Insaniyat Shayari: दोस्तों आज की हमारी Insaniyat shayari यह एक बेहतरीन पेशकश आपके सामने हाजिर है. जो आपके दिल में इंसानियत जरूर जगाएगी. दोस्तों आज के इस दौर में इंसानियत का नामोनिशान मिट ते हुए हमें दिखाई दे रहा है.
जो कुछ लोग बचे हैं जिन में इंसानियत बाकी है ऐसे बहुत ही कम लोग हैं. जिन्होंने बहुत सारे लोगों के लिए अच्छा काम किया हो ऐसे लोग हमें बहुत कम दिखाई देते हैं. हम खुद भी दूसरों के लिए अच्छा काम करना चाहते हैं. लेकिन अपने हालातों की वजह से कभी कभी नहीं कर पाते.
Table of Content
- Top 10 Insaniyat Shayari
- Humanity Status in Hindi
- Insaniyat ki Shayari for you
- Best Insaniyat par Shayariya
- Insaniyat par likhe gye sher o shayari
- Conclusion
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इन इंसानियत शायरी को Vrushali Suvarna Dnyandev इनकी आवाज़ में सुनकर आपके अंदर असीम इंसानियत जाग उठेगी!
लेकिन आज की हमारी Insaniyat Shayari यह पेशकश आपको इंसानियत जताने की राह दिखाएगी. हम जानते हैं आज के इस दौर में दूसरों की मदद करना बहुत ज्यादा मुश्किल है. लेकिन हमारी शायरियां आपके अंदर वह जज्बा पैदा कर देगी.
क्योंकि आज इंसान ही इंसान की मदद कर सकता है. आप तो जानते ही हैं हर जगह लोग किन हालातों से लड़ रहे हैं. ऐसे में यदि हमें मदद की जरूरत नहीं है तो हम किसी और की मदद जरूर कर सकते हैं. हमें हर हाल में अपनों की और साथ ही दूसरों की भी मदद करनी ही है.
Insaniyat kya hoti hai?
Ek insan ka dusre insan ke prati sanvednapurn bhav rakhna matlab insaniyat hoti. Manav samaj ke kalyan ke liye eksath ekvichar se aage badhne ki prarrutti hi insaniyat kahlati hai.
Top 10 Insaniyat Shayari
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Insaniyat Shayari में यह बताया गया है की, कुछ लोगों के दिल में इस कदर इंसानियत भरी होती है कि वह जहां भी जाते हैं बस इंसानियत का सबक दे जाते हैं. ऐसे लोगों को साथ रहकर काम करना भी पसंद आता है.
1) अच्छे कर्मों से आपकी काबिलियत हमेशा निखरती.. एक दूसरे की मदद से इंसानियत कभी नहीं बिखरती.. -Sagar
acche karmo se aapki
kabiliyat hamesha nikharti..
ek dusre ki madad se
insaniyat kabhi nahin bikharti..
2) महज़ जीना ही यहां जिंदगी नहीं होती.. इंसानियत ही इंसान को हमेशा जिंदा रखती.. -Anamika
mahaj jinaa hi yaha
jindagi nahin hoti..
insaaniyat hi insan ko
hamesha jinda rakhti..
3) चलकर जो पहाड़ पर पहुंचता हैं वो दूसरे को अपने पास बुला लेता हैं.. इंसानियत का यही सबक हैं दोस्तों सारा जमाना इसे ही तो निभाता हैं.. -Vrushali
chal kar jo pahad per pahunchta hai
vo dusre ko apne pass bula leta hai..
insaniyat ka yahi sabak hai doston
sara zamana ise hi to nibhata hai..
4) इंसान की मदद करने इंसान ही आता है.. इंसानियत का अपना एक उसूल होता है.. -Santosh
insan ki madad karne insan hi aata hai..
insaniyat ka apna ek usool hota hai..
5) ऊंच नीच जैसा नहीं कोई भेदभाव.. इंसानियत का होता यही शुरुआती पड़ाव.. -Sagar
unch nich jaisa nahin koi bhedbhav..
insaniyat ka hota yahi shuruaati padaav..
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6) आदमी को ही होना पड़ता है एक दूसरे का हमदर्द.. फरिश्ते आकर नहीं मिटाया करते किसी का दर्द.. -Sapna
aadami ko hi hona padta hai
ek dusre ka hamdard..
farishte aakar nahin mitaya
karte kisi ka dard..
7) इंसान की पहचान किसी रंग से नहीं होती उसकी पहचान उसके पेहराव से नहीं होती.. असली इंसान की पहचान हैं इंसानियत जानवरों की कोई खास पहचान नहीं होती.. -Vrushali
insan ki pahchan kisi rang se nahin hoti
uski pahchan uske pehrav se nahin hoti..
asli insan ki pehchan hai insaniyat
janvaron ki koi khas pahchan nahin hoti..
8) या अल्लाह, मुझे कोई ऐसा आईना मिल जाए.. जिसमें इंसान का चेहरा नहीं, दिल दिख जाए.. -Anamika
ya allah, mujhe koi
aisa aaina mil jaaye..
jisme insan ka chehra
nahin, dil dikh jaaye..
9) अपने भीतर करोगे जाति भेद का पालन.. इंसानियत का होगा यही सबसे बड़ा पतन.. -Sagar
apne bhitar karoge
jaati bhed ka palan..
insaniyat ka hoga
yahi sabse bada patan..
इसलिए हमें उन लोगों के साथ मिलकर इंसानियत के पाठ सभी लोगों को पढ़ाने चाहिए. दगाबाजी के आज के इस दौर में हमें इंसानियत जिंदा रखनी है. भले ही हम कोई और काम ना कर पाए लेकिन अपने अंदर इंसानियत जिंदा रख सकते हैं.
10) वो जिन शहरों से गुज़रने लगते हैं गुलशन अमन के वहाँ सुलगने लगते हैं दगाबाज़ी के बाज़ार में कीमत नहीं बदलती इंसानियत के सिक्के यहाँ चलने लगते हैं -Moeen
Vah Jin shahron se gujarne lagte Hain
Gulshan Aman ke vaha sulagne lagte Hain
Dagabaji ke bajar mein kimat nahin badalti
Insaniyat ke sikke ya chalne lagte Hain
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Insaniyat Shayari in Hindi
11) छोटे जमीन के टुकड़ों में जैसे बट रहा है संसार.. एक दूसरे इंसानों के बीच मिट रहा है प्यार.. -Santosh
chhote zameen ke tukdon mein
jaise bat raha hai sansar..
ek dusre insano ke
bich mit raha hai pyar..
12) लाल रंग का खून सभी में भरा हैं हरा-भरा खेत हर किसान का होता हैं.. प्रकृति सिखाती हैं हमें इंसानियत फिर भी इंसान रंगों से बट जाता हैं.. -Vrushali
lal rang ka khoon sabhi mein bhara hai
hara bhara khet har kisan ka hota hai..
prakriti sikhati hai hamen insaaniyat
fir bhi insan rangon se bant jata hai..
13) याद रखो इंसान का जन्म होता है एक बार.. मगर हर कहीं दिखता नहीं इंसानों में प्यार.. -Sapna
yad rakho insan ka
janm hota hai ek bar..
magar har kahin dikhta
nahin insanon mein pyar..
14) चाहे गरीब हो या अमीर रखें एक दूसरे का सम्मान.. अगर हम इंसान हैं तो यही हैं इंसानियत की पहचान.. -Sagar
chahe garib ho ya amir
rakhe ek dusre ka samman..
agar ham insan hai to
yahi hai insaaniyat ki pahchan..
15) ये तो इंसान के सच्चाई और इंसानियत का माजरा है दोस्तों.. कोई 'पैसों के लिए' जीता है तो कोई 'पैसों में' जीता है..! -Anamika
ye to insan ke sacchai aur
insaniyat ka majra hai doston..
koi ‘paison ke liye’ jita hai
to koi ‘paison mein’ jita hai..!
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16) पत्थरों को कौन सिखाए इंसानियत वो तो जिसे मारो उसे ज़ख्म देते हैं.. वो तो हम इंसान हैं सबसे अलग जो अच्छे और बुरे का फर्क समझते हैं.. -Vrushali
pattharon ko kaun sikhaye insaniyat
vo to jise maro use jakhm dete hain..
vo to ham insan hai sabse alag
jo acche aur bure ka fark samajhte hain..
17) इंसानियत को अपने दिल में रखो दोस्तों.. यूं ही हैसियत किसी की नहीं देखी जाती.. -Sapna
insaaniyat ko apne dil mein rakho doston..
yun hi haisiyat kisi ki nahin dekhi jaati..
18) हर इंसान का एक ही मकसद होना चाहिए.. चाहे कुछ भी हो लेकिन दिल में इंसानियत होनी चाहिए.. -Sagar
har insan ka ek hi
maqsad hona chahiye..
chahe kuch bhi ho lekin
dil mein insaaniyat honi chahiye..
19) इंसानियत तो खून देते वक्त ही है दिखाई देती .. जहां किसी से, किसी को "जाति" नहीं पूछी जाती..! -Santosh
insaniyat to khoon dete
waqt hi hai dikhai deti..
jahan kisi se, kisi ko
“jaati” nahin poochhi jaati..!
20) बेजान वस्तुओं से भी प्यार कर सके ऐसी काबिलियत रखते हैं हम इंसान.. इंसानियत से रहते हैं हम मिल-जुलकर इंसान बनना होता नहीं इतना आसान.. -Vrushali
bejan vastuon se bhi pyar kar sake
aisi kabiliyat rakhte hain ham insan..
insaniyat se rahte hain ham miljul kar
insan banna hota nahin itna aasan..
21) अज़ल* से इंसानियत हैं मज़हब ज़माने का सारा जहाँ हैं शैदाई* इस तराने का इंसानियत का गीत हर साज़ पर गाते रहो कोई वक्त नहीं ख़ास इसे गुनगुनाने का *अज़ल : जब से दुनिया वजूद में आई *शैदाई : चाहने वाला -Moeen
Ajal se Insaniyat hi Majahab jamane ka
Sara Jahan hai Shaidai is tarane ka
Insaniyat ka geet har saj par gate Hain
Koi waqt nahin khaas ise gungunane ka
Insaniyat Shayari की मदत से आप समझोगे की, जब से दुनिया का निर्माण हुआ है तब से इंसान में इंसानियत को धर्म माना है. पूरी दुनिया इंसानियत को ही चाहती है. हर समय इंसानियत के रास्ते पर ही चलो.
इंसानियत को आजमाने का कोई खास समय नहीं है. हर दौर में इंसान में इंसानियत होना ही जरूरी है. इंसान को जिंदा रहने के लिए मन में इंसानियत रखना बहुत जरूरी है. बिना इंसानियत के इस दुनिया में लोग जिंदा नहीं रह सकते.
Humanity Status in Hindi
20) बिछडोगे कभी जब अपनों से तुम भी.. इंसानियत का महत्व समझोगे तुम भी.. -Anamika
bichhdoge kabhi jab apno se tum bhi..
insaniyat ka mahatva samjhoge tum bhi..
21) अपने ही लोगों में भेदभाव करके हम देश का नुकसान करते हैं.. वीर जवान एक साथ लड़ते हैं तभी देश की सुरक्षा कर पाते हैं.. -Sagar
apne hi logon mein bhedbhav karke
ham desh ka nuksan karte hain..
veer jawan ek sath ladte hain
tabhi desh ki suraksha kar paate hain..
22) ना दौलत काम आती, ना शोहरत काम आती.. जिंदगी में हमेशा महत्वपूर्ण इंसानियत ही है होती.. -Santosh
na daulat kaam aati,
na shohrat kaam aati..
jindagi mein hamesha mahatvpurn
insaaniyat hi hai hoti..
23) जिन्होंने भी धर्म से आगे अपने देश को रखा है.. उन्होंने ही इंसानियत का सही मतलब सीखा हैं.. -Sagar
jinhone bhi dharm se aage
apne desh ko rakha hai..
unhone hi insaniyat ka
sahi matlab sikha hai..
24) पूछा मैंने डाकिए से जब इंसानियत का घर कहां गया.. सबका पता जानने वाला, खुद सोच में पड़ गया..! -Sapna
poochha maine dakiye se jab
insaaniyat ka ghar kahan gaya..
sabka pata jaanne wala,
khud soch mein pad gaya..!
25) तभी टूटने शुरू होते हैं इंसानियत के सपने.. मां बाप बच्चों को बोलते अरे बेटा, वो नहीं हैं अपने.. -Sagar
tabhi tutne shuru hote hain
insaaniyat ke sapne..
maa baap bachho ko bolate
are beta, vo nahin hai apne..
26) जगह इंसान के दिल में बनानी पड़ती.. इंसानियत कहीं बाजार में नहीं बिकती.. -Anamika
jagah insan ke dil mein banani padati..
insaaniyat kahin bajar mein nahin bikati..
27) इंसानियत पर लिखने की नहीं होगी इतनी जरूरत.. जब बच्चों के संस्कार में होगी विचार, स्वतंत्रता की अहमियत.. -Sagar
insaaniyat per likhane ki
nahin hogi itni jarurat..
jab bacchon ke sanskar mein hogi
vichar, swatantrata ki ahmiyat..
28) गिरता हुआ देखा है मैंने इंसानियत का सर.. कोई कहां करता है, भरोसा जल्दी किसी पर.. -Santosh
girta hua dekha hai
maine insaaniyat ka sar..
koi kahan karta hai,
bharosa jaldi kisi par..
29) एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाने में लगे हैं.. लेकिन बाकी मुल्क महासत्ता होने में लगे हैं.. -Sagar
ek dusre ke dharm ko
nicha dikhane mein lage hain..
lekin baki mulk
mahasatta hone mein lage hain..
30) इंसानियत के गीत दुनिया को सुनाते रहे अजीब लोग थे ज़माने के काम आते रहे जिस ने भुला दी मेरी सूरत तक उम्र भर उस से अहदे वफ़ा* निभाते रहे *अहदे वफ़ा : वफ़ा का वादा -Mooen
Insaniyat ke Geet duniya Ko sunate rahe
Ajeeb log the jamane ke kaam aate rahe
Jisne bhula di meri Surat Tak
Umra bhar usse aahde Wafa nibhate rahe
जो लोग सारी दुनिया को इंसानियत सिखा गए वह लोग बहुत ही महान थे. पूरे जमाने में उन्होंने अपनी एक गरिमा बनाई. जिस कारण लोगों ने उन्हें सराहा, याद रखना चाहा.
Insaniyat Shayari में कुछ इस प्रकार से बताया गया है की, किसी ने उनकी सूरत देखना पसंद नहीं किया लेकिन फिर भी उन लोगों ने उनके लिए उम्र भर किया हुआ वादा निभाया. उन्होंने कभी अच्छे काम करना नहीं छोड़ा. वह इंसानियत के लिए जीते रहे और इंसानियत के लिए ही मरे.
Insaniyat ki Shayari for you
31) कुछ इस कदर इंसानियत भूलने का दौर चल रहा है.. मकान जले किसी का तो कहते, मेरा कहां जल रहा है..! -Sapna
kuch is kadar insaaniyat
bhulane ka daur chal raha hai..
makan jale kisi ka to
kahate, mera kahan jal raha hai..!
32) कोई भी इंसान जाति से बड़ा या छोटा नहीं होता.. जब भी इंसानियत के चश्मे से उसे देखा जाता.. -Sagar
koi bhi insan jaati se
bada ya chhota nahin hota..
jab bhi insaaniyat ke
chashme se use dekha jata..
33) किसी दिन देखा मैंने रास्ते पर बैठा एक गरीब, भूखा इंसान.. इंसानियत से की उसकी मदद, भूल गया हिंदू या मुसलमान..! -Anamika
kisi din dekha maine raste per
baitha ek garib, bhukha insan..
insaniyat se ki uski madad,
bhul gaya hindu ya musalman..!
34) कभी रंग रूप से तो कभी पेहराव के रखरखाव से.. हम इंसानों को बांटते हैं इंसानियत के अभाव से.. -Sagar
kabhi rang roop se to kabhi
pehraav ke rakhrakhaav se..
ham insanon ko baantate hain
insaaniyat ke abhav se..
35) किसी गरीब की मदद करके देखना.. इंसानियत को आजमा कर देखना.. -Santosh
kisi garib ki madad karke dekhna..
insaniyat ko aazma kar dekhna..
36) शांति और अमन से ही हम सुकून से जी सकते हैं.. वरना इंसानियत के दुश्मन दंगे फसाद चलाते रहते हैं.. -Sagar
shanti aur aman se hi
ham sukun se ji sakte hain..
varna insaaniyat ke dushman
dange fasad chalate rahte hain..
37) इंसानियत के नाते मदद कीजिए किसी को.. महसूस कीजिए सच्चे दिल से खुशी को.. -Sapna
insaniyat ki naate madad kijiye kisi ko..
mahsus kijiye sacche dil se khushi ko..
38) सच ही कहते हैं यहाँ पर लोग बातें पुरानी.. इंसानियत दिखती थी हर किसी की जुबानी.. -Anamika
sach hi kahate hain yahan
par log baaten purani..
insaniyat dikhati thi
har kisi ki jubani..
39) कई बार गलतियों से ही इंसानियत सीखता है.. जरूरतों के अनुसार इंसान भी तो बदलता है.. -Santosh
kai bar galtiyon se hi insaaniyat sikhta hai..
jaruraton ke anusar insan bhi to badalta hai..
40) बेजुबान होते हैं मगर दिल के सच्चे होते हैं.. बच्चे ही होते है जो दिल में हमेशा इंसानियत रखते है.. -Sapna
bezubaan hote hain magar
dil ke sacche hote hain..
bacche hi hote hain jo dil mein
hamesha insaniyat rakhte hain..
41) इंसानियत की राह पर तुम्हें चलना होगा ठोकरें खा कर भी तुम्हें संभलना होगा मैं से आगे नहीं बढ़ती अब सोचे ज़माने का तानाबाना तुम्हें बदलना होगा -Moeen
Insaniyat ki raah per tumhen chalna hoga
Thokre kha kar bhi tumhen sambhalna hoga
Main se aage nahin badhati ab soche
Jamane ka tana Bana tumhen badalna hoga
Insaniyat Shayari को पढ़कर आपको महसूस होगा की, दोस्तों आज के इस बुरे दौर में हमें इंसानियत के रास्ते पर चलना है. राह में हमें कितनी ही ठोकरे क्यों ना मिले फिर भी हमें अपनी राह से नहीं भटकना है. जमाना हमें कितनी ही अच्छी बुरी बातें क्यों न सीखा है लेकिन हमें जमाने को बदलना है. और उसे इंसानियत की राह दिखानी है.
42) ठोकरें खा कर संभल जाता तो अच्छा था वो उम्र भर साथ निभाता तो अच्छा था मदद करते हुए कुछ तसवीरें ली उस ने इंसानियत के दीप ना बुझाता तो अच्छा था -Moeen
Thokre kha kar Sambhal jata to achcha tha
Vah umra bhar sath nibhata to achcha tha
Madad karte hue kuchh tasviren li usne
Insaniyat ke Deep na bujhata to achcha tha
दोस्तों आजकल लोग एक दूसरे की मदद तो कर रहे हैं, लेकिन दिखावे के लिए कर रहे हैं. जब भी वह मदद करने जाते हैं तो कैमरा साथ लेकर जाते हैं. जिस किसी जरूरतमंद इंसान की वह मदद करते हैं उनके साथ फोटो खींचकर सबको दिखाते हैं.
43) देखो आज ये ज़माना कितना बदल गया कयामत की रफ़्तार से वक्त निकल गया बाज़ार गर्म हैं इन दिनों नफरतों का इंसानियत के नाम से हर कोई दहल गया -Moeen
Dekho Aaj ye jamana Kitna Badal Gaya
Kayamat ki raftar se waqt Nikal Gaya
Bajar garam hai in Dinon nafraton ka
Insaniyat ke naam se har koi Dahal Gaya
दोस्तों आज सभी लोग अपने घर में बंद है. वक्त तेजी से बीत रहा है. लोगों के दिल में सरकार के लिए, संकट में साथ ना देने वाले लोगों के लिए नफरत भरी हुई है. इंसानियत के नाम से ही लोग जैसे डर गए इंसानियत के नाम पर अब कोई भी इंसानियत नहीं दिखाता.
सब लोग खुद को बचाने में लगे हुए हैं. किसी को भी किसी दूसरों के लिए इंसानियत दिखाने का मन नहीं हो रहा है. ऐसे में इंसानियत खत्म होती दिखाई दे रही है.
44) छाई हैं अब मातम की काली राते खुशीयाँ हुई अब बीते कल की बाते इंसानों को अब सिक्कों में तोला जाता हैं ज़माने को दो तुम इंसानियत की सौगाते -Moeen
Chai hai ab Matam ki Kali raten
Khushiyan Hui ab beete kal ki baten
Insanon ko ab sikho mein tola jata hai
Jamane Ko do Tum insaaniyat ki sogate
आज के वक्त में हमारी खुशियां कहीं चली गई है. हर जगह भय का वातावरण है. लोग दुखी है. ऐसा लग रहा है खुशियां हमारे बीते कल की बातें हैं. जो आज हमारे साथ नहीं है. ऐसा लग रहा है कई दिनों से हम खुलकर मुस्कुराए भी नहीं. इंसानों की मौत पर इंसान ही पैसों को नापतोल रहा है. लेकिन ऐसे हालातों में भी हमें इंसानियत के साथ रहना है. इस जमाने को भी हमें इंसानियत की सौगात ही देनी है.
45) एक दिन ज़माना भी तानाबाना बदलेगा दुनिया का एक दिन अंदाज़ पुराना बदलेगा इंसानियत का चोला ओढ़ कर तो देखो मतलब का दरिया भी अपना मोहाना बदलेगा -Moeen
Ek din jamana bhi tana Bana badlega
Duniya ka ek din Andaaz Purana badlega
Insaniyat ka chola odh kar to dekho
Matlab ka dariya bhi apna mohana badlega
इस प्रकार से वह अपनी इंसानियत को खत्म होते हुए सबको दिखाते हैं. खुद को अच्छा साबित करने के प्रयास में वह खुद को बुरा बनाते हैं.इंसानियत के नाते अगर इंसान इंसान की मदद करता है तो उसे फोटो के जरिए लोगों को बताने की जरूरत नहीं है.
Insaniyat par likhe gye sher o shayari
46) बड़ी सादगी से वो लोग रहते थे इंसानियत को बड़ा मज़हब कहते थे अपनी नींदें और चैन लुटाते रहे वो दूसरों की खातीर कितना कुछ सहते थे -Moeen
Badi sadadi se vah log rahte the
Insaniyat ko bada majahab kahate the
Apni neende aur chain Lutate rahe vo
Dusron ki khatir Kitna kuchh kahate the
एक समय था जब लोग सादगी से रहते थे. एक दूसरे की मदद करते थे. अपनी हर खुशियां दूसरों के साथ सांझा करते थे. दूसरों के दुख को अपना मानते थे. दूसरों की परेशानियां दूर करने के लिए अपना सुकून खो देते थे. एक दूसरे पर जान न्योछावर करते थे. Insaniyat Shayari यही बात आपको इस शायरी की मदत से समझने में आसानी होगी
47) इंसानियत बात हैं कोई बीते ज़माने की मुझे तारीख* याद हैं इस फ़साने की वादा कर के फिर दिल तोड़ जाना अच्छी अदा थी तेरी दिल दुखाने की *तारीख : history -Moeen
Insaniyat baat hai koi beete jamane ki
Mujhe tarikh yad hai is fasane ki
Vada karke fir Dil Tod Jana
Acchi ada thi Teri Dil dukha ne ki
आज की घड़ी में इंसानियत बीते जमाने की बात हो गई है. आजकल इंसानों में इंसानियत की कमी हो गई है. हर जगह हमें इंसानों में छिपे शैतान नजर आते हैं. जो कुछ बचे हुए इंसान है जिन में इंसानियत बाकी है वह बड़ी मुश्किल से मिलते हैं. अक्सर हमें ऐसे ही लोग मिलते हैं जो हमें दुख देते हैं.
48) इंसान को बस अपनी खुद्दारी खोना आता है.. इंसानियत की कमी देख कर रोना आता है.. -Anamika
insan ko bus apni khuddari khona aata hai..
insaniyat ki kami dekhkar rona aata hai..
49) नसीब और हकीकत में फर्क होता है यहां हर किसी के.. इंसानियत ही सच्चा धर्म है कब आएगा समझ इंसान के.. -Santosh
naseeb aur hakikat mein fark
hota hai yahan har kisi ke..
insaaniyat hi saccha dharm hai
kab aayega samajh insan ke..
50) जिंदगी में बनना हमें कर्म का पालक है.. मानवता धर्म के ही हम अनुशासक है.. -Sapna
jindagi mein banna hamen karm ka palak hai..
manavta dharm ke hi ham anushasak hai..
51) हर किसी के मन में हमेशा बनानी अच्छी छवि होती है.. बुरे वक्त में साथ देना ही तो सच्ची इंसानियत कहलाती है.. -Anamika
har kisi ke man mein hamesha
banani acchi chhavi hoti hai..
bure waqt mein sath dena hi to
sacchi insaaniyat kahlati hai..
52) खुद होकर मन के अंदर नई सोच है जगाई जाती.. इंसानियत हर किसी के दिल में नहीं बसाई जाती.. -Sapna
khud hokar man ke andar
nai soch hai jagai jaati..
insaaniyat har kisi ke
dil mein nahin basai jaati..
Insaniyat Shayari Image 3
इन प्रेरणादाई इंसानियत शायरी को Vrushali Suvarna Dnyandev इनकी आवाज में सुनकर खुद को और इंस्पिरेशन देना चाहोगे!!
सिर्फ सपनों से जीवन में
दुख की बढ़ोतरी होती है..
इंसान की सच्ची मेहनत में ही
छिपी इंसानियत होती है..
sirf sapno se jivan mein
dukh ki badhotari hoti hai..
insan ki sacchi mehnat me hi
chupi insaaniyat hoti hai..
मन की ईर्ष्या हमें
कामयाबी से दूर रखती है..
आखिर इंसानियत ही
इंसान को जिंदा रखती है..
man ki irshya hamen
kamyabi se dur rakhti hai..
aakhir insaniyat hi
insan ko jinda rakhti hai..
मेहनत के प्रति मन में अपने
श्रद्धा हमेशा बनाए रखना..
जिंदगी में बस इंसानियत को ही
अपना उसूल बनाए रखना..
mehnat ke prati man mein apne
shradha hamesha banaye rakhna..
zindagi mein bas insaaniyat ko hi
apna usool banaye rakhna..
औरों के काम बिगाड़ने वाले
दुनिया में कई शिकारी होते हैं..
जो करते हैं मेहनत पर विश्वास
वही इंसानियत के पुजारी होते हैं..
auron ke kam bigadne wale
duniya kai shikari hote hain..
jo karte hain mehnat per vishwas
wahi insaaniyat ke pujari hote hain..
इंसान ही आता है काम इंसान के,
मददगार कोई फरिश्ता नहीं होता..
यह सच्चाई जान ले ऐ दोस्त, इंसानियत
से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता..
insan hi aata hai kam insan ke,
madadgar koi farishta nahin hota..
yah sacchai jaan leti ae dost, insaniyat
se bada koi rishta nahin hota..
मेहनत पर भरोसा रखो खुद की,
बात हमेशा तुम सच्ची कुबूल जाओ..
लेकिन इतनी ऊंचाई पर भी ना जाना
यारों, के इंसानियत भी भूल जाओ..
mehnat per hamesha bharosa rakho khud ki
baat hamesha tum sacchi qubool jao..
lekin itni unchai per bhi na jana
yaaron, ke insaaniyat bhi bhul jao..
हो अगर जिम्मे पर अपने उस
कर्ज को जरूर जुदा करना..
जिंदगी में अपने इंसानियत
का फर्ज जरूर अदा करना..
ho agar jimme par apne us
karj ko jarur juda karna..
zindagi mein apne insaaniyat
ka farz jarur ada karna..
चाहे जिंदगी में सफलता ना मिले,
अच्छाई का ही मकसद निभाना..
हो कितनी भी दुनिया बुरी, तुम इंसानियत
को ही अपना मजहब बनाना..
chahe zindagi me safalta na mile,
achchai ka hi maqsad nibhaanaa..
ho kitni bhi duniya buri, tum insaniyat
ko hi apna majhab banana..
नफरतें दिलों में रचाए बैठे हैं
चमन में आग लगाए बैठे हैं..
इंसानियत को ढूंढों कहाँ खो गई
इंसान इसे शायद भुलाए बैठे हैं..
nafraten dilon mein rachaye baithe hai
chaman mein aag lagaye baithe hain..
insaniyat ko dhundho kahan kho gai
insaan ise shayad bhulaye baithe hain..
ठहरों ज़रा अभी इंसानियत ज़िंदा हैं
जल्दी ना करों इलज़ाम लगाने की..
मतलब के सीने से निकलेगी रौशनी
उम्मीद हैं नया पैगाम आने की..
jara abhi insaniyat zinda hai hai
jaldi na karo ilzaam lagane ki..
matlab ke seene se niklegi roshani
ummid hai naya paigam aane ki..
एक दूसरे की मदद ही हमें
सफलता की ओर ले जाती..आखिर इंसानियत ही इंसान के
-Santosh
हर वक्त काम है आती..
ek dusre ki madat hi hume
safalta ki or le jaati hai..
aakhir insaniyat hi insan ke
har waqt kaam hai aati
यह मोटिवेशनल इंसानियत शायरियां Dr. Rupeshkumar इनकी आवाज में सुनकर आपका दिल इंसानियत से भर जाएगा!
अलग-अलग रास्तों पर चलकर
-Santosh
कहां किसे मंजिल मिल पाती..
मिलकर सफलता की ओर जाने की
होड़ ही इंसानियत है कहलाती..
alag alag raasto par chalkar
kahan kise manzil mil paati
milkar safalta ki or jane ki
hod hi insaniyat hai kahlati
कब तक फिज़ाएं गमगीन गीत गाए
इंसानियत की भी कोई रीत निभाए
छोड़ो मतलब जोड़ो रिश्ता जज़बात का
अब भला क्या नगमा-ए-प्रीत सुनाए[*नगमा-ए-प्रीत – माशूक के गीत]
-Moeen
kab tak fizaye gamgin git gaaye
insaniyat ki bhi koi rit nibhaye
choro matlab jodo rishta jazbat ka
ab bhala kya nagma-e-parit sunaye
सबका भला हो हमेशा
-Santosh
ऐसा ही कर्म होना चाहिए..
बस एक इंसानियत ही
मानव का धर्म होना चाहिए..
sabka bhala ho humesha
aisa hi karm hona chahiye
bas ek insaniyat hi
manav ka dharm hona chahiye
धूप में पेड़ के पत्ते
भले ही पीले पड़ जाए
उनकी पहचान हरेपन से होती है..
वैसे ही बुरे वक्त में इंसान का
बर्ताव जैसा भी हो उसकी पहचान
इंसानियत से होती है..
dhup mein ped ke patte
bhale he peele pad jaaye
unki pahchan
harepan se hi hoti hai..
vaise hi bure waqt mein
insan ka bartav jaisa bhi
ho uski pahchan
insaniyat se hi hoti hai…
फूल की पहचान उसकी
खुशबू से होती है
आसमान की पहचान
उसके नीलेपन से..
नदी की पहचान जल से होती है
वैसे ही इंसान की पहचान इंसानियत से..
phool ki pahchan uski
khushboo se hoti hai
aasman ki pahchan
uski neele panse..
nadi ki pahchan jal se hoti hai
vaise hi insan ki
pahchan insaniyat se…
ना रंग से कोई ना ही नाम से
कोई ना धर्म से कोई..
इंसानियत ही इंसान के
हर समय में काम आयी..
na rang se koi na
hi naam se koi..
na dharm se koi..
insaniyat hi insan ke
har samay me kaam aayi…
Conclusion
हम इंसानियत का साथ देंगे तो 1 दिन यह जमाना जरूर बदलेगा. हर तरफ हमें इंसान में इंसानियत दिखाई देगी. बस एक बार हमें इंसानियत को अपने अंदर जगाना होगा. फिर देखना दुनिया में हमें मतलबी लोग कम नजर आएंगे. हमारे जैसे कई लोग हमारे आस पास होंगे. हमें बस अपनी इंसानियत का रंग पूरी दुनिया में बिखेरना होगा. फिर पूरी दुनिया इंसानियत के रंग में रंग जाएगी.
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Very beautiful Vrushali ma’am and so apt recording for today’s scenario the way you record and ur script writing it’s so on point 👍🏻👌🏻👌🏻
Nice Recording…
Amazing Voice….
Bahut hi shandaar…
Fascinating voice ma’am 💕💕💕👌👌and u presenting the truth of life with your truly amazing shayari💕💕👍
Wah! wah !!
Badhiya Shayari.. dil ko chhu jane wali script.. aur apki awaj.. kya baat hai!!
char chand laga diye aapne insaniyat se bhare in shayariyome!!
Mahoul bana diya aap ne Vrushali ma’am..
Best wishes!
Kalyani
Sweet voice 💓 sukun se bhari awaaz mazaa aa gaya👍bahut acha Likha hein so deep
Corona time mein black marketing ke baare me sun ke wakai lagta hai insaaniyat kahi vilupt ho gyi hai..
Aese samay mein ispe charcha krke aap wakai bahuto ko inspire karengi👌kafi achhe se pesh kia aapne ma’am🙏🙂
व्वाह….!!! बहोत बढिया पेशकष वृषाली मॅम
👌👌👌👌💐💐
Very Amazing Vrushali jee…U have very clear voice nd that to beautiful also👌👌👌
Regards,
Sameera urf Manpreet
A perfect presentation full of mtovation towards humanity…👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻