को सुनकर अपने दुखड़े भूल जाओगे. हर कोई अपनी यादों में इन शायरियों को बसाना चाहता है. क्योंकि इन शायरियों का अंदाज ही कुछ निराला होता है. इस रंगीन शायरी की मदद से मिर्जा गालिब जी जवानी का आलम बताना चाहते हैं.

और कहते हैं कि सिर्फ बाहरी रंग रूप रंगने से ही हम खुद को जवान नहीं बना सकते हैं. अगर आपको सचमुच जवान दिखना है. तो आपको अपने मन को भी जवान करना होगा. और अपने मन के जवानी आप कुछ नई तरह की बातें और बच्चों की तरह नादानियां करते हुए ला सकते हैं.

Mirza Ghalib Shayari In Hindi

मजे जहां के अपनी नजर में खाक नहीं
सिवा-ए-खून-ए-ज़िगर सो जिगर में खाक नहीं..

maje jahan ke apni nazar mein khak nahin
siva-ae-khoon-ae-jigar so jigar mein khak nahin..

अपने दिल को किसी भी जहां में अगर आपको लेकर जाना हो. तब आपको अपने नजर का बचपना भी याद करना होगा. क्योंकि जब तक आप इस दुनिया को अच्छी नजर से नहीं देखते हो. यह दुनिया आपको बुरी ही लगने लगेगी.

क्योंकि यह दुनिया शायद ही कभी बदलती है. लेकिन उससे ज्यादा हमें अपनी नजर को बदलने की जरूरत होती है. और हमारी नजर ही हमारे नजरिए को बदलती है. कुछ यही बात ग़ालिब साहब अपनी Hindi Shayari में बताना चाहते हैं.

मेरे बारे में कोई राय ना बनाना गालिब
मेरा वक्त भी बदलेगा और तेरी राय भी..

mere bare mein koi rai na banana ghalib
mera waqt bhi badlega aur teri rai bhi..

Mirza Ghalib Shayari In Hindi की मदद से खुद को हिदायत देना चाहोगे. और आपको इस बात का भी पता जरूर चल जाएगा. जब तक आप कोई अच्छा काम करते हुए उसमें सुकून नहीं ढूंढ लेते हो. तब तलक यह दुनिया आपके बारे में अलग ही सोच और राय बनाते रहेगी.

लेकिन आपको अपने मन का आत्मविश्वास बिल्कुल भी कम नहीं करना है. और उसी आत्मविश्वास के साथ अपने काम को करते हुए आगे बढ़ना है. तभी वक्त के साथ इस जमाने का नजरिया भी बदलेगा. और आपके बारे में सोच और राय भी जरूर बदलेगी.

Mirza Ghalib Shayari On Love

अभी मशरूफ हूं काफी, कभी फुर्सत में सोचूंगा
के तुझको याद रखने में, मैं क्या-क्या भूल जाता हूं..

abhi mashruf hun kafi, kabhi fursat mein sochunga
ke tujhko yad rakhne mein, main kya kya bhul jata hun..

अपने दिल को समझाते हुए कोई भी आशिक जब अकेला सोचता है. तब उसके मन में अपने महबूब के लिए यही सोच विचार आते हैं. लेकिन वह अपने यार और अपनी जिंदगी के बारे में फुर्सत में सोचना चाहता है. और तब वह उससे थोड़ी सी मोहलत जरूर मांगता है.

और तब कहता है कि जब उसे फुर्सत मिलेगी. तब वह अपने यार के साथ बिताए सभी पलों को याद करेगा. और अपने प्यार के सभी असीम यादों का हिसाब करते हुए उसने क्या-क्या खोया है. उसके बारे में महबूब को जरूर बताएगा.

है और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज-ए-बयां और..

hai aur bhi duniya mein sukhnavar bahut acche
kahate hain ki ghalib ka hai andaaz -e- bayan aur..

Mirza Ghalib Shayari On Love की मदद से ग़ालिब साहब की लिखावट की प्रशंसा करोगे. मिर्जा गालिब साहब की लिखावट की पूरी दुनिया ही दीवानी है. उनके लिखे हुए हर शेर दुनिया में मशहूर है. जमाना उन्हें कभी भी भुला नहीं सकेगा.

लेकिन फिर भी आज के इस शहर में ग़ालिब साहब का बड़प्पन ही नजर आता है. और वे कहते हैं कि दुनिया में कई ऐसे शायर है. क्यों अपनी लिखावट के लिए बेहद ज्यादा मशहूर है. लेकिन फिर भी जमाना इस बात से भी वाकिफ है. क्योंकि मिर्जा गालिब साहब की लिखावट के भी बहुत सारे कायल है.

Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines
Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines

मेहरबान होके बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त
मैं गया वक़्त नहीं हूं, कि फिर आ भी ना सकूं..

meherbaan hoke bula lo mujhe chaho jis waqt..
main gaya waqt nahin hun, ki fir aa bhi na saku..

ग़ालिब साहब की मौजूदगी और प्यार की तड़प को दिखाने वाली शायरी का जिक्र यहां किया गया है. आशिक का अपने दिलबर के प्रति जो प्यार का व्यवहार होता है. उसे ही ग़ालिब साहब दिखाना चाहते हैं. क्योंकि वह यार चाहे उसे भुला कर चला गया हो.

लेकिन वह आशिक आज भी उसकी ही राह देखता है. और उसके मन में उसके आने की तमन्ना अभी बाकी होती है. इसीलिए वह कहता है कि अगर फिर भी उसका यार ना आ सके. तो उस आशिक को जरूर बुला लेना चाहिए. क्योंकि वक्त चला गया तो नहीं आता. लेकिन या आशिक कभी भी उसके यार की खिदमत में जा सकता है.

हमने मोहब्बत के नशे में आकर
उसे खुदा बना डाला..

होश तब आया जब उसने कहा कि,
खुदा किसी एक का नहीं होता..

humne mohabbaton ke nashe mein aakar
use khuda bana dala..
hosh tab aaya jab usne kaha ki,
khuda kisi ek ka nahin hota..

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines को सुनकर अपने यार की याद जरूर सताएगी. क्योंकि यह अपने दिलबर को याद दिलाने वाली हसीन शायरी है. और इसमें प्रेमी आपने मोहब्बत की बात करना चाहता है. उसे जो प्यार का नशा उसके यार ने दिया होता है.

वो उसमें पूरी तरह से मशगूल हो जाता है. लेकिन जब उसका प्रेमी ही उसे इस बात से आगाह कर देता है. वह हमेशा उसके साथ ही रहेगा यह मुमकिन नहीं होगा. और उसके दिल में उसके सिवा भी कोई दूसरा है. तभी उस आशिक के दिल पर जो चाहत की धुन सवार होती है. वह धुन अपने आशिक के इस दिल में दबी बात से उतर जाती है.

Mirza Ghalib Shayari

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ के सर होने तक..

aah ko chahiye ek umra asar hone tak
kaun jita hai teri zulf ke sar hone tak..

महबूब की प्यार की आशा में ही कोई आशिक जब जिंदगी जीता है. तो उसकी उम्र हो जाती है. लेकिन उसके मन की ख्वाहिशें पूरी हो ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है. इसी वजह से मिर्जा गालिब साहब अपनी इस शायरी की मदद से जिंदगी का सच बताना चाहते हैं.

हमें अपनी ख्वाहिशों को कुछ हद तक सीमित ही रखना चाहिए. और ना हम अपनी जिंदगी से कई सारी उम्मीदें करते रहते हैं. लेकिन उनके पूरे होने की संभावनाएं बहुत कम होती है.

तकदीर पर यूं नाज मत कर, ऐ गालिब..
बस कफन हमारा जरा सा मैला था
वरना शायर हम भी कुछ कम ना थे..

takdeer per yun naaz mat kar ghalib..
bus kafan hamara zara sa maila tha
varna shayar ham bhi kuchh kam na the..

Mirza Ghalib Shayari की मदद से अपने अस्तित्व की बात कहना चाहते हैं. हमें किसी की भी पेहराव पर कभी नहीं जाना चाहिए. या फिर उसकी बोली से भी हमें उसकी पहचान नहीं करनी चाहिए. क्योंकि हम इस बात को उसके काम से ही जान सकते हैं.

कई बार लोग इंसानों के दिखावे को ही याद करते हैं. और उनके काम को पूरी तरह से भूल जाते हैं. यह उस आदमी के लिए उसके काम का नतीजा नहीं बता सकता है. इसी वजह से हमें हर इंसान को उसके काम से परखना चाहिए.

हमारी इन Mirza Ghalib Shayari On Love को सुनकर अगर आपके भी दिल का करार चला गया हो. तो हमें comment field में comment करते हुए जरूर बताइयेगा.

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