insaniyat shayari : जब भी हम insaniyat की बात करते हैं, तो हमारे ज़हन में बहुत ही सम्मानजनक बात आ जाती है. हममें एक बहुत ही अच्छा भाव निर्माण होता है, जो हमें सभी लोगों को एक ही नजरिए से देखने के लिए प्रेरित करता है. क्योंकि insaniyat का अर्थ ही मानवता, इंसान के मन की उदारता होता है.
अगर सरल शब्दों में कहां जाएं, तो इंसानियत मतलब इंसान ने इंसान से किया हुआ शांतता एवं सौहार्दपूर्ण व्यवहार. हम रोजमर्रा की जिंदगी में देखते हैं, कि इंसान अपने ही कामों में पूर्ण तया व्यस्त हो चुका है. उसे किसी दूसरे की जिंदगी से ज्यादा कुछ लेना देना नहीं होता. वह बस किसी से भी अपना काम निकलवाने के लिए ज्यादातर कोशिश करता रहता है.
एक दूसरे की मदद ही हमें
सफलता की ओर ले जाती..आखिर इंसानियत ही इंसान के
-Santosh
हर वक्त काम है आती..
ek dusre ki madat hi hume
safalta ki or le jaati hai..
aakhir insaniyat hi insan ke
har waqt kaam hai aati
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यह मोटिवेशनल इंसानियत शायरियां Dr. Rupeshkumar इनकी आवाज में सुनकर आपका दिल इंसानियत से भर जाएगा!
और इसी कोशिश के दौरान वह कभी-कभी अपनी insaniyat भी भूल जाता है. वास्तव में हमें अपनी इंसानियत का हमेशा ज्ञान होना चाहिए. जब भी हम किसी से कोई बात तहे दिल से कहते हैं या फिर करते हैं, तभी उस बात में हमारी insaniyat साफ साफ झलकती है.
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और जब भी हम किसी इंसान के साथ इंसानियत से भरी बात करते हैं, तो ही सामने वाले का दिल हम जीत पाते हैं. यही हमारे सच्चे इंसान होने का सबूत होता है. और यह सबूत हमें हर रोज की जिंदगी में हर किसी को या तो देना चाहिए, या फिर किसी से सीखना चाहिए. तभी हम नेक दिल इंसान कहला सकते हैं.
इंसानियत की कुछ अच्छी बातें : खुद की जिंदगी दूसरों के लिए समर्पित करना ही इंसानियत (insaniyat) है..
जब भी आप किसी व्यक्ति का कोई काम निस्वार्थ भाव से करते हो, तो उस काम को इंसानियत से भरा काम कह सकते हैं. क्योंकि जब आदमी किसी चीज की इच्छा से या किसी वस्तु की लालसा से कोई काम करता है, या फिर कोई काम करवा लेता है, तो उसमें उसका स्वार्थ ही तो छलकता है.
दोस्तों, हमेशा एक बात हमें याद रखनी चाहिए, की स्वार्थ और इंसानियत यह दोनों चीजें कभी साथ नहीं चल सकती. इस बारे में उदाहरण के तौर पर आपने अक्सर सुना होगा कि पेड़ के पत्ते जब भी पीले पड़ जाते हैं, तो हम यह नहीं कहते कि वह पेड़ पीला हो चुका है. या फिर हम ऐसा हरगिज नहीं कह सकते कि यह पेड़ अब कभी भी हरा नहीं होगा. क्योंकि धूप के मौसम में अक्सर पेड़ के पत्ते खुद टूट कर गिर जाते हैं.
अलग-अलग रास्तों पर चलकर
-Santosh
कहां किसे मंजिल मिल पाती..
मिलकर सफलता की ओर जाने की
होड़ ही इंसानियत है कहलाती..
alag alag raasto par chalkar
kahan kise manzil mil paati
milkar safalta ki or jane ki
hod hi insaniyat hai kahlati
ताकि गर्मी के मौसम में पेड़ में जो भी बचा हुआ अन्न होगा, उस पर पेड़ अपनी भूख मिटा कर धूप काल में खुद का बचाव कर सकें. सरल शब्दों में कहा जाए तो पेड़ के पत्ते खुद की कुर्बानी देकर पेड़ को जिंदा रखते हैं. इसी तरह से इंसान को भी समाज के लिए कुछ अच्छा कर गुजरने की कोशिश करनी चाहिए. खुद का जीवन बाकी लोगों के अच्छे भविष्य के लिए न्योछावर करना चाहिए. तो ही हम कह सकते हैं कि उस आदमी ने इंसानियत से काम किया है. समाज भी ऐसे ही इंसानों का ही नाम लेता है. दुनिया में ऐसे इंसानों का ही नाम रोशन होता है.
कभी किसी का बुरा ना सोचना, बुरा ना करना ही इंसानियत (insaniyat) होती हो..
किसी भी काम में या फिर कोई वस्तु मिलाने में अगर एक से ज्यादा इंसानों का समय और श्रम लग रहा हो, तो उन सभी को एक जैसी सहूलियत मिलना ही इंसानियत कहलाती है. अर्थात अगर इसमें स्वार्थ भी हो, तो वह उन सभी लोगों के भले के लिए ही होना चाहिए.
तभी हम कह सकते हैं कि उन सभी लोगों ने इंसानियत से काम किया है. जब भी हम कोई इंसानियत से भरी बात करें, तो उसमें हमेशा दूसरों का भला सोचने वाली या दूसरों के साथ खुद का भला करने वाली ही बात होनी चाहिए. क्योंकि हम जानते हैं कि जब भी किसी इंसान की हमें पहचान करनी होती है, तो वह अक्सर अच्छे वक्त से ज्यादा बुरे वक्त में सटीक तरीके से हो सकती है.
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कब तक फिज़ाएं गमगीन गीत गाए
इंसानियत की भी कोई रीत निभाए
छोड़ो मतलब जोड़ो रिश्ता जज़बात का
अब भला क्या नगमा-ए-प्रीत सुनाए[*नगमा-ए-प्रीत – माशूक के गीत]
-Moeen
kab tak fizaye gamgin git gaaye
insaniyat ki bhi koi rit nibhaye
choro matlab jodo rishta jazbat ka
ab bhala kya nagma-e-parit sunaye
कभी-कभी तो हम ऐसे कई उदाहरण देखते हैं कि इंसान अपने स्वार्थ के लिए किसी भी निचले स्तर पर भी उतर जाता है. और कोई निंदनीय काम कर बैठता है. यह बात अक्सर उसे पछतावे के सिवा और कुछ नहीं देती. आपने अक्सर देखा होगा की कोई भी चीज अपने गुणों के कारण पहचानी जाती है. उसकी विशेषता ही उस का नाम बड़ा होने का कारण बनती है.
उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो हम कह सकते हैं, कि पेड़ पर खिले हुए फूल की विशेषता उसकी सुगंध से उसकी महकती हुई खुशबू से होती है. अंबर से भी ऊंचे आसमान की सुंदरता उसके चमकते हुए नीले रंग में होती है. जैसे नदी की सुंदरता और विशेषता उसकी बहती हुई जलधारा में होती है. ठीक उसी प्रकार अच्छे इंसान की विशेषता उसकी इंसानियत में ही होती है. उसकी इंसानियत में ही उसके मन की सुंदरता दिखाई देती है.
हमेशा एक दूसरे के काम आना ही इंसानियत होती है..
आपने जब भी किसी इंसान को अच्छा कर्म करते हो देखा है, तो आपने उसका नाम बड़ी अदब से लिया है. क्योंकि उसके अच्छे कर्मों में ही उसकी इंसानियत छिपी हुई होती है. वह इंसान खुद से पहले दूसरों के बारे में सोच विचार करता है.
ऐसे इंसानों की यही खासियत होती है, कि वो दूसरे इंसानों को किसी भी तरह की मदद करते हुए, किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करते. ना वो किसी इंसान की अमीरी गरीबी को देखते है, और ना ही धर्म की ऊंच-नीच को देखते है. ना कभी वो स्त्री-पुरुष जाति को देखते है और ना ही किसी को रंग से टोकते है.
सबका भला हो हमेशा
-Santosh
ऐसा ही कर्म होना चाहिए..
बस एक इंसानियत ही
मानव का धर्म होना चाहिए..
sabka bhala ho humesha
aisa hi karm hona chahiye
bas ek insaniyat hi
manav ka dharm hona chahiye
ऐसे इंसानों का ओहदा ही कुछ अलग होता है. वह अक्सर अपने जीवन में हर काम में सफलता ही पाते हैं. उनकी इंसानियत ही उनकी अच्छे कर्मों का बल होती है. उनकी इंसानियत भरी बर्ताव के सामने दुनिया की कितनी भी बड़ी धन दौलत समेट कर डाल दो, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. उनकी इंसानियत का कोई मोल नहीं होता.
दोस्तों, हमें आशा है हमारी motivational इंसानियत की कुछ अच्छी बातें shayariya सुनकर आपकी भी दिल में इंसानियत फिर से एक बार जाग गई होगी. और आप भी समाज के लिए कुछ अच्छा काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे!
insaniyat par shayari in hindi urdu : इंसानियत की कुछ अच्छी बातें
धूप में पेड़ के पत्ते
भले ही पीले पड़ जाए
उनकी पहचान हरेपन से होती है..
वैसे ही बुरे वक्त में इंसान का
बर्ताव जैसा भी हो उसकी पहचान
इंसानियत से होती है..
dhup mein ped ke patte
bhale he peele pad jaaye
unki pahchan
harepan se hi hoti hai..
vaise hi bure waqt mein
insan ka bartav jaisa bhi
ho uski pahchan
insaniyat se hi hoti hai…
insaniyat shayari status | whatsapp shayari status
फूल की पहचान उसकी
खुशबू से होती है
आसमान की पहचान
उसके नीलेपन से..
नदी की पहचान जल से होती है
वैसे ही इंसान की पहचान इंसानियत से..
phool ki pahchan uski
khushboo se hoti hai
aasman ki pahchan
uski neele panse..
nadi ki pahchan jal se hoti hai
vaise hi insan ki
pahchan insaniyat se…
insaniyat par shayari in english hindi | shayari on humanity
ना रंग से कोई ना ही नाम से
कोई ना धर्म से कोई..
इंसानियत ही इंसान के
हर समय में काम आयी..
na rang se koi na
hi naam se koi..
na dharm se koi..
insaniyat hi insan ke
har samay me kaam aayi…
इन प्रेरणादायक इंसानियत की कुछ अच्छी बातें शायरियों की मदद से अगर आप भी अपने अंदर insaniyat को झांक कर देख सको, तो नीचे comment box में comment करते हुए हमें जरूर बताएं.
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वाह रूपेशकुमार जी, सचमें आपकी शायरियां सुनकर दिल को सुकून मिलता है..