Shayari Sukun Presents
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जिसे समझा था अपना वो भी पराया निकला जिसे फूल समझ कर पूजा वहीं काँटा निकला.. इश्क का दरिया सर पटखता हैं तन्हाई में अजीब दरिया हैं मुझे डुबोने वाला प्यासा निकला.. -Moeen
तन्हाई मिली इश्क की राह चलने वालों को ज़माना याद रखता हैं चाहत में जलने वालों को.. लेकर नाम लैला मजनू का देते हैं दुहाई हमें दिखाएगे कभी आईना इश्क के परस्तारों को.. -Moeen
जिसे अब तक अपना समझ कर मिलते रहे वो छुपाए हाथों में अपने खंजर मिलते रहे.. मोहब्बत ने दिए तोहफे मुझे तन्हाईयों के बदले फूलों के मुझे सदा पत्थर मिलते रहे.. -Moeen
मुझे ज़माने में नुमाइश-ए-महफिल बनाया गया बागी तूफानों से लड़ने मुझे साहिल बनाया गया.. मैं रोता रहा तन्हाईयों में अपनी बेगुनाही पर मुझे क़तल कर के मुझे ही कातील बनाया गया.. -Moeen
तुझे सोच कर हम परेशान सारी रात रहे खुदा ना करे तेरे बाद मुझे फिर हयात रहे.. ये तन्हाईया कायनात हैं तेरे खयालों की साँस टूटने तक मेरे लबों पर तेरी बात रहे.. -Moeen
रहने दो मुझे तन्हाइयों में ही यारों मेरे साथ तुम क्या पाओगे.. हो अगर तुम्हें भी मोहब्बत कभी तो मेरी तरह ही पछताओगे.. -Akelapan Shayari
करना है अगर कुबूल तो कर ले सारी कमजोरियों के साथ.. लेकिन नहीं है पसंद तो छोड़ देना मुझे तन्हाइयों के साथ.. -Sad Akelapan Shayari
होते हैं जब हम गहरी तन्हाईयों में तुम्हें महसूस कर लेते हैं.. कुछ इस तरह यादों में तुम्हारी हम सुकून महफूज कर लेते हैं.. -Sagar
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akelapan shayari -2
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