Shayari Sukun Presents
by shayarisukun.com
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वो फिज़ाओं में ज़हर घोलता हैं घर के राज़ सारे बाहर खोलता हैं.. करता हैं दावा ज़िंदगी बदलने का जो सिक्कों में मेरा ज़मीर तोलता हैं..! Moeen
गीत खुशी के लबों पर सजते नहीं तेरी यादों के दीप कभी बुझते नहीं रातों को हँसाती हैं, हंसतों को रुलाती ज़िंदगी तेरे फलसफे हम समझते नहीं -Moeen
ख़ुद ज़िन्दगी ने लिखा ख़त, क़ासिद पैग़ाम लाया है.. न जाने ग़लती किसने की, इल्ज़ाम हमपर आया है.. क़ासिद - पत्रवाहक, पोस्टमैन
तेरे हर अल्फाज में मेरी बेइंतहा फिक्र हर दफा बयां होती रहती है.. मेरी जिंदगी में गम को आने से पहले तुझसे रजामंदी जरूरी होती है.. Vrushali
हर रोज न जाने क्या कुछ नहीं सीखा जाती है ये जिंदगी.. कभी गैरों को अपना, तो कभी अपनों को पराया बनाती है जिंदगी.. -Sagar
ज़िंदगी मचलती हैं तेरी मुस्कानों में जैसे फसलें लहलहाती हैं खलीयानों में.. तेरी मोहब्बत बख्शती हैं ज़िंदगी मुझे जैसे बादल बरसते है रेगिस्तानों में.. Moeen
जन्नत का बदल तेरी जवानी हैं तू मेरी कोई अधुरी कहानी हैं काँटे बिछा गया ज़िंदगी की राहों में किताबों में रखे फूल जिसकी निशानी हैं -Moeen
अब तनहाईयों के टुटते नहीं सिलसिले अपना नहीं कोई गैर हज़ार आ मिले.. उसी की चाहत थी मुझे ज़िंदगी में नफरतों से मिले मेरी चाहतों के सीले.. Moeen
तुझ से मिलन की आस नहीं रखते तेरी चाहत का अब अहसास नहीं रखते ज़िंदगी गवाह हैं बाँट दी सारी खुशीयाँ हम कभी पास नहीं रखते -Moeen
दिल ए नादान तेरी इन नादान फरमाइशों ने.. उजाड़ दिया मुझे जिंदगी की ख्वाहिशों ने.. -Sagar shayarisukun.com
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!