Shayari Sukun Presents
by shayarisukun.com
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दीवारें ये जमाने की हम तोड़ चले हैं.. जब जख्म मिला दिल पर, सारी रस्में भूल गए हैं.. -Sagar shayarisukun.com
रस्म ए मोहब्बत को, बेफिक्र होकर भूलते गए.. अनजाने में, जान मेरे तुम अनजान बनते गए… -Sagar shayarisukun.com
वादे ये इश्क़ के हम निभाते जा रहे थे.. कमबख्त जमाने की रस्मों ने हमे बेवफा कर दिया… -Sagar shayarisukun.com
इन दर्द से भरी शायरियों को Shraddha Jain इनकी आवाज़ में सुनकर दुनिया की रस्मों को ठुकराना चाहोगे! Swipe Up to Listen
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