Shayari Sukun Presents
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मुसीबत में वो मुझे सदा देते हैं जो पीठ पीछे मुझे दगा देते हैं.. सूरज सा ढल कर हम जैसे लोग सारे ज़माने को फिर रुला देते हैं.. Moeen
झूठ का लेते हैं वो सहारा, सच बोलने से है डरते.. जलते रहेंगे सभी लोग बराबरी जो मुझसे नहीं करते.. Santosh
ज़िंदगी में कभी ना मानी हार हैं इसीलिए मंज़िलों को मेरा इंतज़ार हैं.. दुश्मन भी देंगे हमारे हक़ में गवाही ज़माने में ऐसा हमारा किरदार हैं.. Moeen
कोई सजा ना देंगे हम, ना किसी के लिए माफी है.. रुतबा दिखाने वालों के लिए बस सेल्फी हमारी काफी है.. Santosh
उलझे ना कोई हम फ़क़ीरों से मिला करते हैं हम तकदीरों से.. खुशबू सा फिज़ाओं में महकते हैं कभी छा जाते हैं तहरीरों से.. *तहरीर : रचना, writings
मतलब पूरा हो जाए तो सभी हो जाते हैं गैर.. कर लिया है हमने अब बेवफा इश्क़ से भी बैर..! Santosh
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!