Shayari Sukun Presents

Shak Shayari

shayarisukun.com

tap screen for next slide

अगले स्लाइड के लिए स्क्रीन टैप करें

मोहब्बत में अपनी यादों से मुझे अलग करने लगा है.. न जाने क्यों मेरा महबूब ही मुझ पर शक करने लगा है.. -Dipti

अब तो शायद मेरी सांसे ही इस जिस्म से टूट जाएगी.. न जाने कब मेरे दिलरुबा की शक करने की आदत छूट जाएगी.. -Santosh

अपनी प्रेमिका से किया हुआ कोई इजहार ना पूरा होता है.. शक करने से यारों दिल में अपने दिलबर का प्यार अधूरा रहता है.. -Supriya

न जाने क्यों मुझे हर लम्हा अब वह सताता.. शक करने की वजह तो कभी वह मुझे बताता.. -Dipti Shak Shayari

न जाने कैसे उसके यादों की तन्हाई में मैं जिंदा रहता हूं.. उसके शक करने से मैं आजकल शर्मिंदा रहता हूं.. -Santosh

न जाने क्यों वो मुझ पर भरोसा ना करता है.. उसके दिल को हमेशा मुझ पर शक रहता है.. -Supriya Shak Shayari

चाहे तो तुम मोहब्बत ना करना लेकिन मेरा दिल ना तोड़ना.. शक की नजर से देखना मतलब चाहत पर भरोसा ना करना.. -Dipti

Next web story

-: Shayari Images :-

shayarisukun.com

swipe up for next story

शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!