Shayari Sukun Presents
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तेरे बगैर सनम भला ये ज़िंदगी क्या होगी यादों का एक नामुकम्मल सिलसिला होगी तुझ बिन ज़िंदगी अश्क बहाएगी मुझ पर ग़मों के लबों पर मेरे नाम की सदा होगी -Moeen
तुझ बिन ज़िंदगी को कभी सोचा ही नहीं ख्यालों में भी तुझ बिन कभी जिया ही नहीं फैसले की राहों पर डगमगाए तेरे क़दम लेकिन ख़्वाबों में भी तेरा हाथ मैं ने छोड़ा ही नहीं -Moeen
तुझे हो जो पसंद उन सांचों में ढल जाऊँगा मेरा हाथ ना छोड़ना दिलबर मैं बदल जाऊँगा हाथों से फिसलती रेत सा है इंसान का वजूद जो टुटा अब दिल तो हाथों से फिसल जाऊँगा -Moeen
खो ना जाऊँ कही अपनी बाहों में छुपा ले मुझे दुनिया से कर के किनारा अपना बना ले मुझे वो जिन के लिए तू मांगती है रब से दुआएँ उन ख्वाबों की तरह अपने नैनों में सजा ले मुझे -Moeen
दुनिया की वहशतो से दूर हो आशीयाना अपना ज़माने में सब से हसीन हो रिश्ता पुराना अपना जब भी देखे तो वफ़ा का ही अक्स नज़र आए खुदा करे ऐसा हो ये मोहब्बत का आईना अपना -Moeen
जब मिले हम मुस्कुराते मिले यही अपनी रीत हो एक दूसरे की खातीर हारने में ही अपनी जीत हो है यही दुआ लबों पर मेरे दोनों जहान में मौला वही महबूब हो मेरा हमसफर वही मेरा मीत हो -Moeen
तेरे सिवा कौन मेरा... इस जहान में सहारा है जग की रीत से जुदा जानाँ ये रिश्ता हमारा है तुझ से गुस्सा हो कर... रहता हूँ खुद से खफा ये जान भी तुम्हारी है... ये दिल भी तुम्हारा है -Moeen
तुझ से जो रुठु कभी तो नींदें रूठ जाती है तेरी फ़िक्र जानाँ मुझे शब भर तड़पाती है तुझ से रूठ कर जाऊँगा कहाँ शरीके हयात गुस्सा नहीं रहता बाक़ी मगर बाते रहे जाती है -Moeen
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!