क्या दुख है समन्दर को बता भी नहीं सकता आंसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता. तू छोड़ रहा है तो ख़ता इसमें तेरी क्या हर शख्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता
TAP SCREEN
यह सोच कर कोई अहदे-वफ़ा करो हमसे, हम एक वादे पे उम्रें गुज़ार देते हैं
shayarisukun.com
ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है समुंदरों ही के लहजे में बात करता है
shayarisukun.com
दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता, तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
shayarisukun.com
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है, भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
shayarisukun.com
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है ये दुनिया है,, इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है
shayarisukun.com
वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से, मैं ए'तिबार न करता तो और क्या करता
shayarisukun.com
रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे, शमा से कहना के जलना छोड़ दे ssoftgroup.co.in
shayarisukun.com
मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है, कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते
shayarisukun.com
एक चीज़ जो अपनी रसाई से बाहर है कहीं 'ज़फ़र' सच पूछो तो इसकी हमें ज़रूरत बहुत ज़ियादा है
shayarisukun.com
Next Web Story
To visit next Web Story, Swipe Up the following button or Click on it 🙏 Thank You!