Mausam Shayari ko hum isliye padhna chahte hai ke, jab humara premi ya premika mausam ki tarah badal jaati hai ya fir unke aane se humara mausam suhana ho jaata hai. Aise haalat me agar hum Mausam par likhi Shayariyon ko share karte hai to, apne jazbaat apne aap jaahir ho jaate hai.
अपने महबूब की साथ बदलते मौसम का अनुभव लेना हर आशिक पसंद करता है. और इसी वजह से वह हमेशा अपने यार को याद भी करता रहता है. महबूब भी अपने आशिक के बुलाने पर उसके साथ जाना पसंद करता है.
साथ तेरे जानम मुश्किल वक़्त भी गुज़र जाएगा तेरी आमद से मौसम का हुस्न निखर जाएगा भटकाती है हमें शहर दर शहर तलाशे रिज़्क़ तू साथ हो तो….. मुक़द्दर मेरा संवर जाएगा -Moeen रिज़्क़ के हिंदी: आजीविक, जीविका, भोजन, खाना
sath tere jaanam mushkil waqt bhi gujar jayega
teri aamad se mausam ka husn nikhar jayega
bhatkaati hai hume shahar dar shahar talaashe rijk
tu sath ho to mukaddar mera sanvar jayega
Table of Content
- Mausam Shayari
- Mausam Shayari In Hindi
- Mausam Shayari In English
- Mausam Shayari Urdu
- Mausam Shayari Image
- Conclusion
Mausam Shayari | मौसम शायरी स्टेटस
अल्फाज़ मेरे तुम्हारे लिए कोई बिकाऊ सामान नहीं.. बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे कोई बदलता मौसम नही.. -Sagar
alfaaz mere tumhare liye
koi bikaau saman nahin..
beinteha mohabbat hai tumse
koi badalta mausam nahin..
सदक़े दुआओं से अपनी मेरे उतारता कौन है शाम ढले तन्हाई में मुझे पुकारता कौन है ये हसीं वादियाँ, ये फ़िज़ाए और ये मौसम तेरी ज़ुल्फ़ें अर्श से आ कर संवारता कौन है -Moeen
sadke duao se apni mere utarta kaun hai
shaam dhale tanhai me mujhe pukarta kaun hai
ye sahi vaadiya ye fizaye aur ye mausam
teri julfe arsh se aa kar sanvarta kaun hai
घुल जाऊंगा तुझमे, मैं पानी की तरह.. ना बदलेगी चाहत मेरी मौसम की तरह.. -Santosh
ghul jaunga tujhme, mai pani ki tarah..
na badlegi chahat meri mausam ki tarah..
कुछ कहना चाहते है तुमसे जो तुमसे कह नहीं सकते.. जब भी कहने को जाते है तुम मौसम की तरह बदल जाते.. -Sagar
kuchh kahana chahte hain tumse
jo tumse kah nahin sakte..
jab bhi kahane ko jaate hain
tum mausam ki tarah badal jate..
झूठी मोहब्बत के साथ तनहाई भी लाया है.. भीगा मौसम, तेरी भीगी यादें लेकर आया है.. -Anamika
jhuthi mohabbat ke sath
tanhai bhi laya hai..
bheega mausam, teri bheegi
yaadein lekar aaya hai..
खयालों में वो हमारे साथ है ऐसा कहने में कोई हर्ज नहीं.. मौसम तो आज भी सुहाना है तन्हाई से बड़ा कोई मर्ज नहीं.. -Sagar
khayalon me vo hamare sath hai
aisa kahane me koi harz nahin..
mausam to aaj bhi suhana hai
tanhai se bada koi marz nahin..
अपनी झील सी आँखों में उतर जाने दे अपनी इन बाहों में मुझे बिखर जाने दे बारिश के मौसम में याद आती हो तुम अपने हसीं ख्यालों में मुझे संवर जाने दे -Moeen
apni jheel ki aankho me utar jaane de
apni inn baho me mujhe bikhar jaane de
baarish ke mausam me yaad aati ho tum
apne hasi khayalo me mujhe sanvar jaane de
चाहूं मैं तुम्हें जिंदगी के लिए जरूरी सांसो की तरह.. तुम जिंदगी में आई मौसम की पहली बारिश की तरह.. -Santosh
chahun main tumhe zindagi ke liye
jaruri sanson ki tarah..
tum jindagi mein aayi mausam ki
pehli barish ki tarah..
आज मौसम की भी मुझपर इनायत हो गई.. उसकी मुझे याद आई और बरसात शुरू हो गई.. -Sagar
aaj mausam ki bhi
mujh par inayat ho gai..
uski mujhe yad aayi
aur barsaat shuru ho gai..
मेरे दिल पर न जाने कैसा चाहत का नया खुमार छाया.. जो बदला मौसम, मुझे तुम पर और प्यार आया.. -Sapna
mere dil par na jaane kaisa
chahat ka naya khumar chhaya..
jo badla mausam, mujhe
tum par aur pyar aaya..
आज ये मौसम बड़ा सुहाना लग रहा है.. तेरे पास आने को ये दिल तड़प रहा है.. -Sagar
aaj ye mausam
bada suhana lag raha hai..
tere paas aane ko
ye dil tadap raha hai..
मैं तुम्हारा दिल बन जाऊं मोहब्बत मेरी तुम बन जाना.. मौसम जाड़े का मैं बन जाऊं तो गर्म रजाई तुम बन जाना..! -Santosh
main tumhara dil ban jaau
mohabbat meri tum ban jana..
mausam jaade ka main ban jaaun
to garm rajaai tum ban jana..!
आपकी यादें दिल को हमेशा तड़पाती रहती है.. ये है मौसम का जादू है, या रूह बेगानी होती है.. -Santosh
aapki yaden dil ko hamesha tadpati hai..
yah hai mausam ka jadu hai ya rooh begani hoti hai..
अपने यार की यादों में महबूब हमेशा खोया हुआ रहता है. तो उसे उसकी बातों की सिवा और कुछ भी याद नहीं होता है. वह जब भी अपने दिलबर को याद करता है. उसकी यादों की तबाही उसके दिल को छू जाती है.
न जाने आज मौसम क्यों साथ मेरे बेईमान हो रहा है.. खुद तुम्हें छू रहा है और मैं देखूं तो परेशान कर रहा है.. -Santosh
na jaane aaj mausam kyon
sath mere beiman ho raha hai..
khud tumhen chhu raha hai aur main
dekhun to pareshan kar raha hai..
Mausam Shayari की मदद से आशिक अपने यार को मिलने की चाह रखता है. उसके साथ बारिश में भीगने का मजा दिलबर बार-बार लेना चाहता है. लेकिन हर बार यह संभव नहीं हो पाता है. इस बात का उसे भी पता है.
Mausam shayari In Hindi
आपकी बातें बेमौसम बरसात जैसी लगती है.. जब जरूरत नहीं तभी बरसने लगती है.. -Sagar
aapki baaten bemausam
barsat jaisi lagti hai..
jab jarurat nahin
tabhi barasne lagti hai..
दीदार हुआ है तुम्हारा तो दिल यादों में तेरी जागने लगा.. जब से मिला हूं मैं तुझसे ये मौसम सुहाना लगने लगा.. -Sapna
deedar hua hai tumhara to dil
yaadon mein teri jaagne laga..
jab se mila hun main tujhse ye
mausam suhana lagne laga..
सर्द मौसम में भी मेरे दिल को गर्म रखा.. तेरी बेवफाई ने मेरे दिल को जलाकर रखा.. -Sagar
sard mausam mein bhi
mere dil ko garm rakha..
teri bewafai ne
mere dil ko jalakar rakha..
टूट गया था दिल मेरा, वो किस्सा पुराना हो गया.. बेवफाई का था मौसम, बदले हुए जमाना हो गया..! -Santosh
tut gaya tha dil mera,
vo kissa purana ho gaya..
bewafai ka tha mausam,
badle huye jamana ho gaya..!
मूझपर कोई मौसम असर नहीं करता था.. पर जब से तुम मेरे बन गए अब ठंड में गर्मी का अहसास होता.. -Sagar
mujh per koi mausam
asar nahin karta tha..
par jab se tum mere ban gaye
ab thand mein garmi ka ahsaas hota..
सोचता हूँ उस मासूम का दिल कितना मुलायम होगा.. इसीलिए मौसम बदलते रहेंगे मगर प्यार कायम होगा.. -Sapna
sochta hun us masoom ka
dil kitna mulayam hoga..
isiliye mausam badalte rahenge
magar pyar kayam hoga..
जो मेरे दिल का मौसम बदल गया है.. शायद तेरी यादों का आगाज हुआ है.. -Anamika
jo mere dil ka mausam badal gaya hai..
shayad teri yaadon ka aagaz hua hai..
फिर किया था भरोसा मैंने, जो उसने तोड़ दिया.. फिर बारिश के मौसम में वो मुझे तन्हा छोड़ गया.. -Sapna
fir kiya tha bharosa
maine, jo usne tod diya..
fir barish ke mausam me
vo mujhe tanha chhod gaya..
डरता है दिल कहीं बदल ना जाए दिल का ये आलम.. न जाने कब शुरू हो जाए दिल तोड़ने का मौसम... -Anamika
darta hai dil kahin badal na
jaaye dil ka ye alam..
na jane kab shuru ho jaaye
dil todne ka mausam..
अपने आपको उसने क्यों बेवफाई के नाम कर लिया.. प्यार में मौसम का नाम बदनाम कर दिया... -Sapna
apne aapko usne kyon
bewafai ke naam kar liya..
pyar mein mausam ka
naam badnaam kar diya..
तमन्ना है दिल में जो बरसों से काश आज पूरी हो जाए.. मिलने आए वह मुझसे किसी बहाने और बिन बादल बरसात हो जाए.. -Santosh
tamanna hai dil mein jo barso se
kash aaj puri ho jaaye..
milane aaye vah mujhse kisi bahane
aur bin badal barsaat ho jaaye..
अपने आशिक से मिलने की तमन्ना को महबूबा के दिल में भी होती है. लेकिन वह उसे तहे दिल से कभी जाहिर नहीं कर पाती है. और इसी वजह से आशिक अब अपनी मन में भी कुछ ख्वाइशें समेटे हुए बैठा है. वो खुदा से अब बरसात होने की मांग कर रहा है.
क्योंकि उसे पता है कि उसका दिलबर जब भी उससे मिलने आया है. और तब जब भी बारिश हुई है तो उसे आशिक के पास ही रुकना पड़ा है. कुछ इसी तरह के ख़्याल अब उसके मन में आ रहे हैं.
बरसात में यादों को साथ लेकर हम भीग जाएंगे.. दिल से देना आवाज खुद बादल बन कर आएंगे.. -Santosh
barsaat mein yadon ko sath
lekar ham bheeg jaenge..
dil se dena awaaz khud
badal bankar aaenge..
Mausam ke upar Shayari की मदद से अपने यार को बारिश में साथ बुलाना चाहोगे. आशिक अपनी महबूब की यादों में जिस तरह से खोया रहता है. वह अपने प्यार की सारी यादों को भी इस बारिश की बूंदों में भिगोना चाहता है. क्योंकि उसे पता है कि उसका यार अभी अभी उससे मिलकर गया है.
Mausam Shayari Status
दिल को प्यार, तुम पर फिर आया है.. कुछ नशा इस मौसम का भी छाया है.. -Anamika
dil ko pyar, tum per fir aaya hai..
kuchh nasha is mausam ka bhi chhaya hai..
क्या करूंगा मैं, छोड़कर मुझे तुम चल दिए तो.. कहीं बेवफा मौसम की तरह तुम बदल गए तो..? -Santosh
kya karunga main, chhodkar
mujhe tum chal diye to..
kahin bewafa mausam ki
tarah tum badal gaye to..?
प्यार का कारवां हमेशा चलता ही रहता है.. मौसम तो बेवफा है, बदलता ही रहता है.. -Sapna
pyar ka karwaa hamesha
chalta hi rahata hai..
mausam to bewafa hai,
badalta hi rahata hai..
उनकी यादें आजकल बहोत सताने लगी है.. जैसे बेमौसम घटाएं बारिश बरसाने लगी है.. -Anamika
unki yaadein aajkal
bahut satane lagi hai..
jaise bemausam ghatayen
barish barsane lagi hai..
आजकल मैं बस तुझे याद कर रहा हूं.. प्यार के मौसम का इंतजार कर रहा हूं.. -Santosh
aajkal main bas tujhe yaad kar raha hun..
pyar ke mausam ka intezar kar raha hun..
चाहत के सुहाने पल हाथों से छूट जाते हैं.. पतझड़ के मौसम में पत्ते भी टूट जाते हैं.. -Sapna
chahat ke suhane pal
hathon se chhut jaate hain..
patjhad ke mausam mein
patte bhi tut jaate hain..
पता नहीं था तू मुझे यूं बेवफाई का पैगाम दे जाएगा.. मजबूरी का ये जालिम मौसम मेरी जान ले जाएगा.. -Anamika
pata nahin tha tu mujhe yun
bewafai ka paigam de jayega..
majburi ka ye jalim
mausam meri jaan le jayega..
चाहत के नक़ाब में वादे बदल देते हैं.. मौसम की तरह लोग इरादे बदल देते हैं.. -Santosh
chahat ke naqaab me
vaade badal dete hain..
mausam ki tarah log
iraade badal dete hain..
दिल टूटने का सबब तेरी बद्दुआ लग रहा है.. मौसम का मंज़र भी बदला हुआ लग रहा है.. -Sapna
dil tootne ka sabab
teri baddua lag raha hai..
mausam ka manzar bhi
badla hua lag raha hai..
हंसता हूं अलग, आंखों में पानी अलग है.. मौसम ए इश्क की अब कहानी अलग है.. -Anamika
hansta hun alag, aankhon mein pani alag hai..
mausam e ishq ki ab kahani alag hai..
नसीब की लकीरों पर भी कई बार होता असर वक्त का है.. लेकिन मुझ पर हो रहा यह जादू मौसम ए इश्क का ही है.. -Santosh
naseeb ki lakiron per bhi kai bar hota asar waqt ka hai..
lekin mujh per ho raha hai yah jadu
mausam e ishq ka hi hai..
आशिक को पता है कि प्यार में नसीब का खेल बहुत ज्यादा होता है. इसी वजह से वो अपने महबूब से बहुत ज्यादा तमन्ना नहीं रखता है. लेकिन वक्त के साथ-साथ उसकी दिल की हालत भी बदल रहे हैं. और इसी वजह से अब वो अपने महबूब पर भी इस हालातों का असर देखने लगा है.
इन अपने मन की बातों पर तो उसे सिर्फ प्यार का ही असर दिखाई देता है. क्योंकि उसके दिल पर पूरी तरह से अब प्यार हावी हो चुका है. इस तरह का प्यार का जादू हर किसी आशिक के मन पर होता है.
यूं ही मौसम चाहत का कभी सुहाना नहीं होता.. मीठी बातें ना हो तो एहसास प्यार का नहीं होता..
yuhi mausam chahat ka
kabhi suhana nahin hota..
meethi baten na ho to ahsaas
pyar ka nahin hota..
Mausam Shayari In English की तरह आशिक के दिल पर भी सिर्फ मोहब्बत का ही साया है. इसी वजह से वह मौसम के बदलाव को सहना जानता है. लेकिन उसे जिस तरह से अपने महबूब की मीठी बातों का एहसास बहुत कम हो रहा है.
उन सभी प्यार भरी बातों को वह आज भी बहुत ज्यादा याद करता रहता है. और इसी वजह से उसे पता है कि जब तक उसका यार उस से दिल भर कर बात नहीं करेगा. वह किसी भी तरह से खुद चाहत की बरसात का अनुभव नहीं कर पाएगा.
Mausam Shayari Urdu
मोहब्बत का अब नया सबक ही दिला दिया.. बदलते मौसम ने हमें बदलना सिखा दिया.. -Santosh
mohabbat ka ab naya
sabak hi dila diya..
badalte mausam ne hamen
badalna sikha diya..
सच्चे प्यार को छोड़कर जो अकेले चले तुम.. बदला है अब मौसम तो क्यों ना बदले हम..? -Sapna
sachhe pyar ko chhodkar
jo akele chale tum..
badla hai ab mausam
to kyon na badle ham..?
चाहत को हमारी एक नई पहचान दे दी.. दिल के मौसम ने भी अब करवट ले ली.. -Anamika
chahat ko hamari ek
nai pahchan de di..
dil ke mausam ne bhi
ab karvat le li..
ना कभी जागता है ये दिल ना कभी सोता है.. मौसम यह बारिश का उसकी यादों में रोता है.. -Santosh
na kabhi jagta hai ye
dil na kabhi sota hai..
mausam yah barish ka
uski yaadon mein rota hai..
छूकर तुम्हारे पैर, सागर और नमकीन हो गया है.. तुम्हें देख कर ये मौसम और भी हसीन हो गया है.. -Sapna
chhukar tumhare pair, sagar
aur namkeen ho gaya hai..
tumhe dekhkar ye mausam
aur bhi haseen ho gaya hai..
जब से हम तुम पर तहे दिल से मरने लगे हैं.. मौसम का बदलाव हम महसूस करने लगे हैं.. -Anamika
jab se ham tum par tahe
dil se marne lage hai..
mausam ka badlaav ham
mehsoos karne lage hai..
प्यार की बरसात ने अब हमसे मुंह फेर लिया है.. न जाने क्यों मौसम ने रुख अपना बदल दिया है.. -Santosh
pyar ki barsaat ne ab
humse munh fer liya hai..
na jane kyon mausam ne
rukh apna badal diya hai..
संभालता हूं दिल को मैं कहीं इश्क ना हो जाए.. मौसम ये बरसात का कहीं ख़ुश्क ना हो जाए.. -Sapna
sambhalta hun dil ko mai
kahi ishq na ho jaye..
mausam ye barsaat ka
kahi khushk na ho jaye..
रोता है खुद भी और मुझे भी रुलाता है.. मौसम यह बारिश का यादें उसकी दिलाता है..
rota hain khud bhi aur
mujhe bhi rulata hain..
mausam yeh baarish ka
yadein uski dilata hain..
बारिश का मौसम आशिक के दिलबर की यादों को साथ लेकर आता है. लेकिन उन्ही बातों को जब इस मौसम की बरसात साथ देती है. तब जैसे आशिक की तरह यह मौसम भी रोने लगता है. लेकिन आशिक के दिल का दर्द यह बरसात भला कैसे जान पाती है?
आशिक जब भी अपने दिल पर बीती हुई सारी कहानी को मौसम से बयां करता है. तभी वह उसकी दिल की बातों का अंदाज उसे बता देता है. और यह सुनकर ही शायद इस मौसम को भी बहुत ज्यादा दुख होता है. और इसी वजह से यह मौसम बारिश की मदद से रोता है.
इन हवाओं में ठंडक है आज कुछ मीठी सी.. सर्द है मौसम भी शायद याद में किसी की..
in hawao me thandak hai
aaj kuch mithi si..
sard hai mausam bhi shayad
yaad me kisi ki..
Mausam Shayari Urdu की मदद से आशिक अपने दिल को समझाता है. जिस तरह से अपने प्यार की यादों का मंजर उसकी नजरों के सामने आता है. कुछ उसी तरह से इन हवाओं में भी अजब सी ठंडक वह महसूस करता है.
और उसे अब इस बात का अंदाजा आने लगा है कि शायद मौसम के भी दिल का हाल उसके प्यार की तरह ही होगा. उसको इसी वजह से शायद मौसम भी बहुत ज्यादा सर्द महसूस हो रहा है. और उसे भी अपने बरसात के साथ रोने का दिल कर रहा है.
Mausam shayari Image
मौसम आज खुशगवार हुआ है पूर्ण प्रतीक्षा का समय हुआ है.. कुछ ऐसे आयी बूंदे बारिश की जैसे उन्हें धरती से प्यार हुआ है..
mausam aaj khushgawar hua hain
purn pratiksha ka samay hua hai..
kuch aise aayi bunde barish ki
jaise unhe dharti se pyar hua hai..
मौसम अपनी बारिश के साथ दिल की यादों का मंजर दिखाता है. जिस तरह से आशिक अपने प्यार की बातों को याद करता है. कुछ उसी तरह से मौसम का भी अंदाज़ लग रहा है. लेकिन जब इस तरह से मौसम अपनी बरसात को बरसाता है.
जैसे आशिक को भी अपने प्यार की पुरानी बातें याद आती है. वह भी अपने दिलबर से मिलने के लिए बेचैन रहता था. इसी तरह से शायद यह बारिश भी अपने धरती से मिलने के लिए बेचैन हो रही है.
पता ना था बारिश बरसकर ऐसे रो पड़ेगी.. हमनें उसे सिर्फ कहानी दिल की सुनाई थी..
pata na tha barish baras kar aise ro padegi..
ham ne use sirf kahani dil ki sunai thi..
अपने बालों को तो,
कमसे कम खुला न छोड़ा करो…
बेवक्त, इस दिलका
मौसम बदल देते है…
Apne baalon ko to,
kam se kam khula na chora karo,
bewaqt, is dil ka
mausam badal dete hain…
खुशनुमा मिजाज जो सुबह,
आपकी नींद पूरी होने के
इंतज़ार में है…वो कहाँ किसी
मौसम-ए-बहार में है…
Khushnuma mizaj jo subah,
aapki nind puri hone ke
intezar mein hai…
vo kahan kisi
mausam e bahar mein hai…
आपकी आंखें और ये मौसम
दोनों रंगीन है….
समझ नहीं आ रहा,
ख़ामोश रहूं या तारीफ़ करू…
जुर्म तो दोनों संगीन है…!
Aapki aankhen aur ye
mausam dono rangeen hai…
samajh nahi aa raha,
khamosh rahu ya taarif karu…
jurm to dono sangin hai…!
Mausam Shayari Image की मदद से महबूबा अपनी दिल की कहानी बताना चाहता है. उसे लगता है कि उसके दिल का हाल सुनकर ही जैसे यह मौसम की बरसात हो रही है. क्योंकि जिस तरह से उसके दिल को प्यार में तजुर्बा हुआ है. शायद उसी तरह का तजुर्बा प्यार में अब तक किसी को नहीं आया होगा.
और अपने दिल की यह कहानी मौसम को बताना चाहता है. मौसम भी खुद बारिश बनकर धरती पर बरस जाता है. आशिक को लगता है कि शायद उसके भी प्यार का असर कुछ ऐसा ही रहा होगा.
Mausam Shayari by Vrushali
लोग अपने रंग बदल रहे हैं बदलते हुए मौसम की तरह बदल देते हैं वह अपनी ज़बान बदलते हुए हवा के रुख की तरह
मौसम कभी सर्द कभी गर्म लगता है जैसे यह खुशी और गम का दोस्त लगता है साथ देने वाले जब बिछड़ जाते हैं कहीं तो यह मौसम उनकी यादों सा लगता है
हर मौसम से जुड़ी है उसकी एक याद यादों से जुड़ा है मेरे दिल का हर ख्वाब उसकी नामौजूदगी सताती है मुझे दिन - रात बदलते मौसम से मुझे मिल रहा है ये सवाब
Shayari on Mausam by Neha
हवाओं में ख़लिश ,मौसम है सर्द सा,
वीरान रास्तें,इशारा रुख़सते इश्क़ का
ठहर जाओ न तुम इन फ़िज़ाओं की ख़ातिर,
जाना तो इन्हें भी है,मंज़र है पतझड़ सा
तन्हाई का मौसम और उफ्फ तुम्हारी यादें, बेइंतहां सा वो दर्द और अधूरी मुलाक़ातें, बंजर आँखों में तुम्हारा हर वो अक्स, आसां नहीं है गुज़ारना यूँ जागती रातें
तुम्हारे आने से देखो आज मौसम भी खुशनुमा सा है, लगता है जैसे बहारों का कोई जलसा सा है भुलावे में शायद हम भी है थोड़े से मगर, आईना भी तुम्हारे मौजूदगी की गवाही देता सा है
मौसम पर शायरियां by अभिजीत
हर एक बातों का इकरार होता है..
हर प्रयास का कुछ अंजाम होता है..
प्यार मेरा मौसम के तरह नहीं जो बदलेगा
ये अहसास है जो हर पल साथ होता है..
मिलने से भी न हो, ऐसी मुलाक़ात वो करती है चांदनी की तरह बस तुझ से साथ बात करती है यहाँ मौसम चाहें लाख बदले हर घडी हर पल पर मेरे दिल की धड़कन सिर्फ तेरी याद करती है
कुछ पल दो पल का सफर और चाँद घड़ियों की है बात मौसम भी बन जायेगा सुहाना जब होगी हमारी आपसे बात
आसमान की ऊंचाई को चीरे जैसा हौसला होना चाहिए समंदर की लहरों को चीरे जैसा जूनून होना चाहिए बदलते मौसम से डर जाए ऐसी हमारी फितरत नहीं है तूफानों में भी जलती रहे ऐसी दिल में आग होनी चाहिए
Conclusion
दोस्तों आज की Mausam Shayari की बात आप तहे दिल से याद करोगे. क्योंकि आशिक को पता है की उसके महबूब को बारिश का मौसम बहुत पसंद होता है. और इसी वजह से वो भी इस मौसम का मजा आशिक के साथ ही लुटाना चाहता है. हमारी इन मौसम पर शायरी को सुनकर दिल का मौसम भी बदल गया हो, तो हमें comment जरूर करें. अगर आपका साथी मौसम की तरह बदल गया है तो आपको इन बदल जाना शायरी पोस्ट को भी जरूर विजिट करना चाहिए.
आपके Twitter पर हमारी हसीन शायरी अपडेट्स पाने के लिए हमारे शायरी सुकून केे अकाउन्ट को जरूर Follow करें.
Suhawane mausam me Avalokita ki khubsurat aawaz aur uske gaane ke sath Shayri kahne ka andaz kafi sarahniye laga .God bless you Avalokita 🤚🤚
Thank you Mummy🙏😍🙂
बहुत बढिया अंदाज में आपने पेश की आज की शायरीयां.. script भी बहुत खूब!!
पेशकश के साथ आपने गाने भी गुनगूनाएं … मजा आ गया सून कर!!
शुभेच्छा!!
– कल्याणी
Thank you so much Kalyaniji🙂
Mausam pe awesome shayariyan kamaal ki script ke sath 👌👌😊Avalokita ji maza aa gaya 👌👌😍