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Shikayat Shayari

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एक ही शिकायत हैं तुझ से तू मुझे अब वक्त नहीं देता.. मैं तेरी अपनी हूं या पराई ये मुझे बता क्यों नहीं देता..? -Vrushali

ओ बेवफा हम तुम्हारे दिल से अब कहां जुड़े हैं.. शिकायतों की राहों पर हम आज निकल पड़े हैं.. -Gauri Shikayat Shayari

तुम कितनी भी कर लो शिकायतें प्यार तो मैं बस तुमसे ही करूंगी.. खफा हो जाओगे अगर तुम मुझसे तो तुम्हारी नाराज़गी मैं ही दूर करूंगी.. -Vrushali

तुम से क्या शिकायत करू मैं, जब कि खेल हमारी क़िस्मत ने खेला है.. प्यार तो बेइंतेहा था हमें तुमसे, मगर बदनसीबी ने हमारी तुम्हें छीना हैं.. -Vrushali

दिल को समझ लेना ही यार की मोहब्बत होती है.. हमेशा शिकायत करना तो दुनिया की फितरत होती है.. -Santosh Listen to this on shayarisukun.com

शिकायत तो अपनों से होती है, परायों से तो गीला भी नहीं होता है.. अपनों से ही मांगा जाता हैं हक़, परायों से वक्त भी पूछकर लिया जाता है... -Vrushali

पागल हो जाएगा वो इतनी मोहब्बत उससे करना चाहता हूं.. अपने यार को शिकायत का एक भी मौका नहीं देना चाहता हूं.. -Gauri

मैं ढूंढ कर लाऊंगी जब तुझे तू मेरी शिकायत किससे करेगा.. तेरे हर गुनाह की सज़ा होगी यहां बता तू वकालत किस से कराएगा.. -Vrushali

आज इन फिज़ाओं ने तुम्हें पुकारा हैं तो नाम तुम्हारी जुबां ने मेरा लिया है.. बड़ी शिकायत थी ना तुम्हें मुझ से फिर इस नाचीज़ को क्यों याद किया है.. -Vrushali

ए खुदा, अब मैं तन्हाई से मोहब्बत करना चाहता हूं.. अपने ही प्यार की तुझसे शिकायत करना चाहता हूं.. -Gauri

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