Jimmedari Shayari: उस लड़की के नाम जिस के लबों की मुस्कुराहट तारीक लम्हों को रौशन कर देती है, जिस की आवाज़ कानों में रस घोलती है, जिस की बातों में एक अजीब कशिश है, जिस का चेहरा सारे दुखो का मुदावा है l
Mohabbat ki Jimmedari Shayari
01:
इस क़दर मेरे हवास पर तारी हो तुम
मैं थम चूका हुँ…. मगर जारी हो तुम
क्यों करती हो तुम फ़िक्र इतनी अपनी
खुदा गवाह अब मेरी ज़िम्मेदारी हो तुम
02:
खुदा करे तू मेरी तहरीरों से आशना हो जाए
तेरी ज़िम्मेदारी का हक़ मुझ से अदा हो जाए
खुदा दिखाए वो दिन भी खैर से मुझे एक दिन
तेरे पते पर पहुँचे वजूद मेरा और लापता हो जाए
03:
तेरे इश्क़ से पाई है जीला… भटकेंगे ना कभी
ऐसी पी है निगाहों से तेरी… बहकेंगे ना कभी
यक़ीन की डाली पर खिलते फूल ज़िम्मेदारी के
टुटी जो डाल तो फिर ये फूल महकेंगे ना कभी
04:
खुदा करे तेरे बाद कोई और ना दिखाई दे
तुझ पर ऊँगली उठाने वाला झूठा दिखाई दे
जानेमन तुझ को सौंपता हुँ ये ज़िम्मेदारी मैं
जब खुले आँख सामने तेरा चेहरा दिखाई दे
05:
ये राहे मोहब्बत है… बड़ी तवील सी
मगर अफ़सोस ज़िंदगी है क़लील सी
जब भी सोचा क्या होती है ज़िम्मेदारी
लगती है तेरी ज़ात जानम दलील सी
*तवील : लंबी
*क़लील : short
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