By Malvika Kashyap
April 22 2022
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शादी के समय पति पत्नी अग्नि को साक्षी मानते हुए एक दूसरे को सात वचन देते हैं. जीवन में हमेशा साथ निभाने के लिए ये सात वचन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.
हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार सात फेरों का मतलब सात जन्मों का साथ होता है. इसमें वर और वधू सात जन्मो तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा करते हैं.
पहला फेरा लेते हुए दुल्हन आगे बढ़ती है और दूल्हे से कहती है कि जीवन में आप मुझे सभी तरह के यज्ञ, धर्मकार्य, पूजा अनुष्ठानों में मुझे हमेशा साथ रखना.
दूसरे फेरे में दुल्हन वचन देती है कि अपने माता पिता समान मैं आपके भी माता-पिता का सम्मान करूंगी एवं घर की मर्यादा पालन करूंगी.
तीसरा फेरा लेते हुए दुल्हन वचन देती है कि मैं जीवन में युवा, प्रौढ़ एवं वृद्ध इन तीनों अवस्थाओं में आपका पालन पोषण एवं सहयोग का वचन देती हूं.
विवाह के चौथे फेरे में दूल्हा आगे बढ़ते हुए वचन देता है कि परिवार के धनार्जन एवं सभी आवश्यकताओं को पूरा करने वाला दायित्व वह संभालेगा.
पांचवे फेरे में दूल्हा वचन देता है कि वह अपने घर के सभी कार्य, लेन देन अथवा खर्च में अपने दुल्हन की सलाह लेते हुए उसे पूरी अहमियत देगा.
विवाह का छठा फेरा लेते हुए दूल्हा वचन देता है कि वह सामाजिक रुप से अन्य लोगों के बीच दुल्हन का अपमान नहीं करेगा. साथ ही वह बुरी आदतों से दूर रहेगा.
विवाह के आखरी यानी की सातवें वचन में दूल्हा कहता है कि हर पराई स्त्री उसके लिए माता समान होगी. साथ ही दोनों के संबंध में किसी और को वह आने नहीं देगा.
हमें यकीन है की विवाह के समय लिए जाने वाले सातों वचनों का आपको मतलब जरूर समझ आया होगा. इन्हें अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ भी जरूर साझा करें.
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