Shayari Sukun Presents
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कहाँ गया नाम मेरा हथेली पर लिखने वाला मेरे लिए शाम ढले नज़ाकत से सँवरने वाला.. याद कर बीता ज़माना चाहत का टूट जाता हुँ खुदा जाने कैसा होगा मेरी यादों में बिखरने वाला.. -Moeen
ज़माने को भला हमारा मिलना कब मंज़ूर था बेवफा ना था वो, हालात से मजबूर था.. रहे कर एक शहर में ना मिल सके फिर कभी वो दिल के करीब था मगर मुझ से दूर था.. -Moeen
हमसे बढ़कर किया प्यार जिससे अब वो मुझे जानता नहीं.. वफ़ा थी उस पर इतनी की बेवफा उसे अभी भी मानता नहीं.. -Moeen shayarisukun.com
बिछड़े दिलबर अब तुझे ढूँढू कहाँ यादें साथ होती हैं जाता हुँ जहाँ.. हर अजनबी से पुछता हुँ हाल तेरा हाल पर मेरे रोता हैं अब आसमाँ.. -Moeen
बंदिशें होती है चाहत की ऐसी, कभी कोई प्यार पाकर भी रोता है.. हैरान है फरिश्ते भी जानकर सच्चाई, मोहब्बत में आखिर ऐसा क्यों होता है..? -Moeen
वक़्ते रुखसत तेरा आस्तीन भिगोना याद आता हैं तेरा मुझे वो पलट पलट कर देखना सताता हैं.. तेरी यादों की चादर ओढ़ कर सो जाता हुँ ख़याल तेरा दरवाज़े पर दस्तक देने रोज़ आता हैं.. -Moeen
वहीं तेरी यादें वहीं पुराना रोग हैं बिछड़ने का सबब पूछते सब लोग हैं.. तुझ बिन जब आई कभी ईद दिवाली मोहर्रम की तरह मनाते हम सोग हैं.. -Moeen
सोचता रहता हूं अब आखिर तुमने रिश्ता हमसे क्यों जोड़ा.. बेवफा नादान दिल को तोड़ कर तूने मुझे कहीं का ना छोड़ा.. -Moeen shayarisukun.com
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