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Bhagat Singh Shayari

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जान लिया था उन्होंने वतन से ज्यादा और कोई धरम नहीं होता.. मानते थे वो वीर इस तिरंगे से बड़ा और कोई कफ़न नहीं होता.. -Santosh

गर्व है हमें उन शहीदों पर जिन्होंने दिलाई आजादी और अमन.. देश हित में जान गंवाई, उन बहादुरों को करते हैं हम शत शत नमन.. -Sagar

राष्ट्र के वीरों ने कुर्बानी का दिया बलिदान सर्वोच्च था.. याद रखेगा हमेशा हर इंसान की वो दिन 23 मार्च था.. Bhagat Singh Shayari

हंसते हुए फांसी चढ़ गए वो वीर सपूत होकर खुद लहूलुहान.. लेकिन बिकने नहीं दिया उन्होंने देश का इंकलाब और इमान.. Shayari on Bhagat Singh

भारत मां के सच्चे रखवाले थे वो सभी वीर जवान.. आजादी के लिए कर गए जो निसार अपनी जान.. Veer Bhagat Singh par Shayari

फिरते हैं सीना तान कर हम जीते हैं शान से अपने वतन में.. जो साँसों की डोर टूटे मेरी रखना खाक वतन की कफन में.. -Sagar

आज़ादी का तुम ने नक़्शा खींचा था इस चमन को लहू से अपने सींचा था.. तख्ते पर भी था सर तुम्हारा बुलंद तुम्हारी फाँसी आज़ादी का एक नगमा था.. -Swetha

आज़ादी के मतवाले थे वो सब दुनिया से बेगाने थे वो सब.. वतन की खातीर चुना मौत को चमकते हुए सितारे थे वो सब.. -Vanshika

ज़िंदगी मुस्कुराती हैं तुम्हारी समाधी पर लहू से अपने लिखे गीत आज़ादी पर.. बगावत की शहीदों के पैगाम से अब क्यों आँसू बहाते हो बरबादी पर..

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