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Dillagi Shayari

by shayarisukun.com

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मेरी मुहब्बत को यारा तू मेरी दिल्लगी ही समझ लेना गुमनाम हो जाऊं मैं किसी दिन तो मेरी नादानी पर रो मत देना -Vrushali

बंदिशें इस जमाने की तू तोड़ने की गुस्ताखी ना कर दिल्लगी तो फिर भी गुस्ताखी हैं मुहब्बत करके गुनाह ना कर -Vrushali Swipe up to follow on Spotify

रहमत खुदा की सब पर बरसती रहे बिछड़ा यार मेरा हमेशा सलामत रहे जो प्यार को दिल्लगी समझ बैठा उसका भी आंगन प्यार से बहलता रहे -Vrushali

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ज़िंदगी भर के ताल्लुक चंद पलों में खत्म नहीं होते मुहब्बत कहो या दिल्लगी अहसासात यूं दफ़न नहीं होते -Vrushali

फक्र होता मुझे तेरी दिल्लगी पर भी गर तू जिल्लत से भरी मोहब्बत ना देता तस्कीन तो औरत की सिर्फ़ चाह है दोस्त मुहब्बत के बिना उसका मकाम नहीं होता  -Vrushali

औरत की तारीफ़ में कसीदे पढ़ना कई मर्दों की फितरत हो जाती है तू ऐसी कोई खुशफहमी ना पाल गैरों से मेरी परछाई तक दूर रहती है -Vrushali

उनकी गली से अब हम गुजरते नहीं उनके दीदार की आस अब लगाते नहीं दिल्लगी ही थी हमारी कुछ इस कदर उन्हें बार बार खोने से हम अब डरते नहीं  -Vrushali

मेरी बेकरार धड़कनों को कभी तू महसूस कर के तो देख दिल्लगी का ये खेल कभी तू मुहब्बत से खेल कर तो देख shayarisukun.com

बे - यकीनी ने आपकी दिल हमारा जलाया बे - ईमानी ने आपकी जज्बे को मार डाला आपसे दिल्लगी भी करते तो कैसे करते आपकी बे - खयाली ने हमें तोड़कर रख दिया Swipe Up to Listen to Shayari

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