Shayari Sukun Presents
by shayarisukun.com
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कगार पर बैठकर हमें सुहावने दिखते हैं सब नजारें.. खैरियत दिल से रूबरू होकर कोई पूछ ले हाल-ए-दिल हमारे.. -Sagar
मेरी धड़कनों के हालतों को दूर से ही समझा करों.. जो बैठोगी मेरे सामने तो खैरियत का सवाल ना करो.. -Sagar
हर वक्त पुछते है, सलामती-ए-इश्क तेरी.. पर कभी बीन कहे समझ लेना खैरियत मेरी.. -Sagar shayarisukun.com
आशिकों से खैरियत न पूछिये ज़नाब इनके मर्ज का तो ख़ुदा ही गवाह हैं सुकून दो तरफा है इस बार खैरियत वोह पूछते नहीं सच हम बताते नहीं
बच्चे वसीयत पूछते हैं रिश्ते हैसियत पूछते हैं वो दोस्ती ही है जो मेरी खैरियत पूछती है Khairiyat Shayari in Hindi
चले आओ अजनबी बनकर फिर से मिले तुम मेरा नाम पूछो मैं तुम्हारा हाल पूछूं खैरियत नहीं पूछता मगर खबर रखता है मैंने सुना है वह मुझ पर नजर रखता है
दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है जो पहले से ही खुश हों जो तकलीफ में होते हैं उनके तो नंबर तक खो जाते हैं Shayari Sukun
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!