1.
सुकून से देखते थे रोज राह एक तेरी आवाज सुनने की तूने वो वजह ही छीन ली जिससे मैं अक्सर खुश होती थी -Vrushali
2.
जहां भी देखूं मैं यारों नजर आए बस वो ही.. भटकता रहता हूं अब इन राहों में हर कहीं.. -Santosh [shayarisukun.com]
3.
अंगारों से भरी इस राह पर हम चले कई बार बेबस होकर तुम आए नहीं हाथ थामने कभी पर चल रहे हैं हम होके बेखबर -Vrushali
4.
ना चलना कभी तू प्यार कि राह पर बेइंतहा दर्द मिलेंगे यहां मुश्किल होगा सफर -Vrushali [shayarisukun.com]
5.
आज भी तुम्हें अपना ही सच्चा दिलबर मानता हूं.. अनजानी राहों में जिंदगी की अधूरी ख्वाहिशें ढूंढता हूं.. -Santosh [shayarisukun.com]
6.
जालिम इस दुनिया में चले थे प्यार को ढूंढने अनजान राह पर मिला तो नहीं मुझे वो कभी यहां पर जख्म मिले कई दिल पर -Vrushali
7.
होकर तन्हा बैठे हुए थे हम बीच सफर की राह में कहीं से आशा की किरण ना आयी उम्र तबाह हुए इंतेज़ार में -Vrushali
8.
ढूंढ़ता रहा मैं दरबदर नाम और पता उसका, इस अंजान शहर की राहों में ही तो, अपना हुआ था मैं जिसका… -Sagar [shayarisukun.com]
9.
जिंदगी में कमी नहीं थी जब, दिल की पुकार सुनते थे तुम.. अब भटक कर अपनी राह, किसी मुर्शिद के भरोसे बैठे है हम.. -Sagar
10.
दौड़ लगाओ ऐसी की मंज़िल मुट्ठी में आ जाए.. तय कर लो ऐसा लक्ष्य जिसकी उड़ान सफलता का रंग ले आए… -Sagar
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कई मुसाफिरों को राह भटकते देखा मैंने.. शातिर को भी धोखा खाते देखा मैंने…