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मोहब्बत में अपनी यादों से मुझे अलग करने लगा है.. न जाने क्यों मेरा महबूब ही मुझ पर शक करने लगा है.. -Dipti
अब तो शायद मेरी सांसे ही इस जिस्म से टूट जाएगी.. न जाने कब मेरे दिलरुबा की शक करने की आदत छूट जाएगी.. -Santosh
अपनी प्रेमिका से किया हुआ कोई इजहार ना पूरा होता है.. शक करने से यारों दिल में अपने दिलबर का प्यार अधूरा रहता है.. -Supriya
न जाने क्यों मुझे हर लम्हा अब वह सताता.. शक करने की वजह तो कभी वह मुझे बताता.. -Dipti Shak Shayari
न जाने कैसे उसके यादों की तन्हाई में मैं जिंदा रहता हूं.. उसके शक करने से मैं आजकल शर्मिंदा रहता हूं.. -Santosh
न जाने क्यों वो मुझ पर भरोसा ना करता है.. उसके दिल को हमेशा मुझ पर शक रहता है.. -Supriya Shak Shayari
चाहे तो तुम मोहब्बत ना करना लेकिन मेरा दिल ना तोड़ना.. शक की नजर से देखना मतलब चाहत पर भरोसा ना करना.. -Dipti
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!