Mirza Ghalib Shayari Urdu -4: Emotional Thoughts

Mirza Ghalib Shayari Urdu : दोस्तों, मिर्जा गालिब साहब की शायरियां हर एक प्यार करने वालों के जज्बात ही बताती है. क्योंकि उनकी लिखावट हर आशिक के दिल के हालात ही बताती है. इसी वजह से पूरी दुनिया ही मिर्जा गालिब साहब के शायरियों की दीवानी है.

उनके लिखे Emotional Thoughts हर साधारण व्यक्ति को भी अपने दिल का हाल बताते है. इसी वजह से वे पढ़ते ही जैसे दिल में उतर जाते है. और हर एक दीवाना दिल उनके इस कार्य के लिए उन का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता है. आज भी कई सारे आशिक अपनी महबूबा को रिझाने के लिए गालिब साहब की शायरियों का आसरा लेते हैं.

हम भी आपके लिए दिल में उतर जाने वाली Mirza Ghalib Shayari Urdu लेकर आए हैं. और Shayari Sukun के मंच पर उनकी शायरियां सुनना आपके लिए बहुत ज्यादा सुखद अनुभव होगा. आपको यह शायरियां कैसे लगी? इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट करते हुए जरूर बताएं.

Mirza Ghalib Shayari In Urdu

मरने की बात पे जो रखते थे होठों पे उंगलियां
अफसोस वही मेरी जात के कातिल निकले..

marne ki baat pe jo rakhte the hothon pe ungaliyan
afsos vahi meri jaat ke qatil nikale..

देखा दोस्तों, मिर्जा गालिब जी ने अपने इस शेर में कितना दर्द लिखा है! उन्हें पता है कि हर एक मजनू अपने महबूब पर तहे दिल से विश्वास करता है. और इसी वजह से उसे दिलबर की हर एक बात पर पूरा यकीन होता है.

और वह उस यकीन के ही सहारे अपनी जिंदगी गुजारता रहता है. लेकिन जब वो दिलबर ही उसका वह यकीन तोड़ दे, तो क्या होगा? फिर चाहे वह उस यकीन को जानबूझकर तोड़े या फिर गलती से ही क्यों ना तोड़े! लेकिन अब उसका टूटा हुआ दिल फिर से कभी जुड़ने वाला नहीं है. और इसी वजह से वह उस महबूब को ही बद्दुआये देने लगता है.

आता है कौन-कौन तेरे गम को बांटने ग़ालिब
तू अपनी मौत की अफवाह उड़ा के देख..

aata hai kaun kaun tere gam ko baantne ghalib
tu apni maut ki afwah uda ke dekh..

Mirza Ghalib Shayari In Urdu को सुनकर खुद अपनी सोच में पड़ जाओगे. क्योंकि गालिब जी अपने इस शेर की बदौलत दुनिया को परखने की बात करते हैं. ताकि हमें दुनिया पर कितना भरोसा करना चाहिए. और क्यों करना चाहिए इस बात का पता लग सके.

Mirza Ghalib Shayari in Hindi
Mirza Ghalib Shayari in Hindi

और इसके लिए उनका कहना है कि हमें बस खुद अपने ही मौत की बात को अफवाह के रूप में कहनी है. लोगों का आपके घर तांता लगना तय है. क्योंकि लोग किसी के होते हुए उसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं. जितना कि उसके जाने के बाद उसे याद करते हैं.

Mirza Ghalib Shayari In Hindi

यहां बिकता है सब कुछ जरा रहना संभल के
लोग हवा भी बेच देते हैं गुब्बारे में डालके..

yahan bikta hai sab kuchh zara rahana sambhal ke
log hawa bhi bech dete hain gubbare mein dal ke..

मिर्जा गालिब साहब इस शेर की बदौलत हमें हर वक्त चौकन्ना रहने की हिदायत देना चाहते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि यह दुनिया बहुत जालिम और होशियार है. इस दुनिया में हमें जो बात कभी पता नहीं होती वह पहले ही हो चुकी होती है.

और इसी वजह से हमको हर वक्त सभी बातों पर ध्यान रखने की जरूरत होती है. ताकि कोई भी आकर हमें किसी बात के लिए धोखा ना दे जाए. क्योंकि गुब्बारे वाला भी छोटे से गुब्बारे में बस हवा भरते हुए उसे बेच देता है.

कितनी अजीब है नेकीयोंकी ज़ुस्तज़ू ग़ालिब
नमाज भी जल्दी में पढ़ते हैं फिर से गुनाह करने के लिए..

kitni ajeeb hai nekiyon ki justaju ghalib
namaj bhi jaldi mein padhte hain fir se gunaah karne ke liye..

Mirza Ghalib Shayari In Hindi की मदद से दुनिया की सच्चाई को सामने लाना चाहते हैं. क्योंकि ग़ालिब साहब को पता था कि दुनिया में अच्छे इंसानों के साथ साथ बहुत सारे बुरे भी इंसान है. और वे अपने बुरे कामों को कभी छोड़ते नहीं है.

फिर चाहे वह उस बुरे काम को करने के लिए कभी-कभी अच्छाई कर ढोंग भी रचाते हैं. इसी के लिए वे हमें उदाहरण देना चाहते हैं कि गुनाहगार भी नमाज अदा करता है. और उस नमाज को अदा करने के बाद भी वह गुनाह करना छोड़ता नहीं है.

Mirza Ghalib Shayari

किसी फ़कीर की झोली में
कुछ सिक्के डाले तो यह एहसास हुआ
महंगाई के इस दौर में दुआएं आज भी सस्ती है..

kisi faqeer ki jholi mein kuchh sikke dale to yah ehsas hua
mahangai ke is daur mein duaayen aaj bhi sasti hai…

हम सभी दुनिया की बातों को महसूस करते हैं. तब हमें दुनिया बहुत ही जालिम सी नजर आती है. क्योंकि जमाना किसी पर भी जल्दी यकीन नहीं करता है. और ना ही कोई बात दुनिया को जल्दी सच्ची लगती है. और इसके लिए हमें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है.

अगर हम किसी गरीब या फकीर को कुछ सिक्के दे. तो वह हमें बहुत सारी दुआएं देकर निकल जाता है. लेकिन अगर वहीं पर हम किसी अमीर इंसान की या फिर पहचान वाले इंसान की कोई मदद कर दी. तब वह हमें शायद ही कभी याद करता हो.

गुनाह करके कहां जाओगे ग़ालिब
यह जमीन आसमान सब उसी का है..!

gunah karke kahan jaaoge ghalib
ye zameen aasman sab usi ka hai..!

Mirza Ghalib Shayari की मदद से हमें किसी भी तरह का गुनाह ना करने की हिदायत मिलती है. क्योंकि हमें खुद ही अपनी जिंदगी सवारने होती है. और हम खुद ही इस जिंदगी के जिम्मेदार होते हैं. फिर चाहे हमारे जीवन में कोई बुरी बात हो या फिर कोई अच्छी बात हो.

इसीलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमेशा अच्छे ही कर्म करें. हमारे हाथों से किसी के मन को दुखाने जैसा भी कोई गुनाह ना हो. हम किसी भी तरह का कोई गुनाह करते हुए कहीं छिप नहीं सकते. क्योंकि हम इस धरती पर या फिर आसमान में कहीं भी जाए. यह सारा अल्लाह ने ही तो दिया हुआ होता है.

Mirza Ghalib Shayari Urdu

ताउम्र बस एक यही सबक याद रखिए
इश्क और इबादत में नियत साफ रखिए..

taumra bus ek yahi sabak yad rakhiye
ishq aur ibadat mein niyat saaf rakhiye..

हम किसी भी तरह कोई भूल कर ले. तो हमें उसकी तुरंत माफी मांग लेनी चाहिए. फिर चाहे वह भूल हम किसी अपने के साथ करें. या फिर वह हमारा कोई पराया हो. लेकिन गुनाह को कुबूल करने से हमारे दिल का बोझ भी हल्का हो जाता है.

और हमारी नियत भी कितनी साफ है यह सामने वाले को पता चलता है. गलती करने वाले से भी उसे माफ करने वाला बड़ा होता है. यह बात भी उतनी ही सच होती है. इसीलिए गालिब जी कहते हैं कि हमें प्यार में और अल्लाह की इबादत में कभी भी कसूरवार नहीं होना चाहिए.

हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले..
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..

hazaro khwahishe aisi ki har khwahish pe dam nikale
bahut nikle mere armaan lekin fir bhi kam nikale..

Mirza Ghalib Shayari Urdu की मदद से अपने दिल के अरमान कहना चाहते हो. मिर्जा गालिब जीके दिल की बातों को ही वह अपने शेर में अर्ज करते हैं. और कहते हैं कि उनके दिल की चाहते तो कई सारी है.

और उन्होंने अपनी शायरियों में वक्त वक्त पर उन्हें बयां भी किया है. लेकिन फिर भी अब भी उनके दिल में बहुत से ख्वाब ऐसे हैं. जो अब तक उन्होंने किसी को बताए नहीं है. या फिर वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. क्या आपके भी जल में ऐसे कुछ ख्वाब है दोस्तों? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines

ये खामोश मिजाजी तुम्हें जीने नहीं देगी
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो यारो..

yah khamosh mijaji tumhen jeene nahin degi..
is daur mein jina hai to kohram macha do yaaro..

मिर्जा गालिब जी अपने हर एक शायरी में गहराई वाली बात बताते हैं. और इस शेर में भी उन्होंने कुछ ऐसी ही बात कही है. वे हमें किसी भी तरह से खामोशी को तोड़ने के लिए कहते हैं.

क्योंकि उनका कहना है कि अगर हम यूं ही खामोश रहे. तो हम किसी भी मकाम तक नहीं पहुंच पाएंगे. और इसी वजह से हमें अगर कुछ नया सीखना है. या फिर हमें इस जमाने में कुछ नहीं बात करनी है. तो कुछ बड़ा सोचना होगा और बड़ा करना होगा.

तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने गालिब
के सारी उम्र अपना कसूर ढूंढते रहे..

toda kuch is ada se talluq usne ghalib
ke sari umra apna kasur dhundhte rahe..

Mirza Ghalib Shayari in Urdu
Mirza Ghalib Shayari in Urdu

Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines की मदद से अपनी खुद की गलती ढूंढना चाहोगे. अपने महबूब से आप जब प्यार का इजहार करते हो. तो वह आप पर पूरी तरह से विश्वास करता है. और आपको भी उस पर अपना पूरा यकीन होता है.

लेकिन उसके दिल तोड़ कर जाने के बाद आपका दिल अकेला हो जाता है. और वह इस तरह से आपके दिल के टुकड़े कर देता है. कि आपको पता ही नहीं चलता है कि आखिर गलती किसकी है. और आप बस खुद की ही गलती ढूंढते रह जाते हो.


Mirza Ghalib Shayari In Hindi 2 Lines -3: Emotional Status
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हमारी इन Mirza Ghalib Shayari Urdu को सुनकर अगर आपको भी जिंदगी की ख़लिश पता चल गयी हो, तो हमें comment area में comment करते हुए जरूर बताईये.

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